हिंदी सेक्स स्टोरी

मेरे एप्पल फोन की रिपेयरिंग-2

Mere apple phone ki repairing-3

में : अह्ह्ह्हह सस्स्शशह हहुउऊफ्फ तुम यह क्या कर रहे हो?

दोस्तों अब मैंने अपनी जाँघो से उसके हाथ को जकड़ लिया था, लेकिन वो अब कहाँ मानने वाला था? वो अपनी उस उंगली को लगातार अंदर बाहर करने लगा और में फिर से तड़प उठी, सस्शशह अईईईईइ आआहह्ह्ह्ह मेरे बदन में चारो तरफ से करंट दौड़ने लगा, जो आकर मेरी चूत से निकलने लगा.

में : आअहह्ह्ह में आईईईईइ स्शहशह झड़ रही हूँ उउउफ़फ्फ़.

अब उसने अपनी उंगली को मेरी चूत से बाहर निकाला और चूसना शुरू किया. दोस्तों सच पूछो तो में आज पहली बार इस अहसास को पाकर बहुत खुश हो गई, उसने मुझे छोड़ा तो में तुरंत उठकर खड़ी हो गयी.

आदमी : आखरी चुम्मे के लिए.

दोस्तों इतना कहते ही मैंने झटके से अपनी स्कर्ट के हुक को खोलकर नीचे खिसका दिया, मेरी टी-शर्ट अब भी मेरे उँचे उँचे बूब्स के ऊपर लिपटी हुई थी, में आकर सोफे पर उसके दूसरी तरफ लेट गई और मैंने पैर खोलकर अपने एक पैर को सोफे के पीछे वाले हिस्से पर रख दिया.

फिर उसने मेरी चूत को देखा और मुस्कुराया, में भी उसकी तरफ मुस्कुराई. दोस्तों अब तो में अपनी सारी शरम हया सब खो चुकी थी, में अपने बाप की उमर के एक आदमी के सामने पूरी नंगी लेटकर पिछले 18 साल से संभाले हुए अपने इस बदन को आज उसके हवाले कर रही थी. उसने भी नीचे झुककर मेरी चूत को अपने मुहं को पास ले जाकर वो अपने होंठो से मेरी चूत को चूसने लगा, मुझसे अब यह सहा नहीं गया और मैंने छटपटाकर अपने घुटनों से उसे धक्का दे दिया और जाँघो को सटा दिया. तभी वो उठा और उसने अपनी अंडरवियर को उतारकर फेंक दिया और फिर तो उसके लंड को देखकर मेरी चूत में बहुत ज़ोर की खुजली होने लगी और उसका वो 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा लंड और में तो मानो उसको देखकर जंगली हो उठी, उसने अबकी बार अपने दोनों हाथों से मेरे घुटनों को पकड़कर मेरी छाती तक धकेलकर पकड़ा और वो अब मेरी चूत को चूसने लगा, वो कभी अपनी जीभ को अंदर डालकर चूसता तो कभी अंदर बाहर करता, कभी अपनी उंगली डालता और फिर मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से टटोल रहा था, लेकिन में इस बार उसके चेहरे को अपने पैरों से अपनी तरफ खींच रही थी और अपने हाथों से सोफे पर नोच रही थी, तो कभी अपने बूब्स को में खुद दबा रही थी.

में : सस्शह अहहााआः उउउफफफफफ्फ़ म्‍म्म्फफ्फ़ में मर गई आअहह और में एक बार फिर से झड़ गई, आर्ररर आअहह हमम्महफहफ.

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अब में फिर से झड़ गई थी, मेरी कमर में हल्का सा दर्द होने लगा था, वो उठकर खड़ा हुआ, लेकिन में अब भी सोफे पर पड़े पड़े हांफ रही थी और मेरा पूरा बदन पसीने से गीला था.

आदमी : चलो आपका हिसाब तो चुकता हो गया, लेकिन में अब उल्टा उधार में पड़ गया, यानी आप तो झड़कर शांत हो गई है, लेकिन में अब भी अधूरा हूँ, लगता है मुझे मुठ मारनी होगी.

दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर मुठ मारने लगा, तो मुझे यह सब देखकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा. फिर मैंने उससे कहा कि आपका बहुत बहुत धन्यवाद तुम्हारे इस चुम्मे के चक्कर में मैंने आज जन्नत की सेर कर ली है, लाओ तुम्हारे लिए में यह कर देती हूँ और उससे यह बात कहकर में उठी और में अपने घुटनों के बल होकर उसके लंड को मुठ मारने लगी, लेकिन सच कहूँ तो श्रेया की दिखाई ब्लूफ़िल्मो जैसा मुझे उसके लंड चूसने का मन था तो मैंने हिलाते हिलाते अपने मुहं में उसका लंड डाल लिया.

आदमी : आअहह सस्स्शह हाँ तुम बस ऐसे ही करती रहो, वाह मज़ा आ गया.

दोस्तों सच पूछो तो मुझे भी लंड का स्वाद अब अच्छा लगने लगा था, इसलिए में लंड को कुछ देर बाद ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, मुझे चूसते चूसते करीब 5 मिनट से 10 मिनट, फिर 15 मिनट हो गए, लेकिन वो अब भी नहीं झड़ा, जिसकी वजह से मेरा मुहं बहुत थक रहा था.

आदमी : क्या हुआ? मेरे लंड को शांत करना इतना आसान नहीं जितना तुम समझ रही हो.

में : हाँ, में तो आज से तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयी हूँ और मेरा तो जी करता है कि में इसे अपनी चूत के अंदर डालकर बहुत देर तक अपनी चूत को चोदने दूँ, लेकिन ?

आदमी : लेकिन क्या? अब तुम इतनी दूर आ गई हो तो ज़रा चुदाई का भी मज़ा ले लो, असली जन्नत तो वहीं है और क्या इस कुंवारी चूत को शादी तक रखना है?

में : अरे ऐसा कुछ नहीं है, मुझे डर है कि कहीं में गर्भवती हो गयी तो मुझे मेरी मम्मी बहुत मारेगी.

आदमी : बस इतनी सी बात यह देखो.

फिर उसने अपने पास से एक कंडोम निकाला और मुझे एक आँख मार दी, बस फिर क्या था? मैंने खुशी से उसे खोला और ध्यान से देखा. फिर उसने अपने लंड को आगे किया तो मैंने उसे कंडोम पहनाया. फिर तो बिना देर किए उसने मुझे सोफे पर बैठा दिया और मैंने दोनों पैर खोलकर अपने लंड को चूत के मुहं पर लगा दिया और अपने लंड को ऊपर से नीचे तक चूत पर घिसा.

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में : सस्स्शह आअहहम्मह हफफफफ्फ़म्‍फ्फ़ आआअहह.

दोस्तों अब मेरे मन से सारे डर बाहर निकल चुके थे. अब में उससे खुलकर चुदवाने को तैयार थी और मैंने भी अपने नाखूनों से सोफे को पकड़कर एक लंबी सी सांस ली. तभी उसने मुझे एक ज़ोर का धक्का दे दिया, जिसकी वजह से में चिल्ला उठी, आआहह अबे साले भोसड़ी बाहर निकाल आअल्ल्ल आह्ह्हह्ह. अब वो थोड़ा सा रुका तो मैंने नीचे देखा तो उसके लंड का सुपाड़ा आधा मेरी चूत के अंदर था, बस कर साले यह क्या जन्नत दिखा रहा है, में दर्द से मर जाउंगी.

फिर में उसे अपने ऊपर से धकेलने लगी कि तभी उसने जल्दी से मेरे दोनों हाथों को दोनों तरफ दबा दिया और अपना पूरा ज़ोर लगाकर लंड को अंदर घुसा दिया. अब में दर्द की वजह से तड़पने लगी, चिल्लाने लगी, मेरी चूत में मानो किसी ने आग लगा दी हो, मेरे पूरे पेट में एक अजीब सा दर्द हो रहा था.

कुछ देर वो रुक गया और मेरी आँखे बंद थी, हम दोनों पसीने से भीगे हुए हाँफ रहे थे. फिर वो धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा और में दर्द से हिल भी नहीं पा रही थी, लेकिन दर्द पहले से अब थोड़ा कम था और मेरे बूब्स उसकी छाती से दबने लगे थे.

आदमी : अयाया कितनो दिनों के बाद यह टाईट कुंवारी चूत में आज घुसा है, आज मेरे लंड की तो किस्मत खुल गयी, उउउम्म्फफ्फ़ वाह मज़ा आ गया.

दोस्तों वो अब लगातार धक्को पे धक्के लगाए जा रहा था और उसकी इन बातों को सुनकर मुझे अब बहुत जोश आने लगा था. फिर कुछ देर में मुझे सच में मज़ा आने लगा था, तो उसने मेरे दोनों पैर अपने दोनों कंधो पर रखकर लंड को चूत में डाल दिया और चोदने लगा और अपनी स्पीड को बढाने लगा.

कुछ देर चोदने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और उसने मुझे सोफे पर उल्टा लेटा दिया और मुझे भी इस बात का अंदाज़ा होने ही वाला था कि उसने पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और थप थप फच फच की आवाज़े आ रही थी, उसके हर एक धक्के के साथ मेरी बड़ी गांड की चर्बी हिल रही थी, जैसे वो ऐसे ठोक ठोककर मेरी कमर तोड़ रहा हो.

फिर 15 मिनट के बाद वो मेरी पीठ पर लेट गया और में उठी और उसे भी उठाकर इस बार मैंने सोफे पर बैठा दिया और उसके ऊपर अपने पैर दोनों तरफ कर बैठ गई. फिर मैंने मन ही मन ठान लिया था कि में इस लंड को जी भरकर चूसूंगी और तब तक नहीं छोडूंगी जब तक यह पूरी तरह से शांत ना हो जाए.

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में : अब तुम देखो में इस लंड को कैसे चोदती हूँ.

दोस्तों मैंने यह बात कहकर उसके लंड पर थूक लगाया और फिर मैंने उसको चूत पर लगाकर धीरे धीरे अंदर घुसाती चली गई, जब पूरा लंड अंदर चला गया तो मैंने अपने एक बूब्स को उसके मुहं में दे दिया और अब में उछलने लगी, आआहह्ह्ह वाह क्या मस्त मज़ा आ रहा था? फिर कुछ देर उछलने के बाद मैंने पहले वाले बूब्स को बाहर निकाल लिया और अब में अपने दूसरे बूब्स को उसके मुहं में डालकर उछलती रही.

कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि मेरी चूत के अंदर उसके लंड ने अब हरकत करना शुरू कर दिया, तो मैंने झट से उसके चेहरे को अपनी छाती पर दबा दिया और अपनी टी-शर्ट को नीचे करते हुए उसके सर के साथ ढक दिया, जिसकी वजह से अब उसका चेहरा मेरी टी-शर्ट के अंदर मेरे दोनों बूब्स के बीच में था और में हल्के हल्के से उछलने लगी, में अब स्पीड में उछलने लगी और उसने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और वो भी नीचे से धक्के मारने लगा

अब हम दोनों आअहह्ह्ह्ह स्शसश्हह आम्‍म्म्फफ्फ़ सिसकियाँ लेते हुए एक के बाद एक झड़ गये और उसने मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया, लेकिन वो कंडोम की वजह से उसमें ही भरा रहा. अब वो उठा और उसने अपने कपड़े पहने और वीर्य से भरा हुए कंडोम वो अपने साथ ही लेकर चला गया और उसके चले जाने के बाद मैंने उठकर बाथरूम में जाकर अपनी चूत को साफ किया.

फिर कुछ देर बाद में नहाकर कपड़े पहनकर बाहर आ गई और बेड पर लेट गई और अब में अपनी चुदाई जो अभी कुछ देर पहले उस अंजान आदमी ने की थी, उसके बारे में सोचने लगी. दोस्तों सच पूछो तो मुझे उसके साथ सेक्स करके बहुत मज़ा आया और उसने मेरी प्यासी बेचेन चूत को अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था और में मन ही मन बहुत खुश भी थी.