मेडम की गांड में लंड
हाय दोस्तों, मैं आज HotSexStory.xyz पर अपनी एक sacchi kahani लेकर आया हूँ, जो मेरे जीवन का सबसे kaamuk anubhav है। मेरा नाम राहुल है, हरियाणा के एक छोटे गाँव का रहने वाला हूँ। उम्र 24 साल, पतला लेकिन hust-pust jism, जिसकी मसल्स खेतों की मेहनत से तराशी गई हैं। ये कहानी उन दिनों की है जब मैं बी.एड की तैयारी कर रहा था। मेरी सेक्सी अध्यापिका सुनीता मैडम—35 साल की, गोरी, फिगर 34-30-36—के साथ हुई hot chudai की है। उसकी sexy gaand और चूत ने मुझे पागल कर दिया था। शुरू में उसकी अकड़ और सख्ती से मन में गुस्सा था, पर बाद में उसकी गांड में लंड डालने का सौभाग्य मिला। तो चलिए, इस bahut vistrit aur kaamuk kahani को शुरू करते हैं।
गाँव से शहर: बी.एड की शुरुआत
मैं हरियाणा के एक गाँव में पला-बढ़ा। बाबूजी किसान थे। मेरे दो बड़े भाई—सुरेश और महेश—खेती में हाथ बँटाते। मैं छोटा था, तो बाबूजी ने कहा, “Rahul padhai karega।” उनकी मेहनत से मैंने ग्रेजुएशन किया। फिर बी.एड का सपना देखा। शहर आया। कॉलेज में दाखिला लिया। पर यहाँ सीनियर अध्यापक हम जैसे जूनियर्स को नौकर समझते। Saale kaam karwate—फाइलें बनवाओ, नोट्स तैयार करो। मजबूरी थी। बाबूजी का पैसा और सपना दाँव पर था। मैं सब सहता।
मेरी ट्रेनिंग सुनीता मैडम के नीचे थी। वो कॉलेज की सबसे सख्त अध्यापिका थी। गोरी, लंबी, साड़ी में matakti gaand। बूब्स उभरे हुए, नजरें तीखी। उसकी akdu thi। हर काम समय पर, साफ-सुथरा चाहिए। मैं ठीक-ठाक काम करता, पर वो benchod हर बार नुक्स निकालती। “ये गलत है, वो सही करो।” मन में गुस्सा उबलता, “Sali ki gaand mein lund dal doon।” उसकी सख्ती से तंग था, पर उसकी sexy body मुझे खींचती। क्लास में उसकी गांड को देखकर लंड खड़ा हो जाता। सोचता, “काश इसे चोद पाऊँ।”
सुनीता मैडम का चेहरा और मेरी लाचारी
सुनीता का रौब कॉलेज में था। उसकी साड़ी में उसकी कमर और गांड का उभार हर लड़के को ललचाता। पर वो randi jaisi थी—सख्त, बेरहम। एक बार मैंने उसकी फाइल में गलती की। वो चिल्लाई, “Isko theek karo। क्या बेकार लड़का है!” मैं चुपचाप ठीक करने लगा। गुस्सा आता, पर कुछ कह नहीं सकता था। बी.एड पास करना था। बाबूजी ने कहा था, “Padh likh ke teacher ban।” उनके सपने और मेरी मेहनत का सवाल था।
मेरा जिस्म पतला था, पर मसल्स सख्त। खेतों में काम करते वक्त पसीना बहाया था। सीना चौड़ा, पेट पर लकीरें। सुनीता को ये पता नहीं था। वो मुझे कमजोर समझती। एक दिन उसने कहा, “Itna dhyan kahan hai?” मैंने कहा, “Madam, koshish karta hoon।” वो हँसी, “काम तो ढंग से कर।” उसकी हँसी में तंज था, पर उसकी आँखों में कुछ और दिखता।
मैडम का प्रस्ताव और मेरी हैरानी
एक शाम सुनीता ने मुझे केबिन में बुलाया। मैं घबराया। सोचा, “Ab kya galti nikalegi?” वो बोली, “B.Ed mein achhe number chahiye?” मैंने कहा, “Haan madam। कौन नहीं चाहेगा?” वो मुस्कुराई। बोली, “लोग 50 हज़ार लेते हैं। मैं जो ठीक समझूँ, दे दो।” मेरी gaand phat gayi। 50 हज़ार? बाबूजी ने बी.एड तक पढ़ाया, वो भी कर्ज लेकर। मेरे भाइयों ने खेती संभाली, पर मेरे पास कुछ नहीं था। मैंने मजबूरी बताई। “मैडम, गाँव का हूँ। बाबूजी ने मेहनत की। 50 हज़ार कहाँ से लाऊँ?”
वो चुप रही। मेरी तरफ देखा। मेरे चेहरे, कंधों को घूरा। बोली, “Kheton mein kaam kiya? लगता नहीं।” मैंने कहा, “Haan kiya hai। कई बार।” सबूत में शर्ट के बटन खोले। पेट की मसल्स दिखाईं—सख्त, तराशी हुई। उसकी आँखों में laal tapakne lagi। वो मेरे सीने को देखती रही। हरियाणवी जिस्म की ताकत उसे चौंका गई। उसने हाथ मेरे सीने पर फेरा। छोटे-छोटे बालों को उंगलियों में लिया। फिर झट से हाथ हटाया। मैंने बटन बंद किए। वो बोली, “Tum toh sahi he-man ho। एक शर्त पर पैसे छोड़ सकती हूँ। मेरे साथ सोना पड़ेगा।”
मैं सन्न रह गया। मैडम की चूत और गांड में chudai ki khujli थी। मेरा जिस्म देखकर वो baawri ho gayi। मेरे लिए सौदा मस्त था—चूत मुफ्त, 50 हज़ार की बचत। उसने कागज पर पता लिखा। बोली, “Sunday subah 11 baje aana।” मैं चुपचाप निकल गया।
संडे का इंतजार और मैडम के घर का रास्ता
उस दिन से मैं रविवार का besabri se intezar करने लगा। रात को सपने आए—मैडम की गांड, उसकी चूत। लंड खड़ा हो जाता। सोचता, “क्या होगा?” संडे आया। मैंने फेवरेट नीली जींस और सफेद टी-शर्ट पहनी। बाल संवारे। सिटी बस पकड़ी। मैडम का घर एक पॉश सोसाइटी में था। 5 मकान, हर एक पर नेमप्लेट। “प्रोफेसर सुनीता पांडे” पढ़ते ही घंटी बजाई। 20 सेकंड बाद दरवाजा खुला। मैडम थी—पारदर्शी साड़ी में। हल्की, घरेलू। अंदर काली ब्रा-पैंटी झाँक रही थी। उसकी गोरी कमर और गांड का उभार साफ दिखता।
मैं सोफे पर बैठा। उसने पानी दिया। ग्लास लेते वक्त उसकी गांड matak rahi thi। मैं देखता रहा। मन में ख्वाहिश जगी, “Gaand mein lund dalne ka mauka mile।” पर कहने की हिम्मत नहीं थी। चाय आई। चाय देते वक्त उसने बूब्स की गली दिखाई। टी-शर्ट में मेरा लंड khada ho gaya। उसने देखा, हँसी। बोली, “Hoshiyar ho। चाय पी लो।”
मैडम की चुदाई की शुरुआत
चाय खत्म हुई। उसने साड़ी खोली। काली ब्रा-पैंटी में थी। कपड़े उतारे। मेरी गोद में बैठी। उसकी गांड मेरे लंड पर दबी। बोली, “Ek ghanta hai। पति आ जाएँगे। जितना ठोक सको, ठोक दो।” मैंने ब्रा की हुक खोली। बूब्स—34 से बड़े—हवा में झूलने लगे। एक निप्पल मुँह में लिया। चूसा। काटा। दूसरे पर थूक लगाकर सहलाया। वो सिसकी—आह, ऊह। उसने पैंटी उतारी। चूत jhanton wali, गुलाबी। मेरे लंड को पैंट के ऊपर दबाया। मैंने पैंट खोली। लंड बाहर आया—7 इंच, मोटा। वो उसे हिलाने लगी।
मैंने उसके निप्पल चूस-चूसकर लाल किए। उंगली उसकी चूत में डाली। रस टपका। वो kaamuk ho gayi। मैंने होंठ चूसे। वो मेरे लंड को muth marne lagi। मैंने उसे सोफे पर उल्टा लिटाया। गांड पर हल्के बाल थे—वैक्सिंग के बाद बचे हुए। मैंने उंगली डाली। वो हिली। मुस्कुराई। बोली, “Kya kar rahe ho?” मैंने कहा, “Maza de raha hoon।” लंड चूत पर रखा। एक झटके में पेला। वो चिल्लाई—आह।
चूत की चुदाई और गांड की तड़प
मैंने धक्के शुरू किए। उसकी चूत rasili thi। वो गांड हिलाकर लंड लेने लगी। मैंने मसल्स की ताकत लगाई। पसीना छूट गया। उसकी चूत का रस मेरे लंड पर झाग बन गया। वो सिसकती रही—आह, हाँ। मैंने कमर पकड़ी। Handpump ki tarah चोदा। 15 मिनट तक मस्त चुदाई की। उसकी चूत टाइट होकर लंड को मज़ा दे रही थी। पर मुझे उसकी गांड चाहिए थी।
मैंने थूक लिया। गांड पर मला। वो समझ गई। उल्टा लेटी। गांड फैलाई। छेद हल्का काला, sexy lag raha tha। मैंने लंड डाला। वो चिल्लाई—आह, ऊह। धीरे-धीरे पूरा घुसाया। उसने गांड टाइट की। लंड पर प्रेशर पड़ा। वो आगे-पीछे होने लगी। मैंने गांड पकड़ी। जोर-जोर से पेला। वो सिसकती रही—आह, ओह, हाँ। 10 मिनट बाद मैं झड़ा। सारा माल उसकी गांड में छोड़ा।
मुँह में चुदाई और जल्दबाजी
कपड़े पहन रहा था। उसने नीचे बैठकर लंड चूसा। मैंने मुँह में ठोका। वो जोर-जोर से चूस रही थी। पति आने वाला था। मैंने कहा, “Jaldi karo।” वो हँसी। मैं निकल गया। साँसें तेज थीं। पसीना बह रहा था।
चुदाई का सिलसिला और फायदा
उस दिन के बाद सुनीता ने मुझे कई बार बुलाया। कभी चूत में, कभी गांड में। 50 हज़ार मेरे बस की बात नहीं थी। बी.एड पास करने के लिए मैं उसकी chudai ka sauda करता रहा। वो खुश रहती। मुझे नंबर मिलते। एक बार उसने कहा, “Tera lund mast hai।” मैंने हँसकर कहा, “Aapki gaand bhi।” हमारा रिश्ता kaamuk aur gupt बन गया। दोस्तों, ये थी मेरी hot chudai kahani। आपको कैसी लगी, बताएँ।