माँ की चुदाईहिंदी सेक्स स्टोरी

कहानी मेरे किरायदार की 2

(Kahani mere kiayedar ki 2)

फिर असलम ने वेटर को बोलै की यार 200 ले ले लेकिन अपना मु बंद कर तो वेटर बोलै की 200 से क्या होगा सर तो मम्मी ने बोली की 200 ठीक है हम कुछ ज्यादा थोड़ी न कर रहे थे उसके बाद असलम ने बोला की 500 दूंगा अगर एक खली कमरा दिला देता है तो तो मम्मी ने कहा नहीं में नहीं करूंगी। वेटर- सर अगर आप अपनी कार में आये है तो वह कर ले आपकी कार बेसमेंट पार्किंग में लगवा देता हु वह कोई नहीं आएगा तो। असलम ने मना कर दिया और वेटर चला गया फिर असलम ने मम्मी को बोला की यार मुझे अभी सेक्स करना है हमने अभी तक नहीं किया तो मम्मी ने बोलै की नहीं सेक्स अभी नहीं और फिर असलम – फिर दुबारा उसने मम्मी का टॉप ऊपर कर लिया और बूब्स चूसने लगा असलम- यार ये ठीक नहीं अभी तक तुमने मेरा एक बार भी लड हाथ में नहीं लिया हे। यार अभी तो लेलो

मम्मी – नहीं यहाँ पर ये ठीक नहीं हे। प्लीज़ जैसे वेटर आया वैसे कोई आ जायेगा।
असलम – फिर कहा
मम्मी – रखो थोड़े दिन। सबर का फल मीठा मिलेगा
असलम – ठीक हे मुँह में मत लो लेकिन उप्पर से तो हिला सकती हो न
मम्मी – ठीक हे हे
असलम मम्मी को किस करता हे मम्मी असलम का लन्ड जींस के ऊपर से हिलाती हे
मम्मी – तुम्हारा लंड काफी बड़ा हे लग रहा हे
असलम – हाथ में लोगी तब पता चलेगा न.
मम्मी – हाथ में भी लुंगी। लेकिन अभी नहीं
मम्मी असलम का लंड पंत के ऊपर से हिलाने लगी अह्ह्ह मजा आ गया हे . असलम – अपनी ब्रा दो तो मम्मी ने बोलै की नहीं क्या करनी है असलम बोलै अरे उस पर मेने बहोत बार अपना स्पर्म गिराया है तो मम्मी ने बोलै की मुझे पता ही था
मेने अपनी ब्रा पैंटी तुम्हारे बाथरूम में लटकी हुई देखि और उसमे से स्मेल भी आ रही थी और में हमेशा तुम्हारे स्पर्म गिरी हुई ब्रा पहनती हु और असलम हसने लग गया और कहा और क्या फिर थोड़ी देर बाद असलम झड़ गया और मम्मी ने अपने बूब्स अंदर किये और टॉप ठीक करा और असलम बोलै अभी चुदवावोगी कभी। मम्मी – देखते हे। असलम – वैसे तुम्हारे ससुर पूरा दिन रूम में बैठा होता है तो मम्मी ने बोली – वैसी उनकी ट्रीटमेंट ख़तम हो गई हे शायद अगले ४- दिन में मेरे पति उनको गांव छोड़ ने जा सकते तभी देखते . असलम खुश हो के मम्मी को किस दे के वो निकल गया हमारे यहाँ पर लाइट नहीं थी 7-8 घंटो से लाइट गयी हुई थी और इन्वर्टर भी काम नहीं कर रहे था. तो मम्मी और पापा में हमारे पडोसी निचे बाते करते करते टहल रहे थे इतने में मम्मी के फोन पर मैसेज आया और मम्मी ने पापा से बोलै की में टेर्रेस पैर जा रही हु मुझे गर्मी लग रही है और पापा और बाकि पडोसी निचे बात चित कर रहे थे।

. मम्मी के जाने के 10 मिनट बाद में चुप चाप ऊपर गया मेने देखा की मम्मी की साड़ी असलम ने सारी को उपर कि थी और अंदर हाथ डालकर मॅमी की चिकनी जाँघ को सहलाता हुआ हाथ उपर लाया और अब असलम का हाथ मॅमी की पैंटी क अंदर पहुँच गया. मॅमी बस मुँह से आहह उहह बोलने क अलावा एर कोई विरोध नही कर पाई. ममी की छूट मे लावा दाहक रहा था और वो पूरी गीली थी. असलम फिर से तोरा झुक कर चुचि को मुँह मे ले लिया और पैंटी मे हाथ डाले ही चुत मे उंगली अंदर डाल दिया. मॅमी क पैर अपने आप फैल गये और असलम ने अपनी उंगलियों को मॅमी की चूत मे जाता हुआ पाया.असलम अपने दूसरे हाथ को व नीचे ले आया और मॅमी की पैंटी को नीचे करने लगा. पैंटी घुटने से उपर थी लेकिन आराम से उंगली चुत के अंदर बाहर कर रहा था और मॅमी आहह उऊहह करने लगी थी. अब असलम पूरी तरह घुटने नीचे बैठ गया और मॅमी क चुत को अच्छे से सहलाता हुआ उंगली अंदर किया और फिर छूट को चूमता हुआ चूसने लगा.

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मॅमी की छूट पे बाल थे लेकिन असलम छूट को चूस्ता हुआ उसका गर्म रस पीने लगा और उसकी पैंटी को नीचे करता हुआ पैर से बाहर निकल दिया.असलम ने अपने हाथों से मॅमी क पैर को फैलाया. अब असलम मॅमी के दोनो पैर क बीच मे था और मॅमी की फैली हुई छूट को पूरा मुँह मे भर ज चूसे जा रहा था. बीच बीच मे उंगलिया व इस्तेमाल की जा रही थी. मॅमी अब ज़ोर ज़ोर से “आहह उहह ये क्या कर रहे हो आहह नाहहिईिइ उहह आअहह” किए जा रही थी. असलम मॅमी की कमर गांड और चुचि को सहला रहा था और छूट को चूसे जा रहा था. मॅमी दोनो हाथों से कसकर असलम का सिर चुत पर दबा दिया और अपना वीर्य छोड़ दिया मॅमी को बहुत मज़ा आया था. असलम आख़िरी बूँद तक छूट का रस को चूस लिया मॅमी का जिस्म शांत हो गई थी मॅमी को बहुत मज़ा आया था।अंधेरे में मम्मी की सिसकारियां गूंज रही थी।
मॅमी असलम को पीछे की और अपनी साड़ी नीचे करते हुए पैंटी उठाई और बाथरूम की तरफ जाने लगी. असलम ने पैंटी उठाने से पहले ही मॅमी का हाथ पाकर लिया और बोला “अरे कहाँ जा रही हो जान, ये तो ग़लत बात हुई की अपना कम निकल गया तो चल दिए, तो मेरा ख्याल कोण रखेगा मम्मी – मेने अभी तक तुम्हारा बहोत ख्याल रखा हे अभी जाने दो। कोई आ जायेगा।

असलम – जब तक लाइट नहीं आएगी तब तक ऊपर कोई नहीं आएगा। गर्मी की वजह से
मम्मी को पता था की पापा को आने में १५-२० मिनिट लगेगा।
मम्मी -ठीक हे क्या करू बोलो चुदाई तो नहीं करुँगी
असलम – ठीक हे लेकिन पानी तो निकल के जा सकती हो ना
असलम नजदीक आया उसने अपने ट्रैक पैंट से मॅमी का हाथ अपने लंड पे रख चुका था और फिर से मॅमी का विरोध ख़तम हो गया. असलम मॅमी का हाथ पाकर क लंड को आगे पीछे पिच्चे करने लगा और बोला की ” बस मेरे लंड का पानी गिरा दे और चली जा”. मॅमी असलम क लंड को पाकर क हाथ पीछे पिच्चे कर के मूठ मरने लगी और छुरियँ खनन खनन करने लगी. उसे डर लग रहा था की कहीं कोई आ ना जाए और उसे अपनी छुरियों पे गुस्सा आ रहा था. वो किसी व तरह कर रही थी छुरियों की आवाज़ कम नही हो रही थी और ये बात असलम को ज़्यादा दीवाना बना रही थी. मॅमी जानती थी की जब तक पानी नही गिरेगा ये मानेगा नही इसलिए अच्छे से मूठ मार रही थी. असलम मज़े से मॅमी होठ चूस रहा था चुचि मसल रहा था.

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मॅमी की नज़र असलम क लंड पे गयी और बोली की “तुम्हारा ये ऐसा क्यू है सामने मे”? असलम अपना सीना चौरा करता हुआ बोला की “मैं मुसलमान हूँ और ये सरकम्साइज़्ड यानी ख़तना किया हुआ लंड है, इस वज़ह से हमारा लंड बरा होता है और साफ रहता है असलम को मज़ा आने लगा और मॅमी से बोला “मुँह मे लेके चूस ना, हुमारा लंड साफ ही रहता है मज़ा आएगा आप को”. मॅमी ना बोल दी और तेज़ी से हाथ चलाने लगी. . असलम अब गरम हो गया था .१० मिनिट लंड हिलने के बाद मम्मी को पता हो गया की असलम का स्टैमिना मजबूत हे बिना मुँह में लिए पानी नहीं निकलेगा मम्मी- .तुम्हारा पानी नही गिरेगा और बहुत देर हो रही है कोई भी आ सकता हे असलम मुझे निकलना होगा। असलम- मैं तुम्हे छोड़ नही रहा मेरे लंड का पानी तो गिरा कर जाओ”.

मम्मी शायद समझ चुकी थी बिना मुंह में लिए असलम का पानी नहीं निकलने वाला है ।मम्मी अच्छे से नीचे बैठ गयी और मुँह को लंड क पास ले आई. लंड प्री कम आ चुका था और उसके स्मेल से मॅमी मदहोश होने लगी. उसने लंड क सुपरे को मुँह मे सताया तो प्री कम का टेस्ट उसकी ज़ुबान पे आ गया और वो सुपरे को मुँह मे लेकर चूसने लगी. असलम क लंड को मुँह मे लेने क लिए मॅमी को अपना मुँह बहुत बरा फैल गया था . धीरे धीरे मॅमी लंड को गहराई तक अपने मुँह मे भारती जा रही थी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था इतना बरा और मोटा मुस्लिम लंड चूसने मे. असलम मम्मी के बदन को सहला रहा था.. मम्मी का सिर पकड़के वो मम्मी के मुँह को जोर जोर जोर से चोदने लगा था। मम्मी की सास अटकने लगी थी। लेकिन असलम वैशी दरिंदो की तरह चोदे जा रहा था। आखिर कर मम्मी के मुँह में असलम में सारा वीर्य छोड़ दिया। मम्मी की सासे कापने लगी थी।

मम्मी – तुम पागल हो क्या में मर जाती तो
असलम – में मरने थोड़ी देता
मम्मी – पागल हो तुम
अचानक से लाईट भी आ गई
मई निचे दौड़ के गया मम्मी पूरी थकी थकी सी लग रही थी उस की लिपस्टिक ख़राब हो गई थी। पापा – क्या हुवा। ममी कुछ नहीं गरमी की वजह से थक गई हु …हम खाने लगे। खाना खाने के बाद में मेरे कमरे में गया और सो गया। अगले दिन मम्मी परेशान सी लग रही थी। में समज गया कल की वजह होगी। में स्कुल जाने लगा। मम्मी भी बाद में कॉलेज निकल गयी होंगी। अभी कुछ दिनों से मम्मी असलम से बात नहीं कर रही थी.. एक दिन देखा मम्मी कपडे सूखने ऊपर गई तब असलम ने मम्मी की हाथ पकड़ा और खींच लिया
मम्मी – असलम हे क्या कर रहे प्लीज़ छोड़ो मुझे कोई देख लेगा
असलम – छोड़ दूंगा पहले ये बताओ तुम मुझ से बात क्यों नहीं कर रही हो
मम्मी – नहीं मुझे तुम से कोई बात नहीं करनी न कोई रिश्ता रखना हे

असलम – क्या गलती हो हो गई मेरे
मम्मी – क्या गलती उस वक्त अगर हमे कोई देख लेता तो मेरी शादीशुदा जिंदगी बारबाद हो जाती
असलम – देखा तो नहीं किसी ने
मम्मी – लेकिन देख लेता तो
असलम – क्या करू हम कितने दिन से करना चाहते हे लेकिन मौका नहीं मिल रहा हे। आखिर मेरा खुद पे से कण्ट्रोल छूट गया। और मेरे से हो गया। मेरा खुद के ऊपर काबू नहीं था था प्लीज़ समजो अभी तक मेने कभी तुम्हारे साथ जबरदस्ती नहीं की।
मम्मी – बात नहीं समझते असलम मेरी जिंदगी ख़राब हो जाती। में तुम्हे बोली थी न में कुछ न कुछ करती हो तुम समजने का नाम ही लेते
असलम – क्या करने दिल तो मनाता हे लेकिन लंड मानने के लिए तैयार ही होता। उस काबू करना मुश्किल हे न
असलम पीछे से मम्मी को पकड़ता हे। और बूब्स मसलने लगता हे
मम्मी – प्लीज़ छोड़ो असलम लोई देख लेगा। मि कुछ करती हु
असलम- अच्छा चलो एक किस्सी तो दे दो।
मम्मी ने जल्दी से असलम होठों पर एक चुम्मा दिया। असलम ने तुरंत उनके मम्में दबा दिए। मम्मी की ‘आह’ निकाली और वह से निकल गई।

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३-४ दिन के बाद दादा जी की ट्रीटमेंटपूरी हो गई थी। मम्मी ने कहा क्यों कुछ दिन लिए पापा जी को गांव छोड़ के आये। उनका हवा पानी भी चेंज हो जायेगा। और तबियत में ज्यादा सुधर आएगा। पापा ने कहा अच्छा है। आज ही जाता कल तो छुट्टी हे। मम्मी के चेहरे पर रंडी की तरह हस्सी थी। अचनाक से मम्मी के मोबाइल से असलम के मोबाइल पे मेसेज गया। आज मेरे पति देव और पापाजी जी गांव जा रहे हे आज रात को को मेसेज करती हु तब आ जाना। मम्मी दिन भर खुश थी। रात को ८ बजे पापा और हम सब खाना खाने बैठ गए। खाना ख़तम कर के पापा गांव जाने के लिए बैंग पैक कर रहे थे तब तक मम्मी बरतन साफ कर रही थी। सब होने के बाद पापा और दादा जी निकलने तयारी कर रहे थे . मम्मी ने पोहच ने के बाद ही फ़ोन करने के लिए कहा। मम्मी और में अंदर जा के बैठ गया। मेने कहा मम्मी आज में आप के साथ सो जाता हु। मम्मी का चेहरा देखने लायक हो गया था। मम्मी ने कहा ठीक हे। मै सोने लगा मुझे मेसेज आय मम्मी ने असलम को कहा की राजेश मेरे साथ सोया हे इस लिए में ही ऊपर आ जाती हु। कुछ देर के बाद मम्मी ने मुझे चेक किया हिला या मुझे आवाज दी लेकिन में सोने का नाटक कर रहा था।

मम्मी ऊपर निकल गई डोर लॉक करके चाबी लेके। कुछ देर के बाद में भी दूर खोल के दबे पैर ऊपर जाने लगा। में छिप के देख रहा था। असलम ने मम्मी की साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और मम्मी के ब्लाउस के उपर से मम्मी केबड़े बड़े 40” के मम्मे दबाने लगा। मम्मी -“ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज निकालने लगी। मम्मी को बहुत मजा आ रहा था असलम मम्मी के पर ब्लाउस उतार कर!!” । फिर वो जल्दी जल्दी मम्मी केबूब्स दबाने लगा। धीरे धीरे उसने मम्मी के ब्लाउस की सब बटन खोल दी। ब्लाउस निकाल दिया। फिर असलम ने मम्मी की ब्रा भी खोल दी और निकाल दी।