Bhabhi Sexपड़ोसी की चुदाई

पड़ोसी भाभी की चोरी छिपे चूत चुदाई

Padosi bhabhi ki chori chipe chut chudai

हैलो फ्रेंड्स, कैसे हैं आप लोग?
उम्मीद करता हूँ कि आप सब ठीक ही होंगे…

इस साइट पर मैं पिछले 5 साल से कहानी पढ़ रहा हूँ, औऱ मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ..

तो ज्यादा बोर न करते हुए , मैं सीधा कहानी पे चलता हूँ, ये मेरी पहिली और असली कहानी है, इसलिए गलती पे ज्यादा ध्यान ना दे

मेरा नाम यश है, मैं छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 23 साल है, में अभी कुँवारा और दिखने में हैण्डसम हूं..

मेरे लंड का साइज 6 इंच है, जो किसी भी गर्ल या औरतों को satisfy करने के लिए काफी है

तो दोस्तो ये बात 2 साल पुरानी है, जब मैं बीएससी के फाइनल year में था, तब मेरी पडोस में एक भाभी रहती थी, जिसका नाम श्रेया था, उस समय वो मेरे घर के ठीक सामने वाले घर मे रहती थी,

पहले मेरी उससे कोई बात नही होती थी, मैं अपने गली में सबसे शरीफ लड़का था, काम होने पर ही घर से बाहर निकलता था और हमेशा सर झुकाए गली में आता जाता था और बेवजह किसी से बात नही करता था, मेरी इसी आदत को देख कर भाभी मुझ पर फिदा हो गयी, और ये बात मुझे पता नही थी, क्योकि मैने उससे पहले क़भी बात नही की थी,
फिर 1 दिन अचानक , मैं घर से बाहर किसी काम से घर से बाहर दुकान जाने के लिए निकला और उस टाइम श्रेया भाभी अपने घर के छत पे जाके मेरे बाहर निकलने का इन्तेज़ार कर रही थी,

और उसने उस दिन मुझे अपने दिल की बात बताने के लिए 1 love letter लिखा हुआ था,
क्योकि भाभी ये बात अच्छे से जानती थी कि मैं बहुत शरीफ और शर्मीला हु, और उसने खुद, से होके कभी बात नही करने वाला, इसलियें

मैं जैसे जी घर से बाहर निकला, उस समय दोपहर का समय था और गली में उस समय कोई नही था,
तभी मुझे आता देख कर भाबी ने

मुझे वो letter मेरे हाथों में थमा दिया और बोली कि मैं तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूंगी, फिर घर आके मैन वो लेटर खोल के देखा, तो उसमे भाभी ने अपने दिल की बात और अपना नम्बर लिखा था,

कुछ दिन सोचने के बाद मैंने, उस नम्बर पे कॉल किया और मैन भी उसके प्यार को accept कर लिया ,

और इस तरह से हमारी रोज कॉल में बात होने लगी, धीरे धीरे ये बात सेक्स चैट में बदल गयी और हम लोग घंटो फ़ोन में सेक्सी सेक्सी बात करने लगे, और रोज फ़ोन में एक दूसरे का पानी निकाल दिया करते थे,

फिर 1 दिन मैंने उसे घर मे सबके सो जाने के बाद कॉल करके मेरे घर में मिलने के लिए बुलाया, वो उस दिन रात को 11 बजे अपने घर मे सब के सो जाने के बाद अपने घर से चुपके से बाहर निकली और तेजी से दौडते हुए मेरे घर के पास आई और मैन उसे चुपके से अपने घर के पिछले दरवाजे से रूम के अंदर ले गया,

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रूम में आने के बाद मैंने पहले उससे कुछ देर प्यार भरी बात किया , और फिर उससे धीरे धीरे किस करना शुरू किया, ये किस लगभग 15 मिनट तक चला, फिर उसके बाद मैने धीरे धीरे उसके कपड़े को निकालना शुरू किया , सबसे पहले मैंने उसका साड़ी निकाली फिर ब्लाउज़ ,और उसके बाद उसने मेरे शर्ट को निकाला उसके बाद मेरे लोवर को निकाला, फिर मैंने उसके कानों को किस किया और

फिर उसको गालों को किस करते हुए मैंने उसके ब्रा को निकाला, ब्रा को निकालते ही भाभी के बूब्स उछल कर मेरे सामने आ गए, भाभी का 36-30-38 का फिगर रहा होगा. उन्होंने अपने बालों की चोटी बना रखी थी जो कमर तक आ रही थी.

उनके बूब्स तो मानो बाहर आने तो मचल रहे थे, उसके बाद मैंने उसे जोर जोर से पीना शुरू कर दिया,
उसके बूब्स इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में भी नहीं आ रहे थे। फिर मैंने उन्हें चूसना शुरू किया। अब उसके मुँह से आ आहहा की आवाज़ आई तो अब में समझ गया कि सिग्नल ग्रीन है। अब मैंने उसके बूब्स चूसने के बाद उसकी पेटिकोट नीचे कर दी और उस समय उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी।

फिर मैंने जैसे ही उसकी पेंटी के अंदर उसकी झांट वाली चूत को हाथ लगाया तो वो कांप उठी, फिर मैंने महसूस किया कि वो तो अच्छे से गीली हो चुकी है। अब मेरा लंड नहीं मान रहा था और अब में उसे चोदना चाहता था। फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हारी चूत में अपना लंड डालूँगा और तुम्हें चोदूंगा, तो उसने धीरे से आवाज़ में बोला कि थोड़ा धीरे करना। फिर मैंने कहा कि हाँ बेबी और फिर मैंने उसकी पेंटी पूरा नीचे कर दिया।

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। अब वो तो पागल ही हो गयी और अब मेरी चुसाई से वो आ उहह हम्मम्म आआहा बेबी, फक मी, चूसो इस चूत को बोलने लगी। उसका चूत रस इतना टेस्टी था कि मज़ा ही आ गया। अब में उसके ऊपर आ गया और उसको लिप किस किया और धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डालना शुरू किया, एक भी बच्चे नही होने के कारण उसकी चूत टाइट थी, और उसे बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसके हाथों के बगल को किस किया और फिर उसकी गर्दन पर किस किया, फिर उसके बूब्स को किस किया और उसे चोदना शुरू किया। अब उसके मुँह से सुरीली आवाज सुनने से मेरा जोश और बढ़ता जा रहा था और में अपनी स्पीड भी तेज करता जा रहा था।

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अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब वो अपने मुँह से आ उहह यायय्य्य्य फक मी बेबी, फक मी फास्ट और फास्ट बोलने लगी। फिर मैंने झट से उसके मुँह को बंद किया और बोला धीरे बेबी, नहीं तो घर वाले जाग जायेंगे और फिर में उसे चोदने लगा।
फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें बहुत मज़ा आ रहा है, अब पोज़िशन चेंज करते है और अब में उसे बाथरूम में ले गया और उसे थोड़ा आगे झुका दिया और पीछे से उसकी चूत मारने लगा।

मैं देर न करते हुए, श्रेया भाभी के ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत में सैट कर दिया.

भाभी गांड उठाती हुई बोलीं- जल्दी से डाल दो.

मैंने एक जोर से झटका मारा, मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया और भाभी की चीख निकल गयी.

भाभी- आंह मर गई … साले आराम से पेल ना, एकदम से पूरा अन्दर डाल दिया.
मैंने कहा- एकदम से पेलने लायक ही माल हो तुम … आह कितनी टाईट चुत है तुम्हारी.

भाभी मीठे दर्द से कराह रही थीं मगर लंड को अन्दर से बाहर निकालने की कोशिश नहीं कर रही थीं.

मुझे भी अपने लंड पर भाभी की कसी हुई चुत की जकड़न को रगड़ने में बहुत मजा आ रहा था.

मेरे मोटे लंड को भाभी अपने दांत दबा कर अन्दर लेती जा रही थीं और कराह भी रही थीं- आह … धीरे धीरे अन्दर पेल साले … तेरा हथियार बहुत मोटा है. मेरी चुत फट सी रही है.

मैं भी उनकी इन आवाजों से गर्म होता जा रहा था और उनकी एक चूची को अपने मुँह में दबा कर लंड चुत के अन्दर ठेलता जा रहा था.

कुछ ही पलों में मैंने एक तेज शॉट मारा और अपना पूरा लंड चुत की गहराई में पेल दिया.
मुझे ऐसा लगा कि जिससे मेरा लंड छिल गया हो … जबकि दूसरी तरफ भाभी की चीख निकल गई.

उन्होंने मेरे सीने को धकेलते हुए मेरे सीने पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे.
मुझे एक साथ दो दर्द हुए थे. एक तो लंड जैसे किसी संकरी जगह में फंस सा गया था, जिससे मेरी नसें एकदम से निचुड़ सी गई थीं और दूसरे भाभी ने अपने नाखूनों से मुझे नौच लिया था.

मेरी भी आह निकल गई और मैं भाभी के ऊपर ही गिर गया.
एक दो पल बाद मुझे सांस आई तो मैंने अपनी भुजाओं से बल से अपना भार भाभी के ऊपर से हटा लिया.

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मैं अब एक भरपूर मर्द की तरह भाभी की चुत में अपना समूचा लंड पेले हुए उनको देख रहा था.
भाभी की आंखें बंद थीं और आंख से आंसू टपक रहे थे.

मैंने उनकी एक चूची को फिर से अपने मुँह में भर लिया और निप्पल को मींजते हुए चूसने लगा.

कुछ ही समय में भाभी की आंखें खुल गईं और वो मीठे दर्द के अहसास से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखने लगीं.
उनका हाथ मेरे सर पर जम गया और वो मुझे अपना दूध पिलाने लगीं.

कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे झटके देने शुरू कर दिए.

अब भाभी मज़ा लेने लगीं और मस्त आवाज़ निकलने लगीं- अअअह आह … यश मज़ा आ रहा है. कितना बड़ा है तेरा लंड … अन्दर बड़ी रगड़ दे रहा है … अह अअअह!

अब मैंने भी पूरा लंड बाहर सुपारे तक खींच कर वापस अन्दर पेलना शुरू कर दिया था.
भाभी की मादक आवाजें मेरी उत्तेजना को बढ़ाए जा रही थीं.

कुछ ही समय में भाभी की टांगें हवा में उठने लगीं और उन्होंने मेरी कमर पर अपनी दोनों टांगें लपेट लीं.

इधर मैं अपने दोनों हाथों की मुट्ठियां जमाए हुए भाभी की चुत में लंड पेल रहा था और एक तरह से मैं डिप्स मार रहा था.

मेरी दोनों टांगें नीचे तक फैली हुई थीं और मैं अपना मुँह भाभी के दोनों मम्मों को बारी बारी से चूसता हुआ भाभी की चुत चोद रहा था.

भाभी जल्द ही अकड़ने लगीं और उनकी गांड मेरे लंड पर उठने लगी.
वो यकायक एकदम से चीखीं और निढाल हो गईं … वो झड़ गई थीं.

अब उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे सीने को आगे पीछे होने से रोका.
मैं समझ गया कि भाभी का काम तमाम हो गया है.
उसके बाद कुछ देर तक रुम मे आराम करने के बाद मैंने चुपके से उसे घर के पिछले दरवाजे से बाहर निकाल के उसे घर वापस भेज दिया, इस घटना के लगभग 2 साल तक हम दोनो का रिलेशनशिप चला और हम दोनो हर दूसरे तीसरे दिन चूत चुदाई का मजा लेते रहे, फिर उसके बाद हम दोनों का ब्रेकअप हो गया, और उसकी किसी और के साथ शिप्ट हो गयी

आज भी मुझे उन पलों की बहुत याद आती है, और मेरा लंड किसी चूत को चोदने के लिए खड़ा हो जाता हैं..
आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, अपना जवाब जरूर देना, मुझे आप लोगो के ईमेल का इंतजार रहेगा

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