गर्लफ्रेंड की सहेली को चोदकर खुश किया
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुज है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ और एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। दोस्तों आज मैं आप सबको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे मैं बहुत टाइम से आप सबके सामने लाना चाहता था, लेकिन ना जाने क्यों डरता था। आज वो घटना बता रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि ये आपको पसंद आएगी।
ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली की है, जो करीब एक साल पुरानी बात है। दोस्तों, कहानी शुरू करने से पहले बता दूँ कि मेरी हाइट 5 फीट 7 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है। मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली का फिगर 34-30-32 है और वो दिखने में बहुत खूबसूरत है।
हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं और मैं हमेशा सेक्स के बारे में थोड़ा ज्यादा सोचता हूँ। मेरी इच्छा थी कि किसी अनजान लड़की के साथ जबरदस्ती एक रात सेक्स करूँ। ये बात मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को भी बताई थी और उससे हमेशा ऐसी बातें करता था। मैंने उससे कहा था कि अगर उसकी कोई सहेली हो जो मेरी तरह सोचती हो, तो मेरी उससे बात करवा देना।
एक दिन उसका कॉल आया और उसने मुझे अपने घर बुलाया। फिर उसने कहा कि मेरी एक सहेली ने तुम्हें अपने घर बुलाया है, उसे तुमसे कुछ जरूरी काम है, प्लीज उसकी हेल्प कर दो। मैंने हाँ कहा और हम दोनों उसके घर चले गए। हमने डोरबेल बजाई तो उस सेक्सी लड़की ने दरवाजा खोला। मेरी गर्लफ्रेंड ने उससे हैल्लो किया, गले मिली और फिर मेरा उससे इंट्रोडक्शन करवाया। मैंने अपना नाम बताया और उससे हाथ मिलाया। उसने हमें अंदर बुलाया और बैठने को कहा। फिर वो हमारे लिए पानी लेने चली गई।
वो वापस आई और हमें पानी पिलाया। फिर उसने मेरी गर्लफ्रेंड से कहा, “तुम लोग थोड़ी देर बैठो, मैं नहाकर आती हूँ,” और वो रूम में चली गई। मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से कहा, “क्या यार, काम भी उसे है और वो अभी तक तैयार नहीं है, पता नहीं कितना टाइम वेस्ट करवाएगी?” उसने कहा, “थोड़ा सब्र कर, मैं उससे बोल दूँगी कि वो तुझे वेट करने का थोड़ा रिवॉर्ड दे दे, अब तो खुश ना?”
मैं मान गया। तभी मेरी गर्लफ्रेंड का फोन बजा, उसने बात की और कहा, “तू यहीं बैठ, उसका काम करवा देना, मुझे इमरजेंसी आ गई है, मुझे जाना पड़ेगा।” मैंने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वो चली गई। उसकी सहेली ने पूछा, “क्या हुआ, तुम कहाँ जा रही हो?” उसने कहा, “तू आराम से नहा ले, ये तेरा काम कर देगा, मुझे जरूरी काम आ गया है,” और वो चली गई। उसकी सहेली ने मुझे देखकर स्माइल की, मैंने भी स्माइल वापस की।
दोस्तों, उसे देखकर मेरा मन कर रहा था कि उसके साथ नहाने चला जाऊँ। वो बहुत सेक्सी थी, उसके बड़े-बड़े बूब्स उसकी मैक्सी से बाहर आने को तैयार थे। उसकी बड़ी गांड मुझे अपनी तरफ खींच रही थी। मैं पागल हो रहा था और मन ही मन उसके लिए ना जाने क्या-क्या सोच रहा था। तभी उसने कहा, “तुम थोड़ी देर और बैठो, मैं बस नहाकर आती हूँ,” और वो बाथरूम चली गई। दो मिनट बाद उसने मुझे आवाज दी, “अनुज, मैं साबुन भूल गई, प्लीज अलमारी से नया साबुन निकालकर दे दो ना।”
मैंने कहा, “ठीक है,” और उसके रूम में गया। अलमारी खोली तो सामने ब्रा और पैंटी पड़ी थीं। मेरा मन फिर डगमगा गया, मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उठाई, सूंघी और उसकी चूत के बारे में सोचने लगा। तभी उसकी आवाज आई, “क्या हुआ, साबुन मिला कि नहीं?” मैंने जल्दी से ब्रा-पैंटी वापस रखी और साबुन ढूँढकर उसे दे दिया। साबुन देते वक्त बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला था और शीशे में मैंने उसे नंगा देख लिया। वहाँ साबुन-शैम्पू पहले से रखे थे। उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझ पर पानी डाल दिया। मैं होश में आया और कहा, “ये क्या कर रही हो?” मैं साबुन देकर पीछे हट गया।
दो मिनट बाद उसने फिर आवाज दी, “अनुज, सॉरी यार, मैं शैम्पू भी भूल गई, प्लीज वो भी दे दो।” मुझे समझ आ गया कि उसके मन में क्या है। मैंने पूछा, “शैम्पू कहाँ है?” उसने कहा, “रूम में होगा।” मैंने ढूँढा, शैम्पू नहीं मिला, लेकिन नीचे कंडोम के पैकेट्स मिले। मैंने कपड़े उतारे और बाथरूम की तरफ गया। उसने दरवाजा खोला, मैं अंदर चला गया।
वो उल्टी खड़ी थी, उसे पता नहीं चला। मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया। वो बोली, “ये क्या कर रहे हो?” उसने मुझे धक्का दिया, मैं दीवार से टकराया। फिर वो मेरे पास आई और मेरे होंठों पर किस कर दिया। मैं सब भूल गया और उसे किस करने लगा। एक हाथ से उसके बूब्स पकड़े, दूसरा चूत पर रखा। जैसे ही उंगली डाली, उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी। मेरे अंदर आग लग गई थी।
मैंने उसकी चूत में उंगली का झटका मारा, हम जोश में किस करने लगे। मैं उसके बूब्स दबाने और चूसने लगा। उसके बूब्स गोरे, बड़े और निप्पल हल्के भूरे, कड़क थे। वो सिसकियाँ ले रही थी और मेरा लंड हिला रही थी। फिर उसने मेरा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी। मैं उसके मुंह को पकड़कर धक्के मारने लगा और 5-10 मिनट बाद उसके मुंह में झड़ गया।
हम बाथरूम से बाहर आए, बेडरूम में गए। उसने कंडोम निकाला, बेड पर फेंका और लेट गई। मुझे शरारती इशारा करके बुलाया। मैं उसके ऊपर लेटा, उसे चूमने और चूत में उंगली करने लगा। वो मेरा लंड हिलाने लगी। मेरा लंड खड़ा हो गया। उसने उसे मुंह में लिया, चूसा, फिर कंडोम चढ़ाया और सीधी लेट गई। मैंने लंड उसकी चूत पर लगाया, एक जोरदार धक्का मारा, वो चिल्लाई, “उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह।” दूसरा झटका मारा, पूरा लंड अंदर चला गया। वो चीखी, “प्लीज थोड़ा आराम से।”
मैं धीरे-धीरे करने लगा, फिर तेज धक्के देने लगा। वो गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी। वो झड़ गई, लेकिन मैं चोदता रहा। फिर उसने कहा, “डॉगी पोज़िशन,” और वो घुटनों पर बैठ गई। मैंने पीछे से लंड डाला और चोदने लगा। हम दोनों एक साथ झड़ गए और लेट गए।
मैंने पूछा, “थक गई?” उसने कहा, “हाँ।” मैंने कहा, “अभी तो शुरूआत है।” मैंने कंडोम निकाला, उसके मुंह में उड़ेल दिया। उसने मेरा लंड चाटकर साफ किया। मैंने दूसरा कंडोम लगाया और उसकी गांड पर लंड रखा। वो बोली, “नहीं, गांड में बहुत दर्द होगा।” मैंने समझाया, “थोड़ा दर्द होगा, लेकिन मज़ा भी आएगा।” मैंने झटका मारा, वो चिल्लाई, “बस करो, बहुत दर्द हो रहा है।” मैंने पूरा लंड अंदर डाल दिया। वो चीखती रही, लेकिन मैं धीरे-धीरे करने लगा। उसे मज़ा आने लगा, वो दो बार झड़ी, फिर मैं भी झड़ गया।
उसने कहा, “वाह, आज पहली बार चुदाई का असली मज़ा आया। तुमने मेरी चूत और गांड दोनों को संतुष्ट कर दिया।” मैंने कहा, “हाँ, मुझे भी मज़ा आया।” मैं नहाने गया, वो भी साथ आई। हमने साथ नहाया, नाश्ता किया। मैंने पूछा, “वो क्या काम था जिसके लिए मुझे बुलाया था?” उसने हँसकर कहा, “जो काम था, वो पूरा हो गया।” मैं समझ गया।