Aunty Sex Story

मौसी को चुदवाना सिखाया

Mosi ko chudwana sikhay

मेरा नाम विनय है और में 26 साल का हूँ. मेरी मौसी का नाम नीरू है, वो 39 साल की है और उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है और उनके फिगर के हिसाब से वो अभी तक 30 साल की लगती है, वो बहुत सुंदर एकदम गोरी चिट्टी, उनके लंबे लंबे काले बाल वो करीब 5.5 लंबी है और वो 38-24-38 फिगर की बहुत हॉट सेक्सी औरत है और वो मेरे चाचा चाची के साथ ही रहती है.

एक दिन में किसी काम से उनके घर पर दोपहर को करीब दो बजे गया और में जब वहां पर पहुंचा तो मेरे खटखटाने के बाद उन्होंने ही दरवाजा खोला और वो उस समय मुझे कुछ हांफती हुई सी लग रही थी, तभी उन्होंने मुझे अंदर बुलाया बैठा दिया और अब वो मुझसे बोली कि चाचा और चाची तो घर पर नहीं है वो दोनों जोधपुर गये है और कल तक वापस आएँगे.

फिर मैंने कहा कि हाँ तो फिर ठीक है में दो दिन बाद में आ जाऊंगा और उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे जाने की इतनी जल्दी भी क्या है? बाहर बहुत गरमी है, कुछ देर बैठ और ठंडा पीकर चला जाना. फिर वो उठकर रसोईघर में चली गई और कुछ देर बाद वो हम दोनों के लिए ठंडा बनाकर ले आई.

उस वक़्त वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उन्होंने कपड़े भी कुछ ऐसे पहन रखे थे कि उन कपड़ो से उनके आधे बूब्स बाहर निकलने को बेताब हो रहे थे और वो दिखने में बहुत सुंदर आकर्षक नजर आ रहे थे. मैंने कुछ हिम्मत करके उनसे पूछ लिया कि वो दरवाजा खोलते समय इतना ज़ोर से हाँफ क्यों रही थी तो वो मेरी बात को सुनकर घबरा सी गई और मुझे लगा कि जरुर कुछ तो गड़बड़ है? तभी उन्होंने कहा कि कोई ख़ास बात नहीं है, में वो कुछ काम रही थी इसलिए तुम्हे ऐसा लगा.

फिर तभी मैंने उनसे कहा कि मुझे बाथरूम जाना है और इससे पहले वो मुझसे कुछ कहती में टॉयलेट की तरफ रवाना हो गया और जैसे ही में टॉयलेट में घुसा तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया और वो सब कुछ देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया, क्योंकि वहां पर लंबे लंबे कई बेंगन पड़े हुए थे और उसी के पास में उनकी पेंटी और ब्रा भी पड़ी हुई थी.

में तुरंत समझ गया कि उन्होंने गाउन के नीचे कुछ नहीं पहना है और में जब बाथरूम से बाहर आया तो वो मुझे बहुत अजीब सी नज़र से देख रही थी. मैंने उनसे कहा कि मौसी आप बिल्कुल भी मत घबराओ, मुझे आपके हांफने का कारण समझ में आ गया है और मैंने पास जाकर उनको अपनी बाहों में भर लिया और होंठो पर किस करने लगा, वो पहले से ही गरम थी और मेरे यह सब करने की वजह से वो और ज्यादा गरम हो गयी और उसके बाद हम बेडरूम में चले गये.

फिर वहां पर वो मुझसे बोली कि तुम कुछ देर रूको में पहले तैयार हो जाती हूँ. अब मैंने उनसे पूछा कि क्यों कैसी तैयारी? तब वो बोली कि मेरी शादी तो हुई ही नहीं है इसलिए में सुहागरात ना सही कम से कम सुहागदिन तो अच्छी तरह मना लूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर वो ड्रेसिंग रूम में चली गयी और जब वो 15 मिनट के बाद बाहर आई तो किसी अप्सरा की तरह लग रही थी. मैंने बाहर निकलते ही उनको अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई जल्दी नहीं है.

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अब हम दोनों आज बहुत आराम से अपना सुहागदिन मनायेगें. फिर करीब आधे घंटे तक हम एक दूसरे के कपड़े खोलते हुए एक दूसरे को किस करते रहे और उसके बाद में उनकी चूत को देखने लगा, जो अब तक जोश में आकर संतरे की फाँक की तरह हो गयी थी और मेरा लंड अपनी लम्बाई से एक इंच ज्यादा बड़ा लग रहा था. हम दोनों अब पूरे जोश में थे.

तभी में कुछ देर उनके पूरे बदन को सहलाने के बाद तुरंत नीचे बैठकर उनकी चूत को चाटने लगा और वो बहुत मस्त होती गयी, इसलिए में अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नहीं रोक सकी, वो बोली कि आज से में ही तुम्हारी पत्नी बन जाती हूँ और तुम मुझे अपनी पत्नी समझो और मेरे साथ तुम सब कुछ करो.

फिर उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मेरे होंठो को वो बुरी तरह से किस करने लगी. उनको मैंने खींचकर बेड पर लेटा दिया और उनकी चूत को किस करने लगा. फिर करीब दस मिनट तक में उसको चूमता रहा.

फिर उनके बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और वो सिर्फ़ आहहहहाहह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी. में उसको चूसता ही रहा और थोड़ी देर बाद मैंने जब उनकी चूत की तरफ देखा तो वो बहुत गीली हो चुकी थी और मौसी के सिसकियाँ निकल रही थी. अब वो मुझसे बोली कि तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले, पहले क्यों नहीं आए? में इस दिन के लिए कब से तरस रही थी. आज तुम मुझे पूरी औरत बना दो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो आह्ह्ह्ह वो सिसकियाँ मार रही थी.

फिर मैंने उनसे कहा कि अब मेरा लंड अपने मुहं में डाल लो तो बोली कि नहीं में ऐसा नहीं कर सकती. फिर मैंने उससे कहा कि अगर नहीं कर सकती तो में यह सारा खेल यहीं पर खत्म कर देता हूँ. फिर वो मुझसे बोली कि नहीं और फिर उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. कुछ देर बाद उन्होंने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. अब उनको भी मज़ा आने लगा था और वो करीब 15 मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही, जिसकी वजह से मेरी हालत खराब होती गयी और जब उन्होंने मेरा लंड छोड़ा तो उसमें से पानी बाहर निकलने वाला था. फिर बोली कि वाह मज़ा आ गया, में तो ऐसे ही डर रही थी.

दोस्तों इन सब में हमको दो घंटे बीत चुके थे और हम दोनों ही बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे और अब हम दोनों को ए.सी में भी पसीना आ रहा था और वो मेरे लंड को हाथ में लेकर बड़े मज़े से चूस रही थी और कसकर दबा रही थी. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी कमर को ऊपर उठा लिया और मेरे तने हुए लंड को अपनी जाँघो के बीच लेकर रगड़ने लगी, वो मेरी तरफ करवट लेकर लेट गयी, जिससे वो मेरे लंड को ठीक तरह से पकड़ सके उसके दोनों बूब्स मेरे मुँह के बिल्कुल पास थे और में उन्हे कस कसकर दबा रहा था.

फिर तभी अचानक से उन्होंने अपने एक बूब्स को मेरे मुँह में डालते हुए मुझसे कहा कि चलो अब तुम इनको अपने मुहं में लेकर चूसो. फिर मैंने उनके एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और उसके बाद में थोड़ी देर के लिए उनके बूब्स को अपने मुँह से बाहर निकालकर मौसी को चूमने लगा.

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तभी उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम मुझे पहले से ही यह इशारा कर देते तो हम पता नहीं कितनी बार सुहागदिन और सुहागरात भी मना चुके होते, खेर अब तो में तुम्हारी ही हूँ, जब तुम्हारा मन करे मुझे बता देना और फिर मैंने देर ना करते हुए अपना लंड मौसी की चूत में डाल दिया जो कि अभी भी बहुत टाइट थी.

अब में मेरा लंड धीरे धीरे मौसी की चूत में अंदर बाहर करने लगा और फिर उन्होंने मुझसे मेरी स्पीड को बढ़ाकर करने के लिए कहा तो मैंने अपनी तुरंत अपनी स्पीड को बड़ा दिया और अब में तेज़ी से अपने लंड को चूत के अंदर बाहर करने लगा.

उनको अब पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से अपनी कमर को उठा उठाकर मेरे हर एक धक्के का जवाब देने लगी थी. उनकी चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहा था. मुझे लग रहा था कि में जन्नत में पहुँच गया हूँ, जैसे जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी उसकी भी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी.

उन्होंने अपने पैरों को मेरी कमर पर रखकर मुझे जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से हांफने लगी. अब पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से भरा पड़ा था आहअहह ऊओहऊऊहह मेरे राजा में मर गई, हाँ और ज़ोर से चोद रे मुझे हाँ चोद उईईईईईई मरी माँ आह्ह्ह्ह फ़ट गई रे मेरी चूत आह्ह्ह्ह. दोस्तों इन सब में 45 मिनट निकल चुके थे और मेरा भी निकलने को तैयार था.

फिर तभी वो मुझसे बोली कि में तो हो गई और में ज्यादा ज़ोर से धक्के देने लगा. करीब दस मिनट के बाद मेरा पानी निकला और उनकी पूरी चूत को भर दिया. हम बहुत थक चुके थे और उस वजह से हम दोनों हांफने लगे और एक दूसरे से चिपक गये. जब हम अलग हुए और टाइम देखा तो 7 बज रहे थे. फिर हम दोनों बाथरूम में गये और एक साथ नहाने लगे और उसके बाद बाहर आकर कुछ देर बैठने के बाद हमने कॉफी पी और वो बोली आज तुमने मुझे पूरी औरत बना दिया, बोलो में तुम्हारे लिए क्या करूं?

तब तक मुझे थोड़ा थोड़ा जोश वापस से आने लगा था, तो मैंने कहा कि मौसी पहले हम थोड़ा मार्केट घूमकर आते है उसके बाद हम इस बारे में बात करेंगे, उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है में तैयार हो जाती हूँ अब तुम भी कपड़े पहन लो. दोस्तों तब तक हम दोनों पूरे नंगे ही थे. फिर हम दोनों तैयार होकर मार्केट निकल गये और वहां पर उन्होंने मेरे लिए 25000 की खरीदारी की और वापस आते हुए उन्होंने मुझसे कहा कि तुम आज मेरे साथ ही रुक जाओ क्योंकि जीजी, जीजाजी तो कल तक वापस आएँगे, में घर पर अकेली रहूंगी तुम तुम्हारे घर पर फोन कर दो.

फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में अब बियर पीना चाहता हूँ और आपको भी मेरे साथ बियर पीनी पड़ेगी, वो बोली कि नहीं में बियर नहीं पीती हूँ.

फिर मैंने उनसे कहा कि आप तो लंड भी कभी नहीं चूसती थी, लेकिन आज आपने चूस लिया ना. फिर वो बोली कि हाँ ठीक है तुम्हारे लिए में थोड़ी सी ले लूँगी और फिर मैंने बियर की दुकान से चार बियर ले ली और घर पर फोन कर दिया कि में आज ऑफिस में ज्यादा काम होने की वजह से घर पर नहीं आ सकता. फिर रास्ते में मैंने एक बियर खत्म कर ली और जब हम घर पहुंचे तो बियर पीने की वजह में मुझे टॉयलेट जाने की ज़रूरत लगी.

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मैंने कहा कि में अब टॉयलेट जा रहा हूँ मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आ रहा है, तो वो मुझसे कहने लगी कि में भी तुम्हारे साथ में चलती हूँ और फिर हम दोनों एक साथ में टॉयलेट में चले गये तो वो मुझसे बोली कि मैंने नेट पर एक ब्लूफिल्म में एक जोड़े को एक दूसरे का पेशाब पीते हुए देखा था क्या आज हम दोनों भी एक दूसरे का पेशाब पिये? अब मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन पहले तुमको मेरा पेशाब पीना पड़ेगा तो वो बोली कि हाँ ठीक है और मैंने अपनी जींस को खोल दिया उसके बाद मैंने अपना लंड उनके मुहं की तरफ करके मूतना चालू कर दिया. उनका पूरा चेहरा और बाल मेरे पेशाब से भीग गये और थोड़ा सा उनके ऊपर भी गिरा.

फिर मैंने उनकी चूत को अपने मुहं से सटा लिया और अब में उनका पेशाब पी गया. दोस्तों वो बड़ा ही मजेदार स्वाद था और उसके बाद हम दोनों साथ में नहाने लगे और बिना कपड़ों के बाहर आ गये.

अब तक हम दोनों वापस गरम हो चुके थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे. फिर मैंने बियर की बोतल खोल ली और अपने मुहं में भर ली और उनके मुहं से मुहं मिलाकर उनके अंदर डाल दी.

फिर बोतल उनके मुहं पर लगा दी और थोड़ी देर में ही उसका असर उनके ऊपर चालू हो गया और वो मुझे चूमने लगी. मुझे भी तब तक हल्का नशा सा हो चुका था, तो मैंने वहीं उनको लेटाकर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और साथ में चूत में लंड को अंदर और अंदर ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर से झटके लगा रहा था.

अब इधर मौसी आअहहहह नहीं प्लीज थोड़ा धीरे करो उफ्फ्फ्फ़ में मर गई करके कराह रही थी. फिर हम लोग आधे घंटे तक चुदाई करने के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने बूब्स को धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया और मौसी भी थोड़े देर में मस्ती में आ गयी और उसके हर एक झटके के साथ अपने मुहं से आआअहहहह आईईईई उउउहहम्‍म्म्म में मर गई की आवाज़ निकाल रही थी.

फिर थोड़ी ही देर में हम दोनों एक साथ झड़ गये और मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी चूत में डाल दिया. फिर करीब दो घंटे बाद हम दोनों एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार थे और आप तो जानते ही है कि फिर क्या हुआ होगा? क्योंकि उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता हम अपना काम करते है, लेकिन हमारे बीच कोई शर्त नहीं है.