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कच्ची कली को मस्तराम की कहानियां पढ़ाया

Kachhi Kali Ko Mastram Ki Kahaniya Padhaya

बात उस समय की है जब मैं 12वीं क्लास में था, मैं छुट्टी में घर आया हुआ था, तब मैं दोस्तों के साथ चौराहे पर बैठा रहता था। मेरे गाँव की एक लड़की जिसका नाम जरीना है, वो रोज वहाँ से गुजरती थी। उसका फिगर ऐसा था कि कोई भी उसको देखने पर मजबूर हो जाए। Kachhi Kali Ko Mastram Ki Kahaniya Padhaya.

वैसा ही कुछ मेरा हाल था, अब तो मैं रोज उसके आने से पहले ही वहाँ जाकर बैठ जाता था।
धीरे-धीरे हम दोनों में मुस्कान का आदान-प्रदान होने लगा.. फ़िर जैसे ही वो निकलती तो मैं उसके साथ ही चलने लगता और इस तरह आपस में हँसी-मजाक भी होने लगा।

एक दिन की बात है.. मैं रात को चौराहे पर बैठ कर एक सेक्सी किताब पढ़ रहा था.. तब वो वहाँ से जा रही थी।
मैं पढ़ने में लीन था.. तो मेरा ध्यान उस पर नहीं गया, वो एकदम मेरे सामने आकर खड़ी हो गई।
मैं हड़बड़ा गया.. मेरे मुँह से आवाज भी नहीं निकल रही थी।

उसने मुझसे पूछा- क्या पढ़ रहे हो?
लेकिन मैं जवाब नहीं दे पा रहा था।
तब उसने मेरे हाथ से किताब छीन ली और थोड़ा पढ़ने के बाद बोली- मैं इस किताब को ले जा रही हूँ।
मैं तो कुछ बोल ही नहीं पा रहा था.. तो अपना सर ‘हाँ’ में हिला दिया।

दूसरे दिन वो आई और बोली- बहुत मस्त किताब है.. तुम्हारे पास दूसरी किताब है?
तो मैंने कहा- नहीं.. लेकिन मंगवा दूँगा।
उसके बाद वो चली गई।

फिर मेरी हिम्मत खुल गई, हम आपस में बहुत खुल कर मजाक करने लगे।
ईद के दिन मैं वहाँ पर बैठा हुआ था और अपने मोबाइल में सेक्सी मूवी देख रहा था।
उसने मुझसे मोबाइल मांगा.. मैंने वैसे ही चलता हुआ उसे दे दिया, वो मूवी देखने लगी।
मैंने उससे बोला- चल कहीं अकेले में चल कर देखते हैं।

तो वो मान गई.. मैं उसको मोहल्ले के पीछे वाले एक बन्द मकान में ले आया।
मैं आपको बता दूँ कि उस मकान की पीछे वाली खिड़की टूटी हुई थी.. तो मैं उसको उस खिड़की में से अन्दर ले गया। वहाँ जाकर हम मूवी देखने लगे, धीरे-धीरे वो गर्म होने लगी, तब तक मैंने उसे कुछ भी नहीं किया था।

मैंने उससे पूछा- कैसा लग रहा है?
उसने कहा- अच्छा लग रहा है।
फिर मैंने हिम्मत करके उसकी जांघ पर हाथ रख दिया.. उसकी तरफ़ से कोई विरोध ना होने पर मेरी हिम्मत बढ़ती गई, फिर मैंने उसके मम्मों पर हाथ रख दिया.. तो उसने झट से हटा दिया।

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मैंने थोड़ी देर बाद वापस हाथ रखा.. तो वो कुछ नहीं बोली।
दोस्तो.. क्या बताऊँ उसके मम्मे गजब के कड़क थे। मेरे ख्याल से उसे किसी ने आज तक छुआ नहीं था। उसके चूचे बहुत बड़े थे.. मेरे हाथ में भी ठीक से आ भी नहीं रहे थे।

मैंने जब उसके मम्मों को जोर से दबाया.. तो वो चिल्लाई- क्या करते हो.. दर्द होता है।
फिर मैंने धीरे-धीरे दबाना चालू किया।
दोस्तो.. बहुत मजा आ रहा था और वो भी अब गर्म होती जा रही थी।

फिर मैंने धीरे से उसकी कुरती में हाथ डाल कर चूचों को दबाने लगा।
तो उसने अपनी अपनी कुरती निकाल दी, अब वो सिर्फ ब्रा और सलवार में थी।
मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा, वो भी मस्ती में आने लगी थी।

मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.. तो वो बोली- कोई आ जाएगा।
मैंने उसको समझाया- यहाँ कोई नहीं आता।
फिर उसने मुझे अपनी ब्रा निकालने दी।

दोस्तो मैं हैरान था कि ब्रा निकालने के बाद भी उसके मम्मे जरा भी नहीं झुके थे। उनकी अकड़ बनी हुई थी.. वे जैसे ब्रा में थे.. वैसे ही खड़े थे, क्या गजब के मम्मे थे, ऐसे मम्मे मैंने कभी पोर्न मूवी में भी नहीं देखे थे।
मैं तो बस उसे देखता ही रह गया।

तब वो बोली- कभी देखे नहीं हैं क्या?
तो मैंने झट से उसका मुँह पकड़ कर चुम्बन कर दिया।
वो अचानक हुए हमले से हड़बड़ा गई और मुझसे अपना मुँह छुड़ाने की कोशिश करने लगी।

थोड़ी देर के बाद जब मैंने उसे छोड़ा तो वो मुझ पर गुस्सा होने लगी और बोली- ऐसे भी कोई करता है क्या.. मैं सांस नहीं ले पा रही थी।
फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसके एक मम्मे को मुँह में लेकर चूसने लगा।                        “Mastram Ki Kahaniya”
अब उसकी साँसें उत्तेजना से फूलने लगी थीं।

उसने मेरा मोबाइल साइड में रख दिया और मेरा मुँह पकड़ कर अपने मम्मों पर मुझे दबाने लगी।
वो अब एकदम गरम हो गई थी, मैं एक मम्मे को चूसने लगा और दूसरे को जोर-जोर से दबाने लगा।
वो एकदम मादक आवाजें निकालने लगी।

मैं धीरे से एक हाथ उसकी जाँघों के बीच में ले गया.. तो वो अपनी जाँघों को आपस में दबाने लगी.. लेकिन मेरे कहने पर उसने जाँघों को खोल दिया।
जब मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाया.. तो पाया कि उसकी सलवार तक गीली हो गई थी, मैं ऊपर से ही उसे सहलाने लगा। अब वो अजब-गजब की आवाजें निकाल रही थी।

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मैंने थोड़ी आगे बढ़ने की सोची और मम्मे को मुँह से निकाल कर नाभि पर पहुँचा.. नाभि के अन्दर अपनी जीभ फिराने लगा.. तब उसका पेट थिरकने लगा,                                                                                 “Mastram Ki Kahaniya”

यारो, वो गजब का माल थी। मैंने अब उसकी सलवार निकाल दी.. उसने जरा भी आना-कानी नहीं की.. मैंने झट से उसकी सलवार हटा दी।
मैं क्या देखता हूँ उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.. क्या गजब की चूत थी.. एकदम क्लीन शेव और पावरोटी की तरह फूली हुई।

थोड़ी देर बुर देखने के बाद मैंने सीधा अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया, उसकी चूत के पानी का स्वाद कुछ नमकीन सा था, उसकी चूत पर मुँह रखते ही मुझे नशा चढ़ने लगा, मैं तो बस उसे चूसता ही गया..

अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. अब वो अपनी चूत मेरे मुँह में दबा रही थी।
उसने मुझे बोला- मुझे कुछ हो रहा है..
और वो अकड़ने लगी और उसने बड़ी सी पिचकारी मेरे मुँह में छोड़ दी।

मैं पूरा मदहोश हो गया था और मेरा लंड एकदम लोहे के रॉड की तरह पैन्ट में तम्बू बना कर खड़ा था और मुझे दर्द हो रहा था।
अब वो मेरी शर्ट के बटन खोल रही थी.. देखते ही देखते उसने मेरी शर्ट निकाल दी और मेरी पैन्ट खोलने लगी।
उसने मेरी पैन्ट भी निकाल दी।                                                 “Mastram Ki Kahaniya”
अब मैं सिर्फ़ अन्डरवियर में था।

उसने जैसे ही अन्डरवियर निकाला.. उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया, मेरा 7″ का लन्ड उसके सामने लहरा रहा था।
मैंने उसे लन्ड मुँह में लेने को कहा.. वो कुछ हिचकिचाने के बाद मुँह में लेने के लिए राजी हो गई।
अब हम 69 की पोज़ीशन में थे।
वो मेरा लंड को मस्ती से चूस रही थी और मैं उसकी चूत चचोर रहा था।

ऐसे ही करीब 15 मिनट तक हम लोग चूसते रहे.. इतनी देर में वो दो बार और मैं एक बार झड़ चुका था, वो मेरा पानी भी पी गई थी।

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अब मैं उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसकी चूत हाथ से सहलाने लगा।
जैसे ही मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की.. वो छटपटाने लगी तो जैसे तैसे समझा के मैंने एक उंगली अन्दर डाली। उसकी चूत बहुत ही टाइट थी, अब धीरे-धीरे में उसे अन्दर-बाहर करने लगा।                                     “Mastram Ki Kahaniya”

उसे मजा आ रहा था.. मैंने उससे लन्ड डालने के लिए पूछा.. तो वो कहने लगी- कुछ होगा तो नहीं?
मैंने उसे समझाया- कुछ नहीं होगा..
और मैं अब लौड़ा डालने की तैयारी करने लगा।

मैंने बहुत सारा थूक लगा कर लन्ड को सही निशाने पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा।
वो इतनी जोर से चिल्लाई कि मैं डर गया।
मेरा आधे से ज्यादा लन्ड उसकी चूत में था और वो रोती हुइ मुझे विनती कर रही थी- निकाल लो.. प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है..
लेकिन मैं अब कहाँ निकालने वाला था..

लेकिन मैं थोड़ी देर रुक कर उसे चुम्बन करने लगा और उसके मम्मे दबाने लगा, ऐसा करने से उसे थोड़ी राहत मिली तो मैंने फ़िर एक ज़ोरदार धक्का मारा लेकिन वो अबकी बार चिल्ला नहीं पाई क्योंकि इस बार उसका मुँह मैंने दबा रखा था।                       “Mastram Ki Kahaniya”

मैंने देखा तो मेरा लन्ड खून से लथपथ था और वो रो रही थी।
मैंने अब लन्ड अन्दर-बाहर करना चालू किया.. जिससे उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद वो झड़ गई.. लेकिन मेरा अभी बाकी था.. तो मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।

5 मिनट बाद जब मैं झड़ने वाला था.. तब वो भी अकड़ने लगी और हम साथ में ही झड़ गए।
मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया।
जब हमने कपड़े पहने और टाइम देखा तो 4:45 हो रहे थे.. तो वो बोली- बहुत देर हो गई है.. अब मैं चलती हूँ।