पड़ोस वाली रांड की चूत में झटके-1
Pados wali rand ki choot me jhatke-1
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजय है, आज में आपके लिए फिर से एक मस्ती भरी स्टोरी लेकर आया हूँ, जो 4 साल पहले की बात है. मेरे सारे घरवाले बरीपदा में थे और में पढाई के लिए बालासोर में अपने बड़े भाई के पास गया हुआ था. अब वहाँ मेरा बड़ा भाई सुबह काम पर जाता था और में स्कूल जाता था. में स्कूल से तक़रीब 2 बजे तक आ जाता था और भाई शाम को 5 बजे आता था, इसलिए में घर में अकेला ही होता था. उस वक्त मेरी उम्र 18 साल की थी और में 1वीं क्लास में पढता था.
एक दिन में स्कूल से आया और खाना खाकर बैठा था कि तभी डोर बेल बजी, तो मैंने जाकर गेट खोला तो, तो में क्या देखता हूँ? कि मेरे सामने एक खूबसूरत औरत खड़ी है, फेस से बिल्कुल सेक्सी, उम्र कोई 26-27 साल की होगी, गोल-गोल बूब्स. फिर मेरे पूछने पर उसने बताया कि वो पड़ोस में रहती है और नई-नई आई है इसलिए पड़ोसियों से मिलने आई थी.
फिर उसने कहा कि क्या में अंदर आ सकती हूँ? तो मैंने उन्हें अंदर आने दिया. फिर वो थोड़ी देर बैठकर गपशप लगाती रही. अब 4 बज गये थे, तो मैंने उससे कहा कि मेरा भाई आ जाएगा. फिर वो उस दिन चली गयी और प्यार से मुझे राजा कहकर चली गयी. फिर दूसरे दिन वो फिर से आई और गपशप की. अब वो रोज-रोज आने लगी थी और उसकी और मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी.
उसने मुझको बताया कि उसका पति रात को 1 बजे घर आता है, क्योंकि वो कॉल सेंटर में काम करता है इसलिए उसको उसके साथ गपशप करने का मौका नहीं मिलता है इसलिए वो मेरे पास आती है. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और फिर मैंने भी उसको अपने बारे में सब कुछ बताया. अब आंटी रोज सुबह मुझको स्कूल जाते हुए देखती थी और उनका घर मेरे घर के बिल्कुल सामने था, क्योंकि हम लोग फ्लेट में रहते थे.
फिर एक दिन मेरा स्कूल जाने का मन नहीं किया, तो आंटी ने सोचा कि कोई गड़बड़ है. फिर जब मेरा भाई चला गया तो वो मेरे घर आई और पूछा कि आज स्कूल क्यों नहीं गये? तो मैंने कहा कि मेरी तबीयत ख़राब है इसलिए नहीं गया और फिर में सो गया और आंटी मेरे पास ही बैठी थी.
थोड़ी देर के बाद मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि आंटी मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को चूस रही थी और अपना एक हाथ फैर रही थी. तो में हैरान रह गया कि आंटी ये क्या कर रही है? फिर में भी सोने का बहाना करने लगा और लेटा रहा.
कुछ देर के बाद जब आंटी ने देखा कि में कोई हरकत नहीं कर रहा हूँ, तो वो आराम से मेरे लंड के साथ खेलने लगी. अब मेरा लंड खड़ा होकर डंडा बन गया था. फिर आंटी ने ये देखा तो वो खुश हो गयी और उसको पकड़कर रगड़ने लगी. अब उस वक़्त मेरा लंड इतना बड़ा नहीं था, आज तो मेरा लंड उससे भी बड़ा है.
फिर तभी आंटी ने उसको पकड़ा और मेरे टोपे को अपने हाथ में पकड़कर दबाने लगी. अब मुझको मज़ा आ रहा था. अब आंटी अपने एक हाथ से मेरे लंड को मसल रही थी और उसका दूसरा हाथ उसकी टांगो के बीच में था. फिर थोड़ी देर के बाद आंटी अपना मुँह मेरे लंड के करीब लाई और उसको एक किस किया. अब मुझको मज़ा आ रहा था और मुझको पता नहीं था कि वो क्या कर रही है? लेकिन मुझको बहुत मज़ा आ रहा था. अब मेरा लंड उनके मुँह में जाते ही वो झटके से मेरे लंड को अपने मुँह में आगे पीछे करने लगी थी और मुझको बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर के बाद मेरे लंड में से गर्म पानी निकल पड़ा तो में समझा कि पेशाब है, लेकिन मुझको बाद में पता चला कि वो स्पर्म है जो मर्द का जोश ठंडा करने के लिए निकलता है. अब उसके बाद में ठंडा पड़ गया था. अब आंटी ने अभी भी मेरा लंड नहीं छोड़ा था और अपने मुँह में लिया हुआ था और मेरा सारा वीर्य उनके मुँह से बाहर निकल रहा था.
फिर उन्होंने मेरे लंड को अपनी जीभ से साफ किया और मेरी पेंट की चैन बंद कर दी और फिर उसके बाद वो अपने घर चली गयी. फिर वो शाम के टाईम आई, तो वो मेरी तरफ देखकर शर्मा रही थी. अब में भी उनको दूसरी नजरों से देख रहा था. फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझसे कहा कि संजय तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं है. तो उन्होंने कहा कि आज से में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और ये कहकर उन्होंने मुझको अपने सीने से लगा लिया.
अब में उनके बड़े-बड़े बूब्स का मज़ा ले रहा था. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो मुझको पागलों की तरह किस करने लगी तो मैंने कुछ नहीं कहा. अब पहले तो वो मेरे चेहरे पर किस कर रही थी और फिर उसके बाद उन्होंने मेरे होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और फिर उसके बाद उन्होंने मेरे मुँह में अपना मुँह डालकर अपनी जीभ मेरी जीभ के साथ मिलाकर मेरी जीभ को चूसने लगी. अब मुझको मज़ा आ रहा था जिसकी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो उनकी टांगो के बीच में लग रहा था. फिर तभी उन्होंने कहा कि राजा मेरी टांगो के बीच में क्या लग रहा है? तो में शर्मिंदा सा हो गया.