ओ!! भाई जरा धीरे करो
(Oh!! bhai zara dhire karo)
मेरा नाम परी है और मैं औरंगाबाद मै रहती हूं अपने पति संजय के साथ। मैं आज आपके सामने एक मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी पेश करने जा रहा हु.. मेरी कहानी बहुत ही अजीब है पर है सच्ची। बात दो साल पहले की है, तब मैं अट्ठारह साल की थी। मैंने पुने में स्नातिकी की शिक्षा लेना बस शुरू ही किया था। मेरे ताऊ का एक लड़का था जिसका नाम राहुल है। वैसे मेरे खानदान में पापा तीन भाई हैं और अगली पीढ़ी में मैं सबसे छोटी हूं।
हम कुल आठ भाई बहिन हैं और राहुल भइया दूसरे नम्बर पर और मैं आखरी। मेरा कद ५’२” है और काफी खूबसूरत भी और शायद मैं वाकई में हूँ भी। वैसे मेरी दो कजन बहनें भी काफी खूबसूरत हैं। पर मैं अपनी ही धुन में रहती थी। मेरा फिगर ३४ -२४ -३४ है। हम भाई बहिन आपस में काफी घुले मिले हैं इसलिए अक्सर चुहल बजी चलती थी। कभी कभी तो ये भी आपस में बातें होती थी कि यार तुम आजकल बहुत सेक्सी हो गई हो या हो गए हो। राहुल भइया करीब २५ साल के थे उस वक्त। उनकी हाईट काफी थी ५’१०” और उनका व्यक्तित्व भी काफी अच्छा था। कभी कभी लगता कि वो मुझे या मेरी एक और कजन के बदन को निहारते हैं, पर मैंने कभी उतना ध्यान नहीं दिया। वैसे मुझे वो अच्छे तो लगते थे पर मैंने उस तरह कभी सोचा नहीं।
भैया औरगाबाद में नौकरी करते थे और उनका टूर लगता रहता था। एक बार उनका टूर पुने का लगा और वो मुझसे मिलने मेरे कालेज़ आ गए। मैं भी खुश हो गई कि चलो कोई घर से मुझसे मिलने आया तो. वो मेरे हॉस्टल आ गए और हम दोनों गले मिले प्यार से और उन्होंने मुझे गाल पर एक हलकी सी पप्पी दी तो मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई. मुझे अच्छा लगा पर दूसरे सेंस में नहीं. वो मेरे दोस्तों से मिले और ये कह कर चले गए कि शाम को आऊंगा मिलने. मैं भी खुश थी कि भइया आए तो सही.
भइया शाम को ५ बजे आ गए और कहा कि चलो ३-४ दिन मेरे साथ रहो कंपनी के होटल में और घूमना मजे करना। मैं भी चहक उठी और वैसे भी उन दिनों छुट्टियाँ थी ५ -६ दिनों की तो मैं तैयार हो गई और १ -२ ड्रेस ले कर जैसे ही चलने लगी तो उन्होंने कहा कि मैं खरीद दूँगा तो मैं और खुशी से झूम उठी. हम दोनों उनके ऑफिस की कार से उनके होटल में गए. हम लोगों ने कुछ खाया पिया और घूमने चले गए और रात में ९ बजे के करीब होटल लौटे. मैं काफी थक गई थी इसलिए बिस्तर पर आ कर धम से पसर गई. मैंने उस वक्त टाइट जींस और टॉप पहना हुआ था और इस वजह से मेरे टाइट हाफ सर्कल बूब्स तने हुए थे.
वैसे भी मेरे बूब्स काफी टाइट थे. भइया आए और सीधे बाथरूम में घुस गए और फिर निकल कर आते ही मेरे बगल में वो भी धम से लेट गए। ५ मिनट बाद भइया ने मेरी तरफ़ करवट ली और बोले “क्या बात है बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही हो,” और ये कहते हुए उन्होंने मेरे माथे पर किस किया और उनका एक हाथ ठीक मेरी नाभि के ऊपर था. मैं भी मुस्कुरा दी. मैंने अभी तक भइया को कभी उस तरह से नहीं देखा था. (Hotsexstory.xyz)
मैंने कहा,“यह तो सब बोलते रहते हैं।”
उन्होंने कहा “अरे सच्ची ! वाकई में तुम बहुत कमाल की लग रही हो।”
मैं शरमाते हुए भइया से लिपट गई. भइया ने मुझे तब अपनी बाँहों में भर लिया और अपने सीने से चिपका लिया. उस वक्त मेरे बूब्स भिंचे हुए थे.
मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ गई जब भइया ने प्यार से भींच कर मेरी गर्दन पर किस किया. फिर मैं उठ कर बाथरूम में चली गई नहाने. पर नहाने के बीच में याद आया कि मैंने नाईटी नहीं ली है तो मैंने भइया को आवाज़ दी कि भइया कोई दूसरा तौलिया दे दीजिये.
बाथरूम में शटर लगा हुआ था शावर केबिन में और कोई लाक नहीं था। बस अलग अलग केबिन थे, इसलिए भैया अन्दर आ गए। मैंने शटर ज़रा सा सरका कर तौलिया ले लिया। मैंने ध्यान नहीं दिया पर शायद वो भी तौलिया लपेटे थे क्योंकि उन्होंने भी नहाना था। वो शीशे के सामने अपना चेहरा धोने लगे। मैं शटर से जैसे ही बाहर निकली और वो जैसे ही मुड़े तो हम दोनों टकरा गए और मेरा तौलिया खुल गया। मैं घबरा गई और तुरन्त अपने दोनों हाथ अपने स्तनों पर रख लिए क्योंकि अब मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरा योनि-क्षेत्र पूरी तरह से बाल- रहित किया हुआ था।
भैया ने मुझ पर ऊपर से नीचे तक नज़र डाली, उनके तौलिये के अन्दर भी कुछ उभार सा आ रहा था, पर उस वक्त मैं समझ नहीं पाई. मेरी आंखों में आँसू थे। भैया ने तुरन्त तौलिया उठाया। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि कुछ समझने क मौका ही नहीं मिला। मैं भी सन्न चुपचाप सर झुकाए खड़ी थी। भैया ने तौलिया मेरे कन्धे पर डाला और मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं भी उनसे चिपक गई और रोने लगी। मैंने यह भी ध्यान नहीं दिया कि मैं अभी भी नंगी हूँ। मेरे बूब्स उनके सीने से चिपके हुए थे। उनका भी शायद तौलिया खुल चुका था और उनका औज़ार यानि लिंग करीब ८-९” लम्बा और २” मोटा मेरी कुँवारी योनि पर टिका हुआ था। आगे क्या हुआ है वह मे बाद मे बताएंगी मुझे मेल करे