ग्रुप सेक्स स्टोरीचुदाई की कहानियाँ

कुंवारी रंडी के साथ दो लोड़े-1

Kunwari randi ke saath do lode-1

हैल्लो दोस्तों, में आपका प्यारा दोस्त राज हूँ और में मुंबई का रहने वाला हूँ. दोस्तों आज आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना मेरा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपने एक बहुत अच्छे दोस्त की गर्लफ्रेंड का सहारा लेकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और उसकी भी इच्छा को पूरा किया. दोस्तों यह तब कि घटना है, जब मेरे प्यार के दिन खत्म हो चले थे और मुझे किसी की चुदाई किये हुए बहुत अधिक समय बीत चुका था और इसलिए में बहुत ही तन्हा रहने लगा था.

दोस्तों वो कहते है ना कि ठीक और अच्छा समय आने पर हर एक कुत्ते के भी दिन बदलते है, ठीक मेरे साथ भी वैसा ही हुआ और में वही अपनी पहले वाली औकात पर आ गया था और उससे पहले तक तो में जैसे तैसे मुठ मारकर अपना काम चला रहा था और में ज़्यादातर अपनी पिछली यादें याद करके मुठ मारा करता था और तब मुझे भी एक दिन एहसास हुआ कि में भी सेक्स के बगैर नहीं रह सकता हूँ और आप लोग मेरी फोटो देखोगे तो आप सभी कहोगे कि साला दिखने में ही बड़ा ठरकी है और में हूँ भी ऐसा, में दो सप्ताह तक लगातार मुठ मारकर काम चला लिया करता हूँ और बिना चूत के करता भी क्या? क्योंकि मुझे चुदाई के लिए कोई लड़की ही नहीं मिल रही थी और ना कोई जुगाड़ बन रहा था.

एक दिन मेरे जीवन में एक नया अवतार आया, मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त जिसका नाम (रोकी) राकेश है, वो मेरे लिए संदेशा लाया, वो मुझसे कहने लगा कि आजा मेरे भाई हम दोनों एक साथ मिलकर एक चूत की चुदाई करेंगे. मैंने उससे कहा कि हमे इस समय चूत कहाँ मिलेगी? तब वो बोला मेरी एक गर्लफ्रेंड है, जिसको में बहुत बार चोदकर उसके मज़े ले चुका हूँ, लेकिन उसका पेट अब मेरे अकेले के लंड से नहीं भरता, इसलिए वो अब ग्रुप सेक्स करने की इच्छा रखती है, हम दोनों मिलकर उसकी बहुत जमकर चुदाई करेंगे और बहुत मज़े लेंगे. मैंने उससे कहा कि भाई तेरा कहना तो ठीक है, लेकिन यहाँ मेरे पास तो कोई भी साथी नहीं है, जिसको में अपने साथ में लेकर चलूं, में अब बहुत दिनों से बिल्कुल अकेला हूँ.

वो बोला कि अबे साले तुझे किसी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो अकेली ही दो लड़को से एक साथ अपनी चुदाई का मज़ा लेना चाहती है, वो उस अनुभव का भी देखना चाहती है, मतलब उसको दो लंड से अपनी चुदाई का मज़ा चाहिए, इसलिए मैंने तुझसे इसके लिए पूछा चल अब चुदाई के लिए तैयार हो जा. दोस्तों में अपने उस दोस्त के मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि अब मेरे लंड को बहुत दिनों के बाद किसी की चूत मिलने का एहसास हुआ और वो भी उस वजह से मेरी पेंट से बाहर निकलकर किसी चूत की तलाश करने लगा था और वो चूत की राह देख रहा था और में तो उसकी वो सारी बातें सुनकर बहुत खुश हो गया था.

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अब हमारा उसी शाम को चुदाई का प्रोग्राम था, जिसकी मैंने अपनी तरफ से तो पूरी तैयारियां कर ली थी, में पहले से ही बाजार जाकर एक पत्ता ताक़त की गोलियाँ ले आया, ताकि में लंबे से लंबे समय तक सेक्स का पूरा पूरा मज़ा ले सकूँ, में उस चूत को पहली बार ही अपने लंड से चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँ. हम दोनों ने एक होटल में एक रूम बुक करवा दिया और हम वहाँ पर चले गये, शाम होने से पहले मेरे दोस्त ने उसकी गर्लफ्रेंड को फोन करके उस होटल का पता बता दिया, जिसमें उसकी आज चुदाई होनी थी.

करीब एक घंटे के बाद वो उस पते पर आ गई और अब वो अपने साथ में मेरा इंतजार ख़तम होने का संदेशा भी लाई थी. दोस्तों अब मेरी आँखें उसकी प्यासी चूत को देखने के लिए तड़प रही थी, जिसके लिए अब मेरा लंड बिल्कुल पागल हो चुका था और जैसे ही दरवाजे पर घंटी बजी तो मेरे लंड में भी ख़ुशी की अपने आप घंटियाँ बज उठी. मैंने उठकर दरवाजा खोल दिया और दरवाजा खोलते ही मेरी आँखें बाहर मेरे सामने खड़ी उस सेक्सी पटाका को देखकर फटी की फटी रह गई, में उसको देखकर मन ही मन सोचने लगा कि वाह क्या मस्त सेक्सी माल है. दोस्तों शायद उसको भगवान ने भी बहुत सोच समझकर बनाया था, उसका गोरा रंग, हिरनी जैसी आंखे, कपड़ो से बाहर निकलकर झांकती हुई छाती, वो ऊपर से लेकर नीचे तक बड़ी ही आकर्षक थी, जिसको देखकर मेरा मन ललचाने लगा और में पागल हुआ जा रहा था.

मैंने उसको अंदर आने के लिए कहा, तो वो मेरी तरफ मुस्कुराकर अंदर चली आई और वो अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि में उसका दीवाना बन गया हूँ और अंदर आने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को अपना परिचय दिया. तब मुझे पता चला कि उसका नाम प्रिया था. अब में अपने दोस्त को एक तरफ ले गया और मैंने उसको गाली देकर पूछा कि बहनचोद तूने यह माल तो बहुत अच्छा पकड़ा है, क्यों तू इसको कहाँ से लाया है, इसको तूने इतने दिनों से कहाँ छुपा रखा था? तो वो मुझसे कहने लगा कि यह मेरे कॉलेज में मेरे साथ ही अपनी पढ़ाई करती है और में इसकी बहुत बार चुदाई कर चुका हूँ, लेकिन अब ना जाने क्यों इसको कुछ दिनों से मेरे लंड के अलावा कोई दूसरा लंड लेने का भूत सवार हुआ है, पता नहीं यह ऐसा क्या करना चाहती है?

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मैंने हंसते हुए अपने दोस्त से कहा कि यार तेरी तो बड़ी मौज है, जो तुझे इतने खुले विचारों वाली गर्लफ्रेंड मिली है, वरना ऐसा कहाँ होता है, जो एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड के दोस्त को भी अपनी चुदाई का आमन्त्रण दे? अब वो हंसता हुआ मुझसे कहने लगा कि हाँ साले आज तो इसके साथ तेरी भी बड़ी मौज है और बस मैंने अपने दोस्त से बातें चोदना बंद किया और हम दोनों आकर उस बेड पर बैठ गये, लेकिन कुछ देर बाद मेरे दोस्त रोकी ने मुझे सोफे पर बैठने के लिए कहा और उसने मेरी तरफ आँख मारी, जिसका मतलब में तुरंत समझ गया, जिसकी वजह से में सोफे पर जाकर बैठ गया और अब प्रिया राकेश के पास जाकर बैठ गयी.

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मैंने तो अपनी एक सिगरेट को जला लिया और में उसको पीने लगा और उधर रोकी प्रिया की जांघो पर अपना हाथ घुमाने लगा और तब प्रिया को थोड़ी शरमा आ रही थी. उसके बाद रोकी उसके ज्यादा पास आ गया और उसने प्रिया को अपनी बाहों में जकड़ लिया और तभी उसने अपनी तरफ से जोरदार किस की बौछार कर दी और चूमने के साथ साथ उसने सही मौका देखकर प्रिया का टॉप भी उतार दिया और थोड़ी देर उसने प्रिया के बूब्स दबाए.

धीरे धीरे प्रिया को उसने पूरा नंगा कर दिया. दोस्तों में तो अपनी चकित नजरों से प्रिया का गोरा सेक्सी गदराया हुआ बदन देखकर एकदम हैरान बड़ा चकित था, वो क्योंकि क्या गजब का माल था, उसके वो बड़े आकार के बूब्स उन पर हल्के गुलाबी रंग के तने हुए निप्पल उसकी चूत पूरी गुलाबी, उभरी हुई, लेकिन वो फटी हुई थी, लेकिन मैंने आज तक ऐसे मस्त फिगर वाली लड़की नहीं देखी थी और वैसे भी उसको चोदने में मेरे बाप का क्या जा रहा था, वो थोड़ी सी मोटी तो थी, लेकिन भी वो एक चूत थी, जिसकी चुदाई का मेरा लंड बहुत दिनों से इंतजार कर रहा था और वो आज मुझे खत्म होता हुआ सा लगने लगा था.

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रोकी ने अपना लंड बाहर निकाला और उसने प्रिया को नीचे लेटाकर उसकी चूत में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, जो कि एक हल्के से धक्के में ही फिसलता हुआ अंदर जा पहुंचा और तभी उसने मुझे इशारा करके अपने पास बुला लिया और उसका इशारा समझकर मैंने तुरंत अपनी सिगरेट फेंकी और मैंने जल्दी से बिना देर किए अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब में बहुत अच्छी तरह से समझ गया था कि प्रिया ग्रुप सेक्स करना क्यों चाहती थी, क्योंकि उसकी चूत की इतनी बार चुदाई होने की वजह से वो अब भोसड़ा बन गई थी, इसलिए किसी और से भी वो अपनी चुदाई का मज़ा लेना चाहती थी, क्योंकि रोकी भी उसको अब पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाता था, लेकिन वो रोकी पर पूरा विश्वास करती थी, इसलिए उसने यह काम रोकी के ज़िम्मे सोंप दिया था, लेकिन मुझे उन सभी बातों से क्या मतलब मुझे चूत तो मिल ही रही थी और मैंने थोड़ा मज़ाक करना शुरू कर दिया और उस समय भी रोकी का लंड प्रिया की चूत था और मेरा लंड तो पिछले एक घंटे से ही खड़ा था.