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मामी की चूत से लोड़े का मिलन-1

Mami ki choot se lode ka milan-1

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बोबी है और मेरी उम्र 27 साल है और में अमृतसर पंजाब का रहने वाला हूँ. में एक कॉलेज में अपनी तीसरे साल की पढ़ाई कर रहा हूँ. यह कहानी मेरी और मेरी मामी के बीच हुई उस पहली मज़ेदार चुदाई की घटना है, जिसमे मैंने उसको अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश करके संतुष्ट किया और उन्होंने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और अब आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

दोस्तों यह बात आज से करीब तीन महीने पुरानी है जब में अपने नाना, नानी के घर पर अपनी छुट्टियाँ बिताने गया हुआ था. वहां पर मेरे मामा मामी रहते है. दोस्तों मेरी मामी दिखने के साथ साथ स्वभाव की भी बहुत अच्छी है और उनका व्यहवार घर के अलावा बाहर के लोगों के साथ भी बहुत अच्छा था और वो सभी के लिए बहुत अच्छी थी.

वो मुझसे भी हमेशा बहुत हंस हंसकर बातें मजाक किया करती थी और कभी भी वो मेरी किसी भी बात का बुरा नहीं मानती थी. इसलिए धीरे धीरे मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ने लगी थी और वैसे भी वो हमेशा बड़े गले का कुर्ता पहना करती थी.

उसके ऊपर जब भी वो घर में होती तो अपनी चुन्नी को गले में ही डाले रहती, जो हर कभी इधर उधर सरक जाती और बड़े गले से उनके उस कुर्ते से गोरे गोलमटोल बूब्स मुझे बाहर उभरे हुए नजर आते थे और उनको देखकर में मन ही मन बड़ा खुश हो जाता, इसलिए उनके बूब्स को देखकर मेरा मन हमेशा डोल जाता था और हमेशा मुझे देखकर ऐसा लगता था कि जैसे वो मुझे अपनी तरफ आकर्षित किया करती थी.

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फिर में भी बार बार उनके किसी काम की वजह से नीचे झुकने का इंतज़ार किया करता था और मेरी नजर हमेशा उन्ही के ऊपर टिकी रहती थी. में उनको देखकर मज़े लेकर मन ही मन बहुत खुश हुआ करता था और मेरी उस हॉट सेक्सी मामी का नाम सोनिया है.

दोस्तों मुझे जब भी लगता था कि वो अब नीचे झुकने वाली है तब में जानबूझ कर अपनी मामी के सामने जाकर खड़ा हो जाता था और फिर उसके बाद में अपनी तिरछी नज़र से उनके बड़े आकार के गोरे चिकने एकदम गोलमटोल बूब्स को अपनी चकित नजर से देखा करता था, क्योंकि मुझे उनके बूब्स बहुत पसंद थे और मुझे उन्हे छूने का हमेशा बहुत मन करता था. कभी कभी जानबूझ कर में उनसे सामने से जाकर टकरा जाता था और उसके बाद में बड़ी ही होशियारी से उनके बूब्स को छू लिया करता था.

फिर मेरी इन हरकतों का उनको कभी भी बुरा नहीं लगता था, इसलिए में अपनी मन मर्जी का काम किया, लेकिन इतना सब करने से भी मेरा मन नहीं भरता था और अब में उनके दोनों बूब्स को अपने हाथ से सहलाना और उनको बारी बारी से दबाना चाहता था. वो रंग में बहुत गोरी सुंदर दिखने में बड़ी ही आकर्षक लगती है, इसलिए हर बार उनको देखकर मुझे उनकी चुदाई करने का मन किया करता था और वो बहुत ही मस्त गदराए हुए बदन की है और में भी वैसा ही सेक्सी बदन पसंद करता हूँ.

फिर एक दिन मेरे मामा उनके कुछ काम की वजह से करीब पांच दिनों के लिए दुबई जाना पड़ा और में उस समय घर के हॉल में बैठा हुआ ही था कि तभी मेरी मामी भी हॉल में आ गई और तब उन्होंने मुझे एक चिठ्ठी दे दी और उसके बाद वो अपने कमरे में चली गई.

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फिर मैंने उसको खोलकर पढ़ना शुरू किया तो मुझे उसको पढ़कर बड़ा आश्चर्य हुआ और में वो सब पढ़कर एकदम चकित था, क्योंकि उसमे लिखा हुआ था कि में तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ और मुझे तुम्हे देखते ही कुछ कुछ होता है, में तुम्हारे साथ अकेले में कुछ समय गुजारना चाहती हूँ और यह सभी बातें मैंने इस चिठ्ठी में इसलिए लिखकर तुमसे कही है, क्योंकि मुझे तुमसे यह बातें करते हुए बहुत शरम आ रही थी और अगर तुम मुझसे मिलना चाहते हो तो आज रात को तुम करीब 11.00 बजे मेरे कमरे में आ जाना में तुम्हारा इंतजार करूंगी और तुम्हारी तरफ से हाँ है तो तुम इस चिठ्ठी को मुझे वापस लौटा देना में तुम्हारा मतलब समझ जाउंगी.

दोस्तों यह सभी पढ़कर तो मेरा मन ख़ुशी से एकदम उछल पड़ा, क्योंकि जो सब कुछ में उनके साथ इतने दिनों से करना चाहता था, आज वो सब मुझे उनकी मर्जी से करने का मौका मिल रहा था और मैंने तुरंत खुश होकर वो चिठ्ठी जाकर उनको वापस लौटा दी और अब में बड़ी बेसब्री से 11 बजने का इंतज़ार करने लगा था.

दोस्तों उस दिन मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था और कुछ घंटो का इंतजार करने के बाद अब रात हो चुकी थी और रात के 11 बज रहे थे. में ठीक उसी समय उठकर अपनी मामी के कमरे में चला गया और कमरे के अंदर जाते ही मैंने देखा कि मेरी मामी उस समय काले रंग की मेक्सी पहने हुए थी और उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्होंने अपनी उस मेक्सी के अंदर कुछ भी नहीं पहना था, इसलिए मुझे उनके वो बड़े आकार के बूब्स और उनकी उठी हुई निप्पल साफ साफ नजर आ रहे थे, जिसको देखकर में बड़ा चकित था.

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दोस्तों मुझे अब बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में शुरुआत कहाँ से और कैसे करूं और तभी अचानक से मेरी मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और यह उस हसीन रात की शुरुआत थी जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतजार था. अब मैंने भी थोड़ी सी हिम्मत करके अपनी मामी की कमर को पकड़कर उनको अपनी तरफ खींच लिया और अब में उनको चूमने लगा.