पड़ोसी की चुदाई

मकान मालिक की बेटी को ठोका-2

Makan malik ki beti ko thoka-2

फिर मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और उसकी सलवार को भी उतार दिया और में उसको देखकर बड़ा ही हैरान, चकित हो गया था, क्योंकि मैंने देखा कि उसने सलवार के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.

फिर तभी मैंने उससे पूछा क्या इससे पहले भी कभी तुमने किसी के साथ सेक्स किया है? तो उसने कहा कि नहीं, में उसके मुहं से उसका वो जवाब सुनकर दिल ही दिल बहुत खुश हो गया कि मुझे आज एक कुंवारी चूत की चुदाई करने का मौका मिल रहा है और में उसकी चूत को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो एकदम चिकनी, उभरी हुई, कामुक, बड़ी आकर्षक, लाल रंग की थी और उस पर बाल भी नहीं थे, में तुरंत नीचे झुककर पागलों की तरह उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, जिसकी वजह से वो तो पागल हो गई और अपने मुहं से अजीब अजीब सी आवाजे निकलने लगी, श्ईईईईई उफफफफफ्फ़ और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब तुम कुछ करो, आह्ह्ह्ह में अब वरना मर ही जाऊंगी.

अब में उसकी बैचेनी को देखकर अपना पांच इंच लंबा लंड उसके मुँह में डालने की कोशिश करने लगा. तभी उसने ऐसा करने के लिए मुझसे साफ मना कर दिया. फिर मैंने उसको समझाया तब उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको चूसने लगी, जिसकी वजह से में करीब पांच मिनट में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसको पिला दिया.

मैंने उसको तेल की बोतल लाने के लिए कहा और वो उठकर जाकर तेल की बोतल लेकर आ गई. फिर मैंने उससे वो बोतल लेकर अपने लंड और उसकी चूत पर लगा दिया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी, में मन ही मन सोचने लगा कि मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बड़ी मुश्किल बहुत मेहनत से जाएगा और ज्यादा ज़ोर लगाने से वो चीखने चिल्लाने भी लगेगी, इसलिए मैंने उसके मुँह पर कपड़ा बांधना चाहा, जिसकी वजह से उसकी आवाज अंदर ही दबी रह जाए, लेकिन उसने मना कर दिया.

मैंने कहा कि तुम दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगोगी तो हमारे लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी. फिर उसने कहा कि नहीं में उस दर्द को बर्दाश्त कर लूंगी, में अपनी आवाज को बाहर नहीं निकलने दूंगी, तुम मेरी तरफ से कोई भी चिंता मत करो, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे कहने पर रुक जाना.

मैंने कहा कि हाँ फिर तो ठीक है, तुम जैसे कहोगी में ठीक वैसे ही करूंगा, जब कहोगी रुक जाऊंगा और फिर मैंने एक तकिया लेकर उसकी कमर के नीचे रख दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत कुछ ऊपर उठ गई और वो उठने की वजह से कुछ खुल भी गई और वो दिखने में बड़ी सुंदर उसकी चूत का दाना एक दम लाल मुझे अपनी चुदाई के लिए ललचा रहा था.

मैंने पागल होकर अपना लंड उसकी चिकनी चूत के मुहं पर रख दिया और में अपने लंड को धीरे धीरे उसकी गीली चूत के अंदर करने लगा, जिसकी वजह से उसको दर्द होने लगा और वो उस दर्द से तड़प रही थी, लेकिन वो अपने मुँह से आवाज़ नहीं निकाल रही थी. फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में तीन इंच अंदर कर दिया और में रुक गया और वो भी थोड़ा सा शांत हो गई और में कुछ देर बाद धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा.

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मैंने महसूस किया कि अब उसको भी मज़ा आने लगा था और कुछ देर बाद मैंने थोड़ा सा ज़ोर लगाया, लेकिन मेरा लंड सिर्फ़ एक इंच ही उसकी चूत के अंदर जा सका और वो दर्द से तड़प रही थी और मैंने उसके होंठो को चूसते हुए एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में चला गया और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी बाहर निकलने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम घबरा गई और उसने रोना शुरू कर दिया. फिर मैंने धक्के देना बंद करके उसको समझाया कि हर पहली चुदाई में ऐसा ही होता है और इसमें डरने या चिंता की कोई भी बात नहीं है.

फिर उसने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन मुझे अब दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है और में इस दर्द का क्या करूं? मैंने उससे कहा कि यह अभी कुछ देर बाद धीरे धीरे खत्म हो जाएगा. उसके बाद मैंने धीरे धीरे अपने लंड को हिलाना शुरू किया, अब वो थोड़ा शांत थी और मेरे साथ मज़े भी कर रही थी और अब वो मेरा साथ भी दे रही और में उसको किस और उसके बूब्स को सहलाता हुआ उसकी चुदाई धीरे धीरे धक्के देकर कर रहा था.

तब मैंने महसूस किया कि वो इस बीच झड़ गई थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपने धक्को की स्पीड को बढ़ा दिया और में उसको लगातार चोदता रहा और अब पूरे कमरे में अजीब सी पच पच फच की आवाजे आ रही थी.

फिर मैंने करीब 15 मिनट तक उसको चोदा और अब में भी झड़ने के करीब था, इसलिए मैंने उसको बताया कि में अब झड़ने वाला हूँ, इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और अपना पूरा वीर्य उसकी चूत के मुहं पर निकाल दिया और में उसको चूमने लगा. तब मैंने देखा कि वो आज बहुत खुश थी और हम ऐसे ही लेटे रहे. उसके बाद हम दोनों उठकर साथ में ही बाथरूम में चले गए और हम दोनों नहाने लगे और इस बीच में एक बार फिर से उसकी चुदाई करने के लिए तैयार था, में उसको अपनी गोद में उठाकर सीधा बेडरूम में लेकर आ गया और में उसको चूमने सहलाने लगा.

दोस्तों अब मेरा निशाना उसकी गांड थी, इसलिए में उसको जोश में लाने के लिए एक बार फिर से किस करने लगा और उसके बूब्स को सहलाने लगा और वो कुछ ही देर में दोबारा से बहुत गरम हो गई. अब मैंने उसको घोड़ी की तरह किया और में अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा. फिर वो घबराकर मुझसे पूछने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि में अब तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ, तो वो मेरी यह बात को सुनकर घबरा गई और मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना करने लगी, वो कहने लगी कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा और में ऐसा नहीं कर सकती, तुम उस जगह पर रहने दो.

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फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद पहले की तरह वो भी धीरे धीरे कम होता जाएगा और फिर मैंने उसको समझाकर अपना लंड उसकी गांड के मुहं पर रख दिया और हल्का सा धक्का मारा और वो दर्द की वजह से चीख पड़ी. तभी मैंने उसके मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया और मैंने एक जोरदार धक्का मारा, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में जा चुका था, लेकिन वो अब बच्चों की तरह ज़ोर ज़ोर से रो रही थी, वो आईईईईइ में मर गई प्लीज अब इसको तुम बाहर निकाल लो, मुझे नहीं करना तुम्हारे साथ यह काम उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन तुम सुनते क्यों नहीं हो, ऊउईईईईइ माँ में मर जाउंगी बाहर करो ना इसको.

दोस्तों मैंने उसकी कोई भी बात नहीं सुनी और मैंने बिना धक्के दिए उसको चुप करवाया समझाया, लेकिन वो मुझसे अब बहुत नाराज़ थी. फिर कुछ देर बाद में दोबारा अपने लंड को उसकी गांड में आगे पीछे करने लगा और अब उसको भी थोड़ा सा मज़ा आने लगा था, इसलिए उसने मुझसे कहा कि थोड़ा सा तेज करो और मैंने उसके कहने पर अपनी स्पीड को पहले से थोड़ा ज्यादा बढ़ा दिया और मैंने उसकी गांड को करीब दस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और इस बीच में एक बार झड़ गया था और में उसके ऊपर ही लेट गया. फिर हम दोनों साथ में ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए बाहों में करीब सुबह 5:00 बजे तक लेटे रहे.

फिर उसके बाद में उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया और दूसरे पास वाले कमरे में जाकर में सो गया और सुबह 7:30 बजे मुझे राबिया मुझे उठाने के लिए आई और वो मुझसे कहने लगी कि आंटी भी अब उठ चुकी है और अब वो तुम्हें नाश्ता करने के लिए बोल रही है और वो कहने लगी कि उनको चक्कर भी आ रहे है. फिर मैंने उससे कहा कि वो उनकी कल रात को खाई नींद की गोली का असर है, जो शायद अभी भी है, इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा है और फिर मैंने ध्यान से देखा कि राबिया उस समय बहुत अजीब सी स्टाईल में चल रही थी.

फिर मैंने उससे पूछा कि यह सब क्या है, तुम ऐसे क्यों चल रही हो? तब उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे सामने ज्यादा भोले बच्चे मत बनो, यह तुम्हारे उस काम की वजह से है और मुझे कल रात से ही बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, उसकी वजह से मुझे ठीक तरह से उठा, बैठा, चला भी नहीं जा रहा है, तुम्हें क्या पता कि में क्या महसूस कर रही हूँ और मुझे कितना दुख दर्द हो रहा है? तब मैंने उससे कहा कि तुमने आंटी को इसके बारे में क्या बताया? तब उसने कहा कि मैंने मम्मी से झूठ बोला है कि मेरे पैर में मोच आ गई है, इसलिए मुझे चलने में थोड़ी परेशानी हो रही है. दोस्तों उसकी वो बात सुनकर मुझे थोड़ा सा आराम मिला, वरना में तो बहुत ज्यादा डर गया था.

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फिर में उठकर अपने कमरे से बाहर आ गया और मैंने आंटी को सलाम किया. उसके बाद मैंने आंटी से उनकी तबियत के बारे में उनके हालचाल पूछा. तब आंटी ने मुझे बताया कि उन्हें हल्के हल्के चक्कर आ रहे है. मैंने उनसे कहा कि यह आपकी उस नींद की दवाई का असर है और आप कुछ देर और आराम कर लो सब ठीक हो जाएगा. अब वो मेरे कहने पर फिर से सोने चली गई और मैंने उनके चले जाते ही सही मौका देखकर तुरंत राबिया का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचकर एक बार फिर से अपनी बाहों में ले लिया और में उसको दोबारा किस करने लगा. उस दिन ना वो कॉलेज गई और ना में हम दोनों ने उस पूरा दिन बहुत मज़े मस्ती का आनंद लिया.

दोस्तों मेरे अंकल करीब एक सप्ताह के बाद वापस आ गए और में इस बीच राबिया को करीब 25 से 30 बार बहुत मज़े लेकर जमकर चोद चुका था और तब मैंने महसूस किया कि मेरी चुदाई की वजह से राबिया बहुत खुश और संतुष्ट भी थी, इसलिए उसने हर बार मेरी उस चुदाई में पूरा पूरा साथ दिया और हम लगे रहे. उसको चोदकर मुझे बहुत मज़ा आता, इसलिए वहां पर जब तक में रहा, मैंने राबिया को उसकी मर्जी से बड़े मज़े लेकर कई बार चोदा और हम दोनों ने बहुत मज़े किए.

फिर मैंने उनको छूकर महसूस किया कि वो रुई की तरह एकदम मुलायम बहुत गोरे बिल्कुल गोल जिनकी निप्पल अब तनकर ऊपर उठ चुकी थी और में अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था, वो एकदम लाल हो चुकी थी. फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसी समय उसकी ब्रा को भी उतार दिया और में उसके बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बड़ा मज़ा और उसको बहुत जोश आ रहा था. वो अब तक बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी और तभी कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब इस बीच वो झड़ चुकी थी.