Teenage Girl Sex

मामा की पड़ोसन की चूत फाड़ डाली

Mama ki padosan ki choot faad dali

हैल्लो दोस्तों, सबसे पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ, मेरा नाम राज है और हर जवान दिल की ख्वाइश होती है कि काश मुझे कोई कुँवारी चूत मिल जाए, मेरी भी यही ख्वाइश थी, लेकिन में हमेशा खामोश ही रहता हूँ और ज्यादा कुछ बोलता नहीं हूँ. लेकिन में पिछले 2 सालों से काफी बदल गया हूँ, जब में अपने मामा के यहाँ घूमने गया था.

मेरे मामा कानपुर में रहते है, वहाँ मामा के पड़ोस में एक लड़की रहती थी, जिसका नाम बबिता था, उसकी उम्र कम से कम 20 साल की होगी. उसका फिगर 30-26-28 होगा और में पहले भी जब कभी मामा के यहाँ जाता था तो में उस लड़की की जवानी देखकर हमेशा सोच में पड़ जाता था कि काश मुझे इसकी चूत मिल जाए, लेकिन अब में खुद को इस लायक समझता था कि अब में इसे पटा सकता हूँ.

फिर एक दिन में घर के दरवाजे पर खड़ा था, तो बबिता भी अपने दरवाजे पर खड़ी थी. अब वो मुझे देख-देखकर कुछ बोल रही थी और बार-बार मुझे देखकर हंस रही थी. अब में समझ गया था कि वो लाईन दे रही है. तो तभी मैंने इशारे से पूछा कि क्या हुआ? तो उसने भी इशारे में कहा कि कुछ नहीं. फिर हम काफ़ी देर तक वही दरवाजे पर एक दूसरे को देखते रहे.

फिर अचानक से उसने मुझे एक इशारा किया जिसे देखकर में हैरान हो गया, उसने इशारे से मुझे ऊपर छत पर आने के लिए कहा तो तभी मैंने सोचा कि आज तो मुन्ना तेरी ज़िंदगी बन गई. फिर में जल्दी से ऊपर गया और अब वहाँ वो मुझसे पहले ही पहुँच गई थी. अब पहले तो में उससे इशारो में बातें कर रहा था मगर जब मुझे लगा कि आस पास कोई भी नहीं है तो में उसके घर की दीवार कूद कर उसके घर में चला गया.

अब वो कुछ घबरा रही थी मगर में उतावला था, आज उसके घर में कोई भी नहीं था बस उसकी दादी थी, जो कभी ऊपर नहीं आती है और हमेशा नीचे ही रहती है. आज बबिता के घर में कोई नहीं था और उसके घर में ऊपर एक रूम था, जिसमें उसके भाई और भाभी रहते है. फिर में उससे बातें करता रहा और बातें करते-करते शाम से रात हो गई.

अब सब कुछ इतना जल्दी-जल्दी हो रहा था कि मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ और क्या ना करूँ? क्योंकि मौका ऐसा मिला था कि आज किसी कुंवारी चूत के में मज़े ले सकता था तो बस में बैचेन था कि जल्द से जल्द मुझे चूत मिले.

अब में पहले तो शराफत से भरी बातें करने लगा था. फिर मैंने उसे देखा तो वो बार-बार अपनी आखें इस तरह बंद कर रही थी जैसे उसे किसी चीज की तड़प हो, शायद मेरे लंड की तड़प. फिर में उससे कुछ अलग किस्म की बातें यानि कि सेक्स से सम्बंधित बातें करने लगा तो वो भी बड़े मज़े से मेरी बातें सुनने लगी. अब में समझ गया था कि आज तो मेरी ख्वाइश पूरी हो गई है.

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फिर कुछ देर बातें करते-करते वो भी खामोश हो गई और में भी खामोश हो गया. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो खामोश रही. फिर में उसके करीब गया और उससे फिर से पूछा कि क्या हुआ? तो वो कुछ नहीं बोली.

मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसका चेहरा अपने दोनो हाथों से पकड़ा और उसके लिप्स को चूमने लगा, जैसा मैंने कभी किसी मूवी में देखा था किस करते हुए वैसे ही में उसके किस करने लगा था. अब वो तो बस खामोश थी और कुछ भी नहीं कर रही थी, लेकिन मुझे उसकी खामोशी से ही पता चल गया था कि उसकी हाँ है और फिर में उसकी चूचीयों को दबाने लगा. अब उसकी सिसकियाँ निकल रही थी आहह, आराम से प्लीज, मगर अब में कहाँ रुकने वाला था?

फिर में उसे उसके भाई के रूम में ले गया और वहाँ जाकर मैंने सबसे पहले उसके कपड़े उतारने शुरू किए. फिर मैंने उसकी चूचीयों को देखा तो मेरे होश ही ग़ुम हो गये, उसकी चूचीयाँ बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और थी. अब में तो बस उन्हें देखते ही पागल हो गया था और ज़ोर-ज़ोर से उन्हें दबाने लगा था, तो वो सिसकियाँ भरती रही.

फिर मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए तो तभी उसने कहा कि नहीं प्लीज ऐसा कुछ मत करो, मुझे जाने दो, लेकिन अब में समझ गया था कि अब ये नखरे कर रही है, लेकिन अब में कहाँ रुकने वाला था? अब जैसे ही वो कुछ बोलती तो में उसके लिप्स को चूमने लगता और फिर वो जोश में आ जाती, तो में फिर से अपना काम शुरू कर देता. फिर मैंने अपने कपड़े पूरी तरह से उतार दिए और अब वो और में एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.

फिर उसने मेरा लंड देखा तो वो सोच में पड़ गई और कहने लगी कि हाए दैय्या आपका लंड कितना बड़ा है? में तो मर ही जाऊँगी. फिर मैंने कहा कि पहले-पहले दर्द होगा, लेकिन फिर बाद में तुम्हें मज़ा आने लगेगा, मेरा लंड 9 इंच का है. फिर में उसकी चूत में पहले तो उंगली करने लगा जिससे की वो गर्म हो जाए और मेरा लंड मांगने लगे.

फिर अचानक से मैंने अपनी उंगली करने की रफ़्तार कुछ बढ़ा दी, तो वो बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरह रही थी. फिर मैंने सोचा कि मेरा इतना बड़ा लंड उसकी चूत में जाएगा कैसे? फिर अचानक से मेरी नजर पास में रखे तेल पर पड़ी तो मैंने बोतल में से थोड़ा तेल लिया और पहले तो उसकी चूत पर लगाया और फिर अपने लंड में सेंटर से सेंटर मिलाकर पहले तो मैंने हल्का सा एक झटका मारा, तो वो चिल्ला उठी उईईई माँ में मर गई, आह आराम से, प्लीज.

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फिर में रुक गया और उसके लिप्स को चूमने लगा. फिर कुछ देर तक रुककर मैंने फिर से सेंटर से सेंटर मिलाया और फिर से एक झटका दिया तो मेरा लंड कुछ इंच तो अंदर घुसा, लेकिन उसे काफ़ी दर्द हो रहा था, तो में वही रुक गया और अपने लंड को उसकी चूत में कुछ देर के लिए रोक दिया. फिर कुछ देर रुकने के बाद मैंने फिर से एक झटका दिया तो अब मेरा लंड करीब 5 इंच उसकी चूत में घुस गया था.

फिर मुझसे नहीं रुका गया तो मैंने एक और ज़ोर का धक्का दिया. तो वो ज़ोर से चिल्लाई उईईईई में मर गई माँ, ऊऊओ मार डाला आपने. फिर मैंने कहा कि अभी तुम्हें मज़ा आने लगेगा. फिर कुछ देर में ही उसे भी मज़ा आने लगा, लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था तो अंदर और बाहर और धक्के मारने में उसका दर्द बढ़ता जाता था, लेकिन अब में नहीं रुक सकता था और अब मुझे किसी की भी परवाह नहीं थी, अब में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था. अब वो चिल्ला रही थी और बार-बार बोलती रही प्लीज रूको, मुझे दर्द हो रहा है, प्लीज रूको, लेकिन में नहीं रुका.

थोड़ी देर केर बाद वो भी खामोश हो गई. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और अब वो भी अपनी कमर उठा उठाकर मेरा रिप्लाई करने लगी थी. अब वो पूरी तरह से मेरा लंड ले रही थी. अब में अपनी पूरी ताकत से धक्के मार रहा था. अब वो तो बस अपनी आँखे बंद करके आआआ, हाईईई, उफफफ्फ किए जा रही थी और में बार-बार उसके लिप्स को चूमता रहता. उसके लिप्स कुछ ज्यादा ही नर्म थे, तो में बार-बार उसके लिप्स को पेप्सी समझकर पीता रहता था, उसके लिप्स बिल्कुल लाल थे जो मैंने चूम-चूमकर सुर्ख लाल कर दिए थे.

फिर मैंने सोचा कि क्यों ना फिल्मी अंदाज़ में उसकी चूत मारी जाए फिर? मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत में पीछे से अपना 9 इंच लंबा लंड जब उसकी चूत में डाला, तो बस उसकी हालत तो ऐसी हो गई जैसे अभी मर जाएगी, क्योंकि मेरे लंड का साईज कुछ ज्यादा ही बड़ा था और उसकी चूत कुंवारी थी, तो उससे बर्दाश्त करना कुछ ज्यादा ही मुश्किल था, लेकिन वो बंदी ऐसी थी और अब कुछ भी नहीं बोल रही थी.

मैंने उसको घोड़ी की पोजिशन में उसकी कमर को पकड़कर धक्के देने शुरू किए और ज़ोर- ज़ोर धक्के से देने लगा. अब उसकी कमर पर मेरी पकड़ कुछ ज्यादा ही मस्त थी इसलिए मुझे धक्के देने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.

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अब जब में धक्के दे रहा था तो मैंने सोचा कि अब किसी और पोजिशन में चूत मारी जाए. फिर में बेड पेर लेट गया और अपने लंड को सीधा किया और उससे कहा कि अब तुम मेरे लंड पर बैठो, तो वो आराम-आराम से उठी और जैसा मैंने कहा था वैसा ही करने लगी. मुझे पता था इस पोजिशन में चूत मारने का मज़ा ही कुछ और होगा, इस पोजिशन में लड़की की जान निकल जाती है और जब पूरा लंड अंदर जाता है, तो पहले तो वो मेरे लंड पर आराम से बैठ गई और मेरा पूरा लंड अंदर ले गई और फिर कुछ देर रुकी रही और फिर अचानक से खुद ही धक्के देने लगी.

अब मुझे और मज़ा आने लगा था और में नीचे से भी धक्के देने लगा था. अब वो भी धक्के दे रही थी और में भी नीचे से धक्के मार रहा था. फिर मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसकी गीली चूत में और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए. फिर जैसे ही में झड़ने वाला था तो मैंने उसे पकड़कर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़कर बैठ गया और उसकी चूचीयों के ऊपर ही झाड़ दिया और थककर उसके बराबर में लेट गया.

फिर उसने अपने बूब्स को कपड़े से साफ किया और मेरे बराबर में लेट गई. फिर हम 30 मिनट तक आराम से लेटे रहे. फिर में उठा और फिर से उसके लिप्स को चूमने लगा. फिर काफ़ी देर तक चूमने के बाद में हट गया और फिर मैंने अपने कपड़े पहनने शुरू किए. अब टाईम काफ़ी हो रहा था और अब उसका भाई भी ऑफिस से आना वाला था, इसलिए वो भी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी और पूछने लगी कि आप वापस कब जा रहे है?

मैंने कहा कि अब 2-4 बार तेरे मज़े लेने के बाद ही जाऊँगा. फिर वो कहने लगी कि पता नहीं फिर ऐसा मौका कब मिलेगा? तो मैंने कहा कि कल फिर जब तुम्हारे भैया ऑफिस चले जाएगे तब. फिर वो कहने लगी ओके, लेकिन 2 बजे के बाद ही आना वरना दादी को शक हो जाएगा, तो मैंने कहा कि नो प्रोब्लम. फिर मैंने उसे 3 दिन तक रोज चोदा और वो भी खुशी-खुशी मुझसे चुदवाती रही. अब काफ़ी दिन से में मामा के यहाँ नहीं गया हूँ, लेकिन उसके फोन आते रहते है, वो मुझे बुलाती रहती है.