Family Sex Storiesमाँ की चुदाई

विधवा मम्मी की कामुक नजर

Vidhwa mummy ki kamuk nazar

हैल्लो दोस्तों, में लाई हूँ एक मोटे लंड और चूत के रस से सराबोर कहानी जिसमें एक मम्मी अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए अपने लड़के को कैसे चुदाई का पाठ पढ़ाती है? में उसके बारे में बता रही हूँ और हाँ तो दोस्तों यह कहानी है एक 37 साल की विधवा औरत की जिनके पति अभी दो साल पहले भगवान को प्यारे हो गये और आप लोग तो जानते ही है कि इस उम्र में विधवा होना शरीर के लिए कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है और अगर औरत सुंदर हो तो और भी परेशानी ज्यादा होती है.

पति के मर जाने के बाद रीमा (आंटी) के जवान जिस्म पर हर किसी ने नज़र रखना शुरू कर दिया था और बाहर के लोगों के साथ साथ अब उसके जेठजी भी अब खुद अपनी गंदी नजर उस पर रखने लगे थे जिसको रीमा बहुत अच्छी तरह से समझ चुकी थी, क्योंकि उसके पति के पास बहुत पैसा था और वो सब रीमा के ही नाम कर गये थे इसलिए रीमा ने अपनी आबरू इज्जत चूत को बचाने की खातिर वो अपने लड़के के साथ अलग रहने लगी और धीरे धीरे उन्होंने अपने पति का कारोबार भी संभाल लिया था. वैसे तो उनके ऑफिस में भी सभी लोग उसके जवान जिस्म को घूरा करते थे, लेकिन हर किसी की उसके ऊपर नजर थी और इस तरह से करीब 7-8 महीने गुजर गये थे.

दोस्तों अब रीमा को अक्सर रात को अपनी जवानी की प्यास तड़पाने लगती थी और उसका शरीर सम्भोग करने के लिए बहुत तरस रहा था. वैसे भी हर जिस्म की कुछ अपनी ज़रूरतें होती है और अब उसको रह रहकर अपने जेठजी की वो गंदी करतूते याद आती थी और वो अब मन ही मन सोचती थी कि वो बेकार ही यहाँ पर आ गयी अगर वो अपने उसी घर में रहती तो जेठजी कम से कम मेरे बूब्स को सहलाकर ही मज़ा दे देते और यही सब बातें सोच सोचकर वो अब अपने ही हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी थी, लेकिन दोस्तों अब अक्सर उसकी राते ऐसे ही करवटे बदलते हुए बीत जाती थी और रीमा का लड़का जो अभी पूरी तरह से जवान भी नहीं हो पाया था, लेकिन वो क्या है कि आज कल का माहोल ही कुछ ऐसा है कि छोटे छोटे बच्चे भी चूत और लंड के बारे में सब कुछ जानते है उसके साथ क्या किया जाता है सब कुछ समझते है और वैसे ही उसके मन में भी किसी जवान लड़की को देखकर उसको चोदने का ख्याल आता था और वो भी अक्सर अपने रूम में ब्लूफिल्म की सीडी लगाकर मुठ मारा करता था.

फिर ऐसे ही एक दिन रात को रीमा अपनी चूत को अपने हाथ से सहलाने के बाद उंगली करके जब पेशाब करने को बाथरूम में जाने को उठकर अपने रूम से निकली तो उसको अपने पास वाले अपने बेटे के रूम से सिसकियों की आवाज़े आ रही थी, वो पहले तो कुछ देर बाहर खड़ी होकर दरवाज़े पर कान लगाकर सुनती रही और फिर कुछ देर बाद अंदर से सिसकने की वो आवाज़ अब और भी तेज़ होती गई.

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फिर रीमा ने रोशनदान से चड़कर देखा तो वो अंदर का वो नजारा देखकर बिल्कुल दंग रह गई थी, क्योंकि अंदर उनका बेटा जिसका नाम राजू था वो अपने बेड पर पूरी तरह से नंगा होकर लेटा हुआ था और उसके सामने टीवी पर बहुत ही गंदी सेक्सी फिल्म चल रही थी, जिसको देख देखकर वो अपने लंड को हाथ से सहलाता हुआ अपने मुहं से सिसकियाँ निकाल रहा था. दोस्तों अंदर का वो नज़ारा देखकर रीमा की चूत जो कि पहले से ही गरम थी.

अब वो और भी ज़्यादा तड़पने लगी थी और उसका दिमाग़ बिल्कुल भनभना गया, वो झट से उस रोशनदान से नीचे उतारकर बाथरूम में जाकर पहले अपनी प्यासी चूत से छेड़ छाड़कर मूतने लगी और उसके बाद रीमा तुरंत वहां से बाहर निकलकर अपने कमरे में आकर बेड पर जाकर लेट गई और अब वो अपने बेटे और उसके लंड के बारे में सोचने लगी.

दोस्तों उसके बाद तो फिर यह उसका हर रोज़ का काम हो गया था इसलिए रीमा हर रोज़ अपने बेटे को ब्लूफिल्म देखते हुए उस रोशनदान से झांककर देखती और कुछ ही देर में उसका लड़का मुठ मारकर कर सो जाता, तब वो भी अपने रूम में जाकर अपनी चूत में उंगली डालकर कुछ देर अंदर बाहर करने के बाद अपनी चूत को ठंडी करके सो जाती. उसको यह सब काम करने में अब बहुत मज़ा आने लगा था और करीब बीस दिन तक ऐसा ही चलता रहा.

रीमा ने आख़िर बहुत सोच विचार करने के बाद अपने लड़के के साथ अपनी चुदाई करने का मन बना लिया था, क्योंकि उसने अब हर एक रिश्ते को ताक पर रख दिया और अब वो अपने बेटे से अपनी चूत को शांत करवाने की हर एक तरकीब सोचने लगी थी और उसको कैसे भी करके अपने बेटे के लंड को अपनी चूत के अंदर डलवाना था.

दोस्तों अब उसने इसलिए जानबूझ कर घर में सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट पहनना शुरू कर दिया था और अपने ब्लाउज के वो ऊपर के दो बटन खुद अपनी गोरी नंगी छाती अपने बूब्स की झलक दिखाने के लिए खोलकर रखती थी. अब वो अक्सर अपने बेटे को खाना देते वक़्त अपनी साड़ी का पल्लू भी जानबूझ कर नीचे गिरा देती थी जिसकी वजह से राजू का ध्यान उसकी मम्मी के नंगे गोरे आकर्षक बूब्स की तरफ चला जाता था.

फिर यह सब देखकर रीमा मन ही मन बहुत खुश होती थी, उसने अपने बेटे को अपने उस कातिल गोरे जिस्म को दिखाने उसके दर्शन करवाने में अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी. अब वो हमेशा अपने घर के कामों के साथ साथ उस काम को भी किया करती कभी नहीं भूलती. फिर एक दिन कॉलेज की छुट्टी थी और राजू घर पर ही था और उस समय रीमा नहाने के लिए बाथरूम में गयी हुई थी और वो टावल को जानबूझ कर अपने रूम में ही छोड़ आई थी और नहाने के बाद उसने राजू को आवाज़ दी. बेटा जरा तुम मुझे वो टावल पकड़ा देना और में उसको वहीं पर भूल आई हूँ, राजू टावल लेकर आया तो उस समय बाथरूम का दरवाजा हल्का सा भिड़ा हुआ था और रीमा ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर उसने टावल को पकड़ लिया और फिर उसने बाहर राजू की तरफ देखा तो वो अब अंदर झांकने को बड़ा बेकरार दिख रहा था.

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फिर रीमा उसकी वो बेकरारी देखकर बहुत खुश हो गई, लेकिन तभी उसने झट से दरवाज़ा बंद कर लिया और वो अपना गोरा बदन साफ करने लगी और राजू वहीं पर अपनी मम्मी के रूम में जाकर बैठ गया. फिर कुछ देर बाद रीमा वो टावल अपने गोरे बदन पर लपेटकर बाथरूम से बाहर आ गई और फिर अपने रूम में आने के बाद वो राजू से बोली कि अरे बेटा तू यहाँ बैठा है.

दोस्तों अपनी मम्मी को राजू ने पहली बार टावल में देखा था और वो टावल भी इतना छोटा था कि उसकी वजह से उसके बूब्स भी पूरी तरह से नहीं ढक पा रहे थे और उसके घुटनों से ऊपर का हिस्सा भी अब उसको साफ नज़र आ रहा था. अब रीमा भी अपने बेटे को इस तरह से अपनी तरफ घूरकर देखते हुए अंदर ही अंदर बहुत खुश थी, लेकिन आज उसने कुछ और ही सोच रखा था और राजू अब उठकर अपने रूम में जाने को हुआ तो रीमा उससे बोली कि बेटा अब तू यहाँ पर है तो तू ज़रा सा तेल मेरी पीठ पर लगा दे आज कल बहुत तकलीफ़ रहती है.

अब राजू यह बात सुनकर थोड़ा सा घबराने लगा तो रीमा कि बोली बेटा तू घबरा क्यों रहा है? ले में पीठ के बल लेट जाती हूँ और तू अपना मुहं उधर घूमा ले, क्योंकि टावल बहुत छोटा है और में बेड पर ऐसे ही लेट जाती हूँ सिर्फ़ पीठ के थोड़े से हिस्से को ही यह टावल ढक पाएगा और जहाँ तक मेरा शरीर खुला हुआ है तू वहाँ तक तेल लगा देना और फिर रीमा उससे इतना कहकर अब पीठ के बल लेट गयी और वो मन ही मन बहुत खुश थी.

फिर राजू अपने दोनों हाथों में तेल लगाकर अपनी मम्मी की गरम पीठ के खुले हुए हिस्से में मालिश करने लगा और कुछ देर पीठ में मालिश करवाने के बाद रीमा उससे बोली कि बेटा अब ज़रा सा नीचे मेरी जांघों की तरफ भी बढ़ जा और हाँ इस टावल पर भी पूरा ध्यान देना कहीं वो हटने ना पाए नहीं तो में पीछे से भी पूरी नंगी हो जाउंगी, क्योंकि में आगे से तो पहले से ही हूँ.

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दोस्तों यह बात रीमा ने अपने बेटे से बहुत अलग तरह से कही थी, अब राजू अपने हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसके जाघों की भी मालिश करने लगा और कुछ देर बाद मालिश करने के बाद रीमा उससे बोली कि बेटा तू ऐसा कर कि इस टावल को अब थोड़ा सा समेट दे और कुछ इस तरह से कि सिर्फ़ मेरे कूल्हें ही इससे ढके रह जाए और तू बाकी के पूरे हिस्से पर अच्छी तरह से मालिश कर दे.

फिर राजू अपनी माँ की यह बातें सुनकर बिल्कुल सन्न रह गया और वो बहुत चकित था. तब रीमा उससे कहने लगी कि बेटा इसमे तू इतना क्यों शरमा रहा है? मैंने भी तो तेरी बहुत बार मालिश की है और फिर तू तो मेरा राजा बेटा है ना, क्या अपनी माँ को तकलीफ़ में तू देख सकेगा?

अब राजू ने मम्मी के टावल को हटाकर सिर्फ़ उनके कूल्हों पर रख दिया और फिर उनके पूरे पीछे के हिस्से की मालिश वो करने लगा था जिसको करने में उसको बहुत मज़ा आ रहा था और इतनी देर में वो भी अब तक गरम हो चुका था और अब उसको भी अपनी मम्मी के बदन की मालिश करने में बहुत जोश आ रहा था. उसके लंड ने अपना आकार बदल लिया था, लेकिन अपने उस रिश्ते की वजह से वो ज़्यादा कुछ नहीं कर पा रहा था और वो अपनी मम्मी के इरादो से पूरी तरह अंजान था.

उसके बाद जब वो पूरी तरह से गरम हो गया और रीमा ने देखा कि अब राजू की हालत ज्यादा खराब है तब वो उससे बोली कि बेटा अब बस बहुत हो गया अब तुम बाहर जाओ. दोस्तों वो पहले से ही बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि इस बात से राजू का मूड खराब हो जाएगा, लेकिन वो पूरी तरह से लोहा गरम देखकर ही उस पर अपना हथोड़ा मारना चाहती थी.

अब राजू अपने रूम में चला गया और रीमा ने भी अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद जब जब रीमा से राजू की नज़रे मिली तो वो उनके बूब्स की तरफ ही घूरता ही रहा और अब रीमा अपने लड़के के लंड की तरफ देखा करती थी.