चुदाई की कहानियाँ

गर्लफ्रेंड की चूत से अपने लंड के पीछे लड़ाये

पढ़िए अनिल और नेहा की हॉट सेक्स स्टोरी, जहां न्यू ईयर पार्टी से शुरू हुई दोस्ती छत पर रोमांस और बेडरूम में चुदाई तक पहुंची। नेहा की सेक्सी फिगर और अनिल के लंड की धमाकेदार कहानी!

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अनिल है, और मेरी गर्लफ्रेंड नेहा एकदम माल है। उसका फिगर 36D-28-35, 5 फुट 4 इंच की हाइट, गोरी-चिट्टी, 22 साल की सेक्सी लड़की, जो किसी का भी दिल धड़का दे। हमारी मुलाकात न्यू ईयर की पार्टी में हुई थी, जहां वो अपनी सहेलियों के साथ आई थी। मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने हमारा परिचय करवाया, जिसके लिए मैंने अपने दोस्त से रिक्वेस्ट की थी। मैंने तो पार्टी का पूरा खर्चा भी उठाया था, बस एक हसीन लड़की से दोस्ती जो हो जाए!

पार्टी में हमारी बात शुरू हुई, और पता चला कि वो मेरे मकान की पीछे वाली गली में रहती है। ये सुनकर तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था! हमने खूब डांस किया, ढेर सारी मस्ती की, और पार्टी खत्म होने पर नेहा ने मुझे स्पेशल बाय बोला। अगले दिन मिलने का वादा करके मैं घर आ गया। दूसरे दिन हम कॉलेज के पास वाले रेस्टोरेंट में मिले, वहां घंटों बातें कीं, और फिर अगले दिन फिर मिलने का प्लान बनाया।

नेहा की खूबसूरती का तो कोई जवाब ही नहीं था। उसका गोरा रंग, भरे हुए कर्व्स, और वो सेक्सी स्माइल मेरे दिलो-दिमाग पर छा गई थी। मेरी हालत खराब थी, बस दिन-रात उसी के ख्यालों में खोया रहता। हमारी बातचीत बढ़ती गई, और एक दिन मैं अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था। पीछे वाली गली के मकान की छत से 6 फुट ऊंची दीवार थी, जिसके कारण कोई दिखता नहीं था। तभी एक कटी पतंग मेरी तरफ आई, मैंने दीवार पर चढ़कर उसे पकड़ लिया। और तभी मेरी नजर पीछे की छत पर गई, जहां नेहा खड़ी थी!

मैंने जानबूझकर उसकी पतंग काट दी। पहले तो उसके भैया ने मना किया, लेकिन मैं कहां मानने वाला था? फिर नेहा ने दीवार के ऊपर से चिल्लाकर कहा, “अरे, हमारी पतंग मत काटो, हमें भी उड़ाने दो!” मुझे देखते ही वो शरमा के छुप गई, लेकिन फिर वापस आई और अपनी पतंग मांगने लगी। उसने पतंग तो अपने भैया को दे दी, पर मेरे पास आकर बातें करने लगी। तभी मुझे पता चला कि उसका रूम भी ऊपर ही है।

मैंने अभी तक कोई गलत बात नहीं की थी, लेकिन मन में एक ही ख्वाहिश थी—किसी भी तरह नेहा को चोद लूं। पर डर था कि कहीं वो बुरा न मान जाए, और हमारी दोस्ती टूट न जाए। मैंने बस उसका हाथ पकड़ा था, और मौका ढूंढ रहा था कि बात को आगे बढ़ाऊं। अगले दिन हम फिर मिले, मैंने उसे दूसरे रेस्टोरेंट चलने को कहा। वो मान गई और मेरी बाइक पर पीछे बैठ गई।

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रास्ते में उसके बूब्स बार-बार मेरी पीठ से टच हो रहे थे। यार, वो एहसास! मेरा लंड तो उसी वक्त टाइट हो गया। रेस्टोरेंट में हमने खूब बातें कीं। मैंने धीरे-से उसका हाथ पकड़ा, सहलाने लगा। उसके सॉफ्ट हाथों ने मुझे और उत्तेजित कर दिया। फिर मैंने टेबल के नीचे उसके पैरों को दबाना शुरू किया। वो शरमा के आंखें नीचे कर लेती, पर विरोध नहीं किया। मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो मुस्कुराते हुए बोली, “कुछ नहीं।”

मैंने उसकी आंखों में देखकर आंख मारी। वो फिर शरमा गई और बोली, “ऐसा मत करो, मुझे शर्म आती है।” मैंने कहा, “अरे, मैं तेरा बॉयफ्रेंड हूं, मेरा हक है!” और फिर उसे किस कर लिया। टेबल के नीचे मेरे घुटनों के बीच उसके घुटने थे। मेरा दिमाग चिल्ला रहा था—यार, ये तो हां कर चुकी है, अब तो ये चुदने को तैयार है!

उसने चलने को कहा, तो मैंने बोला, “आज रात मिलते हैं।” वो बोली, “ठीक है, 11 बजे के बाद आ जाना।” दिनभर मुझसे रहा नहीं गया, बस रात का इंतजार करता रहा। 11 बजे मैं छत पर पहुंच गया, पर वो नहीं आई। 12 बजे मैं निराश होकर नीचे आने वाला था कि तभी वो आई और सॉरी बोली। उसने बताया कि डिनर में लेट हो गए थे। फिर हम देर रात तक बातें करते रहे।

मैंने उसे एक गिफ्ट दिया—ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी। मैंने कहा, “29 नवंबर को मेरा बर्थडे है, क्या गिफ्ट दोगी?” उसने बोला, “जो चाहिए बता दो।” मैंने कहा, “वादा रहा, जो मांगूंगा, दोगी?” वो बोली, “हां, वादा।” मैंने कहा, “ठीक है, बाद में बताऊंगा,” और उसे किस करके चला गया।

अब हम रोज रात को छत पर मिलने लगे। बातें करते-करते मैं कभी-कभी उसके बूब्स दबा देता। 22 नवंबर की रात को मैं छत पर गया, वो मेरा इंतजार कर रही थी। मैंने उसे जोरदार किस किया। उसने मुझे लाल गुलाब और एक जबरदस्त किस देकर पूछा, “बताओ, बर्थडे गिफ्ट क्या चाहिए?” मैंने कहा, “मुझे नेहा चाहिए।” वो बोली, “वो तो पहले से ही तुम्हारी है।”

उसने बताया कि अगले दिन उसके घरवाले गांव जा रहे हैं, क्योंकि उसके दादाजी की तबीयत खराब है। मैंने कहा, “तो कल मैं तुम्हारे घर आ जाऊं?” वो बोली, “क्यों नहीं? फोन करूंगी।” अगले दिन दोपहर 1 बजे उसका कॉल आया, और मैं उसके घर पहुंच गया। उसने टाइट जींस और लाल टॉप पहना था। यार, वो इतनी हॉट लग रही थी कि मेरा लंड पैंट में तंबू बना रहा था।

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उसने कॉफी के लिए पूछा और किचन में चली गई। मैंने ड्राइंग रूम देखा, जहां पुरानी पेंटिंग्स लगी थीं। फिर किचन में गया, जहां उसकी पीठ मेरी तरफ थी। उसकी पैंटी की शेप साफ दिख रही थी। मेरा लंड और टाइट हो गया। मैंने उसके पास जाकर उसके कान में कहा, “नेहा, आई लव यू।” मेरा लंड उसके हिप्स को टच कर रहा था। मैंने उसके बालों में हाथ फेरा, उसे किस किया, और उसके बूब्स पर हाथ रख दिया।

मैंने उसके कान को हल्के से काटा। उसने हल्का विरोध किया, पर धीरे-धीरे वो भी गर्म होने लगी। उसने कहा, “चलो, मैं तुम्हें घर दिखाती हूं।” मैंने कहा, “पहले अपना रूम दिखा।” उसने गेट लॉक किया और मैंने उसे बांहों में उठाकर उसके रूम में ले गया। वहां मैं उसे पागलों की तरह किस करने लगा।

मैंने कहा, “नेहा, मेरा गिफ्ट पहनकर दिखाओ।” उसने पहले मना किया, पर मेरी जिद के आगे मान गई। बाथरूम में जाकर उसने मेरे गिफ्ट वाली ब्लैक ब्रा और पैंटी पहनी और बाहर आई। मैंने उसे बेड पर लेटाया और किस करने लगा। उसके बूब्स दबाते हुए मैं उसके ऊपर लेट गया। उसने आंखें बंद कर लीं और मेरे किस का मजा लेने लगी।

मैंने उसका टॉप उतारा। यार, ब्लैक ब्रा में उसके बूब्स क्या माल लग रहे थे! मैंने अपनी शर्ट उतारी और बोला, “नेहा, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूं। यही मेरा बर्थडे गिफ्ट है।” मैंने उसकी बॉडी पर किस की बौछार कर दी। उसके मुंह से “स्स्स्स्स” की सेक्सी आवाजें आने लगीं। मैं उसकी नाभि पर किस करता हुआ नीचे गया। उसने मना किया, “नहीं अनिल, मत करो।”

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मैंने कहा, “क्यों नेहा? ये मेरा गिफ्ट है।” मैंने अपनी पैंट उतारी और उसकी स्कर्ट ऊपर कर दी। उसकी पैंटी के नीचे उसकी चूत साफ दिख रही थी। मेरा 7 इंच का लंड उससे मिलने को बेताब था। मैंने उसकी पैंटी नीचे खींची। उसने शर्माते हुए चूत छुपाने की कोशिश की, पर मैंने उसके हाथ हटाए। उसकी छोटी-सी, शेव की हुई चूत देखकर मैं पागल हो गया।

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वो पूरी गीली थी, मेरे लंड का स्वाद चखने को तैयार। मैंने उसकी चूत पर किस किया और अपने लंड को उस पर रगड़ने लगा। मैंने पूछा, “नेहा, क्या बात है? नाराज हो?” उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैंने कहा, “नेहा, खुश होकर मेरा गिफ्ट दो, नहीं तो रहने दो। शादी के बाद तो वैसे भी होगा, तो आज क्यों नहीं?”

वो बोली, “मुझे शर्म आती है।” मैंने उसे किस किया, उसके बूब्स दबाए, और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा। वो “उउउ, आह्ह” की आवाजें निकालने लगी। मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा। मैंने पूछा, “नेहा, तैयार हो? डाल दूं?” उसने “हम्म्म” की आवाज निकाली।

मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और हल्का दबाव डाला। वो चिल्लाई, “आह, हाईईई!” मेरा टोपा अंदर चला गया। उसने कहा, “अनिल, बाहर निकालो, मैं सहन नहीं कर सकती।” मैंने कहा, “नेहा, बस थोड़ा सा दर्द, अब और नहीं होगा।” मैंने लंड को अंदर-बाहर घुमाया। धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ और उसे मजा आने लगा।

मैंने थोड़ा और दबाव डाला, और 6 इंच अंदर घुसा दिया। वो चिल्लाने लगी, पर मैंने उसके होंठ अपने मुंह में दबा लिए। अब वो सिर्फ “हम्म्म” की आवाज निकाल रही थी। मैंने पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। धीरे-धीरे उसे सहलाता रहा, और जब उसका मूड बना, तो मैंने लंड को हल्के-हल्के अंदर-बाहर करना शुरू किया।

मुझे लगा कि मैं ज्यादा देर नहीं रुक पाऊंगा, तो मैंने स्पीड बढ़ा दी। नेहा भी मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। हम वैसे ही पड़े रहे, थककर चूर। फिर हमने कपड़े पहने, और मैं अपने घर चला आया।

उसके बाद जब भी मौका मिला, हमने जमकर चुदाई की। नेहा की चूत और मेरे लंड की जोड़ी अब हर बार धमाल मचाती थी। हर मुलाकात में वो और सेक्सी हो जाती, और मैं उसका दीवाना बनता गया।