खाला की चूत में मेरा लंड-3
खाला तो जैसे पागल सी हो गई थीं। अपनी गरदन इधर-उधर घुमाने लगीं और सिसकारियों की आवाजें निकालने लगीं। इसके बाद मैंने उनकी थाइज़ को चूमना शुरू किया। दोनों थाइज़ को बारी-बारी से चूमने के बाद मैंने उन्हें पलटकर लिटा दिया और खुद भी उनके ऊपर उल्टा होकर लेट गया। अब वो पूरी तरह मेरे नीचे थीं। मैंने उनकी पीठ पर से उनके काले, लंबे बालों को किनारे हटाया और पीछे से उनकी गरदन को किस करने लगा।
“ऊऊऊ… फфф… स्स्स… श्ह्ह्ह…” की आवाजें उनके मुँह से निकलने लगीं। लगभग 15-20 मिनट तक मैंने उनकी नाभि को चूमना शुरू किया। जैसे ही मैंने अपनी जीभ उनके पेट पर रखी, वो “ऊऊऊ… ऊऊऊ… ऊफ्फ्फ… आह्ह्ह… ह्ह्ह…” करने लगीं। मैंने उनके पेट को हल्के-हल्के काटना शुरू कर दिया। उनका सॉफ्ट पेट मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं था।
इसके तुरंत बाद मैंने खाला की पैंटी में हाथ डाला। पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने धीरे से उनकी पैंटी उतार दी। तब मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी औरत की चूत को देखा। वो किसी कुंवारी लड़की की तरह लग रही थी। उनकी चूत बिल्कुल साफ थी, उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने उनकी टाँगों को थोड़ा सा फैलाया और उनकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। धीरे-धीरे चाटने लगा। खाला एकदम मचल गईं और बोलने लगीं, “मुझे चोद दो, मैं मर जाऊँगी… प्लीज ऐसा मत करो!” लेकिन मैंने उनकी टाँगों को कसके पकड़ रखा था और उनकी चूत को चाटता रहा। अपनी जीभ को अंदर तक डालने लगा।
इस तरह मैंने अपनी जीभ से खाला को लगभग 10-15 मिनट तक चाटा। इस बीच खाला दो बार झड़ चुकी थीं। चूत चाटते-चाटते वो एकदम गरम हो गईं और एक झटके में उठ गईं। मुझे जोर से नीचे लिटा दिया और ऊपर से नीचे तक चूमने लगीं। जब वो मेरे लंड पर आईं, तो मैंने उन्हें अपना लंड देना चाहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मैं नाराज होने का नाटक करने लगा और हाथ-पैर छोड़कर सीधा लेट गया। तब उन्होंने धीरे से मेरे लंड को चूमा और चूमने के बाद कहा, “कहीं नाराज होते हो? मैं तो बस ट्राई कर रही थी।” फिर उन्होंने पागलों की तरह मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। इसके बाद मैंने धीरे से अपना लंड उनके मुँह से निकलवाया और उन्हें नीचे लिटाकर खुद उनके ऊपर आ गया। फिर से उन्हें ऊपर से नीचे तक चूमने-चाटने लगा।
इसके बाद मैंने अपने दाएँ हाथ की एक उंगली उनकी चूत में डालनी शुरू की। खाला तो जैसे छटपटा उठीं, मानो कोई मछली तड़प रही हो। उनकी चूत एकदम गीली और टाइट थी, जैसे किसी कुंवारी लड़की की हो। मैं धीरे-धीरे अपनी उंगली को अंदर-बाहर करने लगा। फिर एक उंगली की बजाय दो उंगलियाँ डालनी शुरू कीं। खाला मचलने लगीं। उनकी चूत एकदम गरम और गीली थी। मेरा लंड भी लोहे की रॉड की तरह टाइट हो चुका था। मेरा भी पहली बार था किसी औरत के साथ सेक्स। मुझे डर था कि कहीं मैं जल्दी न छूट जाऊँ, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं छोड़ी। अपने लंड को उनकी चूत से टकराने और रगड़ने लगा। खाला के मुँह से आवाजें निकल रही थीं और पूरा कमरा उनकी सिसकारियों से गूँज रहा था। वो कह रही थीं, “आआआ… साहिल, प्लीज अब मत तड़पाओ… प्लीज! मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज… मुझे जल्दी से चोदो। अपने लंड को मेरी प्यासी चूत में डाल दो, प्लीज साहिल, प्लीज!”
मैंने धीरे से अपने लंड को अंदर करने की कोशिश की। मेरा लंड लगभग 2 इंच अंदर गया होगा कि खाला चिल्लाने लगीं, “नहीं! बस, अब मत करो… प्लीज साहिल, मैं मर जाऊँगी। प्लीज इसे बाहर निकालो!” लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने और धीरे से धक्का लगाया। अब लंड 6 इंच तक अंदर जा चुका था, लेकिन उनकी चूत ने उसे पूरी तरह जकड़ रखा था। मैं उसे चला नहीं पा रहा था। मुझे भी जोश आ गया। मैंने हल्का सा लंड बाहर निकाला और एक जोरदार धक्का मारा। पूरा लंड अंदर चला गया। खाला के मुँह से चीख निकल पड़ी, “ऊऊऊय्य्य… ईईई… मैं मर गई!”
तब मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। लंड को अंदर ही पड़ा रहने दिया। फिर वो थोड़ा मस्ती में आईं। इसके बाद मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और धीरे-धीरे चलाना शुरू किया। अब मेरा पूरा लंड अंदर-बाहर होने लगा। खाला भी नॉर्मल हो रही थीं और उनके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैं समझ गया कि अब उन्हें मजा आने लगा। मैंने पूरी तरह अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। खाला के मुँह से “स्स्स… ह्ह्हो… आह्ह्ह… स्स्स…” की आवाजें आ रही थीं। वो कह रही थीं, “साहिल, चोदो… और चोदो… और अंदर-बाहर करो… प्लीज, बहुत मजा आ रहा है… प्लीज साहिल, अब थोड़ा तेज करो!”
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो नीचे से अपनी चूत उछाल रही थीं और अपनी टाँगें ऊपर किए हुए थीं। वो बोल रही थीं, “और जोर से साहिल… प्लीज… ज्ज्जोर से!” इस तरह मैंने उनकी चूत में करीब 20-25 मिनट तक लंड दौड़ाया। इस दौरान खाला 2-3 बार झड़ चुकी थीं। अब मैं भी छूटने वाला था। आखिर मैं भी इंसान हूँ। मैं अपने लंड को आगे-पीछे कर रहा था, उनके दोनों दूध दबा रहा था और होंठ भी चूस रहा था। मैं छूटने वाला था। मैंने खाला से पूछा, “मैं छूटने वाला हूँ!” तो उन्होंने कहा, “अंदर ही छूटो। मैं तुम्हारी मणि को अपनी चूत में चाहती हूँ। तुम मुझसे प्यार करते हो और मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ। इतनी चाहत मुझे जिंदगी में कभी नहीं मिली।”
मैंने कहा, “मैं आ रहा हूँ खाला!” और वो भी साथ में झड़ने वाली थीं। हम दोनों ने एक-दूसरे को जकड़ लिया। खाला एकदम टाइट हो गईं और हम एक साथ छूटे। फिर हम दोनों ढीले पड़ गए। इसके बाद हमें पता ही नहीं चला कि हम कब सो गए। जब सुबह आँख खुली तो 8:25 हो रहे थे। हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर नंगे ही पड़े थे। खाला अभी भी नंगी सो रही थीं। मैं थोड़ी देर बैठकर उनकी जवानी को निहारता रहा। जैसे ही मैं उठकर जाने लगा, उनकी आँख खुल गई। उन्होंने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और चूमने लगीं। फिर मैं भी सीधा हो गया। उनकी और मेरी टाँगें क्रॉस हो चुकी थीं। मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था और वो मुझे पागलों की तरह चूम रही थीं।
इस तरह ये मेरी और मेरी खाला की चुदाई की पहली रात थी। हमारे पास अभी 5 दिन और 5 रातें थीं। इस तरह हम आज भी एक-दूसरे से प्यार करते हैं और जब भी मौका मिलता है, मैं उनकी चुदाई करता हूँ। कभी हमारे घर पर, कभी उनके घर पर, तो कभी सिटी के होटल में रूम बुक करके हम चुदाई का मजा लेते हैं। क्योंकि मेरी खाला मेरी चुदाई के बिना रह नहीं सकतीं।