Bhabhi Sex

मेरा प्यारा देवर-4

Mera Pyara Devar- 4

मैंने कहा- ..विकास, अगर किसी को पता चलेगा तो मार पड़ेगी… मगर हम किसी को नहीं बताएँगे।

फिर मैंने उसकी पैंट की हुक खोली और पैंट नीचे सरका दी… उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया…. और उसका बड़ा सा लौड़ा मेरे सामने था…. इतना बड़ा लौड़ा मैंने आज तक नहीं देखा था…

मैं बोली- विकास, तुम मुझसे इसे छिपाने की कोशिश कर रहे थे मगर यह तो अपने आप ही बाहर भाग रहा है….

विकास ने जल्दी से अपने हाथ से उसको छुपा लिया और पैंट पहनने लगा मगर मैंने खींच कर उसकी पैंट उतार दी और कच्छा भी उतार दिया…

अब मैंने यह मौका हाथ से नहीं जाने दिया और उसका लौड़ा झट से मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी..

पहले तो वो मेरे सर को पकड़ कर मुझे दूर करने लगा मगर थोड़ी देर में ही वो शान्त हो गया क्योंकि मेरी जुबान ने अपना जादू दिखा दिया था।

अब वो अपना लौड़ा चुसवाने का मजा ले रहा था, मैं उसके लौड़े को जोर जोर से चूस रही थी और विकास बिस्तर पर बेहाल हो रहा था… उसे भी अपने लौड़ा चुसवाने में मजा आ रहा था, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी।

फिर उसके लौड़े ने अपना सारा माल मेरे मुँह में उगल दिया और मेरा मुँह उसके माल से भर गया। मैंने सारा माल पी लिया।

मैं अपने हाथों को चाटती हुई उठी और बोली- विकास अब तुमको कुछ देखना है तो बताओ? मैं दिखाती हूँ !

उसने मेरे मम्मों की ओर देखा और बोला- भाभी, आपके ये तो मैंने देख लिए…

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मैंने कहा- कुछ और भी देखोगे…?

उसने कहा- क्या…

मैंने उसको कहा- मेरी कमर से ब्रा की हुक खोलो !

तो उसने पीछे आकर मेरी ब्रा खोल दी…

मेरे दोनों कबूतर आजाद हो गये, फिर मैं उसकी ओर घूमी और उसको कहा- अच्छी तरह से देखो हाथ में पकड़ कर…

उसने हाथ लगाया और फिर मुझसे बोला- भाभी, मुझे बहुत डर लग रहा है…

मैंने कहा- किसी से मत डरो ! किसी को पता नहीं चलेगा ! और जैसे मैं कहती हूँ तुम वैसे ही करो, देखना तुम को कितना मजा आता है…

फिर मैंने उसका सर अपनी छाती से दबा लिया और अपने मम्मे उसके मुँह पर रगड़ने लगी।

वो भी अब शर्म छोड़ कर मेरे मम्मों का मजा ले रहा था…

मैंने उसको कहा- मेरी सलवार उतार दो !

तो उसने मेरी सलवार उतार दी और मुझे नंगी कर दिया…

अब हम दोनों नंगे थे।

मैंने उसको अपनी बाहों में लिया और अपने साथ लेटा लिया। फिर मैंने उसके होंठ चूसे और फिर मेरी तरह वो भी मेरे होंठ चूसने लगा।

अब उसका डर कम हो चुका था और शर्म भी…

अब मैं उसके मुँह के ऊपर अपनी चूत रख कर बैठ गई और कहा- जैसे मैंने तुम्हारे लौड़े को चूसा है तुम भी मेरी चूत को चाटो और अपनी जुबान मेरी चूत के अन्दर घुसाओ।

वो मेरी चूत चाटने लगा, उसको अभी तक चूत चाटना नहीं आता था मगर फिर भी वो पूरा मजा दे रहा था..

मेरी चूत से पानी निकल रहा था जिसको वो चाटता जा रहा था और कभी कभी तो मेरी चूत के होंठो को अपने दांतों से काट भी देता था जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था…

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उसका लौड़ा फिर से तन चुका था।

अब मैं उठी और अपनी चूत को उसके लौड़े के ऊपर सैट करके बैठ गई, मेरी गीली चूत में उसका लौड़ा आराम से घुस गया पर उसका लौड़ा बहुत बड़ा था, थोड़ा ही अन्दर जाने के बाद मुझे लगने लगा कि यह तो मेरी चूत को फाड़ डालेगा।

शायद उसको भी तकलीफ हो रही थी, वो बोला- भाभी, मेरा लौड़ा आपकी चूत से दब रहा है।

मैंने कहा- बस थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा… पहली बार में सबको तकलीफ होती है।

मैंने थोड़ी देर आराम से लौड़ा अन्दर-बाहर किया। फिर जब वो भी नीचे से अपने लौड़े को अन्दर धकेलने लगा तो मैं भी अपनी गाण्ड उठा उठा कर उसके लौड़े का मजा लेने लगी…

अब तक वो भी पूरा गर्म हो चुका था, उसने मुझे अपने नीचे आने के लिए कहा तो मैं वैसे ही लौड़े अन्दर लिए ही एक तरफ़ से होकर उसके नीचे आ गई और वो ऊपर आ गया।

वो मुझे जोर जोर से धक्के मारना चाहता था। मैंने अपनी टांगों को उसकी कमर में घुमा लिया ताकि उसका लौड़ा बाहर ना निकल सके।

फिर वो आगे-पीछे होकर धक्के मारने लगा…

मैं भी नीचे से उसका साथ दे रही थी, अपनी गाण्ड को हिला हिला कर…

काफी देर तक हमारी चुदाई चलती रही और फिर हम दोनों झड़ गये और वैसे ही लेट रहे…

मेरी इस एक चुदाई से अभी प्यास नहीं बुझी थी, इसलिए मैंने फिर से विकास के ऊपर जाकर उसका गर्म करना शुरू किया मगर वो तो पहले से ही तैयार था, अब उसने कोई शर्म नहीं दिखाई और मुझे घोड़ी बनने के लिए बोल दिया…

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मैंने भी उसके सामने अपनी गाण्ड उठाई और सर को नीचे झुका दिया और फिर उसने अपना बड़ा सा लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया… उसके पहले धक्के ने ही मेरी जान ले ली, उसका लौड़ा मेरी चूत फाड़ कर अन्दर घुस गया….

मगर मैं ऐसी ही चुदाई चाहती थी…

उस दिन विकास ने मुझे तीन बार चोदा वो चौथी बार मेरी गाण्ड चोदना चाहता था मगर तब तक मेरे सास-ससुर के आने का वक्त हो चुका था इसलिए मैंने उसको फिर किसी दिन के लिए कहा और वो भी मान गया…

दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी जरूर अच्छी लगी होगी….

मैं जल्द ही आपकी सेवा में फिर से हजिर हूंगी।

आपकी भाभी कोमल प्रीत