Office Sex

ऑफिस सेक्स टूर की हिंदी कहानी

Office tour sex story in hindi, हाय दोस्तों, मेरा नाम सुमित है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है और मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ—एकदम फिट और एनर्जेटिक। मुझे सेक्स स्टोरीज पढ़ने का शौक है और मैं HotSexStory.xyz का नियमित पाठक हूँ। आज मैं अपनी पहली कहानी आपके सामने लेकर आया हूँ, जो दो महीने पहले विशाखापत्तनम में मेरे साथ घटी।

मैं चेन्नई से विशाखापत्तनम अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में गया था। यह 9 दिन की यात्रा थी। पहले 2-3 दिन तो ऑफिस के काम में ही निकल गए। फिर एक शाम, जब मैं ऑफिस से लौट रहा था, मैंने एक शेयरिंग ऑटो लिया। उसमें एक लड़की चढ़ी—दिखने में साधारण-सी, कुछ खास नहीं। ऑटो में भीड़ कम होने लगी और थोड़ी देर बाद सिर्फ मैं और वही रह गए। तभी उसने ड्राइवर से आर.के. बीच के बारे में पूछा। उसकी बात करने के लहजे से मुझे लगा कि शायद वो बंगाली है। मेरे मन में ख्याल आया कि उससे बात करूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर हिम्मत जुटाकर मैंने पूछ ही लिया,
“क्या आप बंगाली हैं?”
उसने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ।”
“मैं भी बंगाली हूँ,” मैंने तुरंत कहा।
“आप कहाँ से हैं?” उसने पूछा।
“दिल्ली से,” मैंने जवाब दिया।
“और आप?”
“खड़गपुर से,” उसने बताया।

उसका नाम श्रेया था। उसने कहा कि वो रेलवे में नौकरी करती है और विशाखापत्तनम घूमने आई है। हमारी बातचीत शुरू हो गई। कुछ देर बाद हम आर.के. बीच पहुँच गए। मैंने हिचकिचाते हुए पूछा, “क्या मैं आपके साथ घूम सकता हूँ?” वो थोड़ी देर सोच में पड़ गई, फिर बोली, “ठीक है।”

हम पहले एक मंदिर गए, फिर थोड़ा पैदल चले और आखिरकार बीच पर जाकर बैठ गए। वहाँ बैठे-बैठे उसने बताया कि वो चार दिन और विशाखापत्तनम में रुकेगी। मैंने मौका देखकर पूछा, “क्या हम साथ में शहर घूम सकते हैं?” उसने हामी भर दी। हम बातों में इतने खो गए कि पता ही नहीं चला कब रात के 9 बज गए। उसे अपने होटल जाना था। मैंने कहा, “कल कहीं घूमने चलें?” उसने कहा, “कल बताऊँगी।” मैंने उसका नंबर माँगा, लेकिन उसने मना कर दिया। थोड़ा जोर देने पर उसने मेरा नंबर ले लिया। कुछ ही देर बाद एक अनजान नंबर से कॉल आई—वो श्रेया थी। हमारी बात हुई और अगले दो दिन हम साथ घूमे।

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तीसरे दिन शाम को हम फिर आर.के. बीच पर बैठे थे। हवा में हल्की ठंडक थी और समंदर की लहरें शोर कर रही थीं। बातों-बातों में मैंने हिम्मत करके उसे प्रपोज कर दिया। उसने कहा, “मुझे सोचने दो।” रात को जब मैंने उसे कॉल किया, तो उसने हाँ कह दिया। मेरे मन में खुशी की लहर दौड़ गई। मैंने उसे अगले दिन गेस्ट हाउस आने को कहा, और वो मान गई।

अगले दिन मैं उसका इंतज़ार कर रहा था। सुबह 10 बजे उसका कॉल आया कि वो पहुँच रही है। थोड़ी देर बाद वो आई। मैंने उसे अंदर बुलाया, दरवाजा बंद किया और उसे गले लगा लिया। उसने भी मुझे कसकर पकड़ लिया। कुछ पल बाद हम अलग हुए और टीवी देखने लगे। टीवी पर एक रोमांटिक सीन आया, जिसमें हीरो-हीरोइन एक-दूसरे को चूम रहे थे। मैंने मज़ाक में कहा, “मुझे भी एक किस दो न!” उसने शरमाते हुए कहा, “आँखें बंद करो।” मैंने आँखें बंद कीं, तो उसने मेरे होंठों पर किस कर दिया। मैं हैरान रह गया—मुझे लगा था कि वो गाल पर kiss करेगी। फिर क्या था, मैंने उसे बाहों में भर लिया और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। उसका साथ देना मुझे और जोश दिला रहा था।

कुछ देर बाद मैं उसे बेडरूम में ले गया। मैं उसके गले और कंधों को चूमने लगा। वो हल्की-हल्की सिसकारियाँ लेने लगी। मेरा हाथ उसके कर्व्स पर गया, मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने को सहलाया, फिर धीरे-धीरे दबाया। उसकी साँसें तेज होने लगीं। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर झुक गया। उसका सलवार टाइट था, तो मैंने पीछे से उसकी चेन खोली। वो थोड़ा शरमाई, मुझे धक्का देने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसका सलवार नीचे कर दिया। उसकी वाइट ब्रा के ऊपर से मैंने उसके कर्व्स को दबाया, फिर ब्रा हटाकर उन्हें आजाद कर दिया। वो अपने हाथों से ढकने लगी, लेकिन मैंने उसके हाथ हटाए और एक को चूमने लगा, दूसरे को प्यार से दबाने लगा। उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं।

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फिर मैंने उसका हाथ अपने बॉक्सर के अंदर डाला। मेरा जोश पहले से चरम पर था। उसने शरमाते हुए उसे सहलाना शुरू किया। ये उसका पहला अनुभव था, तो वो थोड़ा हिचक रही थी। मैंने उसे हल्के से गाइड किया और वो धीरे-धीरे मेरे साथ ताल मिलाने लगी। फिर मैंने उसका सलवार पूरी तरह उतारा। उसकी वाइट पैंटी के अंदर हाथ डालते ही वो तड़प उठी। मैंने उसकी नाजुक त्वचा को सहलाया, फिर धीरे से उंगली अंदर डाली। मुझे पता चला कि वो वर्जिन थी। मेरे लिए ये खास पल था—पहली बार किसी वर्जिन लड़की के साथ इतना करीब होने जा रहा था।

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मैंने उसकी इजाजत से उसकी नाजुक जगह को चूमना शुरू किया। पहले उसने मना किया, कहा, “ये गंदा है,” लेकिन मेरे समझाने पर वो मान गई। मैंने उसे पूरा प्यार दिया और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी। मुझे लगा कि अब सही वक्त है, तो मैं उसके ऊपर आया। लेकिन उसने मुझे रोका और कंडोम की बात की। मेरे पास कंडोम नहीं था। मैंने कहा, “ऐसे ही मज़ा आएगा,” पर वो नहीं मानी। मैंने उसकी भावनाओं का सम्मान किया और जबरदस्ती नहीं की।

फिर मैंने उंगलियों से उसे प्यार किया और वो मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर बाद उसकी साँसें तेज हुईं, उसका शरीर काँपने लगा और वो झड़ गई। मैं अभी तक नहीं झड़ा था। थोड़ी देर बाद मैंने उससे ओरल करने को कहा। पहले उसने मना किया, लेकिन मेरे समझाने पर वो तैयार हो गई। उसने पहले मेरे लंड को चूमा, फिर धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। मैंने उसका सिर पकड़ा और 10 मिनट तक उस पल का आनंद लिया। आखिरकार मैं उसके मुँह में झड़ गया। थोड़ा वो निगल गई, थोड़ा उसके चेहरे पर लग गया।

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हम थोड़ी देर लेटे रहे, फिर साथ में फ्रेश हुए, कपड़े पहने और घूमने निकल गए। अगले दिन मैंने उसे कैसे प्यार किया, वो अगले हिस्से में बताऊँगा। अगर कोई लड़की, भाभी या आंटी मुझसे संपर्क करना चाहे, तो मुझे मेल करें। आपकी गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा। मेरी कहानी पर अपने विचार जरूर बताएँ!