नौकर-नौकरानी चुदाई

नौकरानी ने लंड चूस कर मजा दिया-1

Naukrani ne lund chus kar maza diya-1

इरोटिक ब्लोजॉब सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने बदन की मालिश कर रहा था और हमारी नौकरानी ने मेरा खड़ा लंड देख लिया. वो लंड की भूखी औरत बहक गयी और …

हैलो साथियो … मैं दीपक, अपनी इरोटिक ब्लोजॉब सेक्स स्टोरी लिख रहा हूँ. मुझे उम्मीद है कि आप सभी को पसंद आएगी.

आइए पहले इस इरोटिक ब्लोजॉब सेक्स स्टोरी के पात्रों से परिचय कर लेते हैं.

मेरी मॉम वन्दना, पापा गौरव हैं.

जैसा कि मैंने लिखा कि मेरा नाम दीपक है, मेरी उम्र अभी 19 साल है. मेरी मॉम वंदना और पापा गौरव दोनों ही वर्किंग पर्सन हैं और एक ही फर्म में जॉब करते हैं. दोनों को जिम का बहुत शौक है … और वो रेग्युलर जिम और स्विमिंग करते हैं. मैं भी जिम जाता हूँ और फुटबॉल खेलता हूँ.

हमारे घर में एक मेड आती है … उसका नाम मंजू है और उम्र 35 साल है. वो साफ़-सफाई, खाना बनाना और घर के अन्य दूसरे सभी काम करती है. वो सुबह 8:00 बजे मेरे घर आती है और दोपहर दो बजे अपने घर वापिस चली जाती है.

मेरी मॉम उसे कुछ ज्यादा ही पैसे देती हैं. इसका कारण आपको बाद में मालूम पड़ जाएगा. वैसे मंजू भी एक अच्छे परिवार से है. और ईमानदार भी बहुत है. इसलिए वो हमारे घर से बहुत ज्यादा जुड़ी हुई है.

हमारी मेड मंजू मेरी पहली सेक्स गुरु है. दरअसल मंजू बहुत ही शानदार और भरोसे के लायक महिला है. उसका पति दारूबाज़ है. वो उसके साथ सेक्स नहीं कर पाता है, लेकिन उसने कभी किसी से सैटिंग नहीं की … उसका कारण उसका भय था कि वो बदनाम हो जाएगी.

पर लंड की भूखी औरत कब तक शर्म के पहलू में रह सकती है. इसी वजह से एक बार मंजू मेरी बॉडी देख कर बहक गयी और मैं भी. उसकी स्किन का कलर तो साधारण ही था, लेकिन शरीर की कसावट बड़ी मस्त थी.

मैं बताता हूँ कि क्या हुआ था. एक दिन मैं अपने रूम में था और अपनी फुल बॉडी पर तेल मसाज कर रहा था.

जब भी मैं अपनी बॉडी पर मसाज करता हूँ तो मेरा लंड भी खड़ा हो जाता है. मेरा लंड जब खड़ा होता है, तो वो मोटा मूसल जैसा दिखने लगता है.

तो उस दिन मंजू मेरा कमरा साफ़ कर चुकी थी. अब उसे पूरे घर की सफाई करनी थी. लेकिन न जाने किस काम की वजह से वो मेरे रूम में घुसी और मेरी बॉडी को पीछे से देखने लगी.

मुझे जैसे ही किसी के होने का महसूस हुआ, तो मैंने पलट कर देखा. उस समय मैं पूरी तरह से नंगा था और मेरा लंड खड़ा था.

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मैं मंजू के सामने अपना तना हुआ लंड खोले खड़ा था और वो मेरे लंड को देख कर आंखें फाड़े और मुँह खोले ठगी सी खड़ी थी. हम दोनों की काटो तो खून नहीं वाली पोज़िशन थी.

उसकी नज़र मेरे हब्शी लंड पर पड़ी, तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गयी थीं. मेरी खुद कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं कैसे रिएक्ट करूं. मेरा मन बहुत घबरा रहा था और दिल जोर जोर से धड़क रहा था.

मैं अभी कुछ बोल पाता, तभी मंजू मेरी तरफ बढ़ी और मेरे सामने अपने घुटनों के बल बैठ गयी. उसने अपना मुँह खोल दिया और मेरी आंखों में आंखें डालते हुए मेरे लंड के पास अपना चेहरा करने लगी.

जब तक मैं कुछ समझ पाता और उसके आगे कुछ रिएक्ट कर पाता, तब तक मेरा लंड, मंजू के मुँह में था और वो लगातार कोशिश कर रही थी कि वो मेरा पूरा लंड निगल जाए और लंड को डीप थ्रोट का मजा दे.

लेकिन वो मुश्किल से 4 इंच ही लंड अन्दर कर पा रही थी. उसकी मदहोश आंखें मुझे ही देख रही थीं. और मेरी आंखें बंद हो चुकी थीं. मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

करीब 2-3 मिनट बाद मुझे अपने अंडकोषों पर उंगलियां महसूस हुईं, तो मैंने आंखें खोल कर देखा. मंजू ने अपनी साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया था, उसके ब्लाउज के बटन खुले थे और वो अपनी सफ़ेद ब्रा ऊपर करके अपने बड़े बड़े मम्मों को बाहर निकाले हुए थी. साथ ही उसने अपनी साड़ी पेटीकोट को अपने घुटनों से ऊपर कर लिया था.

अब मुझे अपने अन्दर सेक्स महसूस होने लगा था. मुझे अपने दिमाग में मंजू एक अप्सरा लग रही थी. ये मेरा पहला इरोटिक ब्लोजॉब सेक्स का अनुभव था. वो मेरे लंड के बॉल्स को अपनी उंगलियों से मसाज दे रही थी.

मुझे इस समय कोई पॉर्न मूवीज जैसा लगने लगा था. मेरी फंतासी थी कि मैं किसी लड़की का सर पकड़ कर उसके मुँह में लंड के ज़ोरदार शॉट मारूं और फाइनली अपना पूरा लंड घुसेड़ कर डिस्चार्ज हो जाऊंगा.

इस वक्त मंजू ग़ज़ब का लंड चूस रही थी. वो मेरे सुपारे को जीभ से तिर तिर करते हुए मेरे लंड के आगे के भाग के छेद को कुरेद रही थी.

मंजू को मेरा लंड चूसते हुए करीब दस मिनट हो चुके थे. मेरा लंड उसके थूक से पूरा गीला हो चुका था. मंजू मेरे लंड को करीब-करीब आधे से ज्यादा अन्दर लेकर चूस रही थी.

तभी मुझे लगने लगा कि अब मेरा लंड पिचकारी छोड़ेगा, तो मैंने मंजू के सिर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे शॉट मारने लगा. मैं अपना लंड, सुपारे तक बाहर निकालता और तुरंत 3-4 इंच अन्दर डाल देता.

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अब मंजू के दोनों हाथ मेरी जांघों पर जम गए थे और वो मेरे हर शॉट के एवज में अपने मुँह को आगे पीछे कर रही थी. मंजू ने अपने होंठों को भी कस लिया था … इससे मेरा लंड कसा कसा सा महसूस होने लगा था.

मैंने मंजू के गाल पर चपत लगाते हुए कहा- रिलॅक्स बेबी … आराम से लो.

मैं भी धीरे धीरे अपने शॉट लगाने लगा. मंजू अब अपने हाथ और मुँह को रिलॅक्स मोड में ले गयी. करीब 2-3 मिनट बाद जब मंजू पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रही थी कि मैं उसके साथ कोई गड़बड़ नहीं करूंगा, तो वो आराम से लंड के साथ खेल रही थी, उसे चूस रही थी.

तभी मुझे लगा कि बस अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है, तो मैंने मंजू के सर को ज़ोर से पकड़ा और जोरदार पुश करते हुए मंजू के सर को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया. परिणाम स्वरूप मेरा दस इंच का लंड मंजू के मुँह में गले तक घुस गया था और मेरा लंड वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा था.

मंजू के मुँह से केवल ‘घोंण … ओंण … घोंण … ओंण..’ निकल रहा था. मंजू का पूरा चेहरा मेरे पेट से चिपक गया था और उसकी ठोड़ी मेरे अंडकोषों को टच कर रही थी.

सांस रुक जाने से मंजू की टांगें और हाथ छटपटा रहे थे.

दस-बारह सेकंड में मेरा सारा माल मंजू के पेट में था. उस समय मंजू के पास मेरा माल पीने या न पीने का कोई भी विकल्प नहीं था. क्योंकि मेरा माल मुँह में नहीं, गले में छूटा था. मैंने अपना लंड निकाला और बाथरूम में भागा और मैंने हांफते हुए शॉवर ऑन कर दिया.

जब मैं बाहर आया, तो देखा मंजू रूम में नहीं थी. मैं चुपचाप टीवी देखने लगा.

करीब 12:30 बजे पर मुझे मंजू की आवाज़ आई- बाबा, लंच रेडी है, आ जाओ.

मुझे उसके सामने जाने में बहुत शर्म आ रही थी, लेकिन उसके सामने तो जाना ही था. मुझे डर भी था कि कहीं वो मेरी शिकायत मॉम डैड से ना कर दे.

मैं सर झुकाए डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और मंजू मुझे खाना परोसने लगी.

मैं- आई एम सॉरी … मैंने आपसे काफी बुरा बर्ताव किया.
मंजू – हम्म … पर मुझे बुरा नहीं लगा … बल्कि मुझे मजा आया.

मैंने हैरानी से उसकी तरफ देखा और अपना डर खत्म करके चुपचाप खाना खाने लगा. बाद में मैं अपने रूम में आ गया और सोचने लगा.

अगले दिन मैंने फीवर का बहाना बनाया और घर में ही रुक गया. मैं अपने रूम में मंजू का वेट करने लगा और जैसे ही वो सफाई के लिए रूम में आई, तो मैंने उसे पकड़ लिया और उससे लिपट गया.
उसने कुछ भी विरोध नहीं किया.

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मैं मंजू के होंठों को किस करने लगा, हमारी आंखें मिलीं और मैंने उससे लंड चूसने का इशारा किया. वो चुपचाप अपने घुटनों पर आ गयी और लंड चूसने ब्लोजॉब देने लगी.

मंजू- आज मुझे टेस्ट करना है.

इतना बोल कर वो लंड चुसाई करने लगी. फिर मंजू ने मुझे पीछे धकेल कर बेड पर गिरा दिया, मैं एकदम नंगा था, लेकिन मंजू कपड़े पहने हुए थी.

फिर अचानक मंजू ने मुझे उल्टा कर दिया और पीछे से हाथ डाल कर मेरे लंड के नीचे लटक रहे बॉल्स को पकड़ कर ऊपर की तरफ पुल किया. मेरी पोज़िशन ऐसी हो गयी थी, जैसे कोई गर्ल चुदने से पहले घोड़ी बनती है.

मुझे समझ नहीं आया कि पता नहीं अब क्या करेगी?

लेकिन वो मेरी तरफ देखते हुए बोली- तसल्ली रखो बेबी … अभी और मजा आएगा.

इतना बोल कर उसने मेरे चूतड़ों पर किस किया और अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद पर रख दी. उसकी जीभ के स्पर्श ने मुझमें सनसनी भर दी. मंजू मेरी गांड पर जीभ को रगड़ने लगी और मेरे लंड को मुठ मारने लगी,

मुझे अजीब से फीलिंग हो रही थी … लेकिन मज़ा बहुत ज्यादा आ रहा था.

अब मंजू एक एक मिनट मेरे लंड और गांड दोनों पर बराबर देने लगी. करीब 30 मिनट बाद मुझे लगा कि मेरे लंड से पिचकारी निकलने वाली है.

मैं- आंह मैं आने वाला हूँ.
मंजू- हां आ जाओ … मुझे अपना रस टेस्ट करने देना प्लीज़.

फिर मंजू ने मुझे पीठ के बल लिटा दिया. मेरी दोनों टांगें फैला दीं और मेरे लंड को 2-3 इंच अपने मुँह में लेकर अपनी जीभ को मेरे सुपारे पर रगड़ने लगी. वो एक हाथ से मेरे लंड को हिला रही थी और दूसरे हाथ की बीच की दो उंगलियों को मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगी.

इस इरोटिक ब्लोजॉब से जैसे ही मेरे लंड का पानी छूटा, तो उसने शायद बदला लेते हुए अपनी बीच की दो उंगलियों को मेरी गांड के छेद में डाल दिया. मेरी गांड के छेद को उसने पहले से चूस कर ढीली और चिकनी कर दी थी.