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नौकरी के लिये चूत की कुर्बानी-4

Naukri ke liye choot ki kurbani-4

में उनके सामने थोड़ा सा झुक गई और अब वो अपनी पेंट को खोलने लगे तो में तुरंत समझ गई कि जल्दी में ही सही, लेकिन अब यह एक बार जरुर मेरी चुदाई करने ही वाले है और मेरे झुकते ही उन्होंने तुरंत मेरी साड़ी को पूरा ऊपर उठा दिया, जिसकी वजह से उन्हें मेरी पेंटी नजर आने लगी और फिर उन्होंने बिना देर किए तुरंत मेरी पेंटी को भी एक झटके से खींचकर नीचे कर दिया, जिसकी वजह से मेरी पेंटी नीचे सरक गई और मेरी सुंदर गोरी मध्यम आकार की गांड अब पूरी तरह से नंगी होकर उनके सामने थी.

अब उन्हें पीछे से मेरी गुलाबी चूत का नज़ारा भी दिख रहा था. उन्होंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और उस पर थोड़ा सा थूक लगाकर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया.

दोस्तों उनका धक्का इतना जोरदार था कि उसकी वजह से उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ, क्योंकि एक तो में खड़ी हुई थी और जिसकी वजह से मेरी चूत का छेद कम खुला हुआ था और ऊपर से उनके मोटे लंड ने मेरी चूत को बहुत जबरदस्त धक्का दिया. मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरी कोमल मासूम चूत में जानबूझ कर कोई मोटा डंडा डाल दिया हो.

उस दर्द से मेरे मुहं से चीख निकल गई और कुछ देर धक्के लगने के बाद में थोड़ा सा शांत हो गई और उनके साथ उनके धक्कों का मज़ा लेने लगी. दोस्तों वो लगातार मेरी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहे थे और में चीखना चाहती थी, लेकिन चीख ना सकी और वो बहुत जल्दी में थे और 5 से 7 मिनट के जबरदस्त धक्कों के बाद उन्होंने अपना लंड झट से बाहर निकाला लिया और फिर उन्होंने हाथ से अपना लंड हिलाकर ही बाहर अपना वीर्य निकाल दिया और फिर वो बाथरूम से बाहर चले गये.

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फिर उनके चले जाने के बाद मैंने अपने आपको साफ किया और फिर पेंटी पहनकर बाहर केबिन में आ गई तब तक मिस्टर मेहता भी आ गये थे, तो उन्होंने बॉस से कहा कि में अरुणा को इसके घर तक छोड़ देता हूँ, आप चाहे तो चले जाए और फिर बॉस उनके ज़रूरी काम से बाहर चले गये. अब में और मिस्टर मेहता उनकी कार में घर के लिए निकल गये, वो मुझे स्माइल दे रहे थे और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में उनसे कैसे बात करूँ?

मिस्टर मेहता : अरुणा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो यह सब होता रहता है और मुंबई जैसे शहर में यह सब बातें होती रहती है, मैंने तुमसे पहले भी कहा था कि एक औरत के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए यही अच्छा है कि वो साथ दे और जो आज तुमने किया है, तुम्हारा यह निर्णय एकदम सही है कि तुम अब और भी ज्यादा अनुभवी और एक नौकरी वाली हो गई हो.

दोस्तों मुझे मिस्टर मेहता के सहज बात करने के तरीके ने उनकी तरफ बहुत आकर्षित किया और में वैसे अपने मन की सही बात बताऊँ तो में मन ही मन आज बहुत खुश थी अपने नए अनुभव और मेरी नई नौकरी के लिए भी.

में : आपको बहुत बहुत धन्यवाद मिस्टर मेहता जी, क्योंकि आप हमेशा बहुत सुलझी हुई बात करते है. मैंने ही आपको बहुत गलत समझ लिया था, उसके लिए आप मुझे एक बार माफ़ जरुर करना.

मिस्टर मेहता : हाँ यह सब ठीक है और अरुणा वैसे मुझे भी तुम बहुत पसंद हो, लेकिन जब तक तुम हाँ नहीं करोगी में तुम्हे हाथ भी नहीं लगाऊंगा, तुम बिल्कुल बेफिक्र होकर अपनी नौकरी कर सकती हो और तुम्हे मुझसे डरने की ज़रूरत नहीं है. जब तुम्हारा दिल करे प्रमोशन लेने का तब तुम मुझसे कह देना, में तुम्हे प्रमोशन दे दूँगा हाहहहहहा.

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में : हाहहह वैसे आप बहुत अच्छा मजाक करते हो.

अब मैंने भी उन्हें स्माइल दे दी और फिर मेरा घर आ गया था. मैंने उन्हें अपने घर में आने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मुझसे यह बात कहकर टाल दिया कि में अगली बार जब भी तुम मुझे बुलाओगी में जरुर आ जाऊंगा और फिर वो चले गए और मैंने घर के अंदर आकर बहुत खुश होकर अपने पति को अपनी नौकरी पक्की होने की बात बता दी. फिर प्रकाश ने मुझसे कहा कि में तो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि तुम्हे यह नौकरी तो मिलनी ही थी.

मैंने जो मेरे बॉस को तुम्हारी सिफारिश करने को कहा था, तो मैंने मन ही मन में सोचा कि यह नौकरी तो मुझे मेरे 10 मिनट के उस काम की वजह से मिली है और मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी और मेरी शादी के पहले भी दो बॉयफ्रेंड थे, तो मुझे अपने पति को यह सभी बातें ना बताने में कभी भी ऐसा कुछ महसूस ही नहीं हुआ.

अगले दिन से मैंने अपनी नौकरी शुरू की और मुझे बहुत अच्छा काम दिया गया अकाउंट्स का. मेरी मिस्टर विनय के कामों में उनकी मदद करने की नौकरी थी, जिसकी वजह से अकाउंटिंग की बहुत सारी जानकारी में मेरी ट्रैनिंग भी हो गई थी, वो नौकरी मैंने करीब एक साल तक की होगी, लेकिन फिर मैंने अपनी मर्जी से उस नौकरी को छोड़ दिया था और अब में कहीं और किसी फर्म में नौकरी करने लगी थी, लेकिन एक साल में कई बार मैंने और मिस्टर मेहता ने होटल्स में अपना दिन बिताया और हमने ऑफिस में भी बहुत मज़े किए.

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फिर मेरे पति ने भी कुछ दिनों के बाद अपनी मर्जी से नौकरी को छोड़कर हमारा खुद का किराना शॉप खोल लिया था, लेकिन दोस्तों उसके बाद भी मेरे पति के बॉस से मेरा वो रिश्ता बहुत दिनों तक रहा और जब भी उनका दिल करता वो मुझे कॉल करते और में तुरंत उनके पास चली जाती थी. फिर मेरे पति के नौकरी छोड़ने के बाद उनके बॉस से मेरा रिश्ता भी खत्म हो गया.

मिस्टर मेहता के पास भी मैंने पूरे एक साल ही नौकरी की थी और फिर काम का अच्छा अनुभव मिलने पर दूसरी एक ट्रेडिंग फर्म में मुझे अच्छी पोस्ट पर ऑफर मिल गया और मैंने वहाँ पर नौकरी की. वहाँ का बॉस 50 की उम्र का था और वो मुझे अपनी बेटी की तरह ही रखता था. वहाँ पर मेरा कोई अफेयर नहीं हुआ, लेकिन पिछले सप्ताह मैंने उस नौकरी को भी छोड़ दिया है.