एक सेक्सोलॉजिस्ट की कलम से 2
अपने पिछले लेख में मैंने आपको मज़धार में छोड़ दिया था जिस के लिए मैं आपसे माफी चाहता हूँ।
जो भी मेरे लेख का दूसरा भाग पढ़ रहा है, उसको धन्यवाद क्यूंकी आपने दूसरे भाग को तभी पढ़ने की सोची होगी; जब आपको मेरा पहला भाग कुछ समझ में आया होगा।
तो, हम बात कर रहे थे बिरयानी की: मुझे यकीन है मित्रो, एक पल तो आपने रुक कर मेरी बात को अवशय सोचा होगा।
आपको याद दिला दूँ, मैं पूछना चाहता था –
“ठीक उसी तरह जिस तरह जब घर पर बिरयानी ना मिलने पर हम बाहर खाना खाने जाते हैं। पर अगर हमें घर पर ही लाजवाब बिरयानी मिले तो…??”
जैसा की मैंने आपको बताया था कि एक आम पुरुष संभोग के दौरान अपनी गर्ल-फ्रेंड या अपनी पत्नी से कुछ अश्लील शब्द सुनना चाहता है…
परंतु हिचक या शरम के चलते हम अपने साथी से कभी कोई आपतिजनक बातें नहीं कर पाते।
आप में से कुछ कहेंगें कि हम और हमारी पत्नियाँ शरीफ हैं और ऐसे शब्दों का भूल के भी उचारण नहीं करते तो मैं बोलना चाहूँगा कि मेरा लेख उन शरीफ लोगों के लिए कतई नहीं हैं, जिनको लगता है कि मैं क्या बकवास कर रहा हूँ।
असल में मेरा लेख उन लोगों के लिए है जो संभोग की क्रिया को आनंदमय बनाना चाहते हैं और उनके लिए जो अपनी सेक्स लाइफ या अपने साथी से उब जाते हैं।
एक सेक्सोलॉजिस्ट होने के नाते मैं किसी भी महिला या पुरुष को यह राय नहीं दूँगा कि वह दूसरे साथी से संबंध बनाए अपितु अपने साथी से ही अपने संबंधों को आनंदमय बनाना ही सही विकल्प है।
यदि आपका साथी पुरुष हो या महिला; आपसे पूरी तरह संतुष्ट है तो आख़िर वो किसी और से संबंध क्यूँ बनाएगा और यहाँ मैं यही बताने की कोशिश कर रहा हूँ कि ऐसा कैसे किया जाए।
खैर, उम्मीद करता हूँ जिन को मेरी बातों में दिलचस्पी नहीं, वह अब तक लेख छोड़ चुके होंगे।
मेरे मित्र जो मेरे साथ हैं उनके लिए मैं फिर से विषय पर आता हूँ। हम बात कर रहे थे घर में मिलने वाली बेहतरीन बिरयानी की या यूँ कहें अपनी महिला या पुरुष साथी से संभोग के दौरान अश्लील बातों की।
आप महिला हो या पुरुष यह अवशय याद रखिएगा ऐसी बातें सिर्फ़ संभोग के दौरान ही अच्छी लगती हैं।
अब हम आगे बढ़ते हैं, पहला सवाल यह उठता है आख़िर कैसी अश्लील बातें?
जिस समाज में हम रहते हैं, हमें हमेशा से एक साड़ी पहनने वाली, सीधी साधी लड़की चाहिए होती है और होना भी चाहिए। कौन चाहेगा कि उसकी बीवी चालू हो यदि कोई पुरुष ऐसी किसी औरत को अपना जीवन साथी बनाता भी है, तो उसका जीवन नरक हो जायेगा।
इसीलिए जैसे ही कोई महिला भले ही संभोग के दौरान भी अश्लील शब्द का उपयोग करेगी; यक़ीनन पुरुष बिदक जाएगा।
मित्रो, मैं बताना चाहूंगा लगभग सभी समाज में महिला और पुरुष को एक दूसरे का पूरक माना जाता है और सही तो यह है, यही एक रिश्ता है जो अंत तक हमारे साथ रहता है।
सच यह भी है कि वही रिश्ता अंत तक कायम रहता है जो ईमानदार हो, साफ़ हो और जिसमें कम से कम छल हो। अगर बात बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड की हो, तब भी मुकाम पर वही पहुँच पाएँगे, जिनके रिश्ते में यह सब बातें हों।
अब मैं मुद्दे पर आता हूँ, जो लोगो इस क्रिया का आनंद उठाना चाहते हैं चाहे वो पति-पत्नी हों या बॉय-फ्रेंड और गर्ल-फ्रेंड ज़रूरी है कि उनके रिश्ते में पारदर्शिता हो।
यदि ऐसा है तो आप यह स्वीकार करेंगे कि हमारी दैनिक दिनचर्या के दौरान लगभग रोज़ ही आते जाते हम किसी ना किसी भद्र पुरुष के मुँह से गालियों का उचारण सुन ही लेते हैं, जाहिर है महिलाएँ और लड़कियाँ भी सुनती ही हैं।
इसलिए मेरा यह मानना मुश्किल है कि किसी महिला या लड़की ने आपतिजनक शब्द ना सुने हों, यह अवशय हो सकता है कि उन्हें उसका मतलब ना पता हो।
इसलिए सिर्फ अश्लील शब्दों; वह भी सम्भोग के दौरान प्रयोग से, महिला का चालू होना सिद्ध नहीं हो जाता, जो पुरुष यह सोचें वह यह भी धयान रखें की हम और आप ही आम जन जीवन में इसका खुल के प्रयोग करते हैं।
ऐसा में क्या महिलाएं अपने कान में रुई डाल कर घर से निकलें।
एक बार फिर आपको विचारों के भंवर में छोड़ कर मैं इजाज़त चाहूँगा।
जल्द ही मैं आपसे फिर रुबूरू होऊँगा और इस विषय को आगे बढ़ाऊंगा।
नमस्कार!!