हिंदी सेक्स स्टोरी

एक सेक्सोलॉजिस्ट की कलम से 1

Ek sexologist ki kalam se-1

“एम एस एस” पढ़ने वाले सभी मित्रो को मेरा स्प्रेम नमस्कार!!

हाल ही मैं सुनने में आया कि कुछ बुद्धिजीवी लोग सोचते हैं कि इंटरनेट पर पॉर्न साइट्स महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार के लिए जिम्मेदार हैं!!

हर स्त्री या पुरुष की अपनी एक सोच होती है, आप सब के भी अपने-अपने मत होंगें पर मेरा मानना है कि असल में कहीं ना कहीं यह साइट्स औरतों के साथ होने वाले दुराचार को एक हद तक कम करती हैं।

आप अवशय जानना चाहेंगे कैसे परंतु उससे पहले मैं आपको बताना चाहूँगा कि पेशे से मैं एक डॉक्टर हूँ। एक सेक्सोलॉजिस्ट!!

भगवान की दया है कि मैं अपने कार्य में प्रवीण हूँ; कारण है भगवान का और बडो का स्प्रेम आशीर्वाद और अपने विषय में जानने की मेरी अदद लालसा!!

हलाकी कलयुग में युवा वर्ग में बढ़ते यौन रोग भी मेरे कार्य को सुचारू ढंग से चलाने में सहायक हैं…

पहले तो मैं आप सब को बताना चाहूँगा कि मैं अपने ज्ञान से आपको बोर नहीं करना चाहता और यदि आप सोच रहें हैं कि इस लेख में किसी महिला रोगी के साथ बने मेरे अंतरंग संबंध की कोई कहानी है तो कृपया आगे ना पढ़ें।

असल में यह लेख मेरे अनेक रोगियों के साथ हुआ सालों का तजुर्बा और अनगिनत लेखों और असंख्य किताबों का सार है, जिससे आप लोगों; ना केवल युवा वर्ग अपितु हर आयु वर्ग के लोगों को काफ़ी मदद मिल सकती है।

खैर, अब हम अपने विषय पर वापस आते हैं।

Hindi Sex Story :  Nida Ke Phudi Mari-3

तो सबसे पहले तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि लिंग का उठान या योनि में होने वाले काम रस का प्रवाह एक प्राकृतिक क्रिया है। यह आज से इस युग से, द्वापर, त्रेता या सत युग से नहीं अपितु आदि अनादि काल से है।

असल में हमारी धरती पर जीवन का यही मूल भूत स्वरूप है।

हम सभी यह जानते हैं; आप मैं और सभी महिला या पुरुष असल में संभोग का ही परिणाम हैं। यदि सेक्स ना हो तो आप और मैं भी ना हों।

नहीं, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं वासना में डूबे कुछ राक्षस महिलाओं के साथ दुराचार करें; परंतु यह कहना ग़लत होगा कि इसके लिए जिम्मेदार यह पॉर्न साइट्स हैं। कम से कम मैं तो यह नहीं मानता।

क्यूँ? इसका जवाब भी बड़ा सीधा सा है।

सोचिए, अगर आपका पेट भरा हो और कोई कहे कि आप पकवान खा लें तो आप यक़ीनन मना कर देंगें। ठीक इसी तरह यदि पुरुष घर पर ही कुछ उत्तेजक चीज़ें पढ़ कर या देख कर हस्तमैथुन कर ले तो बाहर जाने पर किसी महिला के साथ दुराचार की संभावनाएँ बढ़ेंगी या कम होंगी।

जवाब आप ही सोचें। हाँ, सोचते वक़्त यह अवशय याद रखें: यहाँ हम बात एक आम इंसान की कर रहे हैं।

यदि हम साँप या बिछु से यह अपेक्षा रखें की अपनी ज़हरीली प्रवृति छोड़ दे तो यह असंभव है। ठीक इसी तरह राक्षसी प्रवृति वाला पुरुष तो ऐसे कृत करेगा ही उन्हें रोकने की लिए हम महिलाओं की सुरक्षा के अलावा कुछ नहीं कर सकते।

Hindi Sex Story :  Mera Dus Inch Ka Lund 3

मित्रो, किसी भी महिला को देख कर पुरुष का आकर्षित होना या पुरुष को देख कर महिला का आकर्षित होना एक सामान्य क्रिया है परंतु बिना किसी की भी सहमति के किसी भी तरह का संबंध कायम करना एक राक्षसी क्रिया है जिसकी किसी लोक में माफी नहीं।

खैर, अब हम इस विषय को यहीं विराम देते हैं और चलते हैं दूसरे विषय की और यकीन मानिए यह आपको ज़रूर रोमांचक लगेगा।

परंतु इससे पहले हम आगे बड़े मैं यह कहना चाहूँगा आपने जो कुछ पढ़ा वह मेरे विचार थे, हर किसी की अपनी सोच होती है और मैं किसी की भावना को आहत नहीं करना चाहता।

जैसा की आप लेख में समझ ही गये होंगें महिलाओं के साथ दुराचार करने वाले को मैं पुरुष नहीं अपितु राक्षस मानता हूँ…

तो अब मैं आपको अपने पेशे में हुए कुछ तजुरबों के बारे में बताना चाहूँगा।

अक्सर मेरे पास ऐसी महिलाएँ आती है जो मुझसे यह कहती हैं कि उन्हें अपने पति या साथी के साथ यौन सुख नहीं मिलता। कारण पता चलता है बस रोज़ वही चीज़ होती है, जिससे वह अब उब गईं हैं।

सच कहूँ तो मैं भी उनसे सहमत हूँ और इसीलिए आपको कुछ बताना चाहता हूँ।

क्या आपने कभी सोचा लेखक “एम एस एस” पर अपनी कहानियाँ क्यूँ प्रकाशित करते हैं। मैं बताता हूँ कारण अनेक हो सकते हैं पर कहीं ना कहीं एक कारण यह है कि क्यूंकी वह आपसे वो शेयर करना चाहते हैं जो आम जीवन में किसी से नहीं कर पाते।

आपने अक्सर कहानियों में पढ़ा होगा लेखक लिखते हैं – फाड़ दे मेरी चूत, बना दे मेरी चूत का भोसड़ा!!

Hindi Sex Story :  चूत का ढक्कन खुलवाया

सच तो यह है कि हर लड़का और मर्द संभोग के दौरान अपनी गर्ल-फ्रेंड या अपनी पत्नी से कुछ ऐसे शब्द सुनना चाहता है…

सोचिए अगर आप अपने साथी से ही सब बातें कर लें, तो।

ठीक उसी तरह जिस तरह जब घर पर बिरयानी ना मिलने पर हम बाहर खाना खाने जाते हैं। पर अगर हमें घर पर ही लाजवाब बिरयानी मिले तो…??

खुद से पूछ कर मुझे बताएँ, क्या मैं ग़लत हूँ। मैं फिर याद दिला दूँ हम अभी भी बात आम इंसान की कर रहें हैं।

थोड़ी सी व्यस्तता के कारण मुझे लेख को यहीं विराम देना होगा पर जल्द ही आपसे फिर रूबरू होऊँगा।

इसी विषय पर हम आगे बात करेंगे, उम्मीद तो यही करता हूँ कि लेख पढ़ कर आपको ऐसा नहीं लगेगा कि मैंने आपका समय व्यर्थ किया।

यदि ऐसा है तो आप सभी से तहे दिल से माफी चाहता हूँ।