माँ की चुदाई

माँ का गरम दूध और नंगी चूत-1

Maa ka garam doodh aur nangi choot-1

हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने वालों के लिए अपना दूसरा सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ. दोस्तों यह मेरे जीवन की एक सच्ची चुदाई की घटना है, जिसमें मैंने अपनी माँ को बहुत जमकर चोदकर उनके जिस्म की आग को पूरी तरह से शांत किया और उनकी चुदाई के समय मुझे बहुत जोश आ गया और में लगातार मस्त चुदाई करता रहा. उस चुदाई में उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया और बहुत मज़े किए और वैसे इस चुदाई को करने से पहले भी में अपनी माँ को चोद चुका था, इसलिए हम दोनों के मन में डरने की कोई भी बात और शंका नहीं थी.

हम दोनों एक दूसरे में पूरी तरह से डूबकर चुदाई के वो मज़े लेते रहे और हमें जब भी जैसा भी मौका मिला हमने उसका वैसे ही फायदा उठाया और अब में बताता हूँ कि मैंने वो सब कैसे किया अब आप मेरी कहानी को पढ़े उसके मज़े ले.

दोस्तों उस दिन जैसे ही मुझे पता चला कि मेरे पापा तीन दिन के लिए बाहर उनके किसी काम की वजह से जा रहे है तभी में वो बात सुनकर मन ही मन खुशी से झूम उठा, क्योंकि अब मुझे मेरी मन मर्जी के काम करने की पूरी पूरी आजादी थी और मुझे कहने रोकने टोकने वाला अब घर में कोई भी नहीं था और अब में बड़ी ही बेसब्री से रात के आने का इंतज़ार करने लगा था और वैसे मेरे चेहरे की रोनक को देखकर अब तक मेरी माँ भी मेरे मन में क्या चल रहा है समझ चुकी थी, लेकिन फिर भी वो चुप रहकर मन ही मन खुश थी.

दोस्तों में उन सभी लोगो को बता दूँ जो पहली बार मेरी माँ का परिचय ले रहे है, मेरी माँ बहुत ही हॉट सेक्सी औरत है और उनका फिगर भी बहुत ही आकर्षक है. उनके वो बड़े बड़े बूब्स, उनका बहुत गोरा रंग जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे और वो आकर्षक होने के साथ साथ बड़ी ही मदमस्त चीज़ है.

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दोस्तों अब क्योंकि में अपनी माँ के साथ पहले भी सेक्स कर चुका था, इसलिए हम दोनों एक दूसरे से आपस में पूरी तरह से खुल गये थे और थोड़ा भी डर या झिझक हमारे बीच में नहीं थी, लेकिन इस बार बहुत दिनों के बाद मेरे हाथ में यह मौका आया था.

उसी शाम को मेरे पापा हम दोनों से बाय कहकर के चले गए और उनके चले जाने के बाद अब माँ किचन में अपने कामों में मुझे बहुत व्यस्त नजर आ रही थी और तभी मैंने किचन में चुपचाप जाकर माँ को पीछे से जाकर उनको अपनी बाहों में जकड़ लिया और अब में उनसे बोला कि आज तो में दूध पिऊँगा.

फिर वो हंसते हुए मुझसे कहने लगी कि हाँ जी भरकर पी लेना अभी इसको गरम तो हो जाने दे, तब मैंने हंसते हुए उनसे कहा तो जल्दी से गरम करो ना, में तो अभी इसी समय पीना चाहता हूँ. मुझसे ज्यादा देर नहीं रुका जाता और मुझे जल्दी से दूध पीना है.

फिर वो बोली कि आज में तुझे बहुत स्पेशल दूध केसर बदाम डालकर दूंगी और उसके स्वाद को तू हमेशा याद रखेगा कभी नहीं भूल सकता. अब मैंने उनसे कहा कि मुझे काली भैंस का नहीं बल्कि आज तुम्हारा दूध पीना है. पूरी दुनिया में इससे स्पेशल दूध और कहाँ होगा?

तभी माँ हंसते हुए मुझसे बोली कि तू बड़ा बदमाश हो गया है, चल अब भाग यहाँ से मुझे काम करने दे. फिर मैंने उनसे कहा कि आप थोड़ा जल्दी करना और फिर में बाहर आकर टीवी सीरियल देखने लगा और फिर मैंने देखा कि टीवी के दूसरे चेनल पर एक मस्त सेक्सी फिल्म आने लगी वो मुझे बहुत अच्छी फिल्म लगी और में उसको देखने लगा और वो सीरियल खत्म होने पर मम्मी अपने कमरे में जाते हुए मुझसे बोली कि मैंने दूध गरम करके रख दिया है और तुम जाकर उसको पी लेना.

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मैंने कहा कि मुझे यह नहीं पीना, लेकिन वो मेरी बात को अनसुनी करके मुझसे कहने लगी कि में अब सोने जा रही हूँ और ख्याल रखना ज़्यादा देर नहीं हो अब माँ वो दूध अपने साथ लेकर पहले अपने कमरे में चली गई और तभी में तुरंत समझ गया और अब इसलिए मैंने जल्दी ही टीवी बंद को करके में अपनी माँ के रूम में चला गया और तब मैंने देखा तो माँ उस समय लेटी हुई थी. अब में भी उनके पास में जाकर लेट गया और उसके बाद में अपनी माँ के बूब्स पर अपने एक हाथ को फेरने लगा.

फिर उन्होंने अपने ब्लाउज के बटन खोल रखे थे और उसी समय मैंने उनसे पूछा कि माँ क्या हुआ, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और अब मैंने उनकी ब्रा का हुक भी खोल दिया और उसी समय में उनसे बोला कि क्यों अपने इन दोनों को क़ैद कर रखा है आप इनको कम से कम रात के समय तो आज़ाद कर दिया करो और मैंने उनके बूब्स को दबा दिया.

फिर उन्होंने अपने ब्लाउज को उतार दिया, जिसकी वजह से अब माँ के वो दोनों बूब्स बिल्कुल आज़ाद हो चुके थे और वो दोनों गोरे बड़े आकार के बूब्स क्या मस्त आकर्षक थे और अब माँ मुझसे बोली कि दूध पास वाली टेबल पर रखा हुआ है, तुम उसको पी लो ना और फिर माँ उठकर वो दूध का गिलास ले आई, तो मैंने तुरंत उसी समय उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और वो झट से नीचे आ गिरा और तब मैंने देखा कि माँ ने उस समय अपने पेटीकोट के नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था.

फिर वो मुझसे बोली कि यह लो दूध पी लो, तब मैंने उनसे कहा कि जब सामने खुद इतनी सुंदर दूध वाली खड़ी हो तो यह काली भैंस का दूध कौन पियेगा?

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और उनको इतना कहकर मैंने उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया और फिर उन्हे मैंने बिना देर किए तुरंत अपने मुहं में ले लिया, तो माँ ने कहा कि लेकिन इसमे दूध कहाँ है? यह शब्द कहते हुए उन्होंने मेरे मुहं में से अपनी निप्पल को छुड़ाकर वो उठी और दूध का गिलास उठाकर उन्होंने मेरे मुहं से लगा दिया.

अब मैंने थोड़ा सा दूध पिया और गिलास को लेकर बाकी बचा हुआ दूध पीने के लिए मैंने माँ के मुहं में लगा दिया और माँ ने भी थोड़ा सा दूध पीकर मुहं से गिलास को हटाते हुए कहा कि मैंने पहले ही दूध पी लिया था और इस बीच थोड़ा सा दूध छलकर माँ के बूब्स पर जाकर गिर गया और में उसको अपनी जीभ से चाटने लगा.

अब तो माँ अपने हाथ में उस गिलास को लेकर अपने दोनों बूब्स पर धीरे धीरे करके बारी बारी से दूध को गिराती रही और में मज़ा ले लेकर उनके निप्पल को लगातार चाटता चूसता गया और बूब्स को चाटने से माँ के सारे बदन में सुरसुरी होने लगी और वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और इस बीच थोड़ा सा दूध नीचे की तरफ बहकर माँ की नाभि से होता हुआ उनकी चूत तक पहुंच गया. अब मेरी जीभ उस टपकते हुए दूध को चाटते हुए धीरे धीरे नीचे आ रही थी और उस वजह से माँ के पूरे बदन में सनसनी फैलती जा रही थी और माँ अपने गोरे उभरे हुए बूब्स पर धीरे धीरे दूध को गिराए जा रही थी और वो दूध उन दोनों बूब्स के बीच से होता हुआ नीचे की तरफ आ गया था.