Family Sex Storiesमाँ की चुदाई

माँ से सीखे चुदाई के गुर

Maa se sikhe chudai ke gur

हेलो दोस्तों, मैं रानी हु और मैं अपनी माँ की एकलौती बेटी हु. मेरे पापा की डेथ काफी समय पहले हो गयी थी और मैंने अपना समय अपनी नानी के यहाँ निकाला. मुझे नहीं पता था, कि मेरे पापा की डेथ कैसे हुई. लेकिन बड़े होने पर पता चल, कि एकदिन वो दुकान से आये और घर आते ही दिल का दौरा पड़ने से उनकी डेथ हुई थी. मैं बड़ी होती गयी और मुझे पता चला, कि मेरी माँ लेस्बियन थी और इस वजह से केवल मैं पैदा हुई. मेरे बाद, मेरी माँ ने पापा को काफी उनको हाथ भी लगाने नहीं दिया. एक दिन पापा ने उनको किसी लड़की के साथ बिस्तर में देख लिया और तभी उनको दिल का दौरा पड़ गया और उनकी डेथ हो गयी. मेरी माँ वैसे बहुत हॉट है. उसकी फिगर ३६-३२-३८ है और सारे लड़के बड़े ० बड़े डिक वाला उनके सामने अपने लंड फद्काते है, लेकिन वो उनकी तरफ देखती भी नहीं है.

मैं भी पूरी माल हु. मेरा फिगर मेरी माँ की तरह तो नहीं है, लेकिन बूब्स ३२ के है और पुरे के पुरे गोल है और ३४ की गांड भी मस्त है. जब भी मैं चलती हु और मेरे बट्स मस्त ऊपर नीचे होते है और लड़के अपने लंड को हाथ लगा कर मसलने लगते थे. ये बात उस समय की है, जब मैं कॉलेज में थी और वर्जिन थी. मैं किसी भी लड़के को भाव नहीं देती थी. एक दिन मैं घर पर वापस आई. तो काफी बेल बजाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला. मैंने घर के पीछे जाकर देखा, तो खिड़की में दिखाई दिया, कि मामी बिस्तर पर नंगी पड़ी थी और कोई उनको चूम रहा था. मेरा तो सिर ही घूम गया और फिर जब ध्यान से देखा, तो वो उनकी फ्रेंड नीलम आंटी थी. मैं तो ये देख कर ही पागल हो गयी.

तभी मुझे एक कुराफात सूझी और मैंने उनके कामसूत्र को अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. मैंने भी बहुत गरम हो गयी और मुझे अपने पेशाब के रास्ते पर चिपचिपाहट महसूस हुई. तब तक मुझे सेक्स के बारे बहुत कुछ ज्यादा मालूम नहीं था. कुछ देर बाद, मम्मी ने दरवाजा खोला और मैं आ गयी. अब मैं मम्मी को बाथरूम में नंगा देखती और वो अक्सर बाथरूम में ऊँगली करती, तो मैं भी बाहर बैठ कर ऊँगली करती और उनके आने से पहले ही उठ कर भाग जाती थी. एक दिन, मैं ऊँगली करने में इतना खो गयी, कि मुझे पता ही नहीं चला, कि मम्मी कब बाहर आ गयी. मुझे ऐसे देख कर वो मुझे डाटने लगी. वो केवल टॉवल में थी और मैंने उनका टॉवल खीच लिया और उनके मुम्मो को पकड़ लिया.

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मैंने उनको कहा – मुझे नीलम आंटी जैसे प्यार करो ना. मैंने आप दोनों की रिकॉर्डिंग कर ली है और मैं उसको रोज़ रात को देख कर अपना पानी निकालती हु. मम्मी पहले तो चौकी और फिर मुस्कुरायी और उन्होंने मुझे अपने हाथो से मेरे कंधो को पकड़ कर उठाया और मेरे कपड़ो को एकदम से खोल दिया. वो तो पहले से ही नंगी थी और अब मैं भी. उन्होंने आज ही शेव की थी और उनकी गुलाबी चूत एकदम से मस्त चिकनी थी. मेरी चूत पर हलके – हलके बाल थे और मेरी चूत एकदम से लाल और क्वारी थी. उन्होंने वहीं पर मेरे बूब्स को पकड़ा और उनको हलके से दबाने लगी. उन्होंने बोला – अभी तक किसी ने तुझे हाथ नहीं लगाया. मैंने कहा – मुझे लडको को देख कर कुछ नहीं होता. वो समझ गयी और मुस्कुरा कर बोली – एकदम माँ पर गयी है. वो बोली – कोई बात नहीं. आज से मैं तेरे साथ मस्ती करुँगी.

फिर मेरी मम्मी ने मुझे जमीन पर ही लिटाया और मेरे साइड में लेट गयी और मेरे ऊपर अपनी एक लात रख दी और अपने हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगी. मुझे नहीं पता था, कि इतना मस्त होता है. मेरे मुह से कामुक सिसकिया निकलने लगी थी. मेरी साँसे गरम होने लगी थी और तेज भी. कमरे में मेरी गरम साँसे पुरे माहौल को गरम कर रही थी. मम्मी के हाथ मेरे बूब्स पर कुछ जादू सा कर रहे थे और अब मुझसे नहीं रुका गया और मैंने भी मम्मी के बूब्स पकड़ लिए और उनको जोर से दबाने लगी. मेरे बूब्स दबाते ही, मम्मी के मुह से निकला, इतने जोर से नहीं. आराम से दबाओ. फिर मैं उनके बूब्स को आराम से दबाना शुरू कर दिया. फिर मम्मी ने मुझे अपने ऊपर लिटाया ६९ की पोजीशन में और मेरे गांड को अपने मुह पर रख लिया और मेरी चूत उनके मुह में आ रही थी.

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उन्होंने मुझे कहा, कि क्या तुम मेरी चूत चाटोगी? मैंने मना कर दिया. फिर उन्होंने कहा, कि अच्छा जैसे तुम अपनी चूत में ऊँगली करती हो.. वैसे मेरी चूत में ऊँगली करो. मैंने उनके चूत के दाने को सहलाना शुरू किया और उनकी गांड हिलने लगी और वो अपनी को ऊपर फेकने लगी. मुझे मज़ा आ रहा था और फिर मैंने हवस और वासना की गरमी में अपनी जीभ मम्मी की चूत पर लगा दी. वाह… क्या मीठा रस था इनका.. मज़ा आ गया और मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. अब तो मम्मी के मुह से सिसकिया निकलने लगी अह्हहः अहहहः आआअ.. मस्त.. जोर से कर… और जोर से… मर गयी और फिर उन्होंने अपने दांत मेरी चूत में गड़ा दिए और मैं जोर से चिल्ला उठी आआआआअ आआआआअ आआआआआ क्या कर रही हो? मार डाल रे.. आह्ह्ह्हह्ह अहहहहः

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अब मम्मी ने अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी और पहले किस की और मुझे चाटना शुरू कर दिया. उनकी जीभ मेरी चूत के अन्दर घुसी हुई मेरी चूत की दीवारों को चाट रही थी. मेरी टाँगे मचल रही थी. ऐसा लग रहा था, कि मेरे शरीर में ४४० वाल्ट का करंट दौड़ रहा है. मुझे लग रहा था, कि कुछ ही देर में मेरी जान निकल जायेगी पर फिर अचानक से मुझे लगा, कि मेरे शरीर से गरम लावा निकलने वाला है और मैंने अपना शरीर और जोर से हिलाना शुरू कर दिया. माँ को समझ आ गया, कि मैं झड़ने वाली और उन्होंने मेरी चूत चाटने की स्पीड बड़ा थी और फिर एक ही झटके में मेरी चूत ने अपना लावा उगल दिया और सारा रस मेरी माँ के मुह पर निकल गया. माँ उसे पूरा का पूरा पी गयी और मुझे रस निकलने के बाद बहुत अच्छा लगा. फिर मैं हट गयी और माँ ने ऊँगली करके अपना रस निकाला और फिर हम साथ नहाये और मस्ती की.

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उस दिन के बाद से, मैंने माँ के साथ बहुत मस्ती और माँ के सारे लेस्बियन दोस्तों के साथ भी. मेरे अपने भी लेस्बियन दोस्त है और वो मेरी माँ के साथ भी मस्ती करते है. मैंने शादी नहीं की और ना ही करने का इरादा है. हम लोगो का कामसूत्र हमें हमेशा जवान रखता है.