Family Sex Storiesभाई-बहन की चुदाई

चुदाई का मौका और किस्मत

(Chudai Ka Mauka Kismat)

मेरा नाम अमित है, गाज़ियाबाद से हूँ, 27 साल उम्र है।

आज से दो साल पुरानी बात है, आपको सच लगे या झूठ, यह आप सब जानो !

एक बार मैं अपनी मौसी के घर गया था, मेरी सगी मौसी नई दिल्ली में रहती हैं उनकी तीन बेटियाँ हैं, एक बेटा है।

मेरी मौसी की तीन बेटियों में जो सबसे बड़ी है, मैं इस कहानी में उसका जिक्र कर रहा हूँ, मैं उसका असली नाम नहीं लिख सकता दूसरा नाम लिख रहा हूँ।

रिया की उम्र अब 20 साल है तब वो 18 की थी, बारहवीं क्लास में थी। तो मैं वहाँ कुछ दिन के लिये गया था।

मौसा जी रात की ड्यूटी पर चले गए थे, मौसी खाना बना रही थी, मैं एक बड़ा सा कम्बल लेकर टीवी देख रहा था, रिया भी मेरे बराबर में थी। एक बड़े से कमरे में ही सब सोते थे, मुझे भी भी वहीं सोना था। बाकी लोग भी दूसरी तरफ़ एक दूसरे कम्बल में थे।

सर्दी के दिन थे, रिया का पैर मेरे पैर से छू गया, उससे मेरे शरीर में उत्तेजना सी होने लगी और मेरा बदन तपने लगा, जैसे बुखार हो गया हो। इसी के चलते रिया का हाथ मेरा हाथ से छू गया, उसे लगा कि मुझे बुखार हो गया है, उसने बोला- भाई आपको बुखार है क्या?

मैं बोला- नहीं !

उसकी और मेरी जांघें भी आपस में मिली हुई थी तो उसना मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरी तरफ़ देखा। मैं उसे देख रहा था, मेरा लंड लोअर में ऊपर उठा हुआ था।

इसी बीच मैंने रिया से बोला- मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो !

तो वो कुछ नहीं बोली तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी चूचियों पर हाथ रख कर दबा दिया। उसके मुख सा श्स्स स्स की आवाज़ निकली पर उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया। तो मैंने उसके गले के पास से अंदर हाथ डाल कर उसकी चूची दबाई। तब भी उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया बल्कि कम्बल को और ऊपर तक लेकर खुद को अच्छे से ढक लिया।

Hindi Sex Story :  फिर आऊँगी राजा तेरे पास !-1

मैंने सोने का बहाना करके पूरा कम्बल में घुस गया सिर तक कम्बल ढक लिया और अन्दर उसके कमीज से उसकी चूची बाहर निकाल कर चूसने लगा।

उसने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैंने उसे कम्बल के अन्दर खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर काफ़ी चूमा पर साथ में डर भी था कि कोई हमें देख ना ले, वैसे सब बच्चे टी वी देखने में मस्त थे। फ़िर भी मैंने अपना चेहरा कम्बल से बाहर निकाल कर सबको देखा, सब टीवी देख रहे थे।

फिर मैंने उसकी सलवार में अपना हाथ अंदर कर दिया, उसने कच्छी नहीं पहनी थी, उसकी योनि पर बाल थे, शायद उसने कभी साफ नहीं किए थे। मैंने उससे पूछा तो उसने बोला- कभी नहीं काटे !

उसकी योनि गीली हो चुकी थी, उसके कामरस से भर चुकी थी, रस बाहर निकल रहा था, मेरी उंगली गीली हो गई थी। मैंने उसमें एक उंगली डाली तो महसूस हुआ कि वो कुंवारी थी। उसकी योनि किसी भट्टी की तरह जल रही थी।

मैंने अपना हाथ बाहर निकाला और अपनी उंगली जो उसकी रस में भीगी हुई थी, उसे मुँह में अंदर डाली। इतना अच्छा स्वाद लगा कि मैं बता नहीं सकता। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था। लंड लोअर फाड़ कर बाहर आने को तैयार था पर कर क्या सकता था, मेरा उसकी योनि चाटने का मन था मगर कमरे में सब थे इसलिए कुछ नहीं कर सका।

उसका हाथ मैंने पकड़ कर अपने लंड पर रखा पर उसने अपना हाथ वापस हटा लिया। दोबारा मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड लोअर से निकाल कर उसके सीधे उसके हाथ में दिया। उसे उसने पकड़ लिया, उसका हाथ बहुत ही कोमल था। हम दोनों काफ़ी देर तक इसी तरह करते रहे। मैंने अपनी उंगली से उसका पानी निकाल दिया पर मेरा नहीं निकला था।

Hindi Sex Story :  मम्मी और दीदी के बिस्तर में 1

वो उठी और टोयलेट गई, फ्रेश होकर वापस अपनी जगह पर आ गई। यह कहानी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं।

इसी बीच मौसी जी ने सबका खाना लगा दिया था, हम सबने ख़ाना खाया और सबके बिस्तर अलग अलग लगा दिए। सब सो गए कुछ नहीं हो सका रात में !

सुबह हुई, सोचा आज दिन में कुछ बात बन जाए, बस चूमा चाटी करने का कोई मौका मिल जाए, पर कुछ खास मौका नहीं मिला एक बार उसे पकड़ कर उसके होंठों को चूसा और चूचियाँ कमीज के ऊपर से ही मसली, और कुछ नहीं !

मैं रात का इंतजार करने लगा। कहते हैं इंतजार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं, वही हुआ, दिन बहुत बड़ा लगने लगा। जैसे तैसे रात हुई। सब कल की तरह था, मौसी खाना बनाने में लगी हुई थी, बाक़ी सब टीवी देख रहे थे, मैं भी टीवी देख रहा था और रिया कुछ देर बाद आकर मेरा पास ही लेट कर टीवी देखने लगी।

सर्दी होने कारण सबने कम्बल औढ़ रखे थे। रिया मेरे कम्बल में आ गई थी। रिया ने मेरा हाथ अपन हाथ में ले लिया और धीरे से उसने बोला- आज आपका हाथ गर्म नहीं है।

मैंने भी उसका हाथ दबाते हुए बोला- वो गर्मी तो तुम्हारी थी।

उसने मुस्कुरा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ़ कर लिया। मैंने आराम से उसकी चूचियों पर हाथ रखा और दबाने लगा। जिसे उसका मुँह से उइईई की आवाज़ निकली। मेरा लंड तो सब कुछ फाड़ कर बाहर आने को तैयार था। मैंने प्यार से उसकी दोनों चूचियाँ दबानी शुरू की, वो मज़ा ले रही थी मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था, मन कर रहा था किबस इसे यहीं रिया की चूत में घुसा दूँ। पर कुछ नहीं हो सकता था।मैं उसके बराबर में लेट कर कंबल में अपन सर अंदर कर उसकी एक चूची कमीज से बाहर निकाल कर चूसने लगा। एक कुंवारी लड़की के चुचूक बहुत ही छोटे होते हैं, मैं उन्हें बड़े मजे से चूस रहा था। कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपने एक हाथ उसकी चूत में लगा दिया जो पहले से ही बहुत गीली थी। मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली और रस भर कर निकाल कर उसके रस से सनी उंगली पहले अपने मुँह में और फ़िर दोबारा चूत में अंदर कर अबकी बार उंगली रिया के मुँह में अंदर दी और उसे अपनी उंगली चुसवाई। हम दोनों काफ़ी देर तक इसी खेल को करते रहे।

Hindi Sex Story :  दीदी की सास की गांड फाड़ी-3

मैं वहाँ चार दिन तक रहा, हम दोनों इसी तरह एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे, चोदने का मौका नहीं मिला।

एक बार उसके चाचा की लड़की की शादी थी, मैं भी वहाँ शादी में गया हुआ था, मैंने सोचा कि इसे बाहर ले जाकर मजा करूँगा, पर उसका छोटा भाई भी ज़िद करके बाइक पर चढ़ कर साथ में ही लद गया, तब भी कुछ नहीं हो सका।हम दोनों का चुदाई कार्यक्रम आज भी अधूरा ही है। भी तक उसकी शादी नहीं हुई है और हमें अभी भी मौके की तलाश है।

उसके साथ उसके बदन के साथ खिलवाड़ आज भी मेरे मन को गुदगुदा देता है। यही सोच कर रह जाता हूँ कि शायद किसी दिन अच्छी किसमत हो और कोई मौका मिल ही जाए।

आप मुझे बताएँ कि मैं क्या करूँ !