Teacher Sex

मेडम की मालिश और चुदाई

Madam ki malish aur chudai

हैल्लो दोस्तों, में विक्की शर्मा में इंदौर का रहने वाला हूँ और आज में एक बार फिर से अपनी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आप सभी चाहने वालों की सेवा में एक बार फिर से हाजिर हूँ. दोस्तों यह घटना कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और उस समय मैंने अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए एक बहुत अच्छे बड़े कॉलेज में अपना एडमिशन किया था. अब में वहां पर बहुत खुश था, मेरे वहां पर बहुत सारे अच्छे दोस्त बने और मुझे उनका व्यहवार बहुत अच्छा लगा.

हम पढ़ाई के साथ साथ बहुत मज़े भी करते थे. तब मेरे कॉलेज में एक टीचर थी, जिसका नाम था धारा, वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती थी. मैंने जब पहली बार उनको देखा में तब से ही उनकी बातें, उनकी सुन्दरता, उनकी हंसी को देखकर उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित हो गया.

दोस्तों वैसे मुझे अपने से बड़ी उम्र की लड़कियां ख़ासकर शादीशुदा औरतें हमेशा से ही बहुत पसंद भी है और वो मुझे आकर्षित भी करती है खैर धारा शादीशुदा तो नहीं थी, लेकिन वो हमारे कॉलेज से ही अपनी पढ़ाई पूरी करके कुछ साल पहले निकली थी और अब वो यहीं पर हमें पढ़ाने भी लगी थी और उसका फिगर बहुत ही मस्त था. उसके 36 इंच के एकदम गोल, मुलायम बूब्स, 32 इंच की गोरी मटकती कमर और 34 इंच के गोल मटोल उभरे हुए चूतड़, सुंदर सा चेहरा और उस पर गहरे लाल रंग के होंठ, जिसका मतलब वो बहुत बाला की सेक्सी औरत थी, इसलिए में उसके ऊपर लट्टू था और मैंने उसके गदराए हुए जिस्म को जिस दिन से देखा था, में उस दिन से उसका दीवाना हो गया था और वो थी भी बहुत हँसमुख और अच्छे स्वभाव की थी.

फिर मेरे कुछ दिन वहां पर रहने के बाद मेरी उससे अब धीरे धीरे बहुत हंसी मज़ाक भी होती रहती थी और मेरे आखरी साल तक आने तक तो मेरी उनसे अब बहुत अच्छी बातचीत शुरू हो गयी थी और अब हम दोनों एक दूसरे को कभी कभार व्हाटसप पर चुटकुले भी भेज दिया करते थे, हमारे बीच यह सब कुछ ऐसे ही चलता रहा.

अब मेरे कॉलेज के आखरी कुछ दिन बचे थे और इस वजह से सभी टीचर्स को भी हमारे साथ साथ कॉलेज में कुछ ज्यादा समय रुकना पड़ता था, वो हमे पढ़ाते और हम सभी मन लगाकर अपनी पढ़ाई करते थे. फिर एक दिन में भी अपने किसी काम से कॉलेज में रुक गया और मुझे वहां से अपने घर के लिए निकलते निकलते शाम के करीब 6 बज गए थे, में उस समय पार्किंग में था और तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि धारा मेडम भी वहां पर मेरे सामने से चली आ रही थी, उन्हें आता देख में उनके पास चला गया.

फिर मैंने देखा कि वो मुझे उनके चेहरे से कुछ बीमार सी लग रही थी, उनका चेहरा एकदम उतरा हुआ सा नजर आ रहा था, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि आप आज ऐसे कैसे उदास मुरझाई हुई सी हो रही हो, क्यों बताईए ना क्या बात है? तब उसने मुझे बताया कि उनकी तबियत आज खराब है और वो मुझसे इतना कहकर आगे जाने लगी.

तभी मैंने उनको कहा कि चलो आज में आपको आपके घर पर छोड़ देता हूँ और वैसे भी आपने मुझे अभी अभी बताया है कि आपकी तबियत ठीक नहीं है, लेकिन उसने मुझसे मना कर दिया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम रहने दो मेरी वजह से तुम्हें भी परेशान होना पड़ेगा, में अकेली ही चली जाउंगी, लेकिन अब मैंने उनसे बहुत ज़िद की और कई बार मेरे साथ जाने के लिए कहा और फिर मैंने उनसे कहा कि आप इस थकी हुई हालत में ऑटो से कहाँ जाओगे? आप मेरे साथ चलो और मेरे थोड़ा ज़िद करने पर वो मान गई. उन्होंने मुझसे कहा कि चलो ठीक है तुम अगर मुझसे इतनी जिद करते हो तो में आज तुम्हारा कहा मान लेती हूँ.

दोस्तों इतना कहकर वो मेरे पीछे बैठ गई और अब हम दोनों मेरी बाईक से उसके घर की तरफ जाने लगे थे और अब उसके बूब्स मेरी पीठ को छू रहे थे, जिसकी वजह से में उनके उन एकदम गोल, रुई जैसे मुलायम बूब्स को अपने शरीर से छू जाने पर बहुत अच्छा महसूस करने लगा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर में पूरे रास्ते भर जानबूझ कर बहुत बार ब्रेक लगा लगाकर उन्हें अच्छे से महसूस किए जा रहा था और ब्रेक लगाने की वजह से वो अब मुझसे एकदम सटकर बैठी हुई थी.

फिर कुछ देर चलने के बाद हम उसकी मल्टी के बाहर पहुंच गए और वो मेरे पीछे से उतरकर बिल्कुल पास आकर खड़ी हो गई और में उसको लगातार देखता रहा, लेकिन दोस्तों मेरा उनको अपनी बाईक से उतारने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था. मैंने तो मन ही मन सोच रहा था कि मेरे साथ उनका यह सफर पूरी जिंदगी ऐसे ही चलता रहे और में उनके मज़े लेता रहूँ. अब उसने मुझसे ऊपर आने का कहा तो मैंने अपने होश में आकर उससे झट से हाँ कर दिया और फिर में उसके फ्लेट में अंदर जाकर बैठ गया और उसने मुझे पानी लाकर पिलाया.

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फिर मैंने उससे कहा कि आप अब आराम करो और फिर मैंने उन्हें सोफे पर बैठा दिया और उससे पूछा कि अब आप मुझसे बताओ कि आपको क्या हुआ है? तो वो मुझसे कहने लगी कि ऐसा कुछ नहीं है बस मुझे थोड़ी सी थकान महसूस हो रही है और उसके साथ साथ मेरा पूरा बदन भी बहुत दर्द कर रहा है, कल रात को मेरी नींद पूरी नहीं हो पाई थी, यह उसी का नतीजा है. फिर मैंने उससे कहा कि आप आराम करो और लाओ में आपकी थोड़ी सी मसाज कर देता हूँ, हो सकता है उसकी वजह से आपको थोड़ा अच्छा लगने लगेगा.

फिर उसने मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना किया और वो कहने लगी कि तुम रहने दो, में उसके लिए आराम करने के साथ साथ कोई दवाई ले लूंगी और कुछ ही घंटो बाद में बिल्कुल ठीक हो जाउंगी. फिर मैंने उससे मज़ाक में कह दिया कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में आपके साथ कुछ ग़लत नहीं करूँगा, जिसकी वजह से आपको मुझसे डरना पड़े. दोस्तों अब वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि ऐसी कोई बात नहीं है, जैसा तूने अपना दिमाग लगाकर सोचा है, में वो बात नहीं सोचती.

तब मैंने उससे कहा कि ठीक है तो फिर अब में चलता हूँ. तभी वो मुझसे बोली कि क्यों तुम मेरी बात का बुरा मान गये क्या? तो मैंने कहा कि नहीं आपको मुझ पर भरोसा ही नहीं है तो फिर मेरा अब यहाँ पर रुकने से क्या मतलब? तो वो मेरी यह बात सुनकर तुरंत मेरे पास आकर बैठ गई और वो मुझसे बोली कि ऐसी बात नहीं है, में बस तुझे बिना किसी वजह के परेशान नहीं करना चाहती.

फिर मैंने कहा कि अपनो की मदद करने में कैसी परेशानी, लेकिन शायद आप मुझे अपना ही नहीं समझती, इसलिए आपने मुझसे यह सब कहा? तभी वो एकदम से मेरा हाथ पकड़कर मुझे उनके कमरे में अंदर ले गई और में रुक गया और फिर वो मेरे सामने तुरंत अपने बेड पर उल्टी लेटते हुए मुझसे कहने लगी कि तुम मेरी कमर को थोड़ा ज़ोर से दबाना, बाकी मेरे कंधो में इतना ज्यादा दर्द नहीं है, इसलिए वहां तो तू अगर धीरे धीरे भी दबा दोगे तो चलेगा.

दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो तबियत बिल्कुल खुश हो गयी और में झट से उसके पास जाकर बैठ गया और उसकी गर्दन से लेकर उसके कंधो तक और पीठ की मालिश करने लगा और अब उसे थोड़ी सी राहत मिल रही थी, इसलिए वो अपनी दोनों आँखे बंद करके पड़ी थी तो पीठ की मसाज करते समय बार बार मेरा हाथ उसकी ब्रा के हुक से टकरा रहा था और मन कर रहा था कि उसे में अभी खोल दूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको अब कैसा लग रहा है? तो उसने बिना अपनी आखें खोले बहुत धीमी आवाज में मुझसे हाँ कहा और अब मैंने उसकी गोरी पीठ से कमर की तरफ बढ़ने लगा और अपनी अच्छी ताक़त से उसकी पूरी पीठ और कमर की मसाज करने लगा और में कभी धीरे से उसके गोल मुलायम चूतड़ भी दबा देता, लेकिन फिर जल्दी से वापस कमर पर आ जाता. फिर कुछ देर बाद जब वो बहुत अच्छा महसूस करने लगी तो में उठकर उसके पैरों की तरफ चला गया और मैंने उससे कहा कि में इस तरफ बैठकर ठीक से मसाज कर नहीं पा रहा हूँ और उससे यह बात कहते हुए मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और में बीच में बैठ गया.

इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती उससे पहले मैंने एक बार फिर से उसकी पीठ की मसाज करना शुरू कर दिया था. फिर में कमर से लेकर उसके चूतड़ तक दबाने लगा था और अब में धीरे धीरे नीचे उतरते हुए उसकी जांघे और पैरों को भी मसाज किया, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी ना कहा, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत अब कुछ ज्यादा ही बढ़ गई.

फिर में उसकी जाँघो के अंदर के हिस्से को भी दबाने लगा था और अब में अपने हाथ ऊपर ले जाते हुए उसकी गांड की दरार तक ऊपर से नीचे तक मसाज करने लगा था, जिसकी वजह से जैसे ही मेरे हाथ उसकी गांड की दरार पर लगते वो अचानक से कुछ सिहर सी उठती थी. अब में उसको देखकर तुरंत समझ गया था कि वो अब तक कुछ कुछ गरम हो चुकी थी और लगातार कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़कर उसको अब एकदम सीधा किया.

अब मेरे इस काम में उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल सीधी होकर लेट गई, जिसकी वजह से वो आँखे बंद करके सीधी लेटी हुई थी और में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठकर उसके पैर और जांघे दबा रहा था.

फिर पीछे की तरह आगे से भी मैंने अपने हाथ को नीचे से ऊपर की तरफ चलाने शुरू किए और अब में उसके घुटनों से लेकर चूत तक उसकी जाँघो की मसाज कर रहा था और जब में चूत के करीब जाता तो अपने अंगूठो से चूत की दोनों फांको को आपस में घिस देता, जिसकी वजह से वो चिकार भरती और में फिर से नीचे आ जाता. दोस्तों 5-7 बार ऐसा करने के बाद मुझे उसकी चूत में अब हल्की हल्की चिकनाहट महसूस होने लगी थी और मैंने नीचे जाना कम करते हुए हर दो सेकेंड में उसकी चूत को मसलना शुरू कर दिया और अब वो भी बहुत मस्त होने लगी थी और मुझे उसके लगातार मोन करने की आवाजे आ रही थी.

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फिर मैंने बिल्कुल सही मौका देखकर झट से उसकी सलवार और पेंटी दोनों को एक साथ नीचे करते हुए अपना मुहं तुरंत उसकी चूत पर रख दिया और में उसकी चूत चाटने लगा. दोस्तों मैंने यह काम इतने कम समय में अचानक से किया कि उसको सोचने समझने का बिल्कुल भी मौका नहीं मिला और फिर उसने थोड़ा सा घबराकर उठने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसकी कमर को पकड़कर उसकी चूत को और भी ज़ोर से चाटने लगा और चूसने लगा था, जिसकी वजह से वो बिल्कुल मदहोश होते हुए एक बार फिर से नीचे लेट गई और अब वो अपनी कमर को धीरे से हिला हिलाकर मेरे मुहं से उसकी चुदाई करवाने लगी थी और तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो रही थी.

अब मैंने अपने हाथों से उसकी चूत की फांको को पूरा खोल दिया और में अपनी जीभ को पूरा अंदर तक डालकर चूसने लगा था, इससे उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी और दो मिनट में ही वो झार झार करते हुए झड़ गई और में उसका चूत रस पीने लगा और थोड़ा अपनी उंगलियों पर लगाकर उसको चाटने भी लगा था.

फिर आखरी घूट अपने मुहं में लेकर मैंने उसके ऊपर लेटते हुए उसको किस करते हुए में अब उसको भी उसकी चूत का रस पिलाने लगा था, जिसकी वजह से वो और भी जोश में आकर मेरे होंठो को चूसने लगी थी और हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को किस किए जा रहे थे और मैंने झट से उसकी कुरती और उसके बाद ब्रा को भी उतार दिया और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था.

अब उसने भी मेरी शर्ट और बनियान को उतार दिया और में उसके निप्पल को अपने अंगूठे और उंगली के बीच में लेकर उन्हें निचोड़ने लगा और कभी में उन्हे मसलता, कभी काटता, कभी चूसने लगता और वो भी मस्ती में आकर चीखते हुए मेरे बालों में हाथ फेर रही थी. फिर करीब 5-7 मिनट उसके बूब्स से खेलने के बाद में वापस उसके होंठो को चूमने लगा और उंगली से उसकी चूत को चोदने लगा था.

फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर को भी उतार दिया और उसको चूमते हुए ही अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी ज्यादा गरम गई थी और अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसके झड़ने के बाद मैंने उसका चूत रस अपने हाथ में लेकर अपने लंड पर लगाया और लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और धीरे धीरे से दबाव बनाते हुए अंदर डालने लगा था, दर्द और उत्तेजना में उसके मुहं से आह्ह्हह्ह्ह्ह माँ मर गई आईईईईइ निकल रही थी और उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था.

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारकर अपने लंड को पूरा चूत में डाल दिया और अब में उसके ऊपर लेटकर उसके होंठो को चूमते हुए उसको हल्के हल्के धक्के देकर चोदने लगा था और जोश में आकर वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और अपने बूब्स को मेरी छाती पर घिसते हुए चुदवाने लगी थी.

फिर इस तरह करीब 5-7 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और अब में उसे हल्का सा उठाकर उसके बूब्स को चूसने लगा और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मुझसे चुदने लगी और उसके मुहं से आह्ह्ह्हह्ह उम्महसस्स आईईईईईई की आवाज़े निकल रही थी और में बड़े प्यार से उसके बूब्स को चूस रहा था और उसके निप्पल पर काट रहा था, मेरी इस सब काम में उसकी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि वो सस्स्सस्स आअहह करते हुए बुरी तरह से झड़ने लगी थी, वो मुझे कसकर जकड़ते हुए करीब दो मिनट तक झड़ती रही और ज़ोर ज़ोर से अपनी गरम चूत को मेरे तनकर खड़े लंड पर पटकती रही और वो मेरी छाती से लगकर कुछ देर हांफती रही.

उसके बाद अपना मुहं मेरे होंठो के करीब लाकर वो अपनी गरम साँसे मेरी सांसो से मिलाकर बोली कि वाह मज़ा आ गया रे विक्की आख़िरकार तूने मुझे चोद ही दिया ना यह कहकर वो मेरे होंठो को चूमने लगी. फिर मैंने झट से उसे अपने नीचे ले लिया और अपने होंठो को छूकर कहा कि चुदाई अभी बाकी है मेरी जान और फिर हमारे बीच एक ज़ोरदार चुंबन शुरू हुआ और किस के साथ साथ धक्का देकर चुदाई भी चल रही थी और उसकी गरम आहे यह बता रही थी कि वो फिर से कितनी गरम हो चुकी है.

अब में दोबारा उसके बूब्स पर आ गया और थोड़ी देर बूब्स को चूसने के बाद दोबारा उसके गुलाबी होंठो का रसपान करते हुए और उसके बूब्स को मसलते निचोड़ते हुए में उसको लगातार चोदने लगा था, जिसकी वजह से उसकी गर्दन पर, चेहरे पर और उसके होंठो पर चूमते चाटते हुए अब उसको चोदते हुए मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और वो भी बड़े दिनों के बाद चुद रही थी, इसलिए वो अपने सारे दुःख दर्द को भूलकर चुदवा रही थी और उसकी सिसकियों की आवाज भी अब बहुत बढ़ गयी थी और वो भी पूरी मस्ती में चुद रही थी, वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह हाँ चोद दे मुझे उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा अंदर तक घुसा, में बहुत दिनों के बाद चुद रही हूँ, वाह तू तो बहुत अच्छी चुदाई करता है आईईईइ में कब से ऐसी चुदाई के लिए तरस रही थी, हाँ ऊईईईईईईई वाह तेरे साथ मज़ा आ गया, में तो तुझे अब तक छोटा बच्चा समझ रही थी, लेकिन तू तो बहुत ऊँची चीज निकला, तू इतने दिनों से कहाँ छुपा था.

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फिर करीब दस मिनट के बाद मेरा बदन अकड़ गया और अब में झड़ने लगा था और मेरा लंड से निकला मेरा फव्वारा छूटते ही उसकी चूत से भी वीर्य का वो झरना बह निकला और अब हम दोनों साथ साथ झड़ने का आनंद लेने लगे थे. उसके बाद में बिल्कुल निढाल सा होकर उसके एक साईड में लेट गया और करीब दो चार मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद वो अपने होंठ मेरे होंठो के करीब लाकर मुझसे बोली कि वाह तूने तो मुझे अपना पूरा दीवाना ही बना लिया है, तूने इतनी प्यारी दमदार चुदाई करना कहाँ से सीखा है? फिर मैंने उससे कहा कि यह सब तो आपके इस हुस्न का ही जादू है मेरी जान, अगर मेरा बस चले तो में दिन रात ऐसे ही आपसे इश्क़ लड़ाता रहूँ और आपकी चुदाई करके वो मज़े देता रहूँ, जिसके लिए में ऐसा बना हूँ.

दोस्तों उनसे यह बात कहते हुए में उसकी गरम, गीली चूत को भी मसल रहा था. तभी कुछ देर बाद अचानक से उसने एक बहुत ही मादक सी आह भरी और मैंने एक हाथ से उसका गाल पकड़ते हुए उसके गुलाबी रसीले होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो में जकड़ लिया था, लेकिन दोस्तों अब की बार में उसे एक नये अंदाज़ में चोदना चाहता था, इसलिए में बिस्तर पर अपनी कमर को दीवार के सहारे करके बैठ गया और फिर मैंने उसको अपनी गोद में बैठाते हुए धीरे धीरे से अपना लंड उसकी चूत में उतारते हुए पूरा अंदर डाल दिया और मेरा लंड अब सीधा जाकर उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और उसके मुहं से आईईईई माँ मर गई की आवाज निकल गई और उसकी वजह से वो अब मुझसे एकदम चिपककर मेरी गोद में बैठी हुई थी. मैंने उसको अपनी बाहों में कसकर जकड़ा हुआ था और अब वो उछल उछलकर चुद रही थी और उसके साथ साथ मज़े भी ले रही थी, में उसको अपना सहारा देकर ऊपर नीचे होने में मदद करने लगा था.

दोस्तों उसके लगातार ऊपर नीचे होने की वजह से उसके गोल, मुलायम, लटकते हुए बूब्स मेरी छाती पर रगड़ खा रहे थे और हम दोनों चुदाई के साथ साथ बहुत ही प्यार भरा चुंबन लेते हुए बड़े ही प्यार से चुदाई की और उस मस्ती में पूरी तरह से डूबे जा रहे थे, कभी में उसकी गर्दन चूमता और कभी उसे कसकर गले लगाते हुए उसके बूब्स को अपनी छाती से दबाते हुए ज़ोर के झटके मार देता, जिसकी वजह से उसके मुहं से उन सिसकियों की आवाज़ और भी ज्यादा बढ़ जाती.

फिर कुछ देर बाद उसको पीछे की तरफ झुकाते हुए में उसका एक बूब्स मुहं में लेकर खींचते हुए ज़ोर लगाकर पीने लगा था, जिसकी वजह से वो खुद भी अब ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी थी. दोस्तों हमारी इस तरह से चुदाई करीब 30-40 मिनट तक लगातार चली और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर जब मुझे ऐसा लगा कि मेरा भी वीर्य अब निकलने वाला है तो मैंने झट से उन्हें नीचे लेटाते हुए ज़ोरदार धक्को की बारिश शुरू कर दी थी और मेरी इस धक्का पेल में वो भी अब अपनी चरम पर पहुंच गयी थी और फिर वो बहुत भी अपने मुहं से सेक्सी आवाज़े निकालते हुए मेरे साथ ही झड़ गयी, जिसकी वजह से मेरा और उनका वीर्य उनकी चूत में जाकर एक हो गया था, वो पूरी पसीने से भीगी हुई थी और अब वो एकदम निढाल हो गई थी, लेकिन मुझे उसके चेहरे से एकदम साफ नजर आ रहा था कि वो मेरी चुदाई से बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट थी.

फिर हम कुछ देर तक ऐसे पड़े रहे और एक दूसरे के जोश की तारीफ़ करते रहे. हमे चुदाई करते हुए अब रात के करीब दस बज चुके थे और में अपने कपड़े पहनकर तैयार होकर उनसे विदा लेकर वापस अपने फ्लेट पर आ गया. दोस्तों उस दिन के बाद मैंने उसको कई बार चोदा. मैंने कभी उसके फ्लेट पर तो कभी मेरे फ्लेट पर उसको बहुत जमकर चोदा और उसके साथ चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए. उसने हर बार मेरा पूरा साथ दिया और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे.