चुदाई की कहानियाँ

हॉट सेक्स स्टोरी: ट्रेनिंग के बहाने गदराई लड़की के साथ चुदाई की रंगीन रातें

दोस्तो, मेरा नाम रोबिन है। मेरा लंड 6 इंच का है—ना ज्यादा छोटा, ना ज्यादा बड़ा, पर मज़ा देने में माहिर। मैं HotSexStory.xyz का दीवाना हूँ। इस साइट पर मैंने ढेर सारी कहानियाँ पढ़ीं और सोचा कि लाइफ में सेक्स का मज़ा तो बनता है, तो क्यों न अपनी आपबीती आप सबके साथ शेयर करूँ। उम्मीद है ये स्टोरी आपको मेरी ज़िंदगी की सबसे हॉट सेक्स स्टोरी लगेगी। इसे पढ़ने के बाद अपने एक्सपीरियंस मेरे साथ ज़रूर शेयर करना!

बात उस वक्त की है जब मैं बी.टेक के लास्ट ईयर में था। हमारी ट्रेनिंग चल रही थी। तभी हमारे घर एक मस्त सी लड़की रहने आई। उसे मेरे पापा के दोस्त ने भेजा था कि उसकी ट्रेनिंग भी मेरे साथ ही लगवा दी जाए।
पहली बार जब मैंने उसे देखा, तो बस देखता ही रह गया। क्या खूबसूरत थी वो! उसकी 36-32-36 की गदराई फिगर किसी का भी दिल लूट ले। ये साइज़ मैंने बाद में उसे नंगी करके इंचीटेप से नापा था। और उसे नंगी करने की कहानी? वो तो इस स्टोरी का सबसे मज़ेदार हिस्सा है, जो आपको आगे पता चलेगा।

जब वो पहली बार हमारे घर आई, तो उसकी मम्मी भी साथ थीं। पापा ने पहले ही मुझे बोल रखा था, “रोबिन, उसे अच्छे से सब समझा देना और उसकी ट्रेनिंग भी उसी कंपनी में लगवा देना जहाँ तुम ट्रेनिंग कर रहे हो।” मैंने उसे साथ लिया, सारे डॉक्यूमेंट्स जमा करवाए और उसकी ट्रेनिंग फिक्स करवा दी। फिर हम घर लौट आए।
घर पर सब बातें कर रहे थे कि तभी उसकी मम्मी बोलीं, “भैया, हमारी बेटी को अपने यहाँ तब तक रख लीजिए, जब तक उसकी ट्रेनिंग पूरी न हो जाए।” पापा ने हामी भर दी।
अगले दिन उसकी मम्मी चली गईं, और वो हमारे घर ही रहने लगी।

अब हम दोनों साथ में ट्रेनिंग पर जाने लगे। धीरे-धीरे बातें शुरू हुईं, और कुछ ही दिनों में हम एक-दूसरे से खुल गए। हर तरह की बातें—पढ़ाई से लेकर मस्ती तक—शेयर करने लगे।
उन दिनों सर्दियाँ थीं। एक दिन घर पर पड़ोस के बच्चे आए थे। हम दोनों फ्री थे, तो बच्चों के साथ बच्चे बन गए। कमरे में धींगा-मुश्ती करते हुए खेलने लगे। खेलते-खेलते अचानक मेरा हाथ उसके चूचों पर चला गया। रूम में थे, तो किसी ने देखा नहीं। उसने बस मेरी तरफ देखा और हँस पड़ी।
उसकी वो हँसी! बस, मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। उसे भी ये एहसास हो गया। तभी मम्मी ने उसे आवाज़ दी, और वो चली गई। जाते-जाते उसने मुझे शरारती नज़रों से देखा और मुस्कुराई। मुझे समझ आ गया—लाइन क्लियर है!

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उसके बाद मैं रोज़ मौके की तलाश में रहने लगा, पर कुछ हाथ नहीं लग रहा था। फिर एक दिन किस्मत ने साथ दिया। घरवाले नाना के यहाँ गए, पर ट्रेनिंग की वजह से हम दोनों रुक गए। घर पर बस हम दोनो और मेरी बूढ़ी दादी थीं। रात को खाना खाया और सोने का प्लान बनाया। दादी की आदत थी कि खाना खाते ही सो जाती थीं। तो मैं और वो टीवी रूम में आ गए। लाइट ऑफ करके टीवी ऑन किया। स्क्रीन पर “मर्डर” मूवी चल रही थी। एक हॉट सॉन्ग आया—सिचुएशन परफेक्ट थी।

मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा। उसने कुछ नहीं कहा। हरी झंडी मिलते ही मैंने उसका कंधा पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचा। उसकी धड़कनें तेज़ थीं—मुझे महसूस हो रहा था। हम देर तक एक-दूसरे को यूँ ही देखते रहे। फिर मैंने हिम्मत की और उसके चूचों को हल्के से टच किया। उसने स्माइल दी। बस, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करना शुरू कर दिया। एक हाथ से उसके चूचों को दबाने लगा।
वो मज़ा! बता नहीं सकता। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और ऊपर चढ़ गया। वो मेरे नीचे दबी हुई थी, पर पूरा साथ दे रही थी। होंठों से होंठ, गाल से गाल—चूमाचाटी का दौर चलता रहा।

जब हम दोनों गर्म हो गए, मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। फिर अपने भी। अब हम दोनों नंगे थे। मैंने उसकी गदराई जवानी पर किस शुरू की—उसके चूचों को दबाते हुए, सहलाते हुए। वो मेरे हाथ पकड़कर अपने चूचों को और मसलवा रही थी। उसकी कामुक सिसकारियाँ—उम्म्ह… आह्ह…—माहौल को और रंगीन बना रही थीं।
जब मैं उसकी चूत तक पहुँचा, उसने मुझे अपनी जाँघों में कस लिया। मैंने जाँघें खोलीं और उसकी चूत को चूमना शुरू किया। जीभ अंदर डाली तो वो टाँगें फैलाकर चूत चुसवाने लगी। मेरा लंड अब टाइट हो चुका था। दो मिनट चूत चूसने के बाद मैं 69 पोज़िशन में आ गया। उसने मेरा लंड मुँह में लिया और तेज़-तेज़ चूसने लगी।
मज़ा डबल हो गया। दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। उसकी क्रीम मैंने चाटी, और मेरी क्रीम उसने।

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पहला राउंड खत्म होने के बाद हम आधे नशे में थे, पर अभी बहुत कुछ बाकी था। मैं उसके बगल में लेट गया और उसे फिर से किस करने लगा। साथ में चूचों को दबाता रहा। थोड़ी देर बाद हम फिर से गर्म हो गए। मैंने उसे चित लिटाया और लंड उसकी चूत पर रखा। वो हँसते हुए बोली, “जल्दी डालो!”
मैंने टालमटोल की—लंड को चूत की फाँकों में रगड़ा और हटा लिया। वो और तड़प उठी। आखिर उसने मेरा लंड पकड़ा, चूत पर सेट किया और नीचे से झटका मारा। मेरा सुपारा अंदर चला गया। मैंने भी ऊपर से धक्का दिया—पूरा लंड उसकी चूत में समा गया।
उसकी आँखों से आँसू छलक पड़े। दर्द हो रहा था, पर वो चिल्लाई नहीं। बस कराहती रही—उम्म्ह… आह्ह… हाय…। उसने चादर कसकर पकड़ ली, मानो चूत में कोई गर्म चीज़ घुस गई हो।
“दर्द हो रहा है?” मैंने पूछा।
“प्यार में दर्द नहीं देखा जाता। थोड़ा रुक जाओ, फिर शुरू करना,” उसने कराहते हुए कहा।
मैंने लंड अंदर रखा और थोड़ी देर बाद धक्के शुरू किए। अब चूत से थोड़ा खून निकला, पर चिकनाई भी बढ़ गई। उसे भी मज़ा आने लगा। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया।
थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, पर मेरा अभी बाकी था। मैं धक्के लगाता रहा। पंद्रह मिनट बाद मैं भी झड़ा। तब तक वो दूसरी बार झड़ चुकी थी। उसने मुझे चूमते हुए कहा, “बहुत मज़ा आया।”

फिर हम बाथरूम गए, एक-दूसरे को साफ किया। दस मिनट बाद नंगे ही चिपककर लेट गए। एक घंटे बाद फिर चुदाई का राउंड शुरू हुआ। इस बार दर्द नहीं, बस मज़ा था। वो बोली, “जब तक अंकल-आंटी नहीं आते, हम रोज़ सेक्स करेंगे।”
अगले तीन दिन हमने जमकर चुदाई की। फिर वो अपने घर चली गई, पर यादें छोड़ गई।

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ये थी मेरी हॉट सेक्स स्टोरी। आगे बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी किरायेदार को पटाया और चोदा। अपने विचार मेरी ईमेल पर ज़रूर भेजना!