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दोस्त की माँ रौशनी को चोदा-1

Dost ki ma roshni ko choda-1

हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम आशीष है और में इंदौर का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 23 साल है और हाईट 5 फिट 7 इंच है और दिखने में भी अच्छा हूँ. दोस्तों में पिछले 4 साल से यहाँ पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और मुझे इसकी सभी कहानियाँ बहुत पसंद है और में हर रोज इसकी कहानियाँ पढ़ता हूँ और आज में आपको अपनी पहली कहानी बताने जा रहा हूँ.. यह कहानी आज से 6 महीने पहले की है और यह कहानी मेरी और मेरे फ्रेंड की माँ के बारे में है जिनका नाम रौशनी है और वो दिखने में एकदम माल लगती है. उनको पहली बार देखने के बाद उनको देखते ही रहने का मन करता है और उनको में रौशनी चाची कहकर बुलाता था. उनकी उम्र 38 के आसपास है और फिगर 36-32-38 है और एकदम गोरी है और चिकनी भी.. वो एकदम पटाखा माल है. उनका एक लड़का है जिससे मेरी दोस्ती क्रिकेट खेलते हुए हुई थी और वो मुझसे उम्र में 2 साल छोटा था.. रौशनी चाची के पति एक बैंक में काम करते है और किसी दूसरे शहर में उनकी पोस्टिंग है और इसलिए वो सिर्फ़ सप्ताह की छुट्टी पर ही घर आ पाते है.

मेरी और रौशनी चाची के लड़के पिंटू की बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी थी और हम रोजाना साथ में ही क्रिकेट खेलते थे और साथ में घूमते भी थे. तो एक बार पिंटू और में उसके घर पर शतरंज खेलने गये और फिर में उसकी माँ को देखता ही रह गया.. क्या माल लग रही थी वो? काले कलर के सूट में एकदम अप्सरा लग रही थी और मेरा तो मन कर रहा था कि बस उनको वहीं पर पकड़ लूँ.. लेकिन में कुछ कर नहीं सकता था. वैसे रौशनी चाची बहुत ही मिलनसार थी और वो सबसे जल्दी ही घुल मिल जाती थी और थोड़े ही दिनों में मेरा पिंटू के यहाँ पर आना जाना शुरू हो गया और में उसके घर पर जाकर रौशनी चाची को देखने का एक भी मौका नहीं छोड़ता था.. कभी वो झाड़ू लगती तो उनके बूब्स दिख जाते.. कभी कपड़े धोती तो उनके बूब्स के दर्शन हो जाते और में घर पर जाकर मुठ मार लेता था क्योंकि मेरी कुछ करने की हिम्मत नहीं होती थी.

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फिर एक बार ऐसे ही जब रौशनी चाची झाड़ू लगा रही थी और में उनके बूब्स देख रहा था तो उन्होंने एकदम से मेरी तरफ देखा और फिर मैंने नज़रे हटा ली. तो रौशनी चाची मुझे घूरकर देखने लगी.. लेकिन तब तक मैंने नज़रे नीचे कर ली और जब उनकी तरफ देखा तो उन्होंने मुझे एक स्माईल दी और किचन में चली गयी.. लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया और फिर में यह बात सोचता हुआ अपने घर आ गया और में उसके बाद रात में सोचता रहा कि वो मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी? और उनके बूब्स को सोचकर मैंने मुठ मारी और सो गया. फिर अगले दिन जब में पिंटू के घर गया तो में रौशनी चाची को ढूंड रहा था.. लेकिन वो मुझे कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रही थी.. लेकिन जब में बाथरूम की तरफ गया तो वो नहा रही थी और बाथरूम में से पानी की आवाज़ आ रही थी. अचानक मेरा पैर बाथरूम के पास वाली टेबल पर लगा और वो आवाज़ रौशनी चाची ने सुन ली और उन्होंने दरवाजा थोड़ा सा खोलकर देखा तो तब तक में वहाँ से भाग गया था और फिर भी उन्हे में दिख ही गया था.

फिर वो नहाकर बाहर आई और सीधे अपने रूम में चली गयी और में पिंटू के रूम में कंप्यूटर पर गेम खेल रहा था और पिंटू छत पर अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर बात कर रहा था.. घर में सिर्फ़ में और रौशनी चाची ही थे. तभी रौशनी चाची अपने कपड़े बदलकर बाहर आई और मुझे देखने लगी और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम बाथरूम के पास क्या कर रहे थे? तो में बहुत डर गया और मैंने कहा कि कुछ नहीं बस में वहाँ से निकल रहा था तो मेरा पैर टेबल पर लग गया. तो उन्होंने कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो और क्यों तुम मुझे नहाते हुए होल से देख रहे थे ना? तो मैंने कहा कि नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है.. में तो बस वहाँ से गुजर रहा था. फिर उन्होंने कहा कि क्या तुम्हे में अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा कि चाची कोई पागल ही होगा जो आपके जैसी परी को पसंद ना करे.. वो मेरे पास कंप्यूटर टेबल के पास वाली कुर्सी पर आकर बैठ गयी और बोलने लगी कि क्या बोल रहे हो तुम? में कहाँ अच्छी लगती हूँ तुम्हारे चाचा तो आज कल मुझ पर ध्यान ही नहीं देते.

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तो मैंने कहा कि तो क्या हुआ चाची में हूँ ना आपका ध्यान रखने के लिए.. तो वो मुझसे थोड़ा चिपक कर बैठ गयी और मुझे लगा कि अब लाईन साफ़ हो जाएगी और मैंने उनके हाथ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा सपना सच हो जाएगा. तभी उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया और चली गयी और तब मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया कि क्या करूं? तभी इतने में पिंटू नीचे आ गया और मैंने सोचा कि अब तो गये काम से.. लेकिन मैंने हिम्मत रखी और थोड़ी देर पिंटू के साथ गेम खेलने के बाद में अपने घर चला गया. फिर घर जाकर में यह सोचता रहा कि अब क्या होगा? अगर चाची नाराज़ हो गयी तो मुझसे बात नहीं करेगी और फिर में क्या करूँगा? तो कुछ दिन ऐसे ही गुजर गये और करीब 15 दिन के बाद पिंटू दोपहर में अपने कॉलेज के लिए निकल गया तो में उसके घर गया और मैंने सीडी लेने का बहाना बनाया और उस समय रौशनी चाची घर पर अकेली थी और में यह बात जानता था.

फिर उन्होंने गेट खोला एक स्माईल के साथ मुझे अंदर बुलाया.. में अंदर चला गया और मैंने हिम्मत करके उनसे पूछा कि चाची क्या आप मुझसे नाराज़ तो नहीं हो ना? तो चाची ने कहा कि किस बात के लिए? तो मेरी जान में जान आई और फिर मैंने कहा कि वो चाची मैंने कल आपका हाथ. तो चाची ने मेरी बात काटते हुए कहा कि क्या में तुझे इतनी अच्छी लगती हूँ? तो मैंने कहा कि हाँ चाची आप मुझे बहुत अच्छी लगती है.. तो उन्होंने कहा कि तू बड़ा चालाक है और मुझ पर लाईन मार रहा है. तो मैंने कहा कि चाची आप हो ही इतनी पटाखा.. तो उन्होंने मेरे बालों में धीरे से हाथ फेरा और बोली कि हट पागल है तू तो और एक बड़ी सी स्माईल दी और बोली कि में तेरे लिए चाय लाती हूँ और उठकर किचन में गयी. फिर मैंने सोचा कि में थोड़ी सी हिम्मत कर लूँगा तो आज पूरे मज़े कर पाउँगा.. में धीरे से उनके पीछे गया और उनको पीछे से पकड़ लिया.. मेरे हाथ उनके पेट पर थे. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मैंने सोचा कि वो मुझे धक्का देंगी.. लेकिन उन्होंने मुझे धीरे से कहा कि पहले दरवाजा तो बंद कर ले पागल.