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नौकरानी के साथ उसकी माँ और भाभी को चोदा-3

Nokrani ke saath uski maa aur bhabhi ko choda-3

अब पूर्णिमा बोली कि मैंने इस दोनों को आते समय रास्ते में सब कुछ बता दिया है और इसलिए यह लोग भी आपसे अपनी अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार है, पूर्णिमा का जवाब सुनकर मैंने उससे कहा कि चलो आज में तुम तीनों को चोदूंगा और तुम्हें चुदाई के पूरे मज़े दूंगा. अब मैंने पूर्णिमा की माँ से कहा कि चल अपने कपड़े उतार और फिर पूर्णिमा की माँ ने तुरंत अपने सारे कपड़े उतार दिए, वो उम्र में 40 साल के करीब थी और उसकी भाभी की उम्र 25 साल की होगी और पूर्णिमा की माँ मेरे लंड को घूर घूरकर देख रही थी.

अब में उससे बोला कि आप इसको देखने के अलावा चूस भी सकती है. तभी पूर्णिमा की माँ ने जल्दी से मेरे लंड को पकड़ लिया और वो उसको बड़े प्यार से हिलाने लगी, में उस समय कुर्सी पर बैठा हुआ था और पूर्णिमा की माँ नीचे बैठकर मेरा लंड चाट रही थी. फिर मैंने उसकी भाभी से कहा कि वो अपने बूब्स को मेरे मुहं के पास लेकर आए और उसकी भाभी ने जल्दी से अपना ब्लाउज खोल दिया और अपने बूब्स को वो मेरे मुहं के पास लेकर आ गई और में उसके बूब्स को दबाने लगा और साथ में उनको चूस भी रहा था. पूर्णिमा की माँ अब भी मेरे लंड को चाट रही थी और उसकी भाभी खड़े खड़े अपनी चूत में उंगली कर रही थी. फिर मैंने पूर्णिमा से बोला कि चल तू अपनी भाभी की मदद कर और उसकी चूत में ऊँगली करके इसको कुछ शांति दे.

फिर पूर्णिमा अपनी नंगी भाभी की चूत में अपनी उंगली को डालकर अंदर बाहर करने लगी और तभी उसकी भाभी मुझसे बोली कि भैया मुझे अपनी चूत में पूर्णिमा की उंगली नहीं आपका लंड चाहिए, प्लीज अब तो आप कुछ करो मुझे अब ज्यादा देर नहीं रुका जाता.

तब में बोला कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो और तुम्हें कुछ देर बाद वो भी जरुर मिल जाएगा. फिर मैंने पूर्णिमा की माँ से बोला कि अब मुझे तेरी बहु को चोदना है. फिर वो बोली कि बेटा पहले तुम मुझ पर तरस खाओ, पहले तुम मुझको चोद लो, में इससे ज्यादा भूखी हूँ, यह तो फिर भी हर कभी अपनी गांड में लंड लेती रहती है, लेकिन मुझे तो लंड बहुत मुश्किल से देखने को मिलता है, लेना तो बहुत दूर की बात है. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में आपकी बात रख लेता हूँ, में पहले तेरी चुदाई कर लेता हूँ और अब पूर्णिमा की भाभी उसकी माँ को गुस्से से देखने लगी.

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फिर मैंने उसको बोला कि कोई बात नहीं डार्लिंग मेरे लंड में बहुत ताक़त है, वो आज तुझे भी जरुर मिलेगा. अब वो बोलने लगी कि यह बुढ़िया बहुत बड़ी कमीनी है, यह घर पर मुझसे बोल रही थी कि में नहीं मरवाउंगी, में तो बस लंड को छूकर अपने मुहं में लेकर उसके मज़े लूंगी, लेकिन अब इसको देखो यह लंड को देखकर ललचाने लगी है और यह कैसी बीच बीच में उचक रही है? तो माँ बोली कि बहु इतना सुंदर, मोटा, लंबा लंड देखकर मैंने अपना इरादा बदल लिया है और में क्या दुनिया की कोई भी चूत इस लंड को देखकर इससे अपनी चुदाई एक बार जरुर करवाना चाहेगी और इस लंड को देखकर उसकी भी नियत खराब हो जाएगी.

दोस्तों अब में उसकी चूत में अपना लंड डालकर धक्के मारने लगा और पूर्णिमा की माँ ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ स्स्सीईईईईइ वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, बेटा तू आज ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरी चूत को मार मुझे तेरा लंड बहुत अच्छा लगा और फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर किया और उससे कहा कि चल अब तू घूम जा, में तेरी गांड के मज़े भी ले लेता हूँ.

फिर पूर्णिमा की माँ मेरे कहते ही तुरंत घूम गई और मैंने उसकी गांड में अपना लंड डालकर उसके भी मज़े लिए और इधर पूर्णिमा और उसकी भाभी अपनी बारी का इंतजार कर रही थी और उसके साथ में वो दोनों अपनी अपनी चूत में उँगलियाँ भी कर रही थी और पूर्णिमा की माँ को करीब 15 मिनट तक चोदकर में उससे बोला कि चल अब तू हट जा और अब तेरी बहु की बारी है.

फिर पूर्णिमा की भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर जल्दी से मेरे पास आ गई और उसने मेरे होंठो को चूमना शुरू किया और वो मुझसे कहने लगी कि भैया गलती से मेरी शादी एक गांडू से हुई है, इसलिए मेरी चूत अपनी चुदाई की बहुत भूखी है, आप प्लीज़ अपने लंड को इसमें डालकर मुझको शांत कर दे. अब मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और ज़ोर से दबाने भी लगा.

पूर्णिमा की माँ मेरी गांड को चाटने लगी और वो मुझसे बोली कि बेटा में तब तक तेरी गांड को चाट लूँ. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और में पूर्णिमा की भाभी के बूब्स को चूसता, चूमता हुआ नीचे उनकी चूत पर पहुंच गया और तब मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ थी और उसने अपनी चूत के सारे बाल पहले से ही साफ किए हुए थे. अब यह देखकर मैंने उसको बोला कि वो बेड पर लेट जाए और वो झट से बेड पर लेट गई और में उसकी रसभरी चूत को चाटने लगा.

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इधर पूर्णिमा की माँ मेरी गांड के छेद को चाट रही थी और अब पूर्णिमा से भी रहा नहीं गया और वो भी अब बहुत जोश में आकर मेरे लंड को हिलाने सहलाने लगी, जिसकी वजह से हम सभी को बड़ा मज़ा आ रहा था. दोस्तों पूर्णिमा की माँ सबसे अच्छा कर रही थी और वो अपनी आधी जीभ को मेरी गांड के छेद में डाल रही थी और साथ में वो अपनी एक उंगली को भी मेरी गांड में डाल रही थी, यह काम मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि आज तक मेरी गांड में किसी ने भी अपनी उंगली नहीं की थी और पूर्णिमा एक अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को चाटती जा रही थी, एक दो बार तो वो मेरे लंड से वीर्य निकालकर पी भी चुकी थी.

अब पूर्णिमा की भाभी भी बहुत सारा रस निकालने लगी. वो झड़ गई और मैंने अपना लंड पूर्णिमा के मुहं से बाहर निकाल लिया और तुरंत उसकी गीली चूत में डाल दिया और लंड चूत के अंदर जाते ही उस वजह से उसका चेहरा ख़ुशी से खिल गया और वो मुझसे कहने लगी कि भैया अब आप यह लंड कभी भी बाहर नहीं निकालना, इस पर अब मेरा पूरा हक़ है, आज से आप मेरी जमकर चुदाई करना, आप बहुत अच्छे हो और मुझे आज पूरी तरह से खुश संतुष्ट करना.

फिर मैंने उससे कहा कि तू मेरी रंडी है, तेरी चूत अब मेरी है और में इसकी हर रोज चुदाई करूंगा और में हर दिन तेरी चूत का रस ऐसे ही पी जाऊंगा और फिर में उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. फिर पूर्णिमा की माँ अपनी बारी का इंतजार कर रही थी और अब वो मुझसे पूछने लगी, बेटा क्या कभी तुमने अपनी गांड मरवाई है?

में उस समय भाभी की चुदाई कर रहा था, तो मैंने कहा कि नहीं. फिर वो बोली कि तुम भी एक बार मरवाकर तो देख लो, इसमें कितना मज़ा आता है? तो मैंने कहा कि साली तू मुझे अपनी गांड मरवाने को बोल रही है, चल भाग जा यहाँ से.

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फिर वो बोली कि बेटा इतना गुस्सा क्यों होते हो? में तो तेरे मज़े के लिए कह रही थी, क्यों वैसे जब में तेरी गांड के छेद में अपनी उंगली डाल रही थी, तब तो तूने मुझसे कुछ भी नहीं कहा? अब मैंने उससे पूछा तो तू मुझसे क्या चाहती है हरामजादी? तब वो बोली क्या में तेरी गांड के छेद में अपनी उंगली डाल दूँ.

फिर मैंने उससे कहा कि हाँ चल डाल दे, उसमें पूछने की कौन सी बात है? दोस्तों अब तक पूर्णिमा की भाभी तीन चार बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत से इतना रस निकल रहा था कि आप पूछो मत और उधर पूर्णिमा की माँ मेरी गांड में अपनी उंगलियां डालती जा रही थी और वो साथ में मेरे आंड को भी दबा रही थी और धीरे धीरे उसने अपनी तीन उंगलियों को मेरी गांड में डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे भी अब उसके इस काम से मज़ा आने लगा था.

फिर वो मुझसे पूछने लगी, क्यों बेटा मज़ा आ रहा है ना? मैंने कहा कि हाँ मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, लेकिन अब वो मुझसे अपनी गांड मरवाना चाहती थी, जब मैंने अपना लंड भाभी की चूत से बाहर निकाला.

तभी पूर्णिमा की माँ ने तुरंत आगे बढ़कर मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और वो लंड को ज़ोर ज़ोर से चाटने लगी और अब में झड़ने वाला था और मैंने अपना सारा वीर्य पूर्णिमा की माँ के मुहं में निकाल दिया और मेरे गरम गरम वीर्य को वो बड़े मज़े लेकर पीने लगी थी.

तभी पूर्णिमा और उसकी भाभी भी नीचे बैठ गई थी, क्योंकि वो चाहती थी कि उन दोनों को भी मेरा थोड़ा वीर्य पीने को मिल जाए और फिर मैंने उन तीनों को बारी बारी से अपना वीर्य पिला दिया. अब में बहुत थक चुका था और में लेट गया, लेकिन वो तीनों अब भी बारी बारी से एक एक करके मेरे लंड को चाटे जा रही थी और यह सब देखकर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. दोस्तों आज कल में पूर्णिमा उसकी भाभी और माँ तीनो की बहुत जमकर चुदाई करता हूँ.