माँ की चुदाई

माँ पर चल गया लंड का जादू

Maa par chal gaya lund ka jaadu

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संदेश है और मेरी उम्र 23 साल है. आज में आपको मेरी लाईफ की एक कहानी बताने जा रहा हूँ. हमारे घर में हम सिर्फ़ 2 लोग ही रहते है, एक में और मेरी माँ. वैसे तो पिताजी भी रहते थे, लेकिन बिजनेस की वजह से वो दुबई में रहते है और वो साल में सिर्फ़ 2 बार ही आते थे, लेकिन एक दिन पिताजी ने दुबई में किसी दूसरी औरत के साथ शादी कर ली, तो तब से माँ का मेरे अलावा कोई अपना नहीं था. मेरी माँ का नाम सोनाली है और उसकी उम्र 37 साल है, लेकिन फिर भी आज वो किसी 19 साल की लड़की की तरह जवान और खूबसूरत दिखती है और उनके बूब्स काफ़ी सुडोल और काफ़ी बड़े-बड़े है. मेरी माँ कभी-कभी पारदर्शी साड़ी पहनती है, जब भी में माँ के साथ बाहर घूमने जाता हूँ, तो सारे मर्दों की नज़र मेरी माँ पर ही रहती है.

दोस्तों एक बार में रात को करीब 3 बजे माँ के कमरे की तरफ चला गया, तो मुझे माँ की भी कुछ अजीब सी आवाज़े आने लगी. माँ के कमरे का दरवाजा अंदर से लॉक था इसलिए मैंने पास में ही पड़ी टेबल लेकर दरवाजे की खिड़कियों से अंदर देखा, तो मेरी माँ पूरी नंगी और माँ अपनी उँगलियों से अपनी चूत को चोद रही थी और माँ ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.

अब यह देखकर तो में भी हैरान हो गया था. अब मुझे ऐसा लग रहा था की अभी दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर माँ की प्यासी चूत की सारी प्यास मिटा दूँ, लेकिन मुझे माँ से डर भी लगता था कि कहीं वो मुझसे गुस्सा तो नहीं करेगी.

रातभर मेरी नज़रों के सामने वही माँ का नंगा बदन दिखाई दे रहा था, माँ को कैसे चोद सकूँगा? इस ख्याल में कब सुबह हो गयी? मुझे पता ही नहीं चला. अब उस दिन से मेरा माँ की तरफ देखने का नजरिया ही बदल गया था. अब वो मुझे माँ कम और एक प्यासी औरत ज़्यादा दिखने लगी थी. फिर एक दिन में बाथरूम में नहाने गया, तो तब माँ किचन में नाश्ता बना रही थी. फिर मेरे दिमाग़ में एक आइडिया आया तो में बाथरूम से नाहकर आते समय टावल लगाकर बाहर आ गया, तो मैंने देखा कि माँ भी वहीं पास ही किचन में खड़ी थी.

फिर माँ की नज़र मुझ पर पड़ी तो मैंने जानबूझ कर मेरी कमर का टावल छोड़ दिया. माँ का ध्यान मेरे 7 इंच के लंड पर पड़ा, तो मैंने भी थोड़े आराम से टावल उठाकर अपनी कमर से लपेट लिया और अपने रूम में ऐसे चला गया कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं है. फिर माँ मेरे पीछे-पीछे दबे पैर से आई और अब मुझे पता था कि माँ दरवाजे पर खड़ी है, फिर मैंने पंखा चलाकर फिर से टावल छोड़ा और अब में बेड पर इस तरह हवा खा रहा था कि माँ को मेरा पूरी तरह से मेरा लंड फिर से दिखाई दे. अब मेरा लंड देखकर माँ अपने बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद माँ अपनी चूत में अपने एक हाथ से उंगली करने लगी थी.

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अब में समझ चुका था कि अब मेरे लंड का जादू माँ पर धीरे-धीरे असर करने लगा था. फिर थोड़ी देर के बाद में अपनी पेंट पहनकर नाश्ता करने बाहर आया, तो माँ का आज मेरी तरफ देखने का अंदाज़ बदल गया था. फिर माँ नाश्ता करके अपने कमरे में चली गयी और में अपने कमरे में चला गया, लेकिन अब माँ के दिमाग़ में सिर्फ़ मेरे लंड का ख्याल दौड़ रहा था.

फिर दूसरे दिन में और माँ शॉपिंग के लिए मार्केट चले गये. फिर मेरे लिए नये कपड़े और माँ के लिए भी नई साड़ी लेने के बाद माँ मुझे कुछ पर्सनल शॉपिंग के लिए भी ले गयी. अब माँ को ब्रा और पेंटी लेनी थी.

फिर माँ ने एक लेडीस अंडरगार्मेंट्स शॉप में नई और ट्रेंडी ब्रा और पेंटी खरीद ली और फिर हमने एक होटल में जाकर खाना खा लिया और फिर उसके बाद हम घर के लिए निकल गये और फिर में मेरे कमरे में और माँ अपने कमरे में चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद माँ ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया, तो में माँ के कमरे की तरफ चला गया, तो माँ अपने कपड़े बदल रही थी.

अब माँ टॉपलेस थी और उन्होंने पेंटी पहनी थी. अब में अंदर जाते ही वापस जा रहा था, तो तभी माँ ने मुझे रोका और बड़े प्यार से बोली कि बेटा यह ब्रा का हुक लगा दो ना प्लीज़? तो यह सुनकर में माँ के पास चला गया और उनकी ब्रा का हुक लगाने की कोशिश करने लगा, लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान माँ के नंगे बदन पर था, अब धीरे-धीरे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.

फिर तभी माँ ने पूछा कि एक हुक लगाने के लिए इतना वक़्त बेटा? और फिर माँ मेरी तरफ मुड़ गयी. अब माँ की आगे की साईज़ देखकर तो मेरा लंड और भी ज़्यादा तन गया था. फिर माँ बोली कि बेटा तेरा ध्यान कहाँ है? तो तभी में बोला कि कहीं तो नहीं माँ और फिर मैंने माँ की ब्रा का हुक लगा दिया. फिर माँ नाईट ड्रेस पहनकर सोने की तैयारी करने लगी, तो अचानक से लाईट चली गयी.

फिर माँ ने डर के मारे मुझे गले लगा लिया. अब मैंने भी माँ को ज़ोर से पकड़कर रखा था, अब हम दोनों 1-2 मिनट के लिए वैसे ही रह गये थे. वैसे तो माँ को अंधेरे से काफ़ी डर लगता है. अब में मेरे कमरे में जाने की तैयारी में था, तो तभी माँ ने मुझे रोका और कहा कि क्या आज रात तुम मेरे पास सो सकते हो? मुझे बहुत डर लग रहा है. फिर यह सुनकर में तुरंत तैयार हो गया और फिर हम दोनों एक ही बेड पर सोने की तैयारी करने लगे. अब मुझे लाईट ना होने की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी.

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अब हम दोनों एक ही बेड पर सो रहे थे. फिर रात को करीब 3 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि माँ की नाईट ड्रेस से माँ के बूब्स बाहर आ गये थे. अब मेरी नज़र उस पर जाते ही मेरा लंड फिर से जाग उठा था तो मैंने देखा कि माँ पूरी नींद में है. फिर तभी मेरे दोनों हाथ माँ के बूब्स दबाने को आगे बढे और अब में बड़े प्यार से माँ के दोनों बूब्स मसलने लगा था.

फिर थोड़ी देर के बाद में माँ के बूब्स को अपने मुँह से चूसने लगा. फिर तभी माँ की आँख खुल गयी, तो में एकदम डर गया कि माँ मुझे मारेगी, लेकिन माँ ने बड़े ही प्यार से कहा कि क्यों बेटा तुझे मेरे बूब्स पसंद है ना? अब में भी समझ गया था कि माँ धीरे-धीरे अपनी लाईन पर आ रही है.

फिर में और ज़ोर-जोर से माँ के बूब्स चूसने लगा. अब माँ ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी तो तभी माँ बोली कि सिर्फ़ तुम ही आम के मज़े लोगे या मुझे भी थोड़ा तेरा गन्ना चूसने को दोगे. फिर मैंने मेरी पैंट उतारकर अपना 7 इंच का तना हुआ गन्ना बाहर निकाला.

फिर माँ मेरे गन्ने को देखकर बोली कि अरे तेरा तो तेरे पापा से भी काफ़ी बड़ा है और फिर माँ बड़े प्यार से उसे अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी और धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे हिलाने लगी थी.

करीब 10 मिनट के बाद मैंने माँ के मुँह में ही अपना पानी छोड़ दिया. अब माँ काफ़ी जोश में आ गयी थी और बेड से उठकर अपने बदन से नाईट ड्रेस निकालकर पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. अब यह देखकर तो मेरा सोया हुआ लंड फिर से हरा भरा होकर खड़ा हो गया था. फिर मैंने माँ को फिर से बेड पर लेकर नीचे से लेकर ऊपर तक किस किया. अब माँ का बदन काफ़ी गर्म हो चुका था.

मैंने माँ के दोनों बूब्स के निप्पल को बड़े प्यार से चाटना शुरू किया. अब माँ तो एकदम रंडी की तरह पेश आ रही थी और अब माँ गालियां देकर बोलने लगी थी. अब सिर्फ़ माँ का दूध ही पियोगे या मादरचोद की तरह माँ की चूत को भी चाटेगा. अब यह सुनकर तो में हैरान हो गया था, क्योंकि मैंने माँ के मुँह से अभी तक कभी भी गाली नहीं सुनी थी.

फिर में धीरे-धीरे माँ की चूत की तरफ अपनी उंगली करने गया तो मैंने अपनी दो उँगलियाँ माँ की चूत में घुसाने की कोशिश की, लेकिन माँ की चूत इतनी टाईट थी कि उसमें मेरी उंगली जा ही नहीं पा रही थी. फिर माँ ने रसोई घर से घी का डब्बा लेकर खुद की चूत पर लगाया और बोली कि अब अपनी माँ को चोद.

मैंने माँ की चूत में अपनी दो उँगलियाँ डाली तो मेरी उंगलियाँ झट से उनकी चूत के अंदर चली गयी. फिर बाद में मैंने अपनी 3 उंगलियाँ उनकी चूत के अंदर डालने की कोशिश की तो माँ बोली कि साले पूरी रात उंगली ही करोंगे या तेरा गन्ना क्या सिर्फ़ दिखाने के लिए रखा है? फिर मैंने मेरा लंड माँ की चूत में घुसाने की कोशिश की और फिर धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मेरा लंड सिर्फ़ 2 इंच ही अंदर जा रहा था, अब माँ को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

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फिर मैंने घी के डब्बे से थोड़ा सा घी निकाला और मेरे तने हुए लंड पर लगाया. अब मेरा तना हुआ लंड इतना गर्म हो गया था कि मेरे लंड पर लगाया हुआ घी भी पिघल गया था. फिर मैंने बड़ी ज़ोर-ज़ोर से माँ की चूत में अपने लंड से धक्का देना शुरू किया. अब माँ भी जोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और अब में माँ को और ज़ोर-जोर से चोद रहा था और माँ चिल्ला रही थी उह माँ, आआआ ज़रा धीरे से डालो बेटा, बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अब में अपने आपको रोक नहीं पा रहा था.

अब में अपने दोनों हाथों से माँ के बूब्स और चूत को लंड से दोनों साईड से काफ़ी मज़ा ले रहा था और करीब 20 मिनट से माँ को लगातार चोद रहा था. फिर तभी माँ भी ताल से ताल मिलाकर अपनी कमर हिला-हिलाकर मेरा साथ देने लगी थी और कहने लगी कि और ज़ोर से बेटा, क्या मज़ा आ रहा है? ज़िंदगी में इतना बड़ा सेक्स मेरे साथ तेरे पापा ने भी नहीं किया था, बड़ा मज़ा आ रहा है, लगे रहो बेटा लगे रहो.

अब ये सुनकर तो मैंने ज़ोर-ज़ोर से शॉट देना शुरू कर दिया था, लेकिन अब मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने काफ़ी देर तक अपना पानी रोक लिया था, लेकिन अब कंट्रोल के बाहर हो गया था और फिर मैंने झट से मेरे गन्ने का पूरा रस माँ की चूत को पिला दिया. अब हम दोनों एकदम एक दूसरे के शरीर से शरीर चिपकाकर एकदम शांत बेड पर पड़े थे.

अब हम दोनों को सिर्फ़ हमारी सांसो की आवाज़ और दिल की धड़कन की आवाज़ सुनाई दे रही थी. अब हम दोनों के बदन से पूरी तरह पसीना ही पसीना छूट रहा था, लेकिन फिर भी हम दोनों को एक अलग सा एहसास हो रहा था, क्योंकि अब हम माँ और बेटे के रिश्ते से बढ़कर एक मर्द और औरत के रिश्ते में प्रवेश कर चुके थे, क्योंकि वो एक प्यासी औरत और में एक भूखा मर्द जो था. फिर इसी तरह रात से लेकर सुबह तक हम दोनों ने कामसूत्र के करीब 5-6 शॉट इस्तेमाल किए थे और आज भी हम दोनों के बीच में हर रात एक सुहानी रात बिताई जाती है.