हिंदी सेक्स स्टोरी

मेरे एप्पल फोन की रिपेयरिंग-2

Mere apple phone ki repairing-2

वो मेरी लाल कलर की टी-शर्ट को देख रहा था और शायद ब्रा नहीं होने से मेरे बूब्स के निप्पल भी बाहर से ही उसको नजर आ रहे थे, लेकिन मैंने उसको देखने दिया और फिर में आकर उसके सामने अपने एक पैर पर दूसरे पैर को रखकर बैठ गई, जिसकी वजह से मेरी मोटी गोरी, गोरी जाँघ उसको साफ साफ दिख रही थी और वो कुछ नहीं कह रहा था, वो तो बस मुझे लगातार घूरे जा रहा था

में : देखो भैया मेरे पास पैसे तो अभी नहीं है हाँ, लेकिन आपको में दो महीने में आपके सारे पैसे चुका दूँगी, आप मुझ पर भरोसा करो, में कहीं भागकर नहीं जाने वाली.

दोस्तों मैंने गौर किया तो वो अब भी मेरी जाँघो को ही देख रहा था. मैंने अपने आपको हिम्मत दी और धीरे से बात करते करते अपने दोनों घुटने खोलकर एक दूसरे से अलग अलग कर दिए, जिसको देखकर उसकी आँखे चमक उठी, क्योंकि दोस्तों मेरी स्कर्ट के अंदर ट्यूब लाईट की रौशनी जा रही थी, जिसकी वजह से उसको मेरी नंगी खुली हुई चूत साफ साफ दिख रही थी, वो बस चुपचाप अपनी एक टक नजर से मेरी चूत को देखे जा रहा था.

फिर मैंने देखा कि उसकी पेंट में अब एक ऊंचाई बन गयी थी, उसका मतलब साफ था कि उसके लंड ने अपना आकार बदलना शुरू कर दिया था, वो सब कुछ मेरी चूत की वजह से था. दोस्तों मुझे थोड़ा सा डर तो था, लेकिन मुझे अब एक अजीब सा अनुभव महसूस होने लगा था और तभी वो बोला.

आदमी : यह सब नहीं चलेगा मुझे आप अभी पैसे दो, नहीं तो में अभी बाहर जाकर चिल्लाता हूँ.

में : रुको रूको ना प्लीज़ मुझे एक मौका दो, में दस दिन में तुम्हारे सारे पैसे चुका दूँगी.

आदमी : क्या कहा? नहीं नहीं अच्छा चलो अगर तुम्हारे पास सही में पैसे नहीं तो मुझे तुम चार चुम्मे दे दो, तो में तुमसे कोई पैसे नहीं लूँगा.

में : तुमने क्या कहा चुम्मा? देखो जैसा तुम समझ रहे हो, में वैसी लड़की नहीं हूँ.

आदमी : चुपकर साली अपनी पेंट खोलकर ऐसे कपड़े पहनकर सोचती है, तू मुझे बेबकुफ़ बना देगी, तू मुझे चुम्मे देगी या फिर में बाहर जाऊं?

दोस्तों मैंने मन ही मन सोचा कि चलो मज़ा आ गया, यह मुझे सिर्फ़ चार चुम्मे देकर छोड़ देगा, में इसके चले जाने के बाद में अपने गालो को साबुन से धो लूँगी और काम खत्म. उसके बाद में उस श्रेया नाम की कुतिया को देख लूँगी. मैंने अब थोड़ी सी नौटंकी करते हुए उससे कहा हाँ ठीक है, लेकिन गालों पर और कुछ नहीं. उसके बाद हमारा सारा पिछला हिसाब बराबर क्यों ठीक है ना?

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आदमी : अरे साली तू मुझे क्या पागल समझी है, चुम्मा में गाल पर नहीं वहाँ पर लूँगा जहाँ पर में चाहूँगा.

में : क्या यानी कहाँ पर?

आदमी : वो तो जब हमारी बात पक्की होगी, उसके बाद में बताऊंगा.

में : हाँ ठीक है बात पक्की, लेकिन सिर्फ़ चुम्मे और कुछ नहीं समझे? वादा करो.

आदमी : अरे ठीक है चल पहले होंठो पर.

अब वो मुझसे यह बात कहकर सामने आ गया, में खड़ी हुई तो उसने मेरी मोटी तोंद को कमर को झटके से अपनी तरफ खींच लिया और में आगे आ गई, तो उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और किस करने लगा, उसकी हल्की उगी हुई दाड़ी मेरे होंठो पर चुभते हुए अच्छे लग रहे थे और उसके होंठ मेरे होंठो को चूस रहे थे.

दोस्तों सच पूछो तो मेरा जी कर रहा था कि में अभी उसके सर को पकड़कर और ज़ोर से चूम लूँ, लेकिन मेरे हाथ उसके कंधो पर आकर रुक गये, लेकिन पांच मिनट के बाद भी वो मुझे चूमे जा रहा था, में जब उससे अलग हुई तो मैंने राहत की सांस ली और उससे पूछा कि कितने चुम्मे हुए पांच मिनट तो हो गए.

आदमी : अबे पहले मुझे एक तो ठीक से करने दे.

में : क्या? सिर्फ़ पहला चल रहा है?

आदमी : सुन रे, मैंने तुझसे पूरे चार चुम्मा कहा था और कितनी देर यह नहीं कहा था कि चल शुरू हो जा.

फिर से हम चूमने लगे थे और इस बार उसके हाथ मेरी पीठ पर सहला रहे थे. मैंने उससे मना नहीं किया, क्योंकि मेरे शरीर को यह अहसास पहली बार हुआ था और यह बहुत अच्छा था. फिर पांच मिनट के बाद उसने मुझे छोड़ दिया और तभी वो मेरी टी-शर्ट को पकड़कर ऊपर खींचने लगा तो मैंने फुर्ती से उसके हाथ पकड़ लिए.

में : अह्ह्ह्ह यह क्या कर रहे हो?

आदमी : ऐ लड़की इस बार में तुम्हारे दोनों बूब्स पर भी चुम्मे दूँगा, चल खोल यह कपड़े.

में : तुम मेरे बूब्स को मेरे होंठो की तरह चूसोगे? में यह सह नहीं सकती, क्योंकि में एक कुंवारी लड़की हूँ.

आदमी : सौदा करके पीछे मत हटो. मैंने पहले ही कहा था कि जहाँ मेरी मर्ज़ी में वहीं पर चूमूंगा, तुम घबराव मत, में कोई जानवर नहीं हूँ आराम से चूमूंगा, तुम्हें कोई भी तकलीफ़ नहीं होने दूँगा. अब में सोफे पर बैठता हूँ, तुम मेरी गोद में बैठ जाओ, हम चुम्माचाटी बैठकर करेंगे.

दोस्तों मुझसे यह बात कहकर उस आदमी ने अपनी शर्ट और पेंट को उतार दिया और वो सामने वाले सोफे पर सिर्फ़ एक अंडरवियर में जाकर बैठ गया, में तो बस उसको देखती ही रही और वो बैठकर पूछने लगा.

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आदमी : हाँ अब आ जाओ घबरा मत गर्मी बहुत है और वैसे भी चूमना तो मुझे मुहं से है, बाकी बदन से तुम्हें क्यों घबराना, कपड़े हो या ना हो चलो आओ.

दोस्तों मैंने देखा कि उसकी अंडरवियर में उसका लंड अब फूंकार मार रहा है और में सोचने लगी कि कहीं यह मुझे चोदेगा तो नहीं. फिर मैंने सोचा कि यह दिल से बहुत अच्छा आदमी है, मेरी तकलीफो का भी ख्याल रख रहा है, यह ऐसा नहीं कर सकता और वैसे भी में अब बहुत आगे आ चुकी थी, जहाँ से पीछे मुड़ना मुझे एकदम मुश्किल सा लग रहा था, तो में जाकर उसके एक तरफ जाकर खड़ी होकर पीछे मुड़ी और वहीं से में उसकी गोद में बैठ गयी.

दोस्तों अब मुझे मेरे भारी भारी चूतड़ों पर उसका लंड मुझे महसूस हो रहा था. में मोटी तो थी, लेकिन उसके सामने बिल्कुल बच्ची लग रही थी, वो एक हट्टा कट्टा चौड़े सीने का आदमी था, मेरे बैठते ही उसने अपने एक हाथ से मेरी पीठ को सहारा दिया, में थोड़ा सा शरमाई आख़िर में किसी मर्द की गोद में पहली बार बैठी थी.

फिर उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे एक हाथ को उठाकर अपने दूसरे कंधो के ऊपर से अपनी पीठ की तरफ लटका दिया, जिसकी वजह से अब मेरा दूसरा बूब्स उसकी नंगी बाल से भरी हुई छाती से सटा हुआ था और हम दोनों क बीच में मेरी टी-शर्ट का सिर्फ़ एक पतला कपड़ा था. फिर मैंने उसकी आँखो में देखने लगा, जैसे कि वो मुझे आँखो से ही खा रहा है, मेरा बदन अब उसकी बाहों में ढीला सा पड़ने लगा था और तभी उसका एक हाथ मेरी टी-शर्ट के निचले हिस्से को पकड़कर मेरे बूब्स के ऊपर चला गया और मेरा एक बूब्स अब बाहर था और उसकी छाती के बालों से सटी हुई थी और एक बूब्स पर अब भी टी-शर्ट ढकी हुई थी.

मैंने देखा कि उसकी आँखे मेरे बूब्स को देखकर चमक रही थी और उसके मुहं में पानी आ रहा था और में महसूस कर रही थी कि उसके इस नज़रिए से मेरे बूब्स भी जोश में पोपकॉर्न के रॅपर की तरह फूलने लगे थे, अब यह उसके मुहं के सामने परोसे हुए पड़े थे.

तभी उसने अपने एक हाथ से मेरे एक बूब्स को पकड़ लिया और दबा दबाकर देखने लगा. तभी मैंने उससे कहा देखो धीरे से चूमना, ठीक है. फिर उसने कोई जवाब नहीं दिया और वो अपना मुहं खोलकर नीचे झुका और मेरे एक बूब्स पर उसने अपना मुहं सटा दिया और चूसना शुरू कर दिया, में तिलमिला उठी और मैंने अपने एक हाथ से उसके सर के बाल को पकड़ लिया और वो बिना जल्दी बाजी किए धीरे धीरे मेरे बूब्स को दबाते हुए मेरे निप्पल को चूस रहा था और में कसमसा रही थी, लेकिन अब मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि में उसके सर को सहला रही थी और मुझे अपनी जाँघो के बीच में ठंडा ठंडा एहसास होने लगा था.

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फिर मैंने अपने एक हाथ को जब अपनी चूत पर लगाया तो मुझे पता चला कि मेरी स्कर्ट ऊपर उठ चुकी है और चूत पानी छोड़ रही है. अब करीब दस मिनट हो गए, लेकिन वो उसे चूसे जा रहा था.

मैंने गौर से देखा तो उसकी आँखे आधी बंद है और उसका एक हाथ मेरे एक बूब्स को नीचे से उठाकर पकड़े है और उसकी नाक और मुहं मेरे नरम बूब्स में दबे हुए थे, मेरी निप्पल को वो अपने मुहं के अंदर जीभ से धकेलता हुआ चूस रहा था, यह सब मुझे बहुत ही अच्छा अनुभव लगा. फिर मैंने उसके सर को और भी सहलाया, अपने बूब्स पर दबाया और फिर कुछ देर बाद उसका चेहरा मेरे पहले बूब्स से उठा और उसने साथ ही मेरी टी-शर्ट को मेरे दूसरे बूब्स के भी ऊपर कर दिया और एक बार फिर से उस पर अपना मुहं लगा दिया.

अब मेरे पैर टाईट होने लगे थे, एक बहुत ही सुंदर सा अहसास मेरे बूब्स से होकर मेरे पूरे बदन में फैल रहा था. अब मैंने अपने बूब्स को देखा तो मेरा एक बूब्स पूरी तरह से लाल हो गया था, उसने इतनी ज़ोर से चूसा और उस पर उसका बहुत सारा थूक भी लगा हुआ था, जो मुझे पंखे की हवा से ठंडा लग रहा था, वो अब मेरे दूसरे बूब्स को चूस रहा था.

तभी अचानक से उसका एक हाथ मेरे बूब्स को छोड़कर मेरी चूत को सहलाने लगा, अह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ मज़ा आ गया मुझे तो. दोस्तों मानो यही चाहिए था, मुझे अब जन्नत दिखने लगी थी, एक तरफ वो मेरे एक बूब्स को चूस रहा था, तो दूसरी तरफ मेरी गीली चूत पर अपनी उंगलियाँ दौड़ा रहा था. तभी उसने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.