भाई-बहन की चुदाई

कुंवारे भाई का कुंवारा लंड के मजे मेरी चूत में-3

(Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund Ke Maje Meri Chut Mein-3)

सुधीर नए मुझे खड़ी कर दिया और खुद मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं उसे खींच कर बाहर बारिश में ले गई और उससे ऐसे कसकर चिपक गई कि हमारे बीच हवा भी नहीं निकल सकती थी। हम दोनों सेक्स की आग में जल रहे थे और ऊपर से बारिश की ठंडी फुहारें आग को और भड़काने का काम करने लगीं।

हम दोनों पूरी तरह भीग गए और एक-दूसरे के कानों, गालों और गर्दन को चूमने और काटने लगे। सुधीर घुटनों के बल नीचे बैठ गया और मेरे नाजुक गीले पेट को चूमने लगा। वो मेरी गहरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा और हाथों से मेरे दोनों चूतड दबाने लगा। मैं मस्ती में आह… आह… करते हुए उसके बाल नोचने लगी।                                         “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”

सुधीर ने मुझे गोद में उठाया और अंदर ले आया। हमने एक-दूसरे के बदन को टॉवेल से अच्छी तरह साफ किया और सुधीर ने मुझे बैॅड पर लेटा दिया। वो मेरे ऊपर 69 की अवस्था में आ गया और मेरी टांगें खोल दीं। सुधीर मेरी चूत के दाने को जीभ से रगड़ने लगा और मैं उसके लंबे मोटे लंड के लाल सुपाडे़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगी। अचानक सुधीर ने लंड को नीचे दबा दिया और लंड मेरे मुंह में घुस गया। सुधीर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ कर चाटने लगा और मैं अपना सिर ऊपर-नीचे करके उसका लंड गले की गहराई में उतार कर चूसने लगी। लंड और चूत जोर जोर से चूसने की वजह से रूम में फच… फच… और पुच… पुच… की आवाज़ें गूंजने लगीं।

अब असली खेल चालू होने वाला था जब चूत और लंड का मिलाप होना था। सुधीर मेरे ऊपर आ गया और गांड के नीचे तकिया लगा दिया। तकिये की वजह से मेरी चूत ऊपर को उठ गई और सुधीर ने मेरी टांगें अपने कंधों पर रख लीं। उसने मेरी चूत के छेद पर लंड रखा और झटका मारा। चूत की चिकनाई से लंड फिसलता हुआ आधा अंदर घुस गया। सुधीर ने लंड को थोड़ा पीछे किया और एक जोरदार शाॅट मारा। उसका लंड मेरी चूत की दीवारें को खोलता हुआ मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकरा गया और मेरे मुंह से जोरदार आहहह… निकल गई।    “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”

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सुधीर ने अपना लंड कुछ देर ऐसे ही रखा और फिर धीरे-धीरे झटके देने लगा। मैंने सुधीर से कहा, अरे बहनचोद तुझ में दम नहीं है क्या जो इतना धीरे-धीरे चोद रहा है। उसने मेरी बात का जवाब जोरदार झटकों से दिया। अब मुझे चुदने का मजा आने लगा और मैं आह.. आह.. सीईईई… करते हुए अपने बूब्ज़ दबा कर चुदने का आनंद लेने लगी। सुधीर के हर शाॅट से मेरे मुंह से मस्ती भरी आहह निकल जाती।

अब सुधीर ने मुझे कुर्सी के सहारे झुका कर खड़ी कर दिया और मेरे पीछे आकर मेरी गांड के छेद के ऊपर और अंदर कोल्ड क्रीम लगा दी। उसने अपने लंड पर भी क्रीम लगाई और लंड मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। मैं अपनी गांड को पीछे धकेलने लगी और लंड मेरी गांड में उतरने लगा। मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर ले लिया और सुधीर मेरी कमर को पकड़ कर जोरशोर से मेरी गांड चोदने लगा।              “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”

मैं भी गांड को गोल गोल घुमा कर गांड चुदाई का मजा लेने लगी। सुधीर ने लंड मेरी गांड से निकाल लिया और ऐसे ही पीछे से मेरी चूत में धकेल दिया। सुधीर ने मेरी चूत में जोरदार धक्कों की बौछार कर दी। मेरे मुंह से कामुक सिसकियां निकल रही थीं और मैं जोर जोर से चिल्ला कर चुदने का मजा लेने लगी। सुधीर मेरी चूत में धक्के मार रहा था और मैं गांड को आगे-पीछे करके चूत चुदाई करवाने लगी।

सुधीर बैॅड पर लेट गया और मैं उसके ऊपर आ गई। मैंने अपनी चूत सुधीर के लंड पर लगाई और अपनी गांड को तेज़ी से नीचे धकेल दिया। सुधीर का लंड मेरे एक शाॅट में ही मेरी चूत में समा कर मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। मैंने आगे की तरफ झुक कर अपने हाथ सुधीर की छाती पर रख लिए और अपनी गांड उचका उचका कर चूत में लंड को अंदर-बाहर करने लगी। सुधीर नीचे से मेरी चूत में धक्के मार कर मेरी चूत चोदने लगा और उसने मेरे ऊपर-नीचे उछल-कूद कर रहे बूब्ज़ को कस कर पकड़ के दबाने लगा।            “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”

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ऊपर से मेरे शाॅट और नीचे से सुधीर के शाॅट लगने की वजह से चुदाई की रफ्तार दोगुनी हो गई और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मैंने लंड को चूत से निकाल लिया और घूम गई। मैंने सुधीर की जांघों पर हाथ रखकर अपनी गांड उसके लंड पर टिका दी और मैंने अपनी गांड को नीचे दबा दिया। सुधीर का लंड मेरी गांड में उतर गया। मैं गांड को उसके लंड पर उछालने लगी और वो नीचे से मेरे चूतड़ दबाता हुआ मेरी गांड चोदने लगा।

सुधीर ने मुझे बैॅड पर घुटने मोड़ कर बैठा दिया और मेरी गांड ऊपर को उभर आई। सुधीर ने फिर से मेरी गांड के छेद और अपने लंड पर कोल्ड क्रीम लगा ली। उसने मेरी गांड पर लंड लगा कर शाॅट मारा और इस बार एक ही शाॅट में सुधीर का लंड फचचच… की आवाज़ से मेरी गांड में जड़ तक बैठ गया। सुधीर ने एक हाथ हे मेरी बालों को पकड़ लिया और लंड को मेरी गांड में पेलते हुए दूसरे हाथ से मेरे चूतडो़ पर चपत लगाने लगा। वो मुझे घोडी़ बना कर मेरी सवारी कर रहा था और मैं सेक्स की दुनियां में खोई हुई उसे सवारी का मजा दे रही थी।

सुधीर ने लंड मेरी गांड से निकाल कर मेरी कमर को पकड़ कर गांड ऊपर कर दी और मेरी चूत पीछे को ऊपर उभर आई। सुधीर ने वैसे ही मेरी चूत में लंड पेल दिया और ताबड़तोड़ शाॅट मारने लगा। मैं भी थोड़ा आगे-पीछे होकर उसका साथ देने लगी। जब वो शाॅट मारता मेरे बूब्ज़ आगे-पीछे उछलते और मुझे इस जबरदस्त चुदाई का बहुत आनंद आ रहा था।                          “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”

सुधीर ने चूत से लंड निकाल कर मुझे दीवार से सटा लिया। मैंने अपनी बांहें उसके गले में डाल दीं और हम एक-दूसरे की आंखों में खोने लगे। सुधीर ने मेरी टांगें उठा कर मेरी चूत में लंड डाल दिया। मैंने अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेट लीं और उसके होंठों पर अपनी होंठ रख दिए।

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सुधीर मेरे होंठों का रसपान करते हुए अपनी कमर को हिलाते हुए मेरी चूत चोदने लगा। सुधीर सिर को थोड़ा नीचे करके मेरे बूब्ज़ चूसते हुए मेरी चूत की जबरदस्त चुदाई करने लगा। सुधीर का कुंवारा लंड मुझे वो सुख दे रहा था जो अच्छा खासा चोदू लंड देता है। सुधीर ने मुझे नीचे उतार कर मुझे पेट के बल दीवार से सटा दिया। उसने दोनों हाथों से मेरे बूब्ज़ थाम लिए और मेरी गांड में लंड पेल दिया।

वो मेरे बूब्ज़ को दबाते हुए और मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरी गांड चोदने लगा। अब वो झड़ने वाला था और उसकी रफ्तार बड गई। सुधीर ने मेरे बूब्ज़ को कस कर पकड़ लिया और आहह… आहह… की आवाज़ करते हुए अपना माल मेरी गांड में निकाल दिया। उसके गर्म गर्म वीर्य से मेरी गांड लबालब भर गई। उसका वीर्य मेरी गांड से निकल कर मेरी चूत पर होता हुआ मेरी चिकनी जांघों पर रेंगने लगा।

मैंने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और वापस रूम में आ गई। हमने एक-दूसरे को चूमा और नंगे ही सो गए। उन तीन दिनों में हमने खूब जमकर चुदाई की और मजे लूटे। अगली कहानी में आपको सुधीर के पापा से कैसे चुदाई की उसकी दास्तान बताऊंगी। तबतक सब के लंडो पर चुम्मा लेकर सब को सलाम।                                          “Kunwre Bhai Ka Kunwara Lund”