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जीजू बताइए न किसकी चूची बड़ी है-2

मैंने कहा – सिर्फ थ्योरी से ही काम नहीं चलेगा, कुछ प्रेक्टिकल भी करना होगा.

दोनों ने कहा – हाँ जीजू, कुछ प्रेक्टिकल कीजिये ना.

मैंने कहा – पहले किस से साथ करूँ.
मोनिका ने कहा – मेरे साथ, क्यों कि यहाँ मै बड़ी हूँ.

अन्नू ने कहा – हाँ ये ठीक है, तब तक मै देखती हूँ और जानूंगी कि कैसे क्या होता है.

मैंने कहा – ठीक है.

और मै मोनिका के बदन पर लेट गया और अन्नू बगल में ही लेट कर चुचाप देख रही थी. मै मोनिकाके नंगे मखमली बदन पर लेट कर उसके हर अंग को चाटने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.मैंने उसके बुर को चाटना चालु किया तो वो सिसकारी भरने लगी. लेकिन मै उसके बुर के रस कोछोड़ भी नहीं पा रहा था. इतना नरम और रसीला बुर था मानो लग रहा था कि लीची को उसकाछिलका उतार कर सिर्फ उसे चाट रहा हूँ. उसके बुर ने पानी छोड़ दिया. मै उसके बुर को छोड़ फिरउसके चूची को अपने सीने से दबाया और

मैंने पूछा- अपनी चूत चुदवाओगी?

मोनिका ने कहा- हाँ .

मैंने कहाँ – ठीक है. तो तैयार हो जा प्रैक्टिकल के लिए

मैंने उसके दोनों टांगो को अलग किया और चूत के छेद का मुआयना किया. उसमे उंगली डाल करउसे फैलाया फिर अपना लंड को उसकी चूत के छेद पर रखा और और धीरे धीरे लंड को उसके चूत मेंघुसाना चालु कर दिया.

ज्यों ही मैंने लंड डाला वो चीख पड़ी- आ ….. यी….आह…

मैंने कहा – क्यों री. चूत में बैगन डाल के मुठ मारती हो और लंड लेने में तुझे परेशानी हो रही है.

मोनिका ने कहा – हाय राम, आपका लंड किसी बैगन से कम मोटा नहीं है. और ये काफी सख्त भी तोहै. बैगन तो नरम होता है.

मैंने कहा – हाँ वो तो है. लेकिन सख्त लंड से ही तुझे मज़ा आएगा. तेरी झिल्ली फटी है कि नहीं अभीतक?

मोनिका ने कहा — नहीं..

मैंने कहा – फाड़ दूँ तेरी झिल्ली?

मोनिका ने कहा – अब देर ना करो जीजू. जो भी करना है जल्दी करो. मेरे चूत में अपना इतना मोटालंड डाल कर इतने सवाल कर कर के मुझे यूँ ना सताओ.

उसका चूत एकदम नया था. मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसके चूत में धक्के मारना शुरू किया. मेरालंड उसके चूत के गहराई में गया तो उसकी झिल्ली फट गयी तो वो पूरी तरह चीख पड़ी- आ…..ह…जी…….जू हाय राम…

मैंने कहा – क्या हुआ मोनिका ?

मोनिका ने दर्द भरे स्वर में कहा – कुछ नहीं जीजा जी . तेरे लंड ने मेरी झिल्ली फाड़ डाली.आह…कितना मज़ा है इस दर्द में. .

मैंने मोनिका को उसके दर्द कि परवाह किये बगैर जोर जोर से चोदना चालू किया. थोड़ी देर में ही उसेआनंद आने लगा. अब वो आराम से बिना किसी शर्म के जोर जोर से बोलने लगी- आह जीजा जी.हाय जीजाजी. जरा धीरे धीरे चोदिये ना. आय हाय कितना मज़ा आ रहा है. आआअ ….ह्ह्ह्ह…. वोसाली ही क्या जिसने अपने जीजा के मज़े ना लूटे हों.

सुन के मुझे उसके हिम्मत पर ख़ुशी हुई और आराम से उसके अंग अंग को देखते हुए चोदने लगा. वोभी जोर जोर से चिल्लाने लगी- हाय…आआअह्ह्ह्ह….. ओह्ह माँ , ओह जीजू, हाय रे आःह्ह्ह……..

मै उसकी नंगे बदन पर लेट कर उसकी चुदाई कर रहा था. मैंने चुदाई करते समय अन्नू कि तरफदेखा तो वो भी काफी खुश लग रही थी.

मै उसे चोदता रहा. थोड़ी देर में मोनिका के चूत से पानी निकलने लगा. मेरे लंड ने भी पानी छोड़ देनेका सिग्नल दे दिया.

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मैंने मोनिका से कहा – बोल कहाँ गिरा दूँ माल?

वो बोली- मेरे मुह में.

मैंने अपने लंड को उसके चूत से निकाला और अभी उसके मुह में भी नही डाला था कि मेरे लंड नेमाल छोड़ना चालु कर दिया. इस वजह से मेरे लंड का आधा माल उसके मुह में और आधा मालउसके गाल और चूची पर गिर गया. फिर भी वो प्यासी कुतिया की तरह मेरा लंड चूसती रही.

उसने अन्नू को अपनी चूची दिखाई और कहा – अन्नू ले माल को चाट. मज़ा आएगा.

अन्नू ने बिना देर किये मोनिका के चूची को चाटना शुरू कर दिया और उस पर गिरे मेरे माल को चाटचाट कर खा गयी.

मुझे काफी मज़ा आ रहा था. लेकिन मैंने गौर किया कि अन्नू भी काफी अंगडाई ले रही थी. इसकामतलब कि अब उसके चूत में भी खुजली हो रही थी.

मैंने मोनिका को कहा – अब तेरी छोटी बहन की बारी है. देख तो कैसा अकड़ रही है?

मोनिका अपनी चूत को साफ़ करती हुई बोली- इसकी तड़प को रोकने का एक ही उपाय ये है कि इसेभी अभी चोद दीजिये. .क्यों री अन्नू? चुदवायेगी ना? बहुत मज़ा आएगा.

अन्नू बोली- लेकिन दीदी , तू तो अभी करह रही थी लग रहा था कि तुझे काफी दर्द हो रहा था .
मोनिका – अरी पगली , वो दर्द नहीं ..मज़ा था री . तू भी चुदवा के देख ना

अन्नू ने कहा – लेकिन दीदी तुने ही तो एक दिन कहा था कि चूत पर पहला हक पति का होता है ?

मोनिका – धत पगली .. साली के चूत पर पहला हक तो जीजा का ही होता है न. चल अब ये सब छोड़. और लेट जा .. देख जीजू अभी तुझे जन्नत की सैर करायेंगे .

अब मैंने अन्नू को अपने नीचे लिटाया और उसकी चूची को छूने लगा. मुझे पता था कि ये लड़कीअभी गरम है. इसे काबू में करना कोई मुश्किल काम नहीं है. मै उसी चूची को दबाने लगा. वो कुछनहीं बोल रही थी सिर्फ मुस्कुरा रही थी. . मैंने एक हाथ उसकी चूत पर हाथ ले गया. ओह उसकी चूततो बिलकूल गीली थी. मैंने अब कोई तकल्लुफ नहीं किया अब वो पूरी तरह से मेरी गिरफ्त में थी. मैउसके होठों को बेतहाशा चूमने लगा. अब वो भी मुझे जोरदार तरीके से मेरे होठों को चूमने लगी. अबवो मेरा साथ देने लगी थी. वो भी दीदी कि चुदाई देख कर मस्त हो चुकी थी. उसकी चूची तो मोनिकाकि चूची से भी नरम थी. आखिर उसकी चूत का भी मैंने उद्धार किया और और उसकी चूत में अपनालंड डाल दिया. लेकिन जैसे ही मैंने डाला वो चीखने लगी . उसकी चूत का छेद अभी छोटा था .

मोनिका ने कहा – एक मिनट जीजू .. ये क्रीम इसकी चूत में डाल दीजिये ना . तब चोदिये . तब इसेदर्द नहीं होगा .
मैंने अन्नू के चूत से अपना लंड निकाल लिया . मोनिका ने वेसलिन क्रीम को अन्नू की चूत परअच्छी तरह से माला . अन्नू चुप चाप अपने चूत पर वेसलिन लगवा रही थी .

मैंने अन्नू की चूची को दबाते हुए कहा – मोनिका , तुने तो अपनी चूत पर वेसलिन नहीं लगाया .

मोनिका ने कहा – मुझे तो मोटे बैगन अपने चूत में डालने की आदत है ना . ये अन्नू की बच्ची तोसिर्फ मोमबत्ती ही डालती है अपनी प्यारी सी चूत में. इसलिए आपका मोटा लंड इसे चुभ रहा है .लेकिन अब नहीं चुभेगा . मैंने वेसलिन डाल दिया है इसके चूत में अब आप इसके चूत में अपना लंडबेहिचक डालिए. .

मैंने फिर से अन्नू के चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालना शुरू किया . इस बार भी वो थोड़ी चीखीलेकिन जल्दी ही अपने आप पर काबू पा ली. 4-5 शोट में ही उसकी भी झिल्ली फट गयी और उसकेचूत से बलबला के खून निकलने लगा . लेकिन मैंने लंड के धक्के से उसकी चुदाई जारी रखी. थोड़ीदेर में ही उसकी चूत भी खुल गयी. वो भी अपनी दीदी कि तरह जोश में आ गयी थी.. उसने अपनेदोनों हाथो से मेरी गर्दन को लपेट कर मेरे होठो को चूमने लगी. उसकी जम कर चुदाई के बाद मेरे लंडसे भरपूर माल निकला जो कि उसके चूत में ही समा गया.
मै अपना लंड उसके चूत से निकाल कर उसके बगल में लेट गया.

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तब मोनिका ने अन्नू की चूची को दबा कर बोली- क्यों बहना, मज़ा आया ना?

अन्नू ने कहा- हाँ दीदी. एक बार फिर करो ना जीजू.

मोनिका ने कहा- नहीं पहले मेरी चूत में भी रस डालिए तब अन्नू की बारी.

मोनिका मेरे बगल में लेट कर अपने दोनों टांगो को आजु बाजू फैला कर अपनी चूत मेरे सामने पेशकर मुझे छोड़ने का न्योता देने लगी. मेरा लंड अभी थका नही था. मै तीसरी बार चूत छोड़ने के लिएतैयार था. मणि झट से उसकी टांगों को अपने कंधे पर रखा और एक ही झटके में अपना लंड उसकेचूत में प्रवेश करा दिया.

मोनिका – हाय राम.. जीजू कितना हरामी है रे तू. धीरे धीरे डाल न..

मैंने कहा – देख कुतिया.. अभी मै तेरी कैसी चुदाई करूंगा कि इस जनम में दोबारा चुदाई का नाम नालेगी तू.

मेरी बात सुन के मोनिका ने हँसते हुए कहा – जा रे हिजड़े.. तेरे जैसे दस लंड को मै अपननी चूत मेंएक साथ डाल लूं तो भी मेरी चूत को कुछ नही होने वाला.

मैंने भी हँसते हुए कहा – तो ये ले… सभाल इसे.

कह कर मैंने काफी जोर जोर से उसके चूत में अपना लंड आगे पीछे करने लगा. पहले तो वो सिर्फअपने होठो को दांत में दाब कर दर्द बर्दाश्त करती रही. लेकिन थोड़ी देर में ही उसकी चीखे निकलनेलगी.. वो हलके हलके स्वर में चिल्लाते हुए कहने लगी – हाय रे.. मादरचोद.. फाड़ डाला रे.. सालेजीजू.. कुत्ता है तू… एक नम्बर का रंडीबाज है. आदमी का लंड है कि गधे का लंड. साले कुछ तोरहम कर मेरी नाजुक चूत पर.
मुझे उसकी गालियाँ काफी प्यारी लग रही थी. उसकी गालियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी. मै जानता थाकि उसे काफी मज़ा आ रहा है क्यों कि इतने दर्द होने के बावजूद वो अपनी चूत से मेरा लंड निकालनेका प्रयास नही कर रही थी.
इस बार मैंने मोनिका के चूत को घमासान तरीके से 20 मिनट तक चोदा. 20 मिनट कि घमासानचुदाई के बाद मेरे लंड से लावा फुट पड़ा. और सारा लावा उसके चूत में ही गिराया. मोनिका की हालतदेखने लायक थी. वो इतनी पस्त हो चुकी थी कि बिना कोई करवट लिए जैसे की तैसी लेटी लेटी हीसो गयी.

मोनिका तो थक कर सो गयी लेकिन अब अन्नू कहने लगी मेरी मुंह में भी रस पिलाईये जैसे दीदी कोपिलाया था. और मेरी भी चूत चूसिये जैसे आपने दीदी की चुसी थी. मेरी भी तो अब हिम्मत नहीं होरही थी. लेकिन मै ये लोभ छोड़ना भी नहीं चाहता था और अन्नू को दुखी भी नहीं करना चाहता था.
.
मैंने कहा- अन्नू, ये मेरा लंड आपके हवाले है. आप इसे चूस कर इस से रस निकाल लीजिये.

अन्नू बोली – ठीक है.

मै बिस्तर पर लेट गया. अन्नू मेरे बदन पर इस तरह से लेट गयी कि उसकी चूत मेरी मुह के ऊपरऔर वो मेरे लंड को अपने मुह में ले ली. वो मेरे लंड को चूसने लगी और मै उधर उसके चूत को चूसरहा था. जवान लड़कियों में रस की कमी नही रहती. उसके चूत से लगातार रस निकल रहा था.सचमुच अद्भुत स्वाद था. उधर मेरा लंड फिर तनतना गया. उसके चूसने का अंदाजा भी निराला था.मैंने उसे फिर से सीधा लिटाया और उसकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रखा. उसकी चूत को दोनोंहाथ से सहलाने के बाद अपना लंड पकड़ कर उसके चूत में डाला. लेकिन मैंने अन्नू को बड़े ही प्यारसे धीरे धीरे चोदता रहा. वो मेरे इसी अंदाज़ पर मज़े ले रही थी. इस बार काफी देर तक उसकी चूत कीचुदाई करने के बाद मेरे लंड ने चौथी बार क्रीम निकालने का सिग्नल दिया.

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मैंने करहाते हुए अन्नू से पूछा – माल पीना है या डाल दूँ चूत में ही?

अन्नू ने भी दर्द भरे स्वर में कहा – मुझे पीना है.

मैंने जल्दी से लंड को उसके चूत से निकाला और अन्नू के मुह को खोल कर उसके मुह के पास लंडले जा कर हाथ से 3-4 बार मुठ मारा ही था कि मेरे लंड महाराज ने चौथी बार लावा निकाल दिया .सारा लावा अन्नू ने अपने मुह में गटक लिया. और बड़े ही चटखारे ले ले कर पिया.उसके चूत से भीफाइनली रस निकल गया जो सचमुच किसी जूस से कम नहीं था.

उसके बाद मै भी अन्नू के साथ ही उसी के बिस्तर पर ही सो गया. रात करीब दस बजे हम लोग उठेमोनिका और अन्नू दोनों ही चल नहीं पा रही थी. मै खाने के लिए बाहर गया और उन दोनों के लिएभी भरपूर मात्रा में खाना पैक करवाया और 2 बोतल बियर और एक पैकेट सिगरेट ले लिया.

वापस आने पर उन दोनों को खाना खिलाने के बाद दोनों को 2 -2 पैग बियर दिया. पहले तो दोनोंमना करती रही. लेकिन जब मैंने कहा कि इस से कोई हानि नहीं होगी बल्कि तुम दोनों का बदन औरचूत दर्द ठीक हो जाएगा तब दोनों ने एक बोतल बियर को पीया. फिर दोनों को एक एक सिगरेट भीपीने को दिया. पहले तो वो दोनों सिगरेट में भी ना ना करती रही लेकिन जब मै सिगरेट पी रहा थाऔर एक कश लेने के लिए अन्नू को दिया तो वो छोटी छोटी कश ले कर समूची सिगरेट ही पी गयी.उसकी देखा देखी मोनिका ने भी एक सिगरेट छोटी छोटी कशों में पूरी पी गयी. इस से सचमुच उनदोनों का दर्द समाप्त हो गया. शेष एक बोतल बियर और 3 सिगरेट मै अकेले ही पी गया. हम सभीइतने में फिर से मस्त हो चुके थे. इसके बाद हम तीनो में कोई पर्दा नहीं रह गया. हम तीनो नंगे होकर रात भर सेक्स गेम खेलते रहे. रात को मैंने दोनों की गांड का भी उद्धार कर दिया. हम तीनो सुबहके सात बजे सोये. मैंने अपने लिए अलग कमरा को भी रखे रखा. जहाँ मै कभी कभी दोनों में से किसी एक को अपने कमरे में ले जा कर एकांत में भी चोदता था. कभी कभी एकांत में भी तो चुदाई होनी चाहिए ना.

शेष सातों दिन हम तीनो ने साथ मिल कर चुदाई का तरह तरह का खेल खेला.

घर वापस आने के बाद भी चुपके चुपके हम तीनो रंगरेलियां मन ही डालते हैं.