हिंदी सेक्स स्टोरी

निशा की चुदाई गैर मर्द से

Nisha ki chudai gari mard se

आपको मेरी कहानी थोड़ी अजीब लगेगी। मेरे पति अक्सर बाहर रहते हैं। मैं 27 साल की हूं और 19 साल से ही मुझे सेक्स की बहुत इच्छा होती थी। शादी के बाद वो पूरी तो हो गई पर अभी भी कुछ खाली लगता है। कई बार सोचा कि किसी और से दोस्ती कर लूं पर डर लगता था कोई गलत आदमी नहीं मिल जाए। मेरे एक दूर के रिश्ते के भाई हैं प्रमोद वो बहुत ही बदमाश हैं और शुरू से ही वो मुझे बहुत गंदी नज़र से देखते थे मैं भी उन्हें बहुत पसंद करती हूं क्योंकि वो हैं भी थोड़े स्मार्ट।

एक दिन वो हमारे घर आए, मम्मी किचन में थीं, मैं नहा कर अपने कमरे में कपड़े बदल रही थी तभी वो अचानक मेरे कमरे में आ गए। मैं पैंटी पहन रही थी, उन्हें देखते ही मैं चौंक गई पर वो मुस्कुराने लगे और पास आकर कहने लगे “अगर तू कहे तो मैं पहना दूं” मैं पहले तो शर्माई, फिर कहा “आप बाहर जाओ और मेरी पैंटी अभी ऊपर नहीं गई थी” मेरे इस जवाब से जैसे उनको शै मिल गई और वो बोले “ला पहना देता हूँ, नहीं तो बोलेगी के इतना सा काम भी नहीं कर सकते” मैंने भी उन्हें परमिशन दे दी। उन्होंने पैंटी पहनाई, पर उनका हाथ मेरी गांड़ पर छूटे ही मैं तो गरम सी होने लगी, मुझे गरम होता देख वो बोले “क्या हुआ तेरी तो चूत ही हिल गई” मैंने कहा ये चूत क्या होती है, वो हंसने लगे और मेरी पैंटी ऊपर करके रूम से बाहर चले गए जाते जाते मेरी पुस्सी पर हाथ लगा कर बोले “ये होती है चूत” उनके जाने के बाद मैंने रूम बंद किया और अपनी चूत को सहलाने लगी, पर मुझसे रहा नहीं जा रहा था, जैसे तैसे मैंने कपड़े पहने और खाना खाया, फिर सोने लगी तो भैया का वो चूत वर्ड याद आने लगा, सोचा क्यों ना पति के अलावा एक और से किया जाए। मम्मी और पापा बाहर गए थे।

मैंने भी आज सोच ही लिया कि प्रमोद भैया से जी भर के च**** करवाऊंगी, मैंने उनको फोन किया और गाउन पहन कर टीवी देखने लगी, वो आए और बोले “क्या बात है, क्यों बुलाया” मैंने कहा “आपने सुबह ठीक नहीं किया तो वो बोले क्या गलत किया, तेरी चूत को कवर से ही तो ढका था” और पास में बैठ गए, मैं तो उनकी आवाज़ से ही गरम होने लगी, मैंने कहा “भैया अगर दोबारा ऐसा किया तो ठीक नहीं होगा” ये सुनते ही तो उन्होंने मेरे बूब्स दबा दिए और बोले “तू क्या करेगी” मैंने कहा “ठीक है कर लो” ये कहते ही उनका हाथ मेरे ऊपर आया और मेरे बूब्स को मसाल दिया, मैं चिलाई “इहहहहह धीरे भैया, ये रुबर के नहीं हैं” वो भी गरम से ही लग रहे थे।

अचानक गाली दे और बोले “के मादरचोद, मुझे सब पता है, चूत की प्यास बुझाने के लिए बुलाया है और नाटक कर रही है” और मुझे पलटा गाउन ऊपर करके मेरी गांड़ को हाथ से मारते हुए बोले “आज तेरी च****आदों की मरम्मत करनी ही पड़ेगी” मैं तो शर्म भूल कर उनके साथ देने लगी, तो बोले “क्या बात है तेरे आदमी से तुझे कभी ठीक से नहीं चोदा क्या” मैंने कहा “उसने तो चोद लिया, तू भी चोद देना” मुझ पर भी चुदाई का भूत सवार हो गया और मैं भी भैया की तरह बोलने लगी, वो बोले “लगता है आज तू ठीक तरह से चुदेगी” और मुझे खड़ा करके मेरी ओर देखकर बोले “कहे तो ये चूत का कवर हटा दो, बहन की लोड़ी, मैं तो हर बात से ही गरम थी मैंने कहा “जल्दी कर साले, ऐसे ही टपकाएगा क्या मेरी चूत को” और अपना पेनिस निकाल ” वो बोले “पेनिस नहीं, जवान लंड बोल कुतिया” और देखो उनका लंड कुतुब मीनार की तरह मेरे सामने था मैंने कहा “पहले क्या करें” वो बोले “तू रुख तो सही, तेरी आप च**** और गांड थुकाई भी होगी” और मुझे वो गंदे गंदे शब्द बोलने लगे मैं भी उस हवस में पागल होकर उनके साथ देने लगी और अपना गाउन उतार कर बोली “ले आ साले कर च****” हम दोनों नंगे हो गए और अब वो मेरी चूत को चाटते हुए बोले “मार तेरी चूत को मेरे मुँह पर” मैं भी पागलों की तरह करने लगी “उआआआआआआह धीरे भ

Hindi Sex Story :  सेक्स का फ़ायदा, सेक्स लाभ, क्या हमे सेक्स करना चाहिए

मुझ पर भी चुदाई का भूत सवार हो गया और मैं भी भैया कितारह बोलने लगी। वो बोले, “लगता है आज तू ठीक तरह से चुदेगी।” और मुझे खड़ा करके मेरी ओर देख कर बोले, “कहे तो ये ये चूत का कवर हटा दो, बहन की लौड़ी।” मैं तो हर बात से ही गरम थी। मैंने कहा, “जल्दी कर, साले, ऐसे ही टपकाएगा क्या मेरी चूत को?” और अपना लिंग निकाल ” वो बोले “लंड नहीं, जवान लंड बोल कुतिया” और उनका लंड कुतुब मीनार की तरह मेरे सामने था। मैंने कहा, “पहले क्या करे?” वो बोले, “तू रुक, तो सही, तेरी आप चुदाई और गांड थुकाई भी होगी।” और मुझे वो गंदे गंदे शब्द बोलने लगे। मैं भी उस हवस में पागल होकर उनका साथ देने लगी और अपना गाउन उतारकर बोली, “ले आ साले, कर चुदाई।” हम दोनों नगे हो गए और अब वो मेरी चूत को चाटते हुए बोले, “मार, तेरी चूत को मेरे मुंह पर।” मैं भी पागलों की तरह करने लगी, “आह ले साले, ले मेरी प्यासी चूत।” और वो अपनी गरम जीभ से मेरी चूत का स्वाद लेने लगे। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था।

वो हाथ उठाकर मेरे सामने खड़े होकर बोले, “ये लंड चूस कुतिया, चूस।” मैं भी उनको चूसने लगी और जोर से चूसने लगी। मैंने कहा, “तू भी तो कुछ कर, मादरचोद।” उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे मुंह पर लंड रखकर मेरी गांड में उंगली करने लगे। मैंने कहा, “ये क्या कर रहा है?” वो बोले, “तेरी गांड की महक लूँगा ना ले लूंगा क्या?” मैंने कहा, “ले लो।” और इसकरते करते वो रुक गए और कहा, “चल अब चोदी कर, तेरी बोसड़ी को इसमें अब मेरे लुल्ला घुसेगा।” और मैं जैसे ही टांगे फैलाई, वो मुझे चोदने के लिए लंड घुसाने लगा। मैं चिल्ला गई, “आआआआआआहहहह उउउउउहह कर और कह आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ धीरे धीरे वह मुझे मारते हुए मेरी चूत को फाड़ने लगा। मैं भी उछक उछक कर हिल-हिल कर चुदाते हुए टपक गई और थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “मज़ा आ गया।” वह बोला, “अब जब भी तेरी चूत को मरवाना हो तो बुला लेना।”

आपको मेरी पहली कहानी कैसी लगी? तो आगे की बात हाँ, तो अब मैं प्रमोद भैया से हमेशा चुदाने लगी ही। एक बार भैया घर पराए पर मैं नहीं मिली तो वह मेरा इंतज़ार करने लगे। मम्मी और बागलवाली आंटी को मार्केट जाना था तो वह प्रमोद भैया को घर पर छोड़कर मार्केट चले गए और मेरी कजिन सिस्टर को भी घर पर छोड़ गए। अक्सर मैं और नीता दीदी सेक्स की बातें करते थे पर मैंने अपने और प्रमोद भैया के बारे में उनको कभी नहीं बताया था।

प्रमोद भैया मेरा इंतज़ार कर रहे थे और थोड़ी देर के बाद मैं घर आ गई। तो मुझसे बोले कि ये केला तेरी नागरानी को चोदने के लिए तड़प रहा है। मुझे भी तो अपने आदमी का लंड खाने के लिए तड़प रही थी। चार दिनों गए थे मेरी बर भी तो रस चोदने को तड़प रही थी पर क्या करती, नीता दीदी घर पर थी लेकिन मन तो ऐसा कर रहा था कि घुसते ही भैया का लंड का सुपाड़ा चाट लूं। मैंने भैया को अकेले में बुलाया और पूछा कैसे करें ये भी तो घर पर हैं। वो बोले कि इसकर तू इसको कमरे में ले जा और गरम कर शायद ये भी तैयार हो जाए। मुझे कुछ अजीब लगा मैंने कहा कैसी। वो बोले कि तू ये ब्लू फ़िल्म ले जा और इसके साथ देख मैं कहीं घूम कर आता हूँ और मेरे बोबे पर थप्पड़ मार कर चले गए। उनके इस थप्पड़ से तो मेरे चूताड़ ही हिल गए अब तो मैं बिना चुदाई नहीं रह सकती थी। मैंने दीदी से कहा आप ब्लू फ़िल्म देखोगी। वो बोली क्या? मैंने कहा हाँ आज तो बहुत मज़ा आएगा। वो बोली तो बेकार है चल टीवी ही देख ले। मैंने कहा नहीं आगे मज़ा आएगा अब रुको तो सही और मैं कपड़े

Hindi Sex Story :  Ek Ghar - Hindi Sex sotry-1

चेंज करने लगी और दीदी से पूछा के जीजाजी कैसे चोदते हैं। वो तो ये शब्द सुनते ही चौंक गई और बोली ये क्या बोल रही है। मैंने कहा क्या हुआ आपका, जैसे मैं कोई गेर हूँ। वो बोली चल जैसे तेरे हस्बैंड तुझे चोदते हैं वैसे ही। और वो मूवी देखने लगी। मैंने अभी ब्रा और सलवार में थी मैंने जैसे ही सलवार खोली वो कहने लगी तुझे शर्म नहीं आ रही क्या? मेरे सामने ही कपड़े खोल रही है। मैंने कहा क्या हुआ आपका, वो अपना हाथ मुझे मारने को उठाया और मैं पलट गई तो सीधे वो हाथ मेरे कूल्हों पर गया। मैं तो पहले ही भैया के थप्पड़ से पागल हो रही थी, उस हाथ ने तो मुझे और गरम कर दिया। मेरी सलवार खुलते ही मेरी चड्डी दिखने लगी और चड्डी की साइड से काली कलीज भी बाहर आ गई तो दीदी बोली कि तू शेव नहीं करती क्या। मैंने कहा जब मैं चुदती हो तो ये बाल मेरे हस्बैंड की झंटों से लज्जा कर और मज़ा देते हैं। वो बोली तेरे जिजू को तो बाल बिल्कुल पसंद नहीं। मैंने भी मज़ाक में कह दिया जब जीजू मुझे चोदें तो मैं भी साफ कर लूंगी और कूद कर बिस्तर पर चली गई। दीदी बोली तू बहुत बेशर्म हो गई है। मैंने एक हाथ से उनका बोबा पकड़ लिया तो वो बोली ये क्या हो रहा है नंगी पड़ी है और गलत-गलत काम कर रही है इतना कहते ही तो मैंने उनका ब्लाउज़ का हुक खोल दिया और ब्रा में से एक बोबा निकाल कर चूसने लगी। उन्होंने भी माना नहीं किया और मुझे आज़ादी दी। मैंने कहा अगर आपको बुरा न लगे तो एक दूसरे को चोद दे हम दोनों की चूत बहुत दिनों से चुड़ी नहीं थी ना।

मैंने कहा, “और आपको गरम भाषा आती है क्या?” वह एकदम से बोली, “ले अब ****या पंटी छोड़, और शुरू हो गंदमारी।” मैं तो चौंक गयी, और बोली, “तू भी?” फिर पेटीकोट भी, अब हम दोनों चड्डी में थे। वह बोली, “शुरू तू करेगी या मैं?” मैंने कहा, “तू कर देखो, तेरा क्या स्टाइल है?” वह मेरे होंठों को चूसने लगी, और हम दोनों एक-दूसरे के गोल-गोल मस्त मोटे बोबे दबाने लगे। वह कह रही थी, “तू ये सब पहले ही कर देती तो तेरा क्या जाता? ३ दिन से चूत में खुजली हो रही थी।” मैंने कहा, “तो अब मिटा ले।” और उसका हाथ धीरे-धीरे मेरे पेट से होता हुआ मेरी चड्डी के ऊपर चला गया। मैंने भी ऐसा ही किया, और हम दोनों स्मूच करते हुए एक-दूसरे की जवान चूटों को खुजाने लगे।

फिर फ़ोन बज गया। दीदी बोली, “इस मा के लोड़े को भी अभी बजना था क्या?” मैंने कहा, “रुक जा, फ़ोन ही तो है।” मैं जैसे ही फ़ोन उठाने लगी, तो उसने मेरी गंद पर हाथ रखकर एक चुम्मा मेरी गंद पर दे दिया, और बोली, “जल्दी कर।” मैंने कहा, “चलो बाथरूम में चूत और गंद साफ कर लेते हैं।” वह बोली, “कुतिया, बदबू में ही तो मज़ा है।” और मेरी चड्डी खोलते हुए मेरी गंद को सुंघने लगी। मैं तो और पागल हो गई, पहले मैं सोचती थी कि ये लड़की-लड़की वाला सेक्स तो बेकार होता है, पर इसमें तो मेरे हब्बी और प्रमोद के लंड से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने भी उसकी बुर का नंगा कर दिया, और खड़ी हो गई। वह नीचे से मेरी चूत को चाट रही थी, और अपनी बुर को खुजा रही थी। मैं तपकने ही वाली थी, तभी मैंने कहा, “मुह हटा ले, नहीं तो गंदा हो जाएगा।” तो नीता दीदी बोली, “मादरचोद, साली, ये पानी ही तो पीना है तेरी चूत का।” नीता – “दे मुझे चूत का पानी, ऊऊऊम्म आह आह येस कम वन यू बिच।” मैं भी जोश में आ गई और बोली, “ले तो पहले गरम पानी पी।” और मैंने उसके चेहरे पर मूत दिया, वो बोली, “कमीनी, ये क्या किया?” और खड़ी हो कर मुझे नीचे करने को कहा, मेरे मुँह पर अपनी गंद रख कर बोली, “चाट, साली, चाट इसे।” उसकी गंद से बहुत बदबू आ रही थी। मैं तो सब कुछ चाट गई, और अचानक उसने एक साँस आआआआआह के साथ अपना पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया, और ओहोहोहोहोह चाट, हरामी सालिया येस्ससससससस या मैं पागलों की तरह उसकी चूत चाटने लगी।

Hindi Sex Story :  Shareef Shaitan-1

तभी कुछ हलचल से सुनाई दी, हम दोनों ही चौंक गई देखा तो खिड़की से भैया हमें देख रहे थे, और अब वो अंदर आ कर बोले, “शाबाश, मेरी चुकिनी चूतों बहुत खूब, और दीदी ने कहा तू अगर हमें देख रहा था तो बहनचोद हमें अंदर आकर तपका नहीं सकता ना?” वो बोला, “मादरचोद कि तू तो ऐसी मस्ती हो रही थी, इस कुतिये के साथ।” मैंने कहा, “अब किस बात की देरी है, हम दोनों ही तेरे सामने नंगी हैं, और तेरा मस्त जवान मोटा लंड अब भी नहीं फड़क रहा, या तू भाभी को चोद आया हा हा?” और हम हँसते हुए एक-दूसरे की तरफ देखने लगे।

अचानक भैया ने एक लात खींच कर मेरी चूत पर मारी और बोले, “रंडी अब चुदेगी तू, मेरी आँख से आंसू निकल गए, और दीदी से बोले, “तू क्या गंद मार रही है आज, इस मादरचोद को चुदाई क्या होती है, ये बता ही दे।” दीदी भी जोश में थीं, मेरे बाल पकड़े और बोली, “चल रंडी चल।” मैंने कहा, “ये क्या हो रहा है?” तो वो भी लाँठों से मारने लगी, मैं रोते हुए बोली, “प्लीज़ एसे तो मत करो।” तभी प्रमोद ने दीदी की गांड चोदी कर सुंगी और बोला, “सारी बदबू तो इस कुतिये को सुंघा दी।” और एक चप्पल दीदी को मारी तो वो बोली, “बहनचोद, बन गंदू नहीं।” और फिर भैया ने मुझसे कहा, “मेरी प्यारी रंडी, ला भाईया को कूल्हे सुंघाओ।” और दीदी की चूत को लातों से पीटते हुए गालियाँ देने लगे कि इतने साल से उस ****ये से चुद रही है मेरे लंड में क्या कमी थी वो भी रोने लगी, और भैया ने लंड निकाला मुझे खड़ा करके मेरी गांड को चाटते हुए बोला, “कुतिया, बदबू तो तेरे भी नहीं है।” मैंने कहा, “क्या करूं?” तो बोले, “ला।” उन्होंने दीदी के मुंह पर मेरे दुंगे रखे और बोले, “चल अब इसको चाट।” मैंने कहा, “ये क्या तरीका है?” तो उन्होंने मेरे पेट में अपना हाथ मारा और बोले, “जब इस को नहीं है तो तू क्यों तेरे एसी तेसी कर रही है?” और अपना लंड मेरे मुंह में थूंस दिया और बाहर निकल कर मूतना शुरू कर दिया। मैंने तो अब पागल हो गई, और मेरी गांड से पानी निकलने लगा और मैं भैया का लंड चोसने लगी और भैया ने फिर जो हम दोनों को चोदा तो हमारी चूत की प्यास बुझ गई।