हर्षिता की चूत में मेरा लण्ड
Harshita Ki chut me mera lund
हेलो दोस्तो, मेरा नाम नुमाइश है (बदला हुआ)।
वैसे तो मेरे बहुत सारे अफेर्स रह चुके है, लेकिन ये मेरी पहली कहानी है जो मैं आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ।
एक सेक्स वाला कांड मेरे बचपन में भी हुआ था लेकिन तब मैं थोड़ा सा छोटा था पर ये वाली कहानी तब की है जब मैंने अपनी बारहवीं क्लास के एग्ज़ॅम के बाद कंप्यूटर क्लास ज्वाइन किया था।
मेरी क्लास में 17 लोग थे, लेकिन उनमें से एक बेहतरीन और खूबसूरत लड़की थी जिसका नाम हर्षिता था।
वैसे तो लड़की पाटने में मैं माहिर था लेकिन उस लड़की को मैंने पाटने का नहीं सोचा था। लड़की का फिगर ३४-२६-३४, रंग गोरा और मस्त पर्सनॅलिटी थी।
वहाँ क्लास में सब उसे पटाना चाहते थे, लेकिन मैंने अपने अंदाज़ से उसे पटाया। मैं ना सिर्फ़ उसे पटाना चाहता था बल्कि सेक्स करने का मौका भी देख रहा था।
इसी तरह हमारी दोस्ती हुई और हमारा मिलना जुलना बढ़ने लगा। मैं उसे हमेशा एक होटेल ले जाता, जहाँ हम कुछ खाते और टाइम पास करते।
एक दिन मैंने उसे बातों ही बातों में किस कर लिया और वो थोड़ी शर्मा गयी पर बात वहीं खत्म हो गयी।
बाद में हम एक दिन मूवी देखने गये थे और वहाँ धीरे से मैंने उसके दूध को छू लिया और उसे धीरे से पास ला कर उसे किस करने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी और मैंने धीरे से उसके सूट के अंदर हाथ डाल दिया और उसके निप्पल को दबाने लगा, वो भी गरम होने लगी और धीरे से मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोल दी और अपना लण्ड बाहर निकाल कर उसे पकड़ा दिया।
पहले तो वो आना कानी कर रही थी लेकिन उसने फिर मेरे लण्ड सहलाना शुरू कर दिया और धीरे से मैंने उसके सलवार के अंदर हाथ डाल दिया।
अब मैं उसके छेद में अपनी उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा। बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे।
उस समय टाकीज़ लगभग खाली था, इसलिए हमें कोई परेशानी नहीं हो रही थी।
फिर मैंने उसे झुका कर अपना लण्ड उसके मुँह मे डलवा दिया वो मना कर रही थी लेकिन मैंने उसे कसम देकर माना लिया।
हम दोनों कुछ देर बाद झड़ चुके थे और पिक्चर भी ख़त्म होने वाली थी तो हमने अपने कपड़े ठीक किए, फिर वहाँ से चल दिए।
उस कांड के बाद से मेरे मन में उसे चोद्ने की बहुत इक्छा हो रही थी लेकिन गड़बड़ ये हुई कि साला रूम का जुगाड़ नहीं हो पा रहा था।
लेकिन जैसे-तैसे मैंने रूम का जुगाड़ किया और मैं जैसे-तैसे उसे उस रूम में ले कर आया।
लड़की भी समझ ही गई थी कि आज तो वो चुद्ने वाली है।
फिर मैंने उसे रूम पर बिठाया, पानी पिलाया।
थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करने के बाद मैंने उसे किस करना चालू किया, वो भी मेरा साथ दे रही थी।
फिर मैंने उसे नीचे गद्दे पर लेटाया और उसे किस करना चालू किया। धीरे-धीरे मैंने उसका सूट उतारा। फिर एक ही हाथ से मैंने उसके ब्रा के हुक खोल दिए।
जब मैं उसका नीचे का पायजामा उतार रहा था तब उसने मना करना चालू कर दिया। उसने नाडा इतना टाइट बाँधा था कि मैं खोल नहीं पा रहा था।
मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था, लेकिन मैंने शांति से काम लिया। वो अब तक सिसकारियां लेने भी लगी थी तो मैंने उसे कसम दे कर शांत कराया और उसका नाडा खुलवाया।
अब मेरा लण्ड तो उछलने लगा था और फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत में धीरे से किस किया और उसके मुँह से आवाज़ निकली – आहह…
उसकी चूत के वो दर्शन मैं ज़िंदगी भर नहीं भूल पाऊँगा।
अब मैंने उसके दूध को दबाना चालू किया, फिर वो भी थोड़ी गरम होने लगी।
जैसे ही मुझे लगा कि वो गरम होने लगी है, मैंने उसे अपना फूला खड़ा हुआ लण्ड दिखाया।
उसकी तो गाण्ड ही फट गयी। वो बोली – ये अंदर कैसे जाएगा?
मैंने मन ही मन कहा – जब नाडा खुलवाने में टाइम नहीं लगा तो लण्ड अंदर जाने में कैसे टाइम लगेगा।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में रखा और उसने कहा – देखो, ये मेरी ज़िंदगी का पहला सेक्स है।
मैंने कहा – जानू, तुम्हे दर्द का पता ही नहीं चलेगा और मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपना लण्ड डाला, मेरा लण्ड अटक गया।
मुझे यकीन हो गया कि मुझे फ्रेश और फर्स्ट हैंड चूत मिली है। फिर क्या था, मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा उसकी चूत में।
वो खलबला गई, खून निकल रहा था।
मैंने जैसे तैसे अपना लण्ड निकाला, खून साफ किया और उसकी चूत में थोड़ा सा तेल लगा दिया और आपना लण्ड अंदर डालने लगा।
अब तक वो भी गरम होने लगी थी और मेरा साथ देने लगी थी।
इसके बाद हमने मस्त चुदाई की।
मेरी कहानी अगर अच्छी लगी तो मैल ज़रूर करना…