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मम्मी और बहन दोनों की जबरदस्त चुदाई-3

Mummy Aur Behan Dono Ki Jabardast Chudai-3

तो तू यहाँ क्यों आ गयी बेटी जा भाई के पास बैठ मम्मी ववववाह ब्ब भैया वा फुसफुसते हुए बोली।अब मम्मी भी उसी की तरह फुसफुसाई क्या भैया? मम्मी भैया आज कुछ अजीब हरकते कर रहे है वो धीरे से बोली, तो मम्मी ने कहा क्या कर रहा है तेरा भाई? मम्मी यहाँ से चलो तो बताऊँ और मम्मी उसको ले अपने रूम की तरफ गयी और मुझे भी पीछे आने का इशारा किया।   Jabardast Chudai

में उन दोनों के रूम के अंदर जाते ही जल्दी से मम्मी के रूम के पास पहुंच गया और मम्मी ने दरवाज़ा पूरा बंद नहीं किया था और में पर्दे से छुपकर उन दोनों को देखने लगा। अब मम्मी ने सुहाना को अपनी गोद में बैठा लिया और वो बोली क्या बात है बेटी जो तू मुझे यहाँ ले आई है? मम्मी आज भैया मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे है जैसे कॉलेज के।। क्या पूरी बात बताओ सुहाना बेटी मम्मी आज भैया मेरी इनको बहुत घूर रहे है जैसे मुझे हमेशा मेरे कॉलेज में लड़के घूरते है।    Jabardast Chudai

अब मम्मी ने उसके बूब्स को पकड़ा तो वा शरमाती सी बोली ज्ज्ज जी मम्मी, अरे बेटी अब तू जवान हो गयी है और तेरे यह बूब्स बहुत प्यारे आकर्षक हो गए है, इसलिए कॉलेज में लड़के इनको घूरते है और तेरा भाई भी इसलिए देख रहा होगा कि उसकी बहन कितनी सुंदर है और उसके बूब्स कितने जवान है? तो वो बोली मम्मी आप भी वो अब शरमाई। अरे बेटी मुझसे क्या शरमाना बेटी कॉलेज के लड़कों के चक्कर में मत आना वरना बदनामी होगी अगर तू अपनी जवानी का मज़ा लेना चाहती है तो मुझे बताना। अब वो बोली मम्मी आप तो जाइए हटिए।

अब वो बोली अच्छा बेटी एक बात तू मुझे बता जब भैया तेरी दोनों मस्त जवानियों को घूरते है तो तुझे कैसा लगता है? मम्मी हटिए में जा रही हूँ, अरे पगली फिर शरमाई चल बता कैसा लगता है जब तुम्हारे भैया इनको देखते हैं? जी ज्जई अच्छा तो लगा, लेकिन वो, कुछ नहीं।

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अब माँ उससे बोली बेटी क्या तू जानती है बाहर के लड़के तेरे यह देखकर क्या सोचते है? क्या मम्मी? यही कि हाए तेरे दोनों अनार कितने कड़क और रसीले है, वो सब तेरे इन अनारो का रस पीना चाहते है मम्मी अब आप चुप रहिए मुझे बहुत शरम आती है, अरे बेटी वैसे एक बात है इनको लड़के के मुँह में देकर चुसवाने में बहुत मज़ा आता है और जानती हो लड़के इनको चूसकर बहुत मज़ा देते है अगर एक बार कोई लड़का तेरे अनार चूस ले तो तेरा मन रोज़ रोज़ चुसवाने का करेगा और अगर कोई तेरी नीचे वाली चाटकर तुझे चोद दे तब तू बिना लड़के के रह ही नहीं पाएगी।

अब में बाहर जा रही हूँ और मम्मी मुझे नहीं करवाना यह सब, हाँ बेटा कभी किसी बाहर के लड़के से कुछ भी नहीं करवाना वरना बहुत दर्द और बदनामी भी होती है, हाँ अगर तेरा मन हो तो तू मुझे जरुर बताना।

अब मम्मी कहने लगी अच्छा बेटी चलो अब कुछ खाना खा लिया जाए, तेरा भाई भूखा होगा जा तू उससे पूछ वो क्या खाएगा? जो खाने को कहे बना देना। फिर में भागकर टीवी देखने आ गया थोड़ी देर बाद सुहाना आ गई और वो मुझसे बोली भैया, मैंने हूँ की आवाज निकाली, भैया आपको जो भी खाना हो बता दीजिए में बनाती हूँ मम्मी आराम कर रही है।

अब में उसके बूब्स को घूरते हुए अपने होंठो पर जीभ को फेरता हुए बोला क्या क्या खिलाओगी? वो मेरी इस हरक़त से शरमा गई और नज़रे झुकाकर बोली जो भी आप कहें? मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने पास उसको बैठाया और उसके बूब्स को घूरता हुआ बोला में खाऊंगा तो बहुत कुछ, लेकिन पहले तुम इनका रस पिला दो।

फिर वो चकित होकर पूछने लगी ज्ज जी क्या भैया किसका रस? वो बहुत घबराती सी बोली। अब में बात को बदलते हुए बोला मेरा मतलब है पहले एक चाय ला दे फिर जो चाहे बना लो और वो अब चली गई और में उसको जाते हुए देखता रहा। फिर करीब पांच मिनट के बाद वो चाय लेकर आई तो मैंने उसको कहा अपने लिए नहीं लाई? वो बोली कि में नहीं पियूंगी। फिर मैंने उससे कहा पियो ना लो इसी में पीलो एक साथ पीने से आपस में प्यार बढ़ता है और वो मेरी बात सुनकर शरमाई।

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कुछ सोचकर मेरे पास में बैठ गयी तो मैंने वो कप उसके होंठो से लगा दिया और उसने एक चुस्की ली। फिर मैंने बार पी लिया और इस तरह से पूरी चाय खत्म हुई, तो वो बोली अब खाने का इंतज़ाम करती हूँ और मैंने उसका हाथ पकड़कर खींचते हुए कहा अभी क्या जल्दी है थोड़ी देर रूको बहुत अच्छा प्रोग्राम आ रहा है उसको देखो मेरे खींचने पर वो मेरे ऊपर आ गिरी थी और वो उठने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसको हटने नहीं दिया।

अब वो बोली हाए भैया हटिए क्या कर रहे है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं टीवी देखो में भी देखता हूँ ठीक है, लेकिन छोड़ीए तो में ठीक से बैठकर देखूं। अब मैंने कहा हाँ ठीक से बैठ सुहाना, मेरी छोटी बहन अपने बड़े भाई की गोद में बैठकर देखो ना टीवी, वो चुप रही और हम दोनों टीवी देखने लगे। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से इस तरह दबाया कि उसकी कमीज़ सिकुड़कर आगे को हुई और उसके दोनों बूब्स दिखने लगे थे और जब उसकी नज़र अपने बूब्स पर पड़ी तो वो जल्दी से मेरी गोद से उतर गयी और तभी मम्मी ने उसे आवाज़ दी तो वो उठकर चली गयी और में भी पहले की तरह पर्दे के पीछे छुपकर देखने लगा।

फिर वो अंदर गयी तो मम्मी ने उससे पूछा क्या हुआ बेटी सोहेल ने बताया नहीं वो क्या खाएगा? व्वाह वो मम्मी भैया ने। क्या भैया ने बताओ ना बेटी क्या किया तेरे भाई ने? वो भैया ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया था और फिर और फिर।। और फिर क्या? और और कुछ नहीं अरे अगर तेरे भाई ने तुझे अपनी गोद में बैठा लिया तो क्या हुआ आख़िर वो तेरा बड़ा भाई है, अच्छा यह बता उसने गोद में ही बैठाया था या कुछ और भी किया था? और तो कुछ नहीं मम्मी भैया ने फिर मेरी दोनों को देख लिया था।

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अब माँ उससे हंसकर कहने लगी मुझे लग रहा है कि मेरे बेटे को अपनी बहन के दोनों रसीले बूब्स पसंद आ गए है तभी तो वो बार बार इनको देख रहा है, बेचारा मेरा बेटा अपनी ही बहन के बूब्स को पसंद करता है, अगर बाहर की कोई लड़की होती तो जी भरकर देख भी लेता, लेकिन तेरे साथ वो डरता होगा अच्छा बेटी यह बता जब तुम्हारे भैया तेरे बूब्स को घूरता है तो तुमको कैसा लगता है? ज्जज्ज जी मम्मी वो वो लगता तो अच्छा है, लेकिन हाँ लेकिन क्या बेटी? अरे तुझे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हारा अपना भाई ही तुम्हारे बूब्स का दीवाना हो गया है। अगर में तेरी जगह होती तो में तो किसी बहाने से अपने भाई को दिखाती।

फिर वो बोली क्या सच मम्मी? हाँ बेटी में सच कह रही हूँ क्या तुझे अच्छा नहीं लगता कि कोई तेरा दीवाना हो और हर वक़्त बस तेरे बारे में सोचे और तुझे देखना चाहे तुझे चोदना चाहे? मम्मी आप भी अरे बेटी कोई बात नहीं जा तू अपने भाई को उस बेचारे को दो चार बार अपनी दोनों मस्त जवानियों की झलक कभी कभी दिखा दिया कर और वैसे उस बेचारे की बिल्कुल भी ग़लती नहीं है, तू है ही इतनी मस्त कड़क जवान कि वो क्या करे? देख ना अपने दोनों बूब्स को लग रहा है अभी कमीज़ फाड़कर बाहर आ जायेगी जा तू भाई के पास जाकर टीवी देख और बेचारे को अपनी झलक दे तब तक में खाने का इंतजाम करती हूँ और खाना तैयार होने पर में तुम दोनों को बुला लूँगी।