मेरे दोस्त की कुंवारी बीवी
Mere dost ki kuwari biwi
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विनीत है और में फिर से आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. दोस्तों में जालंधर से हूँ और अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. मेरा एक दोस्त है सूरज, वो एक इंजिनियर है और जालंधर में किसी प्रोडक्शन फर्म का इंजिनियरिंग का काम संभालता है. उसी चक्कर में उसे ज़्यादातर बाहर टूर के लिए जाना पड़ता है. में और सूरज बचपन से अच्छे दोस्त है और हमारा स्कूल, कॉलेज सब एक साथ हुए है तो इसलिए हमारी फ्रेंडशिप बहुत अच्छी थी.
अब सूरज के दादा जी की तबियत ठीक नहीं रहती थी, तो वो चाहते थे कि उसकी शादी जल्दी से हो जाए और इसी कारण उसकी शादी जल्दी हो गयी. अब वो बहुत खुश था, क्योंकि उसकी जो वाईफ थी वो बहुत सुंदर थी और जल्दी-जल्दी उनकी शादी हुई और फिर शादी के अगले दिन ही उसके दादा जी मर गये. अब असली स्टोरी यहाँ से शुरू होती है, अब उसके दादा जी के मरते ही सूरज के पापा अपने होश खो बैठे और अब उनकी हालत इतनी खराब हो गयी कि उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाना पड़ा. अब घर की सारी जिम्मेदारी सूरज पर आ गयी थी और अब वो अपनी नई वाईफ को टाईम ही नहीं दे पा रहा था. मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी तो में कई बार उसके यहाँ ड्रिंक के लिए चला जाया करता था.
फिर एक दिन में और वो बैठकर ड्रिंक कर रहे थे और भाभी खाना बनाने में व्यस्त थी. अब उसकी शादी को एक महीना हो गया था. अब मुझे भाभी कुछ उदास नज़र आ रही थी तो मैंने हंसी में पूछा कि क्या बात है सूरज? भाभी दुखी नज़र आ रही है, कोई परेशानी तो नहीं है ना. फिर वो बोला कि नहीं-नहीं यह तो बस अब शादी के बाद हनिमून भी नहीं हुआ उसका असर है. अब में थोड़ा हैरान हुआ और सोचा कि क्या पता इनके बीच में क्या है? अपने को क्या लेना? और फिर मैंने अपनी ड्रिंक ख़त्म की.
फिर उसने कहा कि रूको आज थोड़ी और पीते है. अब मेरा बिल्कुल भी मन नहीं था, लेकिन उसने बोला तो में रुक गया. अब मुझे पता था कि उससे ज़्यादा ड्रिंक होनी नहीं चाहिए, लेकिन उसने बोला तो में बैठ गया. फिर वो बोतल लेने के लिए बाहर गया तो अब घर पर में और भाभी अकेले थे. अब शादी के बाद मेरी भी भाभी से अच्छी दोस्ती हो गयी थी. फिर वो बाहर चला गया तो में भाभी के पास किचन में पानी लेने चला गया.
फिर भाभी बोली कि अच्छा हुआ जो तुम आ गये, प्लीज वो ऊपर भरा मसाले का डब्बा उतार दो. फिर जब में वो डब्बा उतारने लगा तो ऊपर से मेरे ऊपर शहद की शीशी गिर गयी और मेरा पूरा फेस और टी-शर्ट खराब हो गयी. अब भाभी हँसने लगी तो मैंने कहा कि अब में क्या करूँ? तो भाभी बोली कि तुम पहले तो अपना मुँह धो लो और यह टी-शर्ट उतार दो.
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और फिर मैंने देखा तो मेरी बनियान पर शायद कुछ लग गया था. फिर भाभी के कहने पर मैंने वो भी उतार दी. अब पता नहीं क्यों? लेकिन मुझे ऐसा लगा कि भाभी ने मुझे मेरी छाती से थोड़ा नोटीस किया और स्माईल करके अपना फेस घुमा लिया. फिर उन्होंने बाथरूम में जाकर मेरे कपड़े पानी में भीगो दिए और मुझे बेडरूम में आने को कहा. फिर बेडरूम में आकर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम यहाँ अलमारी से सूरज के कपड़े ले लो, तो में वहाँ खड़ा रहा और वो बाहर चली गई.
फिर मैंने अलमारी खोली और एक टी-शर्ट निकालकर पहन ली और बिना देखे बाहर आ गया. फिर भाभी हँसने लगी तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कि तुमने मेरा टॉप पहन लिया है. फिर मैंने देखा तो में वापस बेडरूम में गया और उनका टॉप उतारकर अंदर रख दिया. अब मेरे सामने भाभी की ब्रा और पेंटी पड़ी थी. फिर भाभी भी अचानक अंदर आ गयी और अब मुझे पता नहीं था कि वो अंदर है. फिर मैंने हल्का सा उनकी ब्रा को टच किया और में एक बार के लिए भूल गया कि मेरी क्या लिमिट्स है? और उनकी पेंटी पर अपना हाथ लगाकर पूरा रब किया.
फिर इतने में मेरी नज़र भाभी पर पड़ी तो उनकी नज़रे मुझ पर ही थी और उसने सब कुछ देख लिया था. अब में बहुत डर गया और भागकर बाहर आ गया, लेकिन बाहर आते वक्त सूरज भी वहाँ आ गया और मुझे देखकर गुस्से में बोला कि तुम्हारी शर्ट कहाँ है? तो उसकी बीवी ने उसे समझाया तो वो समझ गया. फिर उसने मुझे अपनी टी-शर्ट दी और हम फिर से ड्रिंक इन्जॉय करने लगे. फिर तीन चार पैग के बाद सूरज सो गया.
फिर मैंने उठकर भाभी को बाय बोला और जाने लगा तो भाभी बोली कि इन्हें बेडरूम तक तो छोड़ दो, तो फिर मैंने सूरज को बेडरूम तक छोड़ने के लिए एक साईड से पकड़ा और दूसरी साईड से उसकी बीवी ने उसे पकड़ा और फिर हम उसे लेकर रूम में गये और उसे बेड पर लेटा दिया. अब सूरज को बेड पर लेटाते ही जब में खड़ा होने लगा तो उसकी वाईफ पूरी मेरे पीछे थी और में गिरने लगा तो भाभी मुझे बचाते-बचाते खुद मेरे ऊपर गिर गयी और मेरे लिप्स पर उसके लिप्स टच हो गये.
अब ड्रिंक की वजह से में भी अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और मैंने भाभी की कमर पकड़ ली और 2 मिनट के लिए हम दोनों एक दूसरे की आँखों में आखें डालकर देखते रहे. फिर अचानक से मुझे होश आया तो में उठने लगा और उठते समय मेरे गले की चैन उसकी ब्रा की स्ट्रीप के साथ फंस गयी.
अब में मेरी चैन को निकालने लगा, तो में उसकी ब्रा की स्ट्रीप को देखकर रुक गया. फिर उसने कहा कि कुछ नहीं होता निकाल दो. फिर जब में चैन निकालने लगा तो मेरी नज़र भाभी की क्लीवेज पर पड़ी तो मैंने ग़लती से नहीं जानबूझ के उसकी क्लीवेज को टच करके मेरी चैन निकाली और उठते समय उसके कूल्हों पर अपना हाथ टच किया.
फिर वो कुछ नहीं बोली और शरारती नज़रों से मुझे देखती रही. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ? फिर इतने में उसने कहा कि आप आज यहीं रुक जाओ, जब यह पीते है तो मुझे इनके साथ डर लगता है. फिर मैंने हाँ कर दी और बोला कि में ड्रॉयग रूम में सो रहा हूँ, तुम यही बेडरूम में सो जाओं. फिर उसने कहा कि वो टी.वी देखना चाहती है तो मैंने जाकर टी.वी ऑन किया. अब एक चैनल पर हॉट सीन आ रहे थे तो में थोड़ी देर तक देखने लग गया. फिर 5-10 मिनट के बाद तक वो नहीं आई तो मैंने सोचा कि अब वो नहीं आएगी तो में अपने लंड पर अपना हाथ रखकर मूवी देखने लगा.
अब मूवी में एक शादीशुदा लेडी एक लड़के के साथ रोमांस कर रही थी. फिर इतने में पता नहीं कहाँ से भाभी एकदम मेरे सामने आ गयी. अब मेरी पेंट की चैन थोड़ी खुली थी और मेरा हाथ लंड पर था. अब मेरा लंड हार्ड होने कारण साफ़-साफ़ दिख भी रहा था. फिर भाभी ने 2 मिनट तक उसे देखा और फिर वो टी.वी देखने लगी.
फिर में चैनल चेंज करने लगा तो उसने मेरे हाथ से रिमोट खींचा और खींचते-खींचते उन्होंने मेरे लंड पर अपना हाथ दबाया. फिर वो वही चैनेल लगाकर मुझसे बोली कि 1 मिनट मेरी तरफ देखो और बताओ कि तुम इतना घबरा क्यों रहे हो? तो मैंने बोला कि मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है. फिर वो एकदम से खड़ी हुई तो मैंने देखा कि उसने वन पीस नाइटी पहनी हुई थी और वो बहुत हॉट लग रही थी.
फिर इतने में वो मेरे पास आ गयी और मेरे गले से लग गयी और बोलने लगी कि विनीत आई कांट लिव लाइक दिस, यह भी कोई लाईफ है इससे अच्छी तो मेरी पुरानी ज़िंदगी थी. मेरी शादी को एक महीना हो गया, लेकिन मुझे एक बार भी प्यार क्या होता है? कैसे किया जाता है? कुछ नहीं मिला. क्या तुम भी मुझे ऐसे तड़पाना चाहते हो, प्लीज अपने दोस्त को भूल जाओ और मेरी प्यास बुझाओ.
अब में अपना कंट्रोल खो बैठा था तो मैंने उसकी नाइटी सीधी फाड़कर दूर फेंक दी और उसको अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया और उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. अब वो उत्तेजित होने लगी और सिसकियाँ भरने लगी थी. फिर मैंने भाभी की ब्रा का हुक खोला और उसके बूब्स को अपने हाथों में पकड़कर अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगा. अब में उसके बूब्स को चूस रहा था और उसकी चूत पर अपना हाथ फैर रहा था और उसे ज़ोर-जोर से दबा रहा था और उसके निप्पल को सक कर रहा था और बीच-बीच में काटता भी जा रहा था.
अब वो भी पूरी उत्तेजित हो गयी थी. फिर उसने ऐसे ही करते-करते मेरी टी-शर्ट उतार दी और मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी पूरी छाती पर किस करने लगी और धीरे-धीरे मेरे लंड पर अपनी चूत को मेरी जीन्स के ऊपर से ही रगड़ने लगी. फिर मैंने जल्दी से उसको ऊपर आते-आते उसकी पेंटी को पकड़ा और नीचे उतार दिया और उसके पैरो को खोलकर उसकी चूत को चाटने लगा. अब वो बहुत मस्त हुए जा रही थी. फिर उसने मेरी जीन्स खोलकर मेरे लंड को आज़ाद कर दिया.
फिर उसने मेरी जीन्स साईड में रखी और मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया. अब में उसकी चूत पर अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा रहा था और वो मेरा लंड चूसे जा रही थी. अब हम दोनों का सेक्स चरम सीमा पर था और फिर इतने में उसका काम हो गया और फिर वो ढीली पड़ गयी. फिर मैंने उसको नीचे लेटाया और उसकी आँखों में आँखें डालकर देखा और उसके लिप्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और नीचे उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धक्का मारकर अंदर डालने लगा.
अब पहले शॉट में मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और फिर दूसरे शॉट में पूरा अंदर चला था. अब वो चीख पड़ी और रोने लगी थी. फिर मैंने भी अपनी स्पीड पकड़ ली और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. फिर 5 मिनट के बाद वो भी मेरा पूरा-पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसको उठाकर अपने ऊपर बैठा लिया और उसकी कमर पर अपना हाथ रखकर उसे तेज-तेज ऊपर नीचे करने लगा. अब वो पूरी तरह से अपने होश खो बैठी थी और तेज-तेज चुदे जा रही थी. अब में भी उसे अपने फुल जोश में चोदे जा रहा था. फिर अचानक से मैंने उसको पकड़कर रोक दिया और एक ज़ोर का झटका देकर उसकी चूत में अपना सारा काम रस निकाल दिया. दोस्तों हम अभी भी एक दूसरे के संपर्क में है और मिलते रहते है. जब भी उसका पति कहीं बाहर जाता है तो हम मौके फायदा उठा ही लेते है.