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गाँव वाली काकी ने सेक्स का पूरा मज़ा दिया-5

Ganv Wali Kaaki Ne Sex Ka Poora Maja Diya-5

मै – नही काकी मै आपको यहा खेत मे अकेले नही छोड सकता
काकी – अरे बेटवा अभी मै आम की छाया मे आराम करूंगी तू अकेले धूप मे क्या करेगा घर लौट जा (इतना कहकर काकी ने चूत पर हलके से हाथ फेरा )
मै- नही काकी मै आपके साथ ही घर जाऊंगा ( मै काकी के शरीर को घूर रहा था मेरी नजरे उनकी चुचियो पर जाकरर अटक जा रही थी । हो भी क्यू ना इतनी ज्यादा उम्र मे भी चुचियो का मिजाज कातिलाना था ।)
काकी- ठिक है बेटवा जैसी तेरी इच्छा, देख धूप तेज हो रहा है चल आम की छाया मे धूप लग गई तो मुसीबत हो जाएगी । तू नही जानता यहा की धूप को बडे बडे पानी मांगते है इस गर्मी मे ।
मै – हा काकी धूप तो लग ही रही है देखिए ना पसीने आ रहे है
काकी – बेटवा इसलिए बोल रही हू चल पेड के नीचे बैठ जा छाया मे ( इतना बोलकर काकी ने अपने पललू को कमरमे बांध लिया अब उनकी चुचिया उभर कर आखो के सामने आ रही थी बार बार और यही बात मै सबसे ज्यादा उत्तेजित कर रहा था लंड सर उठाने लगा यही सब काकी गौर से देख रही थी और रहरहकर अपनी चूत पर हाथ मार देती )
मै – चलो काकी
(काकी खेत के दूसरी तरफ बने आम के पेड की तरफ चल दी मै उनसे 10 कदम दूर चल रहा था उसी दिशा मे )
काकी पेड के छाव मे जैसे ही पहुची वैसे ही ………

काकी – आहसहहहहहहहहह बेटवा हायययययययययययय राममममममममम मरर गई
मै – ( दोडते हुए उनकी तरफ गया )
क्या हुआ काकी
काकी – ( जल्दबाजी मे अपना ब्लाज उतार रही थी ) हाययययय रे बेटवा उपर देख माठा है आहहहहहहहहहहह मेरे पूरे शरीर पर गिर गया है और काट रहा है आहहहहहहहहहहहहह देख ना बेटवा आईईईईईईईईईईईईईई
( माठा – अर्थात गांव मे आम के पेड पर रहनेवाली बडी बडी चीटिया जो लाल रंग की होती है काफी जहरीली )
काकी -आहहहहहहहहहहहह बेटवाआ ओहहहहहहहहहह ऊईईईईईईईईईईईई मररररररर गई ( इतना कहकर काकी ने अपना पूरा ब्लाउज उतारकर जमीन पर फेक दिया और शरीर पर चुचियो पर खुजली करने लगी ।)
मेरी आखे फटी की फटी रह गई क्या चुचिया थी गोल एकदम सुडौल बडी बडी , काकी लगातार खुजाए जा रही थी ।
काकी – आहहहहहहहहह बेटवा देख तो हायययययय काट लिया कमबख्तो ने
मै – हा काकी उठिए वहा से इस तरफ आइए( काकी दर्द के मारे जमीन परबैठ गई थी )
काकी – अरररररररे बेटवा दर्द हो रहा है ( काकी की चुचिया हिल रही थी मैखडाहोकर निहार रहा था लंड पूरी तरह औकात मे आ गया था तंबू बन चूका था कोई तंबू को देखकर मेरी स्थिति और लंड की लंबाई का अंदाजा आसानी से लगा सकता था )
आहहहहहहहहहहह बेटवा वहा क्यू खडा है आकर उठा मुझे , मुससे उठा नही जा रहा है रे ।
मै – हा काकी आ रहा हू ( मै तुरंत गया और काकी के पीछे जाकर खडा हो गया )

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काकी – अररररररररे जालिम खडा क्यू है पीडा हो रही है उठा मुझे
मै – हा काकी (और काकी की दोनो हाथो को पकडकर उन्हे पीछे से सहारा देकर उठाने लगा , मै विश्वास नही कर पा रहा था की काकीबिना चोली के मेरी बाहो मे है , जब काकी खडी हो रही थी तो मेरा लंड उनकी पीठ से रगडने लगा था )
काकी -( सिसकाकी भरते हुए ) बेटवा बहौत दर्द हो लहा है रे बहुत जहरीला होता है सीआहहहहहहहहहहहहस
मै – हा काकी ( और अपने लंड को उनकी पीठ से रगड दिया )
काकी पूरी तरह खडी हो गई मेरा लंड पूरी तरह खडा था उनकी खडे होने की वजह से सीधे साड़ी के उपर से हीउनकी गांड की दरार मे रगड खाने लगा ।।
काकी – (चुचिया खुजाते हुए पूरी लाल हो गई थी लंड गांड मे रगड खा रहा था ) आहहहहहहहहहहहह ससससससससीईईईईईईईई आहहहहहहहहहहहह बेटवा हायययययययययय ओहहहहहहहहह ऐसे ही अच्छा लगता है

मै – क्या काकी ( उनकी बाहें पकडे उनकी गांड पर लंड का झटका मारते हुए) क्या हुआ काकी ?
काकी – आआआआआआआहहहहह बेटवा कुछ नही रे उस तरफ ले चल खेत के उस किनारे ( काकी उस तरफ ले जाने बोल रही थी जहा सरपत की झाडिया ऊची ऊची थी और फसल भी नही कटी थी )
मै – ठीक है काकी चलिए ………काकी…. . वो आपकी चोली ( अब मैने काकी की बाहें छोडकर कमर पकड ली दोनो तरफ से और बगल से चुचियो को छूने की कोशिश करने लगा ।)
काकी- रहने दे बेटवा चोली को यही अभी आहहहहहहहहह ( लंड का झडका गांड मे लगता है ) दर्द है छाती मे जहर फैल गया है पहन नही पाऊँगी ।
मै – ठीक है काकी ( काकी को ले जाकर वही बैठा दिया मेढ पर और मै भी उनकी बगल मे बैठ गया )
काकी को चीटियो ने काटा था और सचमुच उनकी चुचिया लाल हो गई थी । अभी भी वो चुचियो को तो कभी पेट को खुजाए जा रही थी हालांकि उनका दर्द शायद कम हो गया था। उनकी नजर मेरे लंड पर थी और वो एकदम सेकसी अंदाज से चुचियो को सहला रही थी मेरी हालत खराब हो गई थी एक अधेड उम्र की औरत मेरे सामने आधी नंगी होकर चुचियो को सहलाए जा रही थी इतनी बडी और टाईट चुचिया शायद ही इतनी उम्र मे किसी की हो मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया था मै काकी के डर से उसे बिठाने की कोशिश कर रहा थ

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काकी – हाय बेटवा देख तो कैसी लाल हो गई है (अपनी चुचियो को पकडकर काकी मेरी तरफ देखते हुए बोली )
मै – ( शर्म से गर्दन नीचे झुकाकर ) हाॅ काकी
काकी – आहहहह बेटवा यहा आ , आकर देख तो जहर तो नही फैल गया ये चीटिया जहरीली थी रे
मै – ( करीब जाकर ) हा काकी लाल तो हो गई है ( काकी का निप्पल सख्त हो चुका था ये देखकर ऐसा लग रहा था जैसे अभी चूस लू दोस्तो अपनी स्थिति बता नही सकता पहली बार इतने करीब से निप्पल देख रहा था )
काकी – देख ना सूजन आ गई है रे ( इतना कहकर काकी ने मेरा हाथ पकड़कर सीधे अपने चूची पर रख दिया )
मैने तुरंत वहा से हाथ हटा लिया
काकी – क्या हुआ बेटवा देख ना ( फिर से मेरा हाथ अपनी चुची पर रख देती है )
मै – हायययययय काकी ये आपके दूध है (तबतक काकी ने मेरा दूसरा हाथ पकडकर अपनी दूसरी चूची पर रख दिया , मेरी हालत खराब हो गई थी मैने हाथ को उसी तरह रहने दिया कोई प्रतिक्रिया नही दी
काकी — आहहहहहहहहहह बेटवा दर्द कर रहा है रे , जरा देख तो सूजन की वजह से तो नही कर रहा ना

मै एक दम उत्तेजित हो गया,
मैने काकी की दोनो चुचियो को पकडकर सहलाने लगा
मै- हाकाकी सूजन आ गई है लाल भी हो गई है
काकी – सससससससीईईईईईईईई आहहहहहहहहह बेटवा , कहा आ गई है सूजन
मै – काकी मै ………वो मै……..
काकी -आहहहहहहहहहहह बेटवा बोल भी
मै – काकी वो आपे दूध मे सूजन आ गई है
(इतना कहकर मैने काकी की चुचियो को जोर से मरोड दिया )
काकी – आहहहहहहहहह बेटवा हायययययययययय दर्द हो रहा है रे तेरी काकी को हायययय रामममभ
मै – क्यू काकी ?

काकी – बेटवा लगता है जहर जढ गया है दूध मे रे, आहहहहहहहहहह बेटवा (काकी ने मुझे अपनी तरफ खीच लिया मै उनकी चुचियो को मरोडे जा रहा था दबाए जा रहा था काकी दरद से कराह रही थी )
काकी – हाययययययय रे बेटवा लगता है जहरफैल गया है पूरे दूध मे
मै – अब क्या होगा काकी , कैसे निकलेगा जहर आपको दर्द हो रहा होगा
काकी – हा रे बेटवा मेरी जान निकले जा रही है दरद के मारे उपर से जहल आहहहहहहहहहहहहस बेटवा
मै – (काकी की चुचियो को दबाते हुए ) काकी बताइए कैसे निकलेगा ये जहर मै निकालूंगा
काकी – आहहहहहहहहहहह बेटवा हायययययययययय कितना खयाल है रे तुझे अपनी काकी का
मै – ( मेरा लंड पूरी तरह कडक हो चुका था काकी की नजर मेरे तंबू पर थी और उनका हाथ साडी के उपर से ही चूत को सहलाने लगा था )

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मै – काकी बताइए आपको तकलीफ मे नही देख सकता कैसे निकलेगा जहर
काकी – आहहहहहहह बेटवा , अरे मुॅह से चूसकर खीच ले सारा जहर बेटवा ( काकी लंड को देखती हुई बोली )
मै – क्या चूस लू काकी ?
काकी – अरे बेटवा मेरे चुचियो को चूस उसी मे जहर है देख तो कैसे फूल गई है जहर के कारन आहहहहहहहहहह बेटवा
मै ने सीधे बिना समय गवाए अपना मुह काकी की चूची पर रख दिया और चूसने लगा और दूसरे हाथ से काकी की चूची कोरगड रहा था
काकी – ( चूत सहलाते हुए ) आहहहहहहहह बेटवाआआ ऐसे ही आहहहहहहहहहहहह ओहहहहहहहहहह पी जा सारा पी ले पिले बेटवा बहुत तंग करती है रे कोई नही छेडता अब इन्हे
मै – उममममममममममममम आहहहहहहहहहहहहहहहह काकीईईईईईईईईईईई उमममममममममममममममाहहहहहहहहहहहहहहहहहह
काकी – आहहहहहहहहहह बेटवा चूस लेदबादबाकर सारा जहर निकाल दे ( काकी सिर्फ अपने मजे ले रही थी अबतक उनहोने मेरे लंड को अपने हाथो से नही छुआ था मेरी हालत खराब थी मै रहरहकर काकी के निप्पल को जोरो से काटे जा रहा था
काकी – आहहहहहहहहहहहहहहहहहहह बेटवा काटता क्यू है रे दर्द हो रहा रहा है
( मै जोरो से मसल रहा था इसतरहमसलता की सामना वाली अपनी चीख निकल दे ।य)
चूचीचूसते हुए अचानक काकी ने अपनी चुचियोओ मेरे मरे मुह अलग कर दी । शायद वो झड गई थी चल बेटवा घर चल वही जाकर आराम करते है ।