Bhabhi Sex

नामर्द की बीवी को चोदकर माँ बनाया

Namard ki biwi ko chodkar maa banaya

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जय है और में 21 साल का हूँ. में अहमदनगर का रहने वाला हूँ और मेरी हाईट 6 फुट की है, मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है. आज में आपको मेरी रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ, दोस्तों में अपने काम से बैंक गया था, तो बैंक का काम ख़त्म होते ही में वहाँ से निकल पड़ा और जाते-जाते मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी. उस लेडी की हाईट 5 फुट 8 इंच, रंग सांवला, फिगर साईज 32-28-36 थी. उसकी मुस्कान बहुत मस्त थी.

तब मुझे पता चला कि वो लड़की मुझे देख रही है. फिर मैंने उसको देखा, तो वो अपनी नजरे झुकाकर हंस दी, तो में वहाँ पर थोड़ी देर रुका. फिर उसके बाद मैंने उसी लड़की से दो बार नजरे मिलाई, तो तभी वो लड़की हंसी, तो मुझे लगा कि कुछ हो सकता है, लेकिन मैंने देखा तो उसके सामने 28 साल का सांड लड़का खड़ा था, मेरे ख्याल से वो उसका पति होगा तो मैंने मन में कहा कि चलो साहब टाईम पास खत्म.

फिर दूसरे दिन मुझे वही लड़की बैंक के पास दिखी, तो जब मैंने उसे देखा, तो वो फिर से हंस पड़ी और मेरे वो पीछे बैंक में आई, तो मुझे अच्छा लगा, लेकिन वो बैंक में अपने पति से बात करनी लगी. फिर मैंने बैंक में रुपए डाल दिए. अब वो लड़की मेरे पीछे खड़ी थी, तो उसने मुझसे लिखने के लिए पेन माँगा तो मैंने तुरंत उसे पेन दे दिया. फिर उसने अपना काम ख़त्म होने के बाद मुझे पैन दिया, लेकिन मैंने देखा कि पैन के साथ एक छोटी सी चिट्टी थी. फिर मैंने उसके पति को देखा, तो वो बैंक मैनेजर के सामने बैठा था. अब मैंने उसकी आँखों में प्यास देखी थी. फिर मैंने घर जाने के बाद उस चिट्टी के अंदर लिखे नंबर पर कॉल किया. फिर जैसे ही उसकी आवाज आई तो मैंने उसको अपनी पहचान बताई.

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फिर उसने मुझे एक होटल में मिलने के लिए बुलाया, तो फिर हम मिले और उसने अपना नाम संस्कृति बताया, मेरा अनुमान सही था, वो सांड ही उसका पति था और उनकी शादी 1 महीने पहले हुई थी. फिर उसने कहा कि मेरा पति छक्का है. फिर मैंने उससे कहा कि तुम क्या चाहती हो? तो उसने मुझसे एक मर्द पाने की अपेक्षा बताई.

हम लोगों ने रविवार का दिन तय किया, तो उसने अपने घर आने के लिए कहा. फिर मैंने उससे उसके पति के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि में सब देख लूँगी. अब मुझे रविवार के दिन सुबह 9 बजे जाना था, चूँकि रविवार कल ही था तो तब मैंने वादा किया और उससे पता लेकर हम चले गये. फिर मुझे रातभर नींद नहीं आई, फिर रविवार के दिन में उसके घर पहुँचा तो घबरा गया, क्योंकि उसके पति ने दरवाजा खोला था. फिर में वापस जाने लगा, तो उसने मुझे रोका और कहा कि जय आओ, तो में चौंक गया, क्योंकि मैंने अपना नाम सिर्फ़ संस्कृति को ही बताया था.

फिर में अंदर गया तो उसने संस्कृति को आवाज दी, तो संस्कृति चाय लेकर आई. अब मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. फिर उसने मुझे सब बताया और कहा कि हम लोग शादी के बाद हनीमून जा रहे थे, तो तब हमारा एक्सिडेंट हो गया, तो उसमें मेरे पति की नस खराब हो गयी और में अभी तक कुंवारी रही, क्योंकि उसके बाद से उनका खड़ा नहीं हो सका. फिर उसका पति बेडरूम की तरफ इशारा करके रोने लगा तो हम दोनों बेडरूम में पहुँचे. फिर तब मैंने संस्कृति को गले लगाया तो उसने मुझे कसकर पकड़ा.

मैंने दरवाजा बंद किया और फिर मैंने उसके लिप्स को किस किया. अब हमारी किसिंग ऐसे ही 2 मिनट तक चालू थी. फिर उसके बाद में उसे उठाकर बेड पर ले गया और धीरे-धीरे किस करते हुए उसके बूब्स दबाने लगा. फिर उसके बाद मैंने उसका पंजाबी ड्रेस उतार दिया और फिर उसकी ब्रा भी निकाली तो में उसको देखता ही रह गया और उसके एक बूब्स को दबाते हुए चूसने लगा. अब संस्कृति सिसकारी भर रही थी.

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फिर थोड़ी देर के बाद में उसके पेट से होता हुआ नीचे आया और उसका पजामा भी उतार दिया. अब वो अपने दोनों पैरों के बीच में अपनी चूत को छुपाने लगी, तो मैंने अपना हाथ डालकर उसके दोनों पैरो को फैला दिया. फिर मैंने उसकी चूत देखी तो उसकी चूत के ऊपर एक भी बाल नहीं था. फिर मैंने उसकी चूत को चूमना चालू किया तो तब संस्कृति अपने हाथों से मेरा सिर पकड़कर दबा रही थी.

मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया, तो तब संस्कृति के मुँह से सस्स्स्सस्स की आवाज़ आई. अब तक मेरा लंड एकदम तैयार हो गया था. फिर में अपने कपड़े उतारने लगा तो तब संस्कृति ने खुद मेरे कपड़े उतारना चालू किया और मेरी अंडरवियर के निकलते ही संस्कृति ने चौंककर देखा कि मेरा लंड बहुत लंबा है.

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला और थोड़ी देर के बाद उसे बाहर निकाला और संस्कृति को बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और संस्कृति के बूब्स पकड़कर उसके ऊपर चढ़ गया. फिर मैंने थोड़ी देर के बाद अपना लंड उसकी चूत पर रखा, तो मुझे कंडोम की याद आई तो में कंडोम लेकर उसके ऊपर चढ़ने लगा, तो उसने कहा कि कंडोम मत लगाओ, में अभी तक कुँवारी हूँ.

मैंने कंडोम फेंक दिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर उसके बूब्स पकड़ते हुए एक झटका दिया. फिर संस्कृति चिल्ला उठी, तो मैंने देखा कि मेरा लंड अंदर नहीं गया था तो मैंने फिर से एक धक्का दिया तो मेरा लंड 1 इंच उसकी चूत के अंदर चला गया और संस्कृति ने हल्ला मचा दिया बाहर निकालो, में मर जाऊंगी. फिर मैंने अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए और धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला. तो संस्कृति के मुँह से सस्स्सस्स, क़सस्सस्स की आवाजे आने लगी. फिर थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब संस्कृति भी नीचे से अपनी गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी थी और मुझसे कहने लगी थी कि जय और जोर से करो ना, फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

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अब संस्कृति बोलने लगी थी बस करो ना, लेकिन में उसको चोदता ही रहा और 15 मिनट के बाद मैंने अपना अमृत उसकी चूत में ही छोड़ दिया और वैसे ही लेटा रहा. फिर 15 मिनट के बाद मेरा लंड उसकी चूत के अंदर ही फिर से खड़ा हो गया और मैंने फिर से उसकी चुदाई चालू कर दी. इस बार संस्कृति पूरी तरह से 3 बार झड़ गयी थी, लेकिन में फिर भी उसे चोदता रहा.

मैंने अपनी थोड़ी स्पीड और बढ़ाई तो संस्कृति मेरी स्पीड सह नहीं पाई और उसने मुझे दूर धकेला और संस्कृति ने मना किया तो मैंने उसे समझाकर फिर से चोदा. फिर में रविवार का पूरा दिन और खाना खाने के बाद पूरी शाम तक संस्कृति को चोदता रहा और कभी चूत तो कभी उसकी गांड मारता रहा. फिर उसके पति के कहने पर में संस्कृति को 6 महीने तक चोदता रहा, तो इस दौरान संस्कृति के पेट में मेरा बच्चा आ गया, तो उसका पति भी बहुत खुश हुआ और वो भी बाप बन गया और संस्कृति भी खुश हो गयी.