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नौकरी के लिये चूत की कुर्बानी-3

Naukri ke liye choot ki kurbani-3

में थोड़ा सा साईड में हो गई थी, लेकिन फिर से वो बात करते करते मुझसे दोबारा चिपक गये थे और बातों ही बातों में बॉस ने अपना एक हाथ मेरी जांघ पर छूकर उठा दिया, लेकिन मैंने उनकी इस बात का कोई विरोध नहीं किया. यह देखकर उन्होंने मुझसे बातें की और दोबारा मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया और थोड़ी देर के बाद वो धीरे धीरे सहलाने लगे वो अब मुझसे बातें भी कर रहे थे. दोस्तों में अब बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी थी कि बॉस की मुझमे रूचि है, लेकिन मैंने भी उन्हें कोई खास भाव नहीं दिया, बस में उनकी बातें सुन सुनकर थोड़ी सी स्माइल देती रही.

दोस्तों प्रकाश के बॉस एक बहुत अमीर इन्सान थे और उनके हाथ में प्रकाश की नौकरी और अब मेरी नौकरी भी थी, इसलिए मेंने उनकी इन हरकतों को अनदेखा कर दिया. मैंने भी सोचा के बॉस को खुश रखेंगे तो हमारे परिवार को भी सहारा मिल जाएगा, लेकिन उनकी वो हरकते अब बढ़ चुकी थी. उन्होंने एक हाथ अब मेरे कंधे पर रख दिया था.

मैंने उनकी आखों में देखा और उनको स्माइल दे दी और फिर क्या था? उन्हे तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था वो फिर कार में ही मुझे सहलाने लगे और आगे की सीट पर बैठा हुआ ड्राइवर कांच में से वो सब कुछ देख रहा था, लेकिन मुझे कुछ खास फरक नहीं पड़ा, क्योंकि मेरे हाथों में अब एक मजबूत पैसे वाले इन्सान का हाथ था. कुछ ही देर में हम अपनी मंजिल तक पहुँच गये और फिर जैसे ही में कार से नीचे उतरी मुझे याद आया कि इससे पहले भी में इस जगह पर आई हुई हूँ. फिर हम दोनों लिफ्ट से ऊपर गये और सबसे ऊपर वाली मंजिल पर पहुंचे, वहीं पर एक साइड में वो ऑफिस था जहाँ पर हमें जाना था.

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फिर जैसे ही हम अंदर गये तो में अंदर जाते ही वो सब देखकर एकदम से बिल्कुल हैरान हो गई, क्योंकि वहाँ पर कुर्सी पर मिस्टर मेहता बैठे हुए थे और हमारे अंदर आते ही उन्होंने ज़ोर से हंसकर बॉस से अपना हाथ आगे करके हाथ मिलाया और जब उन्होंने मेरी तरफ देखा तो वो मुझे स्माइल देकर कहने लगे कि आप प्लीज़ बैठिए, उन्होंने मुझसे ऐसा कहा और दोस्तों वो मुझे देखकर शायद बहुत आश्चर्यचकित थे और उनके साथ साथ में भी.

बॉस : मेहता यह है अरुणा मैंने तुम्हे इसी के लिए कहा था.

मिस्टर मेहता : जी में इन्हे पहले से ही जानता हूँ क्योंकि यह दो दिन पहले ही अपना इंटरव्यू देने यहीं पर आई थी और किस्मत की बात देखो मैंने ही मना किया और वो भी इन्हें और फिर दोनों हंसने लगे हहाहहहह

बॉस : ठीक है बहुत अच्छा है कि आप लोग एक दूसरे को पहले से ही जानते हो.

दोस्तों मुझे बहुत टेंशन होने लगी थी और में मन ही मन सोचने लगी थी कि में अब यह नौकरी करूं या नहीं? तभी बॉस को किसी का कॉल आ गया और वो तुरंत कुछ देर के लिए उठकर केबिन से बाहर चले गये. में और अब मिस्टर मेहता ही केबिन में थे.

मिस्टर मेहता : अरुणा तुम मुझे माफ़ करना, मैंने कल तुम्हे फोन पर कुछ ज्यादा ही बोल दिया था. मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था, सही बात तो यह है कि तुम इतनी सुंदर हो कि मेरी मर्ज़ी ना होते हुए भी फोन पर ऐसे ही मेरे मुहं से वो सब निकल गया, प्लीज मुझे माफ़ कर दो.

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दोस्तों उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर मुझे थोड़ा ठीक लगा और इसलिए मैंने भी अपना उन्हें जवाब दे दिया. मैंने उनसे कहा कि ठीक है सर ऐसी कोई बात नहीं है और अब मुझे आपके साथ काम करने में बहुत खुशी होगी, में मन लगाकर अपना काम करूंगी.

मिस्टर मेहता : ठीक हे तो कल से तुम अपनी नौकरी पर आ जाओ, मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और एक बार फिर से में तुमसे मुझे माफ़ करने के लिए कहूँगा प्लीज.

में : हाँ ठीक है, सर में आपके सभी काम बहुत मेहनत से करूंगी, मेरी तरफ से आपको कोई भी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. आप बस एक बार मेरा काम देख लीजिए.

फिर इतने में बॉस ने मिस्टर मेहता को आवाज़ दी और वो चले गये. में उसी जगह पर ही बैठी थी और वो बाहर खड़े हुए थे. मुझे उनकी कुछ कुछ आवाज़ें मुझे अंदर भी सुनाई दे रही थी. वैसे मुझे मेरे पति उनके बॉस और मिस्टर मेहता के बीच क्या सब कुछ बातें हुई थी, वो सब बिल्कुल भी पता नहीं थी.

बॉस : मेहता यह औरत मेरी कम्पनी में काम करने वाले एक नौकर की पत्नी है, मैंने इसको कार में ही पटा लिया है, तुम थोड़ा इसका ध्यान रखना.

मिस्टर मेहता : ठीक है, बहुत अच्छा है यार, चलो हम दोनों मिलकर खाते है हहहहह.

बॉस : हाँ क्यों नहीं तुम भी जरुर खाना, लेकिन पहले में.

मिस्टर मेहता : ठीक है और तुम सुनाओ काम कैसा चल रहा है?

बॉस : सब ठीक चल रहा है, लेकिन मुझे एक केबिन तो दो.

मिस्टर मेहता : हाँ हाँ क्यों नहीं आप मेरा केबिन ही काम में ले लो में अभी बाहर ही जा रहा हूँ, ठीक है बाय.

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फिर मिस्टर मेहता उनसे इतना कहकर चले गये और मेरे पति प्रकाश के बॉस अंदर आए. उन्होंने केबिन को अंदर से बंद कर दिया में तुरंत खड़ी हो गयी वो सीधे आकर मेरे गले लग गये और मेरी गर्दन को किस करने लगे. उनके हाथ मेरी गांड को मेरी साड़ी के ऊपर से सहलाने लगे.

में : प्लीज़ सर, यह सब अभी नहीं, किसी और दिन.

बॉस : आओ ना अरुणा तुम्हे जीवन में आगे जाना है तो यह सब जल्दी होना ज़रूरी है, में तुम्हारे पति को भी अच्छी कुर्सी दे दूँगा उसके पैसे भी बढ़ जाएगे.

दोस्तों में अपने पति के आगे बढ़ने की बात सुनकर मेरा इनकार अब अचानक से इकरार में बदल गया. वो मुझे केबिन से जुड़े हुए बाथरूम में ले गये तभी उन्हे एक फोन आ गया वो कोई जरूरी कॉल था और उसकी वजह से उन्हे अचानक से कहीं बाहर जाना था.

अब फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो बस 30 मिनट में आ ही रहे है, वो कुछ जरूरी काम में लगे हुए है और फिर उनकी यह बात सुनकर मुझे अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश होकर सोचने लगी कि चलो आज तो में बच गई, लेकिन दोस्तों मेरा यह सब सोचना, खुश होना बिल्कुल ग़लत था. अब बाथरूम में वो मेरे पीछे आकर खड़े हो गये और उन्होंने तुरंत मेरे सर पर अपना एक हाथ रखकर मुझे नीचे झुका दिया.