हिंदी सेक्स स्टोरी

जवान पत्नी को रात भर चोदने के लिए आदमी बुलाया-2

मुझे लगा किसी गीली गर्म ग़ुफा मे मेरा लोड़ा घुस गया हो. पिया वैसे तो चुदी हुई थी लेकिन फिर भी उसकी चूत काफी टाइट निकली.
प्रिया ने ऊपर लेटे लेटे ही झटके मारने शुरू कर दिए और बाकी आधा लंड भी खा गयी . पूरा लंड घुसते ही उसको पता लग गया कि उसकी चूत इतना भारी लंड नहीं ले पा रही है.

उसने अपनी गांड ऊपर उठायी और लंड को चूत से थोड़ा बाहर निकालकर झेलने लायक़ बनाया.

फिर उसने धीरे धीरे पोजीशन बनायी और चूत को लंड का वार झेलने के दोबारा काबिल बनाया.

उसने धीरे से खड़े लंड पर अपनी चूत के छेद को सेट किया और हौले हौले सावधानी से मेरा लंड उसकी तंग ग़ुफा मे घुस गया.

प्रिया मे जोर से एक सेक्सी चीख मारी और बोली – साले तू अब तक कहाँ था? अब तक आया क्यों नहीं?
मेरे जैसी चूत को चोदने के लिए पूरे गाँव के लड़के, बूढ़े लार टपकाते हुए आगे पीछे मंडराते हैँ. ‘

और देख चूत मिली तुझे है!! जिसको मैं जानती तक नहीं. कितना किस्मत वाला है तू!

मैंने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि मेरे होंठ उसके मोटे मोटे बूब्स का रसपान कर रहे थे. लेकिन हाँ उसकी बात सौ प्रतिशत सच थी क्योंकि ऐसी लड़की बहुत तगडी किस्मत से ही नसीब हो सकती है.

अब मेरा हाथ उसकी चौड़ी गांड पर ऊपर नीचे हो रहा थे.
प्रिया अभी तक मेरे ऊपर थी और अपने हिसाब से चूत मे लंड को अन्दर बाहर किये जा रही थी.

लड़की को चुदाई का कंट्रोल अपने हाथ में लेने में बड़ा मजा आता है..
प्रिया वही काम कर रही थी. चुदाई का पूरा कंट्रोल उसके हाथ में था.
यह कहना चाहिए चूत का पूरा कंट्रोल उसकी चूत के हाथ में था. उसको अब तक मेरे लंड की साइड का अंदाजा आ चुका था और वह उसकी पैमाइश के हिसाब से ही अपनी चूत को उपर नीचे कर रही थी.
हम दोनों को कसम से गजब मजा आ रहा था.
सोच कर देखिए एक अनजान लड़की, पराई लड़की आपके खुद बुला कर, अपने घर मे बिना किसी डर के, बिना पैसे के चुद रही हो, आप का लंड खा रही हो तो कैसा लगेगा!! बिल्कुल ऐसा ही मेरे साथ हो रहा था.
इतनी मस्त चूत, खूबसूरत लड़की मेरे ऊपर अपनी चूत मे मेरा लंड फंसाए पड़ी है, ऐसा सोचकर मुझे खुद अपनी किस्मत पर यकीन नहीं आया.
दोस्तों पूरी रात हमारी उठा पटक चलती रही. सुबह होने वाली थी . लेकिन मेरे मजबूत लंड और उसकी टाइट मस्तानी चूत का घमासान ख़तम नहीं हुआ था.

ना तो लंड हार मार रहा था और ना ही चूत अपने हथियार ड़ाल रही थी. दोनों तरफ से जबरदस्त जंग जारी थी.

उसका पति विजय आराम से सोता रहा.
मैंने मन ही मन उसकी तारीफ की. देखो कितना अच्छा पति है. क्योंकि उसको पता है कि मैं दूर से आया हूं और कभी-कभी ही चोद पाऊंगा, आज की पूरी रात की कमान उसने मुझे हाथ में दे दी है . मैंने मन ही मन उसकी बहुत सराहना की.
प्रिया को चोदते चोदते कई घंटे हो चुके थे लेकिन अब तक डिस्चार्ज नहीं हुआ था.
प्रिया को मैंने बोल रखा था कि मैं जब चाहूंगा तभी पानी छोडूंगा, इसलिए मन हो तो मुझे बता देना मैं तभी डिस्चार्ज करूंगा जब तुम कहोगी.
क्योंकि मैं तो आदमी हूं, मुझे तो मजा आ ही जाना है. लेकिन तुम औरत हो. औरतों का पानी बहुत मुश्किल से निकलता है. तुम्हारा डिस्चार्ज किये बिना मेरा हो गया तो मेरा आना जाना बेकार हो जाएगा.
प्रिया को यह बात बहुत अच्छी लगी. बोली – हाय, तुम तो कमाल के चुददकड़ और बढ़िया आदमी हो. अक्सर आदमी तो अपना झाड़ के एकदम अलग हो जाते हैं औरतों के बारे में कुछ सोचता ही नहीं कि यह संतुष्ट हुई है या नहीं हुई है.”
तुम आज पहली बार मिले हो इसलिए मैंने पहले ही सोच रखा था कि अगर तुम मेरे मतलब के हुए तो मैं पूरी रात मज़ा दूंगी और मज़ा लूंगी ताकि यह एक यादगार रात बन जाये.”
सुबह 4j के करीब बज चुके थे प्रिया का हस्बैंड उठ गया.
बोला -“गांव का मामला है आपको अभी जल्दी निकलना पड़ेगा. लोग उठ गए हैँ. आसपास के लोग पूछेंगे कि यह आदमी कौन है और यहां क्या कर रहा है? ”
“इसलिए अभी अंधेरा है आप फटाफट फारिग करो और मैं आपको बाहर स्टेशन पर ट्रेन में छोड़ कर आता हूं.”
चुदते चुदते प्रिया भी हमारी बात सुन रही थी. बोली-“हां गांव का माहौल है. दूर है. रिस्क है. तभी तो यहाँ कोई आता नहीं. तुम ही हो जो आये हो. आपको जल्द से जल्द जाना पड़ेगा क्योंकि मज़े मज़े मे मुझे भी समय का आईडिया नहीं रहा”
दोस्तों इतनी सुन्दर, सेक्सी, प्यारी चूत मे पानी निकालने का अभी तक मूड नहीं था. दिल करता था इतनी तंग और कम चुदी चूत को चोदता ही रहूं लेकिन अब एक मजबूरी थी. मैंने कहा – ” जी आप सही कह रहे हैँ. आप मुझे सिर्फ 15 मिनट दीजिये”

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और यह कहकर मैं प्रिया से बोला – चलो डिस्चार्ज करते हैँ. ”

और यह कह कर मैंने उसको अपने नीचे लेटा लिया. मैंने उसकी लम्बी, चिकनी टाँगे ऊपर आसमान मे उठा दी. फिर दोनों टांगो को कैंची बनाकर उसके मोटे मोटे बूब्स पर चिपका सा दिया. इस तरह उसकी चूत उभरकर,अपना मुँह निकालकर छत की तरफ देखने लगी.

मैने उसकी चिकनी जांघो से अपना शरीर चिपका दिया. फिर मैंने अपनी दोनों कोहनियो को उसके सिर से पास उसके कंधो से जकड़ दिया. इस तरह मैंने अपनी कमर और कोहनी से उसको लॉक सा कर दिया. अब वो ऊपर नीचे नहीं हो सकती थी.

अब मैंने मन ही मन सोचा – बेटा राहुल अब वो पल है, जिसको 5 6 घंटे से रोका हुआ है. इसलिए वो काम होना चाहिए कि प्रिया को जिंदगी भर याद रहे.

और इतना सोचकर मैंने अपना लम्बा लंड उसकी चूत की सीध मे किया और एक झटके मे पूरा लंड अन्दर जा घुसा. इतनी देर से चुदकर उसकी चूत के स्प्रिंग काफी ढीले हो गए थे. लेकिन फिर भी चुदने की इस पोजीशन मे यह स्ट्रोक उसकी बच्चेदानी के मुँह पर जा कर लगा और वो आनंद और दर्द के मारे तड़प उठी. लेकिन नीचे मेरे लंड नें और ऊपर मेरी कोहनियों नें उसको हिलने का कोई चांस नहीं दिया था. मैं लम्बे लम्बे शॉट मारता गया और हर हर शाट पर प्रिया की तड़प देखने लायक थी.

बोली-” आज ही मेरी जान निकाल दोगे तो अगली बार किसे चोदोगे!”

उसको दर्द तो हो रहा होगा लेकिन हसीनाओं की यही अदाएं भगवान नें इन्हेँ दी हुई हैँ. इन्ही अदाओं से मर्द लोग बावले पिल्ले की तरह इन पर मरते हैँ.

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मैंने अपना काम जारी रखा और अपने हाथ उसकी चौड़ी गांड के नीचे ले गया और अपनी हथेलियों से उसकी गांड को ऊपर उकसा दिया.

अब उसकी चूत मेरे लंड के और नजदीक आ गयी और मैंने तगड़े तगड़े झटके मारने शुरू कर दिये. कमरे की शांति मे फट फट की आवाज़ मधुर संगीत का काम कर रही थी.

इतनी सर्दी होने के बावजूद हम दोनों के नंगे बदन पसीने से तर बतर हो गए थे. उसका सुगन्धित पसीना भी कामोतेजना को चरम सीमा तक ले जा रहा था.

नीचे से मेरी हथेलियों नें उसकी गांड को जकड़ रखा था. अचानक से मैंने कहा-” प्रिया मेरा निकलने वाला है. छोड़ दूँ क्या और माल चूत मे ही डालना है क्या? ”

प्रिया बोली -” हाँ मेरा 3 बार हो चुका है, अब लास्ट मे तुम्हारे साथ करुँगी, तुम अंदर ही छोड़ना. बिना कंडोम के चुद रही हूँ तो मैंने दवा खा रखी है.”

चूत मे माल डालने की बात सुनकर मैंने आखिरी के बचे खुचे झटके मारे और उसके होंठ अपने होंठो मे चूसते हुए मेरा इतनी जोर से विस्फोट हुआ कि लगा लंड मे कोई बम फट गया हो. और मेरे लंड नें गरमा गर्म लावा उसकी चिकने चूत मे उगलना शुरू कर दिया.

मेरे झड़ते ही प्रिया का तपता हुआ शरीर बहुत जोर से कांपा और वो आह आह की मीठी आवाज़ निकालकर एकदम ठंडी हो गयी और अपने हाथों से मुझे बुरी तरह चिपका लिया.

मुझे बिलकुल महसूस हो रहा था कि उसकी चूत ढीली हो गयी थी और उसके पानी नें मेरे लंड को भी भिगो दिया था. चूत और लंड का पानी आपस मे मिलकर हमारी चुदाई की हसीन कहानी बयान कर रहा था. मुझे लगा कि न जाने कितने वर्षों के बाद मैं आज जितना आज डिस्चार्ज हुआ हूँ.

तस्सली बक्श लम्बी चुदाई और पूरी संतुष्टि पाने के बाद प्रिया एकदम शांत होकर बहुत खूबसूरत लगा रही थी. उसने मेरे कान मे फुसफुसाते हुए कहा- राहुल आज पहली बार आज इतनी बार झड़ी हूं.चूत में से पानी का निकलना तो मैं भूल ही चुकी थी. हाय मुझे तो पता ही नहीं था कि इस खेल मे इतना मज़ा भी आता है!”
मैंने कहा-” हाँ, आता है. बशर्ते खिलाड़ी अच्छा हो ”

इतना कहकर मैंने अपना लंड निकाला और लंड महाराज सिकुड़कर निकल आये.

मैंने प्रिया को पप्पी दी. उस दिल से शुक्रिया कहा. उसने कहा -” गाँव समझकर आगे आने से मना मत कर देना. आपका भी बहुत thanks जो अपने मुझे जन्नत के नज़ारे दिखाये. “आ

आइन्दा मिलने का वादा करके मैंने अपने कपड़े पहने और उसके हस्बैंड के साथ बाइक पर बैठकर बाहर चल दिया.

उसके हस्बैंड ने रास्ते पूछा -“भाई साहब मजा आया नहीं आया. ”

मैंने कहा-” इतना मजा जिंदगी में कभी नहीं आया.इतनी प्यारी चीज आपने मुझे दी. इसके लिए मैं आपका दिल से थैंक्स करता हूं.”
वो बोला -“मैं भी पूरा सोया नहीं था.क्योंकि मुझे भी डर था कि अनजान आदमी पहली बार मेरी पत्नी को चोद रहा है और कहीं कुछ ऐसी वैसी हरकत ना हो जाए. आप इसको जोर से ना चोद दें और शोर ना मैच जाए. इसलिए मैं जगा हुआ था. सोने की एक्टिंग कर रहा था.”
मैं देख रहा था कि प्रिय आपके साथ बहुत इंजॉय कर रही है.मैं यही चाहता था. आपको यहां लाने का मकसद भी यही था. ”

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उसने रास्ते में बताया कि हम दोनों पति पत्नियों को किसी मर्द से चुदवाने का एक सपना था जो आज पूरा हुआ .
विजय ने कहा -” मैं न जाने कितने साल से किसी मर्द को यहां लाने की सोच रहा था,लेकिन यहां दूर देहात करके हर आदमी यहाँ आने से कतराता है. गांव में जाकर कोई भी खुश नहीं होता.”
“आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आप यहां आए इतनी दूर आए आपने इतनी प्यार से मेरी पत्नी को चोदा और हम हंड्रेड परसेंट सेटिस्फाइड हैँ.”
“हमें बड़ी खुशी है कि हम एक अच्छा दोस्त मिला है.
मैं प्रिया को आपका नंबर दे दूंगा और वह जब चाहेगी आपसे बात कर लेगी और हम चाहेंगे आप आगे भी उसको जरूर चोदे.”
“क्योंकि आपके मोटे लंड से चुद कर वह बहुत खुश हुई है.”
फिर उसने बताया कि वह पहले किसी आदमी को लेकर आया था. लेकिन वह सिर्फ 2 मिनट चला.उसके बाद डिस्चार्ज हो गया. उसके बाद से इनका मूड बहुत खराब हो गया था. इनको लगाया पता नहीं हमें कोई ढंग का आदमी मिलेगा भी या नहीं.
लेकिन आप मिल गए हैं हम इस बात की दिल से खुशी है और आप कृपया हमारा साथ छोड़ना मत. हम जब भी बुलाएं आप आ जाना.”
मैंने भी कहा भाई साहब आपकी पत्नी जितनी खूबसूरत लड़की मैंने कभी नहीं चोदी.
इतनी लंबी चौड़ी गांड,इतने बड़े-बड़े बूब्स, इतनी सुन्दर, इतनी जवान, छोटा सी टाइट चूत, उफ़.!!! लंबे लंबे हाथ…. कसम से यह तो सेक्स की जीती जाती प्रतिमा है.”
और मैं बहुत लकी हूं जो मुझे ऐसी सेक्सी लड़की को चोदने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
तब तक रेलवे स्टेशन आ चुका था. उस ने मुझे छोड़ दिया. ट्रेन भी आ चुकी थी. मैं ट्रेन में बैठा और इस अविश्वशनीय सी घटना को सोचता हुआ अपने घर आ गया.
दोस्तो यह थी मेरी सच्ची घटना. इस घटना का एक-एक शब्द सच्चा है.
मेरी ईमेल आईडी मैंने नीचे दी हुई है.
दोस्तों कहानी पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया कृपया मुझे मेल करके बताएं कि यह कहानी आपको कैसी लगी.
मेरे पास ऐसे बहुत अनुभव हैँ कि मैं कपल के पास गया हूं और उनकी बीवी को उनके सामने चोदा है. कई बार सिंगल लेडीज नें भी बुलाया है. मुझे महिलाओँ की मेल का इंतेज़ार रहेगा.
मुझे जरूर बताएं कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
आगे आपको अपने और भी अनुभव साझा करूंगा.

धन्यवाद.

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