Aunty Sex Story

मामी की अन्तर्वासना-1

Mami Ki Antarvasna-1

रवि

मैं अपने मम्मी-पापा का इकलौता बेटा हूँ, लेकिन एक गरीब परिवार होने के नाते हम एक छोटे शहर राजपुरा में दो कमरे वाले घर में ही रहते हैं। पापा राजपुरा में ही एक कारखाने में सुपरवाइजर हैं और मम्मी एक स्थानीय स्कूल में अंग्रेजी की अध्यापिका है। मैं बाइस साल का हूँ और घर से बीस किलोमीटर दूर अम्बाला शहर में एक सरकारी दफ्तर में नौकरी करता हूँ और रोजाना मोटरसाइकल से आता जाता हूँ।

मेरे मामा मुझसे सिर्फ तीन साल बड़े हैं और अम्बाला में ही एक ठेकेदार के पास काम करते हैं। मामा की शादी लगभग चार वर्ष पहले हुई थी तथा मेरी बीस वर्षीय मामी के साथ अम्बाला में ही एक कमरे वाले घर में रहते हैं।

पिछले साल की बात है जब मामा के ठेकेदार की एक आधी बनी हुई बिल्डिंग की दुर्घटना में वह घायल हो कर दो माह अस्पताल में दाखिल रहे तब मम्मी के कहने पर मैं मामा-मामी की सहायता के लिए उन्हीं के घर पर रहा। मामी दिन में जब घर जाती थी तब मैं मामा के पास अस्पताल में रहता था और फिर मामी को अस्पताल आने पर मैं दफ्तर चला जाता था। रात के समय मामी तो मामा के पास अस्पताल में ही रहती थी और मैं उनके कमरे में जा कर सो जाता था।

उन्ही दिनों मुझे मामी के नज़दीक रहने व देखने को मिला और उसके स्वभाव के बारे में कुछ जान पाया।

मामी बहुत ही सुन्दर हैं, उसका रंग बहुत ही गोरा, नैन-नक्श तीखे और बहुत ही आकर्षक हैं। एक गरीब घर की होने के कारण मामी शृंगार आदि नहीं करती लेकिन इसके बाबजूद भी वह एक अनुपम सुन्दरी दिखती हैं। उसका चेहरा गोल और गोरा, आँखें हिरणी जैसी, गाल प्राकृतिक गुलाबी, होंठ गुलाब की पंखड़ियों की तरह पतले, काले बाल लंबे और घने हैं। वह ब्रा नहीं पहनती इसलिए उसके पतले ब्लाउज में से उसके गोल गोल उभरे हुए, सख्त तथा ठोस वक्ष दिखाई देते तथा उन पर डोडियाँ गहरे भूरे रंग की दिखती रहती। उसकी पतली कमर और नाभि स्थल बहुत ही मनमोहक दिखता है, उसकी जांघें सुडौल और टांगें पतली और लंबी हैं।

Hindi Sex Story :  सोने की दवाई दे के चोदा

एक बार जब अस्पताल में वह मामा के पास वह बिस्तर पर टांगें ऊंची करके बैठी उनके लिए फल काट रही थी तब उसकी साड़ी थोड़ी ऊँची हो गई और मुझे उसके गुप्तांगों की झलक दिख गई थी।

मामी ने पैंटी नहीं पहनी हुई थी और उसके वस्तिस्थल पर घने काले काले बाल थे, उसकी चूत के पतले होंठ थोड़े खुले हुए थे।

लगभग दो महीने अस्पताल में रहने के बाद डॉक्टर ने मामा को घर ले जाने की छुट्टी तो दे दी लेकिन जाने से पहले मामी और मुझे बताया कि मामा की रीढ़ की हड्डी में कुछ नसें दब गई हैं। उन नसों में रक्त के बहाव की कमी के कारण उनका शिश्न खड़ा नहीं हो सकेगा और वह किसी भी स्त्री के साथ सम्भोग नहीं कर सकेंगे।

अस्पताल से चलते वक्त डॉक्टर ने मायूस मामी को यह आशा तो दी कि समय बीतने के साथ जब देह में ताकत आयेगी और कभी किसी झटके के कारण उन दबी नसों पर से दबाव हट जायेगा तो मामा एक साधारण पुरुष की तरह स्त्री सम्भोग कर सकेंगे लेकिन इसके लिए उसे इंतज़ार करनी पड़ेगी।

हम जब मामा को घर ले के आये तो वह बहुत ही कमज़ोर थे इसलिए अधिकतर बिस्तर पर ही लेटे रहते थे और उनकी देखभाल मामी ही करती रहती थी।

मेरी मम्मी ने जब मामा के स्वास्थ के बारे में जाना तो मुझे कुछ दिन मामी की सहायता के लिए वहीं रहने को कहा और घर में सारा राशन डलवा दिया।

मैं सुबह तैयार होकर दफ्तर चला जाता था और शाम को घर आकर मामा व मामी की ज़रूरत का सामान बाज़ार से लाकर दे देता था तथा उनके काम में हाथ बंटाता था। रविवार को मैं दिन में अपने घर राजपुरा चला जाता था और शाम तक वापिस आ जाता था। इस तरह छह सप्ताह बीत गए लेकिन मामा के स्वास्थ में कुछ सुधार आया था और वह उठने-बैठने लगे लेकिन ज्यादातर खामोश और गुमसुम बैठे रहते थे। मामी मामा को खुश रखने की बहुत कोशिश करती रहती थी लेकिन ज्यादा सफल नहीं हो पाती थी।

Hindi Sex Story :  Dehati Mami Ne Chut Ki Khujli Mitane Ko Fir Bulaya

इस बीच हमने मामी के कहने पर मामा की नपुंसकता के लिए कई और डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन सबने वही बताया जो के अस्पताल के डॉक्टर ने कहा था।

मामा के घर में रहते मुझे आठ सप्ताह हो चुके थे और इतने दिनों तक एक साथ रहने के कारण मामी का संकोच दूर हो गया था और वह मेरे साथ खुल कर बात भी करने लगी थी। दिन में जब मामा सो जाते थे तब वह अपने बचपन शरारतों के बारे में अक्सर चर्चा करती थी और कभी कभी तो वह अपने छोटे छोटे भेद भी बता देती थी। इन्हीं भेदों में से उसने एक भेद यह भी बताया कि उसकी बाईं जांघ के अंदर की तरफ एक काला तिल भी है और वह उस तिल को किसी को दिखाती नहीं हैं।

मामी ने बताया कि वह तिल सिर्फ उसके माता पिता और उसके पति यानि मेरे मामा ने देखा है। जब मैंने उसे वह तिल मुझे दिखने के लिए कहा तो धत्त ! कह कर हँसती हुई वहाँ से भाग गई।

एक कमरे के घर में रहने की वजह मामी और मुझे कुछ दिक्कतें तो होती थीं लेकिन सहन करनी पड़ती थीं। अक्सर मामी को दिन में या रात में कपड़े बदलने के लिए कमरे के एक कोने में जाना पड़ता था और वह मुझे बाहर जाने को या मुँह दूसरी ओर करके खड़े रहने को कहती थी। मुझे भी दिन में नहाने के बाद या रात में सोने से पहले कपड़े बदलते समय मामी को मुँह दूसरी ओर करने या आँखें बंद करने को कहना पड़ता था।

Hindi Sex Story :  Dori Wali Sexy Choli Mein Chachi Maal Lag Rahi Thi-5

इसी तरह सात महीने बीत गए थे।

एक रात जब सब सोने के लिए जब कमरे की बत्ती बंद कर दी तब बाहर से आ रही रौशनी में मैंने देखा कि एक साया मामा की टांगों के बीच में झुक कर बैठा हुआ ऊपर-नीचे हिल रहा था। मैं कुछ देर तक तो वह दृश्य देखता रहा और समझने की कोशिश करता रहा लेकिन जब कुछ समझ नहीं आया तो मैंने उठ कर कमरे की बत्ती जला दी।