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मामीजी के घर मौसी को बजाया–3

Mamaji ke ghar Mausi ko Bajaya-3

अब मैं समझ चुका था कि मौसी को भी लंड की जरूरत है।बस अब जल्दी ही मुझे मौसी की चूत मिलने वाली थी।फिर बहुत देर बाद मैं मामीजी को चोदकर फ्री हुआ।आज तो मामीजी बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी। फिर मामीजी ने मौसी के सामने ही कपड़े पहने। अब तो मामीजी का डर भी दूर भाग चुका था।
अब शाम को मैंने मामीजी से बातचीत की– मामीजी ,मौसी को देखकर आपको कुछ कुछ नहीं लगता?
मामीजी– मै कुछ समझी नहीं?
मैं– अरे मामीजी,जिस तरह से मौसी आज अपनी चुदाई का पूरा नज़ारा देख चुकी है लेकिन फिर भी कुछ नहीं कहा
मामीजी– हां तो?
मैं– हां तो इसका मतलब मौसी को भी लंड की जरूरत है।
मामीजी– अच्छा!

मैं– हां मामीजी,अब मौसी ऐसे तो चुदेगी नहीं।आप ही उनको चुदवाने के लिए मना सकती हो।
मामीजी– मै कैसे मना सकती हूं यार।अगर वो खुद चुदाने के लिए तैयार है तो तू ही चोद ले ना दीदी को।
मैं– अरे मामीजी,अगर मै सीधा मौसी से चुदाने के लिए कहूंगा तो मौसी शर्म के मारे नहीं चुदेगी।लेकिन अगर आप मौसी से बात करोगी तो शायद मौसी आपकी बात मान जाए।
मामीजी– अरे यार,ये काम बहुत मुश्किल है।
मैं– कुछ मुश्किल नहीं है मामीजी,इससे हमें भी फायदा है, चुदाने के बाद मौसी कभी भी किसी को कुछ नहीं बता पाएगी।

मामीजी– हां ये बात तो सही है। ठीक है मै दीदी से बात करने की कोशिश करूंगी।
मैं– ठीक है मामीजी।
अब अगले दिन सबके जाते ही मेरा लन्ड फिर तन गया।उस टाइम मामीजी रोटी बना रही थी।तभी मैं मामीजी को मौसी के सामने ही घर में लेे जाने लगा।
मामीजी– अरे यार रोहित।क्या कर रहा है तू? रोटी तो बनाने दे।
मैं– रोटी तो मौसी बना देगी।आप तो चुपचाप अंदर चलो।
मामीजी– अरे यार थोड़ी देर तो रुक जा।
मैं– मै नहीं रुक सकता। आप जल्दी अंदर चलो।
मामीजी– हां चल रही हूं।रुक थोड़ा सा …

मैं मामीजी का इंतजार कर रहा था लेकिन मामीजी अभी भी रोटियां सेंकने में लगी हुई थी। अब मैंने सोचा मामीजी ऐसे नहीं मानेगी।तभी मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और उन्हें खींचकर घर के अंदर ले गया।मामीजी के हाथ से रोटी ही छूट गई। अब मैंने उन्हें तुरंत पलंग पर पटक दिया और कुछ ही पलों में मामीजी को पूरी नंगी कर दिया। अब मैंने मामीजी की चूत में लंड फंसाया और उनकी ज़ोरदार चुदाई करना शुरू कर दी।
इधर हमसे ही कुछ दूर मौसी रोटी बना रही थी।तभी मैंने मौसी की चूत की आग भड़काते हुए कहा– मौसी आप भी आ जाओ ना।
मौसी– मै तो नहीं आ रही हूं।भाभी को ही बजा लेे।
मैं– मामीजी को तो बजा ही रहा हूं अगर आप भी आजाओगी तो खूब मज़ा आयेगा।
मौसी– नहीं,मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है।

मैं– अरे मौसी, इंट्रेस्ट तो मैं करा दूंगा आपको।आप एकबार यहां आओ तो।
मौसी– नहीं,मुझे नहीं आना।
मामीजी– अरे दीदी आ जाओ।रोहित खूब मज़ा देता है।
मौसी– भाभी,आप ही मरवा लो और मज़ा लो।
मामीजी–ये मज़ा रोहित आपको भी देना चाहता है।
मौसी– नहीं,भाभी मुझे नहीं लेना मज़ा।
मामीजी– अरे दीदी,लेे लो मज़ा,बहुत तगड़ा लंड है रोहित का।आपका सारा जंग साफ कर देगा।
मौसी– नहीं भाभी,आप ही करवाओ जंग साफ।

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मैं और मामीजी हम दोनों मौसी को चुदाने के लिए तैयार कर रहे थे लेकिन मौसी तैयार हो ही नहीं रही थी।खैर फिर बहुत देर बाद हम दोनों चुदाई करके फ्री हुए और बाहर आ गए। बाहर आते ही मामीजी मौसी को पटाने में लग गई।
मामीजी– अरे दीदी आप भी आ जाती ना,तीनों मिलकर खूब मज़ा लेती।
मौसी–अरे नहीं भाभी ,बस आप ही मज़ा लो।
मामीजी– सच में रोहित का बहुत तगड़ा लंड है।वो आपके जिस्म के कतरे कतरे को हिला देगा।बस आप एकबार उसका लेकर तो देखिए।
मौसी– नहीं भाभी।
मामीजी– शरमाओ मत दीदी।कभी कभी मज़ा लेने के ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।और वैसे भी रोहित तो अपना ही है। किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा।
मौसी– नहीं दीदी मुझे नहीं मरवाना।

मामीजी– दीदी फिर भी एकबार अच्छी तरह से सोचना।
मामीजी मौसी को मेरे लन्ड के नीचे लाने के लिए बहुत ज्यादा कोशिश कर रही थी लेकिन मौसी लंड लेने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी। अब मौसी को पेलने के लिए मुझे ही कुछ करना था। अब मैं मौका मिलते ही मौसी के जिस्म को टच करने लगा।फिर तरीके से मै मौसी के बूब्स पर भी हाथ फेरने लगा।लेकिन फिर भी मौसी चूत देने के लिए तैयार नहीं हो रही थी।
अब अगले दिन सुबह होने के बाद सब चले गए। अब मैं मौसी के साथ फिर चालू हो गया– मौसी क्या दिक्कत है आपको? दे दो ना यार।
मौसी– तू भाभी की मार रहा है वो ही बहुत है।
मैं– मै तो अब आपकी भी मारना चाहता हूं।

मौसी– लेकिन मै तो दूंगी नहीं।
मैं– अरे मौसी आप भी कितनी बेवकूफ हो।आपको इतना फ्रेश मोटा तगड़ा लंड मिल रहा है और आप मना कर रही हो। आपकी चूत तो कितनी पुरानी है फिर भी मै आपको लंड दे रहा हूं।
मौसी– नहीं मुझे नहीं लेना।
तभी मैंने तुरंत लंड बाहर निकाला और मौसी के हाथ में दे दिया।
मैं– लो देखो मेरा लन्ड।खुश कर देगा आपको।
मौसी– अरे यार ये क्या कर रहा है अंदर कर इसे।
मामीजी– अब दीदी आप भी इतने नखरे क्यो दिखा रही हो? बेचारा लड़का इतनी कोशिश कर रहा है और आप फिर भी नहीं मान रही हो।

मौसी– भाभी यार लेकिन………………..
मामीजी– अब कोई लेकिन वेकिन नहीं दीदी।आप चुपचाप रोहित का लंड लीजिए।
मौसी– लेकिन भाभी……….
मामीजी– मैंने कहा ना अब कोई लेकिन नहीं।
मौसी– रुको मै थोड़ा सोचकर बताती हूं।
मामीजी– चलो ठीक है फिर तो।
अब मैंने लंड वापस पजामे में डाल लिया। अब थोड़ी देर बाद मौसी नहाने लगी और मामीजी रोटियां बनाने लगी।फिर कुछ देर बाद मौसी नहाकर वापस आ गई।उनके जिस्म से पानी की बूंदे टपक रही थी।
मामीजी– मै कुछ देर के लिए पड़ोस में जा रही हूं।तब तक तुम दोनों आराम से काम निपटा लेना।
मैं– हां मामीजी।

मामीजी– रोहित ज्यादा तोड़ फोड़ मत करना।आराम आराम से करना।और दीदी आप आराम से दे देना यार।थोड़े बहुत नखरे ज़रूर दिखा लेना।
अब मामीजी पड़ोस में चली गई। अब मैंने अंदर से गेट बंद कर लिया। अब घर में हम दो जिस्म ही बचे थे।मेरा लन्ड ज़ोर से तन चुका था।मौसी मेरे सामने ही कपड़े सूखा रही थी।
मैं– मौसी आओ ना।
मेरी बात सुनते ही मौसी ने मेरी तरफ देखा लेकिन वो कुछ बोली नहीं।
मैं– मौसी अब तो आओ ना यार।
मौसी– आ रही हूं।
मैं लंड मसल मसलकर मौसी का इंतजार कर रहा था।फिर थोड़ी देर बाद मौसी मेरे पास आई।तभी मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और उन्हें अंदर लेे गया।

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मौसी– रोहित यार लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिए।
मैं– अरे मौसी आप चिंता मत करो।किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
अब मैं तुरंत मौसी के ऊपर टूट पड़ा और मौसी को दीवार से चिपका कर उनके रसीले होंठों को चूसने लगा। मैं बुरी तरह से मौसी के होंठो को चूस रहा था।मौसी मेरे होंठो को खा तो नहीं रही थी लेकिन वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं झमाझम मौसी के होंठो पर लगी लिपस्टिक को चाट रहा था। मौसी चुपचाप खड़ी थी।इधर मेरा लन्ड मौसी की चूत में घुसने के लिए उतावला हो रहा था।
मेरा पूरा ध्यान मौसी के रसीले होंठों पर था। मैं बुरी तरह से मौसी के होंठो को चूस रहा था। अब मेरे हाथ तुरंत मौसी के बूब्स पर पहुंच चुके थे। अब मैंने तुंरत मौसी की स्वेटर खोल दी और मौसी की साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया। अब मैं ब्लाउज के ऊपर से ही मौसी के बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा।

आह! क्या मस्त बूब्स थे मौसी के! आह यारो मज़ा आ गया था। अब मैं मौसी को किस करते हुए मौसी के बूब्स दबा रहा था।आज मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं मौसी के बूब्स को अच्छी तरह से रगड़ रहा था।धीरे धीरे मौसी गर्म हो रही थी।
मैं भूखे कुत्ते की तरह मौसी के होंठो को खा रहा था।फिर कुछ देर में ही मैंने मौसी के रसीले होंठों को चूस डाला। अब मैं मौसी के गौरे चिकने गले पर किस करने लगा।तभी मौसी ने भाव विभोर होकर मुझे बाहों में भर लिया और वो मेरी पीठ को सहलाने लगी। मैं मौसी के गले पर बुरी तरह से किस कर रहा था।मुझे मौसी के गले पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने थोड़ी देर मौसी के गले पर किस किए और अब मैं मौसी के बूब्स को कसकर दबाने लगा।आह! इतने शानदार बूब्स थे मौसी के! अब मैं झमाझम मौसी के बूब्स को बुरी तरह से रगड़ रहा था।मुझे मौसी के बूब्स दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।तभी मौसी दर्द से तड़पने लगी।
मौसी– ऊंह आह आह ओह ऊंह ओह आह।
मैं– ओह मौसी बहुत मस्त माल है आपके तो।मज़ा आ रहा है।आह।
मौसी– ऊंह आह ऊंह आह आह ओह ।
मैं– ऊंह मौसी।
मौसी– आईईईई धीरे धीरे दबा यार।

मैं– बहुत तड़पाया है आपने। अब तो मै ज़ोर ज़ोर से ही दबाऊंगा।
मौसी– आईईईई मर गई मै तो।
मैं मौसी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था। अब मौसी की दर्द के मारे गांड़ फट रही थी।वो बुरी तरह से दर्द से तड़प रही थी। मैं अच्छी तरह से मौसी के बूब्स को दबा रहा था।फिर बहुत देर तक मैंने मौसी के बूब्स को दबाया।
अब मैंने मेरा एक हाथ मौसी के पेटीकोट में घुसा दिया और उनकी चूत को पकड़ लिया। अब मैं मौसी की चूत को भी मसलने लगा। मुझे मौसी की चूत पर बहुत सारी झांटे महसूस हो रही थी। मुझे मौसी की चूत को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। इधर मेरा एक हाथ मौसी के बूब्स पर था। अब दोनों तरफ से मौसी पर वार हो रहा था।मौसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैं मौसी को बुरी तरह से तड़पा रहा था।

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मौसी– ऊंह आह आह ओह ऊंह आह आह आह।
मैं– ओह मौसी बहुत मज़ा आ रहा है यार।
तभी मैंने मौसी की चूत में उंगलियां पेल दी और मौसी की चूत को सहलाने लगा। अब तो दर्द से मौसी की गांड फटकर हाथ में आ गई।वो बुरी तरह से मचलने लगी।
मौसी– ऊंह आहाह्या आईईईई आहाहा आहाहाहा।
मैं– ओह मौसी। अब और अच्छा लग रहा है।
मौसी– ओह रोहित धीरे धीरे कर यार।बहुत दर्द हो रहा है।
मैं–हां मौसी धीरे धीरे ही कर रहा हूं।
अब इस कंडीशन में कौन धीरे धीरे करता है यार।मैने बस मौसी की हां में हां मिलाई और ज़ोर ज़ोर से मौसी की चूत को खुजाता रहा था।मुझे मौसी की चूत को सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मौसी तो बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी।

मौसी– आईईईई आईईईई ऊंह आआ ऊंह आईईईई ।
मैं– ओह मौसी। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आज तो मैं आपकी चूत की पूरी गर्मी निकाल दूंगा।
मौसी– आईईईई मर गई मै तो।बहुत दर्द हो रहा है यार। आह्ह आह आह आईईईई।
मैं– तो दर्द तो होगा ही मौसी। लगता है कई सालो से आपको अच्छा लंड नहीं मिला है।
मौसी– मैंने अभी तक सिर्फ तेरे मौसाजी का ही लंड लिया है।
मैं– कोई बात नही मौसी। अब मैं आपको मोटा तगड़ा लंड दूंगा।
तभी मैंने मौसी को बुरी तरह से तड़पा दिया। मौसी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी।
मौसी– आईईईई आईईईई आईईईई।

तभी मौसी की चूत पूरी गीली हो गई और उनकी चूत में से गर्म लावा बाहर निकलने लगा। मौसी के लावे से मेरा हाथ भर गया। मौसी कड़ाके की सर्दी में पसीने से लथपथ हो चुकी थी।फिर मैंने थोड़ी देर और मौसी को तड़पाया।
अब मेरा लन्ड ज्यादा इंतजार करने के मूड में नहीं था। अब मैंने मौसी को उठाया और पलंग पर पटक दिया। पलंग पर शानदार गद्दा बिछा हुआ था। अब मैंने तुरंत मेरे सारे कपड़े खोल दिए और पूरा नंगा हो गया। नंगा होते ही मेरा लन्ड खुली हवा में लहराने लगा।वो उसे मौसी की चूत नजर आने लगी।
अब मैं भी पलंग पर चढ़ गया और जल्दी से मौसी की चूत पर से उनकी पैंटी को खोल फेंका। अब मौसी की चूत पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने मौसी की साड़ी और पेटीकोट को कमर तक पहुंचा दिया जिससे मौसी की नंगी चूत मेरे लन्ड के सामने आ गई।

कहानी जारी रहेगी…………………. आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं– [email protected]