Aunty Sex Story

मामीजी एक रजाई के चक्कर में चूत ठुकवा बैठी–1

Mamiji ek razaai ke chakkar me chut thukwa baithi-1

Mami hindi sexy story, चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एक बार फिर से,एक नई कहानी लेकर फिर से आप सबके बीच में हाज़िर हूं। मैं 26 साल का नौजवान लौंडा हूं।मेरा लन्ड 7 इंच लम्बा है जो किसी भी चूत को दिन में तारे दिखा सकता है। अब तक मेरा लन्ड कई नमकीन झीलों का पानी निकालकर पी चुका है। मेरे लन्ड खासतौर पर पकी पकाई पुरानी झीले बहुत ज्यादा पसंद है।
मेरी ये कहानी मेरे स्टूडेंट लाइफ की है।उस टाइम मै लगभग 18 साल का था।मेरे ऊपर जवानी ने रंग दिखाना शुरू कर दिया था और मेरा लन्ड पूरी तरह से चूत ठोकने के लिए तैयार हो चुका था। मैं अक्सर चूत ठोकने की फिराक में रहता था लेकिन किसी भी चूत को चोदने की हिम्मत नहीं हो पाती थी। मैं अक्सर हमारे आस पास रहने वाली भाभियों,चाचियो और आँटियो को चोदने के लिए ताड़ता रहता था। उन्हें देख देखकर मेरा लन्ड तूफान मचाए रहता था।
खैर ऐसे ही दिन निकल रहे थे।फिर मुझे सर्दियों की छुट्टियों में मामाजी के यहां जाने का मौका मिला। मामाजी के यहां जाने पर सबने मेरी अच्छी तरह से खातिरदारी की।फिर रात को मै मेरे बड़े मामाजी के यहां रुका।फिर अगले दिन मै मामीजी और बच्चो के साथ खेत पर गया।

कुछ देर बाद बच्चे बोर खाने दूसरे खेतो की ओर चले गए। अब मामीजी ने साड़ी खोली और हाथो का मैल खोलने लगी।मामीजी को ब्लाउज और पेटीकोट में देखकर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा। मैंने कभी मामीजी को चोदने के बारे में नहीं सोचा था लेकिन आज उन्हें इस कंडीशन में देखकर मेरा लन्ड खड़ा होने लगा। तभी मैंने मामीजी को वासना की नजर से घुरकर देखा।
ये मेरी गायत्री मामीजी है जो उस टाइम लगभग 35 साल की थी। गायत्री मामीजी गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है।मामीजी का पूरा जिस्म बहुत ज्यादा भरा हुआ है।वो बहुत ज्यादा गजराई हुई है।मामीजी के बूब्स लगभग 34 साइज के है।उनके बड़े बड़े बूब्स कभी कभी मुझे दर्शन हो जाते थे लेकिन मामीजी के बूब्स चूसने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा।
मामीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज है।मामीजी की कमर पर उनका गोरा चिकना पेट उनके जिस्म की शोभा बढ़ाता है।मामीजी की गांड लगभग 34 साइज की है।जब मामीजी घर पर इधर उधर काम करती है तो उनकी गांड बहुत ज्यादा हिचकोले खाती है।

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किसी देर तक मामीजी ने हाथो का मैल खोल लिया और तुरंत ब्लाउज को खोल लिया। अब उनकी चिकनी पीठ पर सिर्फ ब्रा ही बाकी थी।तभी मामीजी ने मुझे पीठ का मैल खोलने के लिए बुलाया।
अब मैंने मामीजी की पीठ पर पानी डाला और हाथो से अच्छी तरह से रगड़ने लगा।मामीजी की चिकनी पीठ को टच करते ही मेरे लन्ड में 200 वाट का करंट लगने लगा।मेरा लन्ड तनकर बिफर गया। अब मैं पत्थर का टुकड़ा लेकर मामीजी की पीठ का मैल खोलने लगा। अब धीरे धीरे मेरा लन्ड मामीजी की चूत चोदने की ज़िद करने लगा।मेरी हालत अब बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी। धीरे धीरे मेरे मन में भी मामीजी को चोदने का लालच आने लगा लेकिन मै खुद को कंट्रोल करने लगा।तभी मामीजी ने ब्रा खोलकर मेरे लन्ड की आग को और ज्यादा जला दिया।
अब तो मामीजी की पूरी पीठ नंगी हो चुकी थी। अब मेरा लन्ड बेकाबू होने लगा।तभी पहली बार मेरे लन्ड के से गाड़ा माल निकला और मेरी अंडरवियर गीली हो गई।

कुछ देर और मामीजी की पीठ का मैल खोल कर मै शांत हो गया लेकिन मामीजी को चोदने की अब बहुत ज्यादा इच्छा होने लगी। फिर जैसे तैसे मैंने मेरे लन्ड को समझाया कि वो मामीजी है और उन्हें चोदने के बारे में सोचना बहुत ज्यादा गलत है।
अब हम शाम को घर आ गए।पता चला आज मामाजी किसी दूसरे गांव चले गए हैं। अब घर पर मै,मामीजी और बच्चे ही थे। आज रात मामीजी अकेली ही है ,ये सोचकर मेरा लन्ड फिर मामीजी को चोदने के लिए तड़पने लगा लेकिन मैंने फिर से लंड को काबू में किया।
अब रात को हम खाना खाकर सो गए। हम सब एक ही घर में सो रहे थे।मामीजी ने दोनों बच्चो को एक रजाई ओढ़ा रखी थी और हम दोनों ने अलग अलग रजाई ओढ़ रखी थी।मामीजी मेरे पास ही सो रही थी। सब कुछ ठीक था तभी आधीरात को भयंकर ठंड पड़ने लगी। धीरे धीरे मै अपने आप ही मामीजी के पास सरकने लगा और उनकी रजाई को मेरी रजाई में मिलाने लगा।मामीजी कड़क ठंड के मारे रजाई में सिमटी हुई थी।

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कुछ देर में ही मैंने मामीजी और मेरी रजाई को एक लिया। अब मामीजी मेरे साथ एक ही रजाई में सो रही थी।हम दोनों ही गहरी नींद में थे।तभी मैंने अनजाने में मामीजी को मेरी बाहों में कस लिया।मामीजी को बाहों में कसते ही मेरा लन्ड आग बबूला हो गया।
मामीजी के जिस्म की गर्मी ने मेरे सोए हुए लंड को फिर से जगा दिया था। अब मैं मामीजी को चोदने के ख्याल से दूर भागने लगा लेकिन इस बार मेरे लन्ड ने मेरी एक नहीं चलनी दी। मेरा लन्ड मुझे समझाने लगा– बेटा,लंड और चूत का गहरा रिश्ता होता है इसलिए इस रिश्ते को बना।इस मौके को हाथ से मत जाने दे।
अब मैंने मजबुर होकर मामीजी को अच्छी तरह से मेरे जिस्म से भिड़ा लिया।
अब मैंने सोचा जो होगा सो होगा। अब तो मामीजी को किसी भी हालत में पेलना ही पड़ेगा। मामीजी को चोदने का इससे अच्छा मौका और कोई नहीं मिलेगा।

मामीजी तो गहरी नींद में सो रही थी लेकिन अब मै जाग चुका था। अब मैं धीरे धीरे मामीजी की टांगो में मेरी टांगे फसाने लगा।फिर धीरे धीरे मै मामीजी के पैरो को रगड़ने लगा।मामीजी अभी भी गहरी नींद में सो रही थी।धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी। धीरे धीरे मै मामीजी की साड़ी को पैरो से सरकाता हुआ उनके घुटनों तक ला चुका था।
अब मैंने हिम्मत करके मेरा हाथ मामीजी के गौरे चिकने पेट पर रख दिया और आराम आराम से मामीजी के पेट को सहलाने लगा।मुझे मामीजी के मखमल जैसे पेट को सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब मैंने थोड़ी हिम्मत और दिखाई और उनके स्वेटर के बटन खोल दिए। अब मामीजी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में पेक थे।तभी मैंने आगे बढ़ते हुए मामीजी के बूब्स पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे उन्हें दबाने लगा।
आह! जिंदगी में पहली बार किसी के बूब्स दबाने का मौका मिल रहा था।मेरी तो लॉटरी ही लग गई थी। मैं आराम आराम से मामीजी के बूब्स दबा रहा था।इधर मामीजी अभी भी बेसुध होकर सो रही थी। थोड़ी देर तक मै मामीजी के बूब्स को ऐसे ही दबाता रहा।

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अब मैं और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता था।तभी मैंने हिम्मत करके मामीजी के पेट पर से हाथ को आगे खिसकाया और उनकी पेटीकोट से होते हुए हाथ को सीधा मामीजी की चूत पर ले गया।मामीजी की चूत को टच करते ही मेरे जिम्स में अजीब सी सुरसुरी दौड़ी।
आज जिंदगी में पहली बार किसी की चूत मेरे हाथ लगी थी।मामीजी की चूत पर मुझे बालो की गहरी झांटे महसूस हो रही थी।तभी मैंने जल्दी से मामीजी की चूत को पकड़ लिया और उसे ऊपर से सहलाने लगा।मुझे मामीजी की चूत सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी अब भी बेफिक्र होकर सो रही थी।
अब मैं समझ चुका था कि मामीजी भी चूत में लंड ठुकवाने के मूड में है।तभी तो ये कुछ भी नहीं बोल रही है वरना अब तक तो हंगामा मचा देती।

बस फिर क्या था। मैंने तुरंत मामीजी की चूत में मेरी दो उंगलियां घुसा दी और चूत को अंदर से खोदने लगा।तभी मामीजी के मुंह से सिसकारी निकल पड़ी लेकिन उन्होंने आंखे नहीं खोली। अब मुझे फ्री हेंड मिल चुका था। अब मेरे लिए मामीजी को चोदने का रास्ता साफ हो चुका था। अब मैं जल्दी जल्दी मामीजी की चूत में उंगली करने लगा।मुझे मामीजी की चूत में उंगली करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी धीरे धीरे सिसकारियां भर रही थी।
मामीजी– ऊंह आऊ आह ऊंह आह आह उह आह आह आह आह्हह।
मैं अच्छी तरह से मामीजी की चूत को कुरेद रहा था।मामीजी की चूत अंदर से गर्म भट्टी की तरह जल रही थी।इधर मेरा लन्ड अब मामीजी की चूत को ठोकने के लिए बेताब हो रहा था। थोड़ी देर में ही मेरी उंगलियां मामीजी की चूत के छेद में गीली हो चुकी थी।
कहानी जारी रहेगी ……………आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताएं– [email protected]