हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्त की रंडी बहन का जिस्म-3

Dost ki randi bahan ka jism-3

फिर मैंने चकित होकर पूछा क्या आप भी? दीदी बोली हाँ कभी कभी, लेकिन आज सोचा क्यों ना आज तेरे साथ मस्ती मारूं? मैंने एक सिगरेट उनको देकर एक खुद सुलगा दी और कश खींचने के बाद बियर का घूँट भरकर दीदी मुझसे बोली हाँ अब तू बोल. अब तक दोस्तों में उनसे बहुत खुल चुका था, इसलिए अब मेरा डर कुछ कम हो चुका था, में बोला वो क्या है कि दीदी आप तो शादीशुदा हो और मुझसे बड़ी उम्र की मतलब 28 से ज्यादा की औरतें अच्छी लगती है और मुझे 45-50 की सुडोल भरे हुए बदन वाली भी अच्छी लगती है और अब दीदी हैरानी से मेरी तएफ़ देख रही थी, बियर का एक घूँट लेकर वो पूछने लगी, लेकिन भाई 45-50 की तो बूढ़ी होती है, अच्छा यह बताओ अपने से बड़ी उम्र की औरतों में तुम्हें ऐसा क्या नज़र आता है, जो तुम्हें वो अच्छी लगती है?

अब मैंने कहा कि दीदी में सोचता हूँ कि खैर आप जाने दो वरना आप बुरा मान जाओगी, मेरे विचार जानकर आप सोचोगी कि में कितना गंदा हूँ? तो दीदी कहने अरे नहीं यार हर आदमी की अपनी एक पसंद होती है और अब तो तुम्हारी बातों में मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है, बोलो ना प्लीज बताओ? वो मेरे हाथ पकड़कर बोली. फिर मैंने कहा कि दीदी बड़ी उम्र की लेडी का बदन खासकर उसके कूल्हे और छाती बहुत भरे हुए होते है, मुझे बड़े कुल्हे और छाती वाली अच्छी लगती है.

फिर वो बोली अरे यार हिन्दी में बताना कि तुझे बड़े कूल्हे और बूब्स वाली पसंद है, तो में उन्हें देखता रह गया और उनके मुहं से सुनकर मेरे लंड ने ज़ोर का झटका दिया. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी आज आप मुझे पूरा बेशरम बनाकर छोड़ोगी. अब वो झूमते हुए कहने लगी दोस्त बेशरमी अच्छी होती है और पागल दिल की कोई भी बात छुपानी नहीं चाहिए, तूने कभी किसी बड़ी उम्र की औरत के साथ कुछ किया भी है या बस विचारों में ही. फिर मैंने कहा नहीं दीदी अब तक तो कोई नहीं है. फिर वो बोली कि मेरे प्यारे भाई फिर तू क्या करता है? मैंने बोला कि कुछ नहीं बस ऐसे ही काम चला लेता हूँ.

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दीदी : यानी अपना हाथ जगन्नाथ क्यों?

में : धत हाँ में शरमाते हुए बोला.

दीदी : क्यों रोज़ाना या कभी कभी?

में : कभी कभी दीदी.

दीदी : हाँ ठीक है रोज़ाना नहीं करना चाहिए, उससे सेहत खराब हो जाती है.

में : लेकिन क्या करूँ दीदी कंट्रोल ही नहीं होता, जब भी कोई 28-35 की सुंदर सी औरत देखता हूँ, मेरा जी मचल उठता है और अब तो और बुरा हाल है, अब तो किसी रिश्तेदार की औरत को देखकर भी बुरा हाल हो जाता है, इसलिए में अब तुम्हारे यहाँ भी नहीं आता.

दीदी : क्यों मेरे यहाँ कौन है? में हूँ माँ और रंजीत है.

में : सच बोलूं?

दीदी : हाँ भाई बोल?

में : आप और आपकी माँ की वजह से.

दीदी : क्या तुझे में भी और मेरी माँ इतनी अच्छी लगती है, तू हम माँ बेटी के बारे में क्या सोचता है?

दोस्तों अब मेरी तो गांड ही फट गयी. फिर मैंने कहा कि दीदी मैंने तो पहले ही कहा था आप बुरा मान जाओगी, तो वो बोली कि अरे नहीं मेरे प्यारे भाई में तो सोचकर हैरान हूँ कि अब भी मुझमें ऐसी क्या बात है, जो तुम जैसा जवान लड़का मुझे इतना पसंद करता है बताओ ना प्लीज? में बोला क्या में सच में बताऊं दीदी? वो बोली अरे यार हाँ अब बोल भी.

फिर मैंने कहा कि दीदी आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो, आपके बड़े बड़े बूब्स और कूल्हे देखकर मेरा बुरा हाल हुआ पड़ा है और मेरे लंड की तो आप पूछो ही मत, आपके रसीले होंठ बड़ी, बड़ी आँखें आपको एकदम कामुक बनाती है, में ही क्या कोई 70 साल का बूड़ा भी आपको देखे तो वो भी पागल हो जाए और में एक ही साँस में सब बोल गया और वो पूछने लगी क्या में सच में तुझे इतनी अच्छी लगती हूँ?

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में : हाँ दीदी.

दीदी : और बता क्या क्या मन करता है तेरा?

में : दीदी जब आप खाना बना रही थी, तो आपको भीगे हुए ब्लाउज और पेटिकोट में देखकर मेरा मन किया कि पीछे से आपके कूल्हे पर से पेटीकोट को उठाकर में आपकी गांड को चाट लूं, आपके बूब्स पी जाऊं, आपके होठों को चूस लूँ और उन पर अपने लंड का टोपा रगड़ दूँ, दीदी आप कितनी प्यारी हो उूउउफफफफ्फ़ कोई भी भाई आपके जैसी बहन को ज़रूर चोदना चाहेगा, देखो मेरे लंड का क्या हाल है? यह कहते हुए मैंने अपनी लूँगी को उतार दिया.

अब दीदी मेरे लंड को देखकर बोली कि तेरा लंड तो तेरे जीजी से भी बड़ा और मोटा है, उनसे ही क्या अब तक जितने भी लंड मैंने खाए है, यह उन सबसे अच्छा है. मेरे राजा इसे तो में अपनी चूत में ज़रूर लूँगी, अरे यार इसे तू मेरे हाथ में तो दे उउफफफ्फ़ कितना चिकना है और अब वो मेरा लंड पकड़कर धीरे धीरे सहलाने लगी और उनका नरम हाथ अपने लंड पर लगते ही में बिल्कुल पागल हो गया. फिर में बोला कि दीदी आप अपने कपड़े भी तो उतारो ना प्लीज. अब वो मेरी आँखों में झाँककर बोली जिसे ज़रूरत हो, वो उतारे और मैंने यह बात सुनकर उन्हें पकड़कर तुरंत खड़ा कर दिया और उनका कुर्ता उतार दिया और उनकी लूँगी एक झटके में ही खुल गयी, जिसकी वजह से अब मेरी रीना बहन पूरी नंगी मेरे सामने थी और हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे.

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फिर दीदी ने हाथ आगे बढ़ाकर मुझे खींचकर अपने से चिपका लिया और इस तरह मेरा लंड उनकी चूत से और उनकी छाती मेरी छाती से चिपक गयी, वो मेरे गालों को चूमती चाटती जा रही थी, ऊफ्फ्फ्फ़ तू अब तक कहाँ था? पागल मुझे पता होता तो में तुझसे पहले ही चुदवा लेती मेरे भाई, चोद डाल आज अपनी बहन को, आह्ह्ह्ह कितने दिनों के बाद आज मुझे कोई जवान लंड मिलेगा, हहिईीईई आज तो बस रात भर चोद मुझे जैसे चाहे वैसे चोद.