ग्रुप सेक्स स्टोरी

माँ – बेटी की एक साथ चुदाई

Ma beti ki ek saath chudai

हाँ जी दोस्तों, क्या हाल है? मैं आपकी मीतु आपके लिए फिर से हाज़िर हु चुदाई की एक नई दास्तान लेकर. अपने मेरी पुरानी कहानियो को बहुत प्यार दिया और मुझे बहुत सरहा, उसके लिए बहुत सारा थैंक्स. तो आते है उस नई दास्ताँ पर. रामू से चुदवाने के बाद, मैं उसके लंड की दीवानी हो गयी थी. मैं ३-४ बार उसके लंड से चुदवा चुकी थी. अब तो रामू ने मेरी माँ को भी अपने जाल में फ़साना शुरू कर दिया था. मेरी माँ की उम्र तक़रीबन ४० साल के आसपास थी और उन्होंने अपनी फिगर को अभी भी मेंटेन किया हुआ है. उनके बूब्स अभी भी कसे हुए है और उनकी गांड तो बस पूछो ही मत. कुल मिलाकर वो अभी भी किसी भी लंड का पानी निकालने की ताकत रखती है. वो घर पर ज्यादातर सूट ही पहनती है. रामू को घर में ज्यादा समय माँ के साथ अकेले मिल जाता है. क्योंकि पापा भी खेतो में रहते है. इसलिए रामू ने होले – होले माँ को फसा लिया. पर उसने मुझसे वायदा किया था, कि माँ की पहली चुदाई में वो मेरे को भी साथ चोदेगा.

मैं काफी एक्साइट थी और काफी डरी भी थी, कि माँ क्या सोचेगी? आखिर रामू ने माँ को कहा – बीबी जी कल रात को तैयार रहना. मैंने बड़ी बीबी जी को भी बोल दिया है. वो मालिक के खाने में नीद की दवाई डाल देंगी. आप आ जाना. अगले दिन सुबह से माँ काफी खुश दिख रही थी. उनके चेहरे पर अलग ही ग्लो था. सारा दिन काम में निकल गया और अब रात के खाने की बारी थी. मुझे पता था, कि खाने में नीद की दवाई है. मैंने भूख ना होने का नाटक करते हुए, खाना नहीं खाया. पापा ने खाना खाया और अपने रूम में चले गये. मैं भी अपने रूम में आ गयी. मैंने एक रेड कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और येलो स्लीवलेस सूट पहना था. फिर मैं माँ के जाने का इंतज़ार करने लगी. थोड़ी देर बाद, मैंने देखा कि माँ रामू के कमरे मकी तरफ जा रही थी. उन्होंने रेड सूट पहना हुआ था. वो जल्दी ही रामू के रूम में एंटर हो गयी. प्लान के मुताबिक रामू ने कुण्डी नहीं लगायी.

मैं भी पीछे ही उनके रामू के गेट पर आ गयी और अन्दर झाँकने लगी. वो माँ को किस कर रहा था. माँ भी काफी देर से जैसे अपनी गरमी संभाल कर बैठी थी और वो भी रामू को पूरा साथ दे रही थी. तभी मैंने एकदम से गेट खोल दिया और दरवाजे की तेज आवाज़ से दोनों डर गये. माँ के तो होश ही फाख्ता हो गये और मुझे देख कर वो एकदम से डर गयी. मैंने स्माइल किया और माँ के पास पहुच कर उनके लिप्स को किस करने लगी. माँ की जान में जान आ गयी. कुछ देर ऐसा करने के बाद, माँ पीछे हटी और मैं बोली – माँ, आप बहुत हॉट हो. माँ शरमा गयी और रामू ने हम दोनों को अपनी ओर खीचा और बोला – आप दोनों ही हॉट हो बीबी जी. चलिए बातें करने के लिए बहुत समय है, पहले कुछ काम कर ले. फिर वो बारी – बारी हम दोनों को किस करने लगा और उसके हाथ हम दोनों के मम्मो को सहला रहे थे. १५ मिनट तक किस करने के बाद वो बोला – यकीं नहीं होता, कि आप इनकी माँ हो?

Hindi Sex Story :  दीदी ने सबको बचाया ठंड में मरने से-2

आपके मम्मे अभी भी इनके जैसे ही है. मेरी माँ हंसी और बोली – ये सब का क्या फायदा, जब कोई ध्यान ही नहीं देता. रामू बोला – अरे बीबी जी, अब मैं तो हु ही ना. आप दोनों का पूरा ध्यान रखूँगा. फिर उसने बारी – बारी हमारी शर्ट उतारी और हम दोनों माँ – बेटी अब ब्रा में थी. मम्मी ने ब्लैक ब्रा पहनी थी और उनके मम्मे मेरे मम्मो से हलके बड़े थे. लेकिन वो सख्त थे. रामू तो पागलो की तरह हम दोनों के मम्मो पर टूट पड़ा और वो ब्रा के ऊपर से ही हमारे मम्मो को चूस रहा था. और उसकी नीचे हमारी चूत मसल रही थी. मेरा हाथ भी उसके लंड को मसल रहा था. माँ तो आँखे बंद करके सारी चुदाई का आनंद ले रही थी. रामू ने होले से माँ का हाथ भी अपने लंड पर रख दिया. हम उसके लंड को होले – होले सहला रहे थे. फिर रामू ने हमारी सलवार उतार दी. माँ ने ब्लैक पेंटी पहनी थी.. उनका गोरा बदन ब्लैक पेंटी में.. सच में कयामत लग रहा था. उनके शरीर पर भी मेरी तरह ही कोई बाल नहीं थे.

मैंने इस रूप में माँ को पहली बार देखा था. मेरा हाथ अपने आप आप माँ के मम्मो की तरफ चले गया और मैं उसे सहलाने लगी. फिर रामू ने हम दोनों को नीचे लेटने को कहा. उसने हमारी पेंटी उतार दी. मेरी नज़र माँ की चूत पर गयी, जिसपर हलके – हलके बाल थे और वो बड़ी सुंदर थी. रामू बोला – आप माँ बेटी की चूत बहुत सुंदर है. सच में, मैं बहुत किस्मत वाला हु, कि मुझे आप दोनों की चूत मिल रही है. सच में, मालिक बहुत किस्मत वाली है, जिन्हें आप जैसी बीवी मिली. फिर उसने बारी – बारी हमारी चूत चाटनी शुरू की. उसकी जीभ के हमले के आगे मेरी एक ना चली और मैं थोड़ी ही देर में झड़ गयी. कुछ देर बाद, माँ भी झड़ गयी. अब उसने हमे खड़ा किया और हमारी ब्रा भी उतार दी. माँ के निप्पल मेरे से थोड़े बड़े थे. वो बारी – बारे हमारे निप्पल को चूसने लगा. मेरी हालत ख़राब हो रही थी. मैं माँ के पास गयी और उनके होठो को चूसने लगी. कुछ देर बाद, माँ भी मेरा साथ देने लगी.

Hindi Sex Story :  ठेकेदार और उसके दोस्त से गांड मरवाई

अब रामू ने हम दोनों को नीचे सेट किया और बोला – बताओ, किसको पहले चाहिए मेरा हथियार? माँ कुछ बोलने लगी तो, मैंने रामू के लंड को सहलाते हुए बोला – राजा, वैसे तो ऐसे लंड को हर कोई पहले लेना चाहेगा. पर मेरी माँ बहुत देर से प्यासी है. तो तुम इसी प्यास पहले बुझा दो. रामू बोला – ठीक है रानी. अब देख, मैं कैसे तुम दोनों की प्यास बुझाता हु. फिर उसने माँ की चूत पर अपने लंड को सेट किया और होले – होले धक्का लगाने लगा. माँ की चूत काफी टाइट थी. उनके मुह से उनकी सिसकिया पुरे कमरे में गूंज रही थी. अभी उसका आधा लंड ही माँ की चूत में गया था. फिर उसने एक जोरदार धक्का दिया और पूरा लंड माँ की चूत में पेल दिया. माँ का मुह खुला का खुला रह गया और जोरदार चीख निकली. वो वैसे ही कुछ देर रुका रहा और माँ के बूब्स सहलाने लगा. फिर वो होले – होले माँ को चोदने लगा. और मेरे को अपनी ओर खीचा और मेरे होठो को चूसने लगा. माँ के हाथ मेरे चूचो को मसल रहे थे.

१० – १५ मिनट माँ को चोदने के बाद, वो नीचे लेट गया और मुझको लंड को बैठने को कहा. मै उसके लंड पर बैठ गयी और माँ ने उसके लंड को हाथ में लिया और मेरी चूत में होले – होले डालने लगी. उसका लंड पूरी तरह से मेरी चूत में समा गया. फिर मैं होले – होले अपनी चूत को आगे – पीछे करने लगी. माँ अपनी चूत को रामू की जीभ पर सेट करके मेरी तरफ मुह करके बैठ गयी. हम दोनों एक दुसरे के मम्मो को सहला रहे थे और मैं अपनी जीभ माँ के मुह के अन्दर डाल दी थी. अब हमारी सेक्स में आँखे बंद होने लगी थी. १० मिनट ऐसे ही रहने के बाद मैं और माँ झड़ चुके थे. पर रामू का अभी भी बाकी था. फिर उसने माँ को नीचे लेटा दिया और उसकी टाँगे उठा ली और मुझे माँ पर लेटने को बोला. मेरा फेस माँ की तरफ था. इस तरह हमारी चूत एकसाथ रामू के सामने थी. उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और फिर मैंने अपनी चूत में माँ की उंगलियों को महसूस किया.

Hindi Sex Story :  पड़ोसी भाभियों को जमकर बजाया–5

वो हम दोनों को बारी – बारी से चोद रहा था. इस तरह चुदने में सच में मज़ा आ रहा था. अब उसने मुझे गोद में उठाया और खड़े होकर चोदने लगा. इस तरह चुदने में मुझे सब से ज्यादा मज़ा आ रहा थाम क्योंकि इस तरह से चुदवाने में लंड पूरा बच्चेदानी तक जाता है. पुरे कमरे में हमारी सिस्कारिया गूंज रही थी. फिर उसने मुझे नीचे उतारा और माँ को बालो से पकड़ कर कुतिया बनाकर पीछे से चूत मारने लगा. उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे होठ को चूसने लगा. माँ की उंगलिया मेरी चूत पर चल रही थी. फिर उसके झटके तेज होने लगे और एकदम उसने अपना लंड बाहर निकाला और हम दोनों को नीचे बैठने को कहा. वो अभी लंड को सहलाने ही लगा था, कि माँ ने उसके हाथ को रोक दिया और अपने हाथ से उसके लंड को सहलाने लगी. कुछ ही देर में उसके लंड ने अपना पानी छोड़ दिया. उसने अपने अमृत की कुछ बुँदे माँ और कुछ बुँदे मेरे फेस पर और मेरे बूब्स पर गिरा दी.

माँ ने उसके लंड को अपने होठो से पूरा निचोड़ दिया और अपनी ब्रा से उसके लंड को पूरा साफ़ कर दिया और अपने शरीर और उसके लंड पर लगा सारा वीर्य अपनी ब्रा से पौछ डाला और ब्रा को पहन लिया. रामू ने फिर हम दोनों को किस किया और बोला – सच में आप दोनों बहुत कयामत है. मेरी किस्मत अच्छी है, कि आप दोनों को चोदने का मौका मिला मुझे एक साथ. तभी माँ बोली – रामू, जानता है.. आज मैं कितने सालो बाद चुदी हु. तुमने सच में मेरी प्यास बुझ दी. रामू – बीबी जी प्यास बुझाई नहीं, मैंने तो आपके शरीर में सेक्स की आग लगायी है. तभी हम सब हसने लगे और माँ ने मुझे किस दिया और बोली – मेरी बेटी बिलकुल मुझपर गयी है. फिर हमने कपड़े पहने और आकर सो गये. सच में आज तो मज़ा ही आ गया. तो दोस्तों, कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी…