हिंदी सेक्स स्टोरी

आंटी की गांड मारी

(Aunty Ki Gaand Mari)

Aunty ass गांड मारी, मेरे कॉलेज में मेरा एक दोस्त था रविचन्द्रन, वो तमिलनाडु का रहने वाला था. वो मेरा क्लोज फ्रेंड था. वो मुझसे अपनी सारी बातें शेयर करता था और मैं भी. उसने मुझे अपने घर के बगल में रहने वाली मल्लू आंटी के बारे में बताया था. वो बहुत ही मस्त माल थी, ख़ास कर उसके गांड के बारे में. जितनी ही मस्त सुडौल और भारी उसके चुतड थे उतनी ही वो उसको मटका के चलती थी. उसके मटकाते हुए गांड को देख कर हर कोई उसकी गांड मारना चाहता था. पर वो मल्लू आंटी थी बहुत चालाक, वैसे तो उसको भी गांड मराने में बड़ा मज़ा आता था लेकिन वो केवल जवान लड़कों से अपनी गांड मरवाती थी. उस मल्लू आंटी की नज़रें हमेशा किसी न किसी लड़के पर रहती थी. मेरा दोस्त रविचंद्रन भी उसकी मतवाली गांड कई बार मार चुका था और उसके घर के आस पास के लड़के भी उसकी गांड की ठुकाई कर चुके थे. इन सब बातों को सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया था, मैंने उससे कहा यार कभी मुझे भी उसकी गांड दिलवा, तेरी बात सुनकर मेरा मन भी उसकी गांड चोदने का कर रहा है.

उसने कहा ठीक है कभी मेरे घर चलना हुआ थो जरुर उस मल्लू आंटी की गांड दिलवाऊंगा. किस्मत से कुछ दिन बाद ही मुझे चेन्नई जाने का मौका मिल गया, मेरे एक एग्जाम का सेंटर चेन्नई में था, मुझे वहां एग्जाम देने जाना था, ये बात मैंने अपने दोस्त को बताया. वो बोला ठीक है मैं भी चलता हूँ और उसने कॉलेज से छुट्टी ले लिया. हमलोग एग्जाम से 4-5 दिन पहले ही चेन्नई के लिए निकल गए. दोपहर को करीब 2 बजे मैं अपने दोस्त के साथ उसके घर पहुच गया, वहां हमलोग फ्रेश हुए, खाना-वाना खाया और शाम को घुमने निकले. मैं अपने दोस्त से बोला-यार कब उस मल्लू आंटी की गांड दिलवाएगा. मेरा दोस्त बोला-आज ही तो आए हैं हमलोग देखते हैं,पहले कहीं बाहर मिल जाए उसके बाद उसके घर चल के उसकी बजायेंगे,चल अभी पार्क चलते हैं वहां वो अक्सर आती है. हमलोग पार्क चले गए, वहां एक से एक माल थी, कुछ मल्लू आंटी और कुछ लड़कियां. हमलोग यही सब देखते हुए टाइम पास कर रहे थे को एक तरफ से आवाज़ आई- हे, रवि कब आना हुआ. मैंने उधर देखा तो एक मल्लू आंटी रवि की तरफ आते हुए बोल रही थी. aunty ass.

उस मल्लू आंटी की गांड देखकर तो लग रहा था वही है जिसके बारे में उसने बताया था. मैं वहीँ खड़ा रहा और रवि आगे बढ़ कर उससे बात करने लगा. वो दोनों काफी देर तक बात करते रहे फिर दोनों मेरी तरफ आये, रवि ने उस मल्लू आंटी से मेरा परिचय करवाया. उसने मेरे बारे में बताया और मुझे कहा ये वही मल्लू आंटी है जिसके बारे में मैंने कहा था. मल्लू आंटी चौकते हुए बोली-क्या कहा था मेरे बारे में- रवि तुम बहुत शैतान हो गए हो. रवि ने कहा- नहीं आंटी कुछ खास नहीं केवल बताया था आप बहुत अच्छी हो और मुझे बहुत प्यार करती हो, मल्लू आंटी रवि की तरफ खा जाने वाली नज़रों से देखते हुए बोली -ठीक है घर आओ चाय पीने और हाँ अपने दोस्त को भी लेते आना और वो अपनी गांड  हुए चली गई. रवि ने मेरी तरफ देखते हुए कहा -चल यार घर चले, तुझे जल्दी ही मल्लू आंटी की गांड मिल जाएगी फिर जी भर कर चोद लेना. और हमलोग आगे का प्लान बनाते हुए घर चले गए.

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अगले दिन हमलोग तैयार होकर मल्लू आंटी के घर पहुंचे. वहां मल्लू आंटी ने हमदोनो को बैठाया और चाय बना कर ले आई, हम बात करते हुए चाय पीने लगे. इस बीच मैं मल्लू आंटी की उभरी हुई गांड ही देखता रहा. कुछ देर बाद मेरा दोस्त रवि बाहर चला गया, बोला मुझे कुछ जरुरी काम है, तू बैठ कर आंटी से बाते कर, ये सब हमारे प्लान के मुताबिक ही हो रहा था. रवि के जाने के बाद मल्लू आंटी मुझसे पूछने लगी -तो रवि क्या बता रहा था मेरे बारे में. मैंने उनकी बड़ी-बड़ी चुन्चियों को देखते हुए कहा- आप उसे बहुत प्यार करती हैं और मुझे भी उसी की तरह प्यार करेंगी. तभी वो उठी और उठते ही कमर को पकड़ के बैठ गई, फिर मुझसे बोली जरा मेरी कमर की मालिश कर दोगे, बहुत दर्द कर रहा है .

मैंने कहा क्यों नहीं आंटी, फिर उसने मुझ से बेडरूम में चलने को कहा. मैं उनको अपने कंधे का सहारा देते हुए बेडरूम तक ले गया, उनकी चुन्चिया मुझसे सट रही थी मुझे गुदगुदी लग रहा था. वो टेबल पर तेल की शीशी पड़ी है वहां से तेल लेकर मेरे कमर की मालिश कर दो- मल्लू आंटी ने बेड पर लेटते हुए कहा. मैं तेल की शीशी उठा कर उनकी कमर के पास बैठ गया और तेल लगा कर कमर की मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने कहा- आंटी अगर आप साडी को थोडा नीचे कर लेंगी तो तेल लगने से बच जाएगा. उसने अपने पेटीकोट को ढीला करते हुए कहा- जितना ठीक लगता है उतना नीचे कर लो, देखना मेरी साडी ख़राब न हो. अब क्या था मेरे मन की मुराद पूरी होने वाली थी, मैंने उनकी साडी को थोडा नीचे किया और कुछ देर तेल लगाने के बाद और नीचे कर दिया. अब मल्लू आंटी की गांड की लकीर दिखने लगी थी, मैं मालिश करते-करते उनकी लकीर में भी हाथ फिर देता था और वो सिसक उठती थी, उसे मज़ा आ रहा था.

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aunty ass, कुछ देर बाद उसने कहा -मेरी साडी खोल दो और पैरों में भी तेल लगा दो. मैंने उनकी साडी खोल दी और पैरों से तेल लगाते हुए उपर बढ़ने लगा. अब वो केवल पेटीकोट में थी मैं उसे उपर खिसकाता और जांघ की तरफ बढ़ता गया. उनकी मांसल जांघ को मसलते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैंने उनके पेटीकोट को इतना उपर कर दिया की मुझे उनकी झाटे दिखाई देने लगी. मैंने हाथ बढ़ा कर उनके झांटों को भी हलके से छु लिया. कुछ देर मालिश करने के बाद मल्लू आंटी बोली- बेटा,जरा मेरी पीठ पर भी तेल लगा कर मालिश कर देना. मैंने कहा ठीक है आंटी और उसकी जाँघों पर बैठ कर पीठ पर तेल लगाने लगा, ऐसा करते हुए मेरा लंड उनकी बड़ी गांड से टच कर रहा था और धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था. मैंने कहा आंटी आपकी ब्लाउज तेल लगने से ख़राब हो जाएगी अगर आप कहें तो मैं इसे खोल दूँ. मल्लू आंटी ने कहा- तुझे जो ठीक लगता कर ले, तू तो बहुत अच्छा मालिश करता है. फिर मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा दोनों को खोल दिया, पीछे से उनकी पीठ बिलकुल नंगी हो गई थी.

अब मैं जांघ पर बैठे – बैठे पीठ की मालिश करने लगा और मेरा लंड खड़ा होकर उनकी गांड में घुसने की कोशिश करने लगा. मल्लू आंटी के मुंह से हलकी-हलकी आवाज़े निकल रही थी, वो मस्ती में आके अपनी टांगें  फैला ली थी जिससे लंड के गांड तक पहुँचाने का रास्ता चौड़ा हो गया था. कुछ देर तक ऐसे ही मालिश करने से लंड इतना टाईट हो गया था की उनकी गांड की दरारों में आधा घुस रहा था.  अब मुझसे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था, मैंने उनकी गांडसे पेटीकोट हटा दिया और उनकी गांड को दबाने लगा और अपने लंड को भी बाहर निकाल लिया और उनकी नंगी गांड की दरारों में रगड़ने लगा. तभी मुझे उनकी बड़ी सेक्सी गांड का मस्त छेद दिखाई दिया वो बहुत हो मस्त लग रहा था. मैं उनकी बड़ी गांडको लालच भरी आँखों से देखकर, दबाने लगा . मल्लू आंटी की बड़ी गांड गद्देदार थी, अपनी बड़ी गांडको इस तरह देखते हुए आंटी ने देखा और कहा -कही मेरा गांड में लंड देने का तो नहीं सोचा है .मैंने कहा -आपकी गांड इतनी मस्त हैं की बिना उसमे लंड दिए बिना रहा भी नहीं जाएगा. मैं तुमसे अपना नहीं मरवा सकती, तुम्हारा लंड काफी मोटा है ,मेरी फट जाएगी.

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मैंने कहा-मैं आपकी बड़ी गुदा भी बड़े प्यार से मारूँगा. वो कुछ बोली नहीं ,मैं समझ गया आंटी को मरवाना तो है पर वो भाव खा रही हैं. मैंने वही पड़ी बोतल उठाई और ऊँगली के ऊपर  तेल लेकर उनकी गांड के काने में लगा के मसल दिया और अपनी एक ऊँगली गांड के काने में घुसाई . मैं कुछ देर तक उनकी गांड में ऊँगली देता रहा. मैंने आंटी को अपनी तरफ खिंच उसे अपना लौड़ा मुहं में लेने के लिए कहा. लंड चूसते-चूसते वो बोली- तुम्हारा लंड तो काफी मोटा और बड़ा है और ऐसा ही जवान लंड मुझे पसंद आता है.

मैं तो अपनी गांड मरवाने के लिए ही तुम से मालिश करवा रही थी. मैं उनकी गांडमें ऊँगली कर रहा था और चूत को भी सहला रहा था, मल्लू आंटी की चूत से पानी की धार बह रही थी. जब 2-3 ऊँगली अंदर चली गई तो मैंने आंटी को उल्टा लिटा दिया दिया और पीछे चला गया. अब मैंने लंड को बड़ी गांड पे रख कर हिलाने लगा. आंटी की गर्म गांड पे लंड रगड़ते रगड़ते हुए ही मैंने एक झटका दिया. आंटी के चिल्ला उठी मेरा लंड उसकी बड़ी गांड में आधा चला गया था. मैं रुक गया और उसके मस्त स्तन को दबाने लगा. थोड़ी देर में ही एक और झटका दे मैंने पूरा लंड गांड में पेल दिया. वो चिल्लाने लगी, हाय रे में मर गई ,बाहर निकाल लो अपने मुसल जैसे लंड को. मैं धक्के लगा कर गांड में लंड के झटके देनेलगा. आंटी भी अब अपनी गांड लंड के उपर हिला हिला के मजे लेने लगी थी. कुछ देर उसकी गांड मारने के बाद मेरा वीर्य उसकी गांड में ही निकल पड़ा. मैंने लौड़े को गांड से निकाल के कपडे पहन लिए. आंटी सच में बड़ी सही चुदाई की चीज थी.