एक सेक्सोलॉजिस्ट की कलम से 3
मेरे इसे तीसरे लेख में जो भी पाठक मेरे साथ हैं उनका तहे दिल से शुक्रिया।
पिछले लेख में हम बात कर रहे थे संभोग के दौरान अश्लील बातों की।
आपने पढ़ा था –
यदि ऐसा है तो आप यह स्वीकार करेंगे कि हमरी दैनिक दिनचर्या के दौरान लगभग रोज़ ही आते जाते हम किसी ना किसी भद्र पुरुष के मुँह से गालियों का उचारण सुन ही लेते हैं, जाहिर है महिलाएँ और लड़कियाँ भी सुनती ही हैं।
इसलिए मेरा यह मानना मुश्किल है कि किसी महिला या लड़की ने आपतिजनक शब्द ना सुने हों, यह अवशय हो सकता है कि उन्हें उसका मतलब ना पता हो।
इस विषय के कई पहलुओं पर हमने पिछले भाग में ही रोशनी डाल ली थी।
तो अब हम सीधे मुद्दे पर आते हैं और जानते हैं कि कैसे संभोग के दौरान अश्लील शब्दों का प्रयोग किया जाए।
मुझे यकीन है मेरे पाठकों में महिला और पुरुष दोनों शामिल होंगे।
यह कार्य महिलाओं के लिए कठिन है इसलिए शुरूवात महिलाओं से करता हूँ।
कुछ दिनों पहले ही एक महिला रोगी को संभोग के दौरान अपने पति में दिलचस्पी नहीं हो पाती थी। (योनि में संभोग के दौरान काम-रस का प्रवाह नहीं हो पता था।) तो यही राय मैंने उन्हें दी थी।
उनसे मैंने कहा था कि कुछ नया करने की कोशिश करें, कोशिश करें कुछ डर्टी हो।
कुछ दिन बाद उन्हीं महिला ने मुझे बताया की वह अब संतुष्ट हैं और मुझे धन्यवाद दिया।
एक सेक्सोलॉजिस्ट होने की वजह से लोगों को अपनी शरम छोड़ कर ही मेरे पास आना होता है, ऐसा में मेरी हिम्मत भी लोगों से कुछ भी पूछने पर जवाब नहीं देती।
सो, मैंने उनसे पूछा – क्या आप बता सकती हैं, आपने क्या डर्टी किया. प्लीज थोड़ा विस्तार से यह मेरे बाकि रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा?
कुछ देर मनाने के बाद उनकी सहमति से मैंने यह वार्तालाप रिकॉर्ड कर लिया…
उन्होंने मुझे बताया की उन्होंने संभोग के दौरान अश्लील भाषा का प्रयोग किया जैसा मैंने उन्हें अंदेशा दिया था।
आप ही की तरह मेरी दिलचस्पी भी यही जानने में थी कि कैसे?
उन्होंने मुझे विस्तार से कुछ यूँ बताया –
जैसे ही मेरे पति ने शुरूवात की मैंने उनसे कहा – ये मिश्रा जी छत पर बात करते हैं और इतनी गंदी लैंग्वेज यूज़ करते हैं क्या बताऊँ। सुनो, आप तो कहीं ऐसी गंदी गंदी गालियाँ नहीं देते…?
महिला ने मुझे बताया उन्हें पूरा यकीन था कि वो ना ही कहेंगें और उन्होंने कहा भी – नहीं बिल्कुल नहीं, मिश्रा तो है ही बेकार आदमी।
मैंने पूछा फिर आपने क्या किया।
उन्होंने मुझे बताया फिर मैंने कहा – अच्छा, सुनो एक बात बताओ; यह सारी गालियाँ माँ-बहन की ही होती हैं या कोई बाप-भाई की भी होती है…?
इस पर मेरे पति ने कहा – छोड़ो भी, तुम क्या बातें लेकर बैठ गईं।
पर मैंने तो उस दिन ठान रखी थी, मैंने कहा – अच्छा इन गालियों का मतलब क्या होता है…?
मेरे पति थोड़ा झल्ला गए पर मैंने हिम्मत नहीं हारी और प्यार से उन्हें मनाया।
मैंने फिर कहा – अरे हम पति-पत्नी है, हममें कैसी शरम, बताओ ना अब तो मुझे जानना ही है…?
आख़िर में काफ़ी आना कानी के बाद, वो बोले – ठीक है बाबा, कौन सी गाली बक रहा था, मिश्रा।
मैंने कहा – माँ वाली।
इस पर वो बोले – माँ की तो बहुत गालियाँ होती है…
मैंने बोला – माँ की चू… चा… पता नहीं, क्या?
वो योनि पर हाथ लगा कर बोले – इसे कहते हैं।
मैंने फिर छेड़ा – क्या कहते हैं…
वो धीरे से बोले – ” यू नो” (ऐसा महिला ने मुझसे कहा, उनका मतलब था – चूत)
फिर जब हम दोनों काफ़ी उत्तेजित हो गये तो मैंने उनसे फिर एक बार पूछा – फिर से बताओ ना इसे क्या कहते हैं, बहुत मज़ा आया था तुम्हारे मुँह से सुनने में।
इस बार उन्होंने बोल कर मुझसे भी बोलने को कहा, मैंने भी थोड़ी आना कनी करी फिर बोल दिया…
धीरे-धीरे अब हमारे बीच सारी बातें होने लगी। अब तो मैं जब तक गंदा नहीं बोलती, उन्हें मज़ा ही नहीं आता।
महिला ने मुझसे अब पूछा – क्या कोई और भी तरीका है, जिससे हमें और मज़ा आए।
मैने कहा – तरीके तो अनंत हैं सवाल यह है की आपको किस में सरल हैं…
ठीक, यही बात मैं आपसे भी कहना चाहूँगा दोस्तो, तरीके अनंत हैं सवाल यही है आप किस में सरल हैं।
आपने साथी के साथ संभोग का पूरा आनंद उठना चाहें वो कैसे भी हो, इस से कहीं बेहतर की आप अपने साथी से छल करें या आप छले जाएँ।
हाँ, फिर से कहना चाहूँगा हम बात कर रहें हैं आम महिला और पुरुष की, यक़ीनन ऐसे पुरुष हैं जो अपने साथी से पूर्णतः संतुष्ट होने के बाद भी बाहर मूह मरेंगें और बिल्कुल ऐसी महिलाएँ या लड़कियाँ भी है जो हर सुख मिलने के बाद भी अपना त्रिया-चरित्र नहीं छोड़ेंगीं।
ऐसे महिला पुरुष दोनों के लिए मेरे पास एक ही शब्द है – छी:
एक सेक्सोलॉजिस्ट होने के नाते और कई रोगियों के संपर्क में आने के नाते मैं आपको एक ही राय दूँगा, साथियों संभोग का आनंद उठाने के अनंत तरीके हैं और जिंदगी भर रोग पालने का सिर्फ़ एक।
अगले भाग में हम बात करेंगे की कैसे पुरुष संभोग के दौरान डर्टी लैंग्वेज का प्रयोग कर सकते हैं।
मेरे साथ अभी तक जीतने भी साथी बने हुए हैं उनका धन्यवाद।
अब विदा…