हिंदी सेक्स स्टोरी

कुंवारी माँ की शादी और सुहागरात-1

Kunwari maa ki shaadi aur suhagraat-1

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है, जो में आप सबके सामने रख रहा हूँ. यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है, जिसने मेरे सारे सपने पूरे कर दिए और आज में एक कुशल जिंदगी जी रहा हूँ, जो कि सेक्स और मस्ती से भरपूर है. दोस्तों मेरा नाम दीपक है और में पंजाब लुधियाना का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 6 फुट 2 इंच है, मेरा रंग सांवला और बॉडी मस्त है. यह कहानी मेरी और मेरी कुँवारी माँ की है.

आप सब हैरान होंगे कि में कुँवारी क्यों लिख रहा हूँ? इस बात का जवाब आपको कहानी में आगे मिलेगा. मेरी उम्र 25 साल है और मेरी माँ की उम्र 39 साल है. दोस्तों मेरी माँ रीता एक भरपूर जिस्म की मालकिन है, उसकी हाईट 5 फुट 2 इंच है और वो दिखने में बहुत ही खूबसूरत है. में अपने माँ बाप की इकलौती औलाद हूँ, मेरा बाप बहुत ही अमीर आदमी है, जिसके पास बहुत पैसा है.

दोस्तों यह कहानी आज से 2 साल पहले शुरू हुई, जब मेरा 23वां बर्थ-डे था. में शुरू से ही अपनी माँ को कभी माँ की नज़र से नहीं देखता था, बस शुरू से मुझे उसको पाने का जूनून था. मेरी यह इच्छा इस साईट की स्टोरी पढ़कर और बलवान हो गयी और पूरी हुई आज से 2 साल पहले, जब भगवान ने मुझे ताजी कसी हुई बिना फटी चूत वाली माँ मेरी पत्नी के रूप में दी. हुआ यूँ कि मेरे 23 बर्थ-डे पर में मम्मी के कमरे में गया तो मैंने देखा कि मम्मी अपने कमरे में नहीं थी और उनकी डायरी बेड पर खुली पड़ी थी. मम्मी मेरे लिए गिफ्ट लेने के लिए गयी हुई थी. अब में उनकी पर्सनल डायरी उठाकर पढ़ने लगा, जिसे पढ़कर मेरे होश उड़ गये. उस डायरी के ज़रिए मुझे पता चला कि में अपने माँ, बाप की असली औलाद नहीं था, उनको में सड़क पर मिला था.

मेरी माँ बहुत ही ग़रीब परिवार से थी, जिनकी शादी 15 साल की उम्र में उनके पिताजी ने अपने मालिक के बेटे से कर दी थी. मेरी माँ को शादी के बाद सुहागरात पर पता चला कि मेरे पिताजी नपुंसक है और वो कुछ नहीं कर सकते है. मेरे नाना जी को इस बात का पता था, लेकिन मेरे दादा जी का उन पर बहुत क़र्ज़ था और उन्होंने मेरे मेरी माँ की शादी करवाने का वादा किया था, तो मेरे नाना जी ने उनको नपुंसक को बेच दिया था.

अब मेरी माँ फंस चुकी थी, लेकिन वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थी. तभी नई फेक्ट्री के काम से पापा मम्मी को लेकर हिमाचल आ गये और एक साल के बाद जब वापस आ रहे थे, तो उनकी कार का एक्सिडेंट हो गया, जिसमें एक ग़रीब औरत मर गयी और उसकी गोद में, में बच गया.

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फिर मेरी माँ ने मुझे उठा लिया और अपने साथ घर ले आई. तब में 2 महीने का था और मम्मी पापा और दादा जी ने उनकी औलाद के रूप में दुनिया के सामने मुझे पेश कर दिया. अब आप लोग समझ चुके होंगे कि मैंने कुँवारी क्यों लिखा था? खैर फिर वक़्त के साथ-साथ में बड़ा होने लगा और इस दौरान मेरे दादा जी और नाना जी चल बसे. अब में, मेरी माँ और पिताजी थे, पिताजी ने अपने बिज़नेस को बहुत बढ़ा दिया था. फिर यह सब पढ़कर मैंने वो डायरी अपने पास रख ली और चुपचाप पिताजी के ऑफिस चला गया और वो डायरी उनके सामने रख दी. फिर मेरे पिताजी ने पूछा कि यह क्या है? तो मैंने कहा कि खुद पढ़ लो और घर वापस आ गया.

फिर बाद में 2 घंटे के बाद ऑफिस से मम्मी को फोन आया कि पिताजी ने सुसाईड कर लिया, तो मम्मी रोने लगी. ख़ैर 13 दिन में सब रस्में पूरी हो गयी, अब मम्मी बहुत उदास रहने लगी थी. फिर मैंने भी ऑफिस जाना शुरू कर दिया. फिर कुछ दिनों के बाद पापा के कैबिन में उनकी अलमारी में मुझे एक डायरी मिली, जिसमें लिखा था बेटा अपनी मम्मी का ध्यान रखना, जिसे पढ़कर मेरी प्यासी इच्छा फिर से जाग उठी.

फिर मैंने घर लौटकर मम्मी को कहा कि मैंने नेपाल की उनकी और अपनी टिकट बुक कर दी है और हमें कुछ दिन वहाँ रहकर प्लांट का काम करवाना है, तो आपका भी दिल बहल जाएगा, तो मम्मी भी तैयार हो गयी. हमारी फ्लाईट शाम की थी, तो हम लोग तैयार होकर दिल्ली को चल दिए. हमारा नेपाल में अपना बंगला है, जहाँ में अक्सर आता जाता रहता हूँ और वहाँ का नौकर मेरा अपना आदमी है, जिसकी बीवी से मेरे संबंध है.

फिर मैंने उसकी बीवी को फोन कर दिया कि हम लोग आ रहे है और सारी बात बता दी कि मुझे यहाँ आकर मम्मी से शादी करनी है और सुहागरात मनानी है, तो सारा इंतज़ाम कर दो. ख़ैर फिर हम रात को नेपाल के हमारे बंगले पर पहुँच गये और अब खाना तैयार था. फिर खाना खाने के बाद नौकर की बीवी शीला दूध लेकर आई. फिर मैंने उसको लिप किस किया और मम्मी के दूध में सेक्स और नींद की गोलियाँ मिला दी, जिसको उसने मम्मी के कमरे में रख दिया और देखती रही.

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फिर जब मम्मी ने वो दूध पी लिया, तो उसने आकर मुझे बता दिया. फिर मैंने उससे कहा कि ये ले वीडियो कैमरा और मम्मी के कमरे में जाकर मम्मी को नंगी करके वीडियो बनाकर ला, तो उसने वैसा ही किया और कैमरा लाकर मुझे दे दिया. फिर सुबह जब मम्मी को होश आया, तो उन्होंने देखा कि उनके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. फिर उन्होंने इधर उधर देखा, लेकिन उन्हें उनके कपड़े नहीं मिले तो उन्होंने सामने देखा तो साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज, पेंटी, ब्रा मेरे हाथ में थी. अब वो एकदम से चौंक गयी और चिल्लाकर बोली कि यह क्या बकवास है? तुमने क्या किया है? फिर मैंने वो डायरी जो कि में अपने साथ लाया था और उनके सामने फेंक दी और बोला कि डार्लिंग तुम्हारी और मेरी असलियत में जानता हूँ और तुम्हें असली सुहागरात का मजा देने के लिए ही यहाँ लाया हूँ.

अब वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगी थी, जिसको सुनकर शीला कमरे में अंदर आ गयी. फिर मैंने शीला से कहा कि इसको समझा दो अगर तैयार है तो ठीक है नहीं तो मैंने जो इसकी वीडियो बनाई है, वो इंटरनेट पर और फ़ेसबुक पर अपलोड कर दूंगा और अभी तो यह मेरी बीवी बन रही है, लेकिन तब यह सारे जग की रंडी बन जाएगी. यह कहकर मैंने उस वीडियो की कॉपी भी उसकी तरफ फेंक दी और ऑफिस चला गया.

करीब 2 घंटे के बाद मुझे शीला का फोन आया कि मम्मी मान गयी है. अब में बहुत खुश हुआ और शीला से सारा इंतज़ाम पूछा, तो उसने बताया कि उसके पति ने गावं के पंडित से बात कर रखी है और वो आज शाम को हमारी शादी करवा देगा.

फिर मैंने शीला को मम्मी को टॉप के ब्यूटी पार्लर में लेकर जाने को बोला और कहा कि फुल वैक्सिंग करवा कर, उसके बूब्स पर मेहंदी का एक लंबा फूल, पीठ पर दो फूल, कंधो पर दो फूल, जांघो पर, पैर पर, पूरे हाथों पर मेहंदी लगवा दो और शरीर के किसी भी हिस्से पर बाल ना हो. मम्मी के बाल उनके घुटनों तक लंबे है, तो मैंने कहा कि सुंदर सा जुड़ा बालों पर हो, जाली वाली ब्रा, फूलों वाली अंडरवेयर, महंगी साड़ी लाल रंग की, लंबी बिंदी, फुल ब्राइडल मेकअप करवा दो, ताकि मेरी जानेमन मम्मी दुनिया की सबसे सुंदर दुल्हन लगे और में तुम दोनों को लेने के लिए गाड़ी भेज दूँगा.

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फिर मैंने उसके पति को अपना बेडरूम सुहागरात के लिए तैयार करने को बोल दिया. फिर ठीक 6 बजे वो सुहागरात का कमरा तैयार करके मेरे पास आ गया और मैंने एक गाड़ी मम्मी और शीला को लेने के लिए भेज दी और राम सिंह (नौकर) और में मंदिर की तरफ चल पड़े. फिर ठीक 7 बजे मम्मी और शीला भी वहाँ आ गयी. अब पंडित जी पूरी तैयारी कर चुके थे. फिर उन्होंने मुझसे रिंग्स माँगी, तो मैंने उन्हें रिंग दे दी. फिर उन्होंने मंतर जाप के बाद मम्मी को बुलाया, तो मम्मी लंबा घुंघट ओढ़कर आई. फिर उन्होंने एक अंगूठी मम्मी को दी, जिस पर मेरा नाम लिखा था और दूसरी रिंग मुझे दी और कहा कि अब एक दूसरे को पहना दो. फिर मैंने मम्मी को और मम्मी ने मुझे अंगूठी पहना दी. फिर पंडित जी ने कहा कि तुम लोग अब एक दूसरे को वरमाला पहना दो, तो हमने एक दूसरे को वरमाला पहना दी.

फिर पंडित जी बोले कि अब आप लोग एक दूसरे से बंध गये हो, अब में आप लोगों की शादी करवाने जा रहा हूँ, कन्यादान कौन करेगा? पहली बार मेरी मम्मी के मुँह से आवाज़ निकली कि शीला और राम सिंह. फिर हम दोनों वेदी पर बैठ गये, तो पंडित जी ने मंतर पढ़ने शुरू कर दिए और शीला और राम सिंह ने मम्मी का कन्या दान किया और फिर सात फैरे पूरे हो गये. फिर मैंने मम्मी की मांग भरी और अब मांग भरते वक़्त जब मैंने मम्मी की और देखा तो मम्मी गजब की लग रही थी. अब मम्मी लाल रंग की साड़ी में बहुत सुंदर लग रही थी. फिर मैंने मम्मी के गले में मंगलसूत्र पहना दिया. फिर पंडित जी ने कहा कि अब आप लोग पति, पत्नी हो चुके हो.

फिर मम्मी और शीला, राम सिंह और पंडित जी का आशीर्वाद लिया और हम लोग अपने बंगले पर वापस आ गये. फिर शीला मम्मी को सुहागरात वाले कमरे में छोड़कर चली गयी. फिर करीब आधे घंटे के बाद जब में बेडरूम में आया, तो वहाँ का नजारा बहुत ही खूबसूरत था. अब मम्मी सुहागसेज़ पर घूँघट ओढ़कर बैठी थी और पूरा कमरा गुलाब के फूलों से महक रहा था. फिर मैंने कमरे का दरवाज़ा बंद किया और मम्मी के पास आकर बैठ गया.