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पड़ोसी भाभियों को जमकर बजाया–5

Padosi bhabhiyo ko jamkar bajaya-5

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कहानी के चौथे भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह मैंने शालू को फिर से चोदकर उनकी गांड़ का उद्घाटन कर किया। अब कहानी आगे……
शालू भाभी नंगी होकर बेड पर पड़ी थी।पास में संगीता भाभी भी नंगी होकर बेड पर पड़ी थी। इन दोनों को मै अच्छी तरह से चोद चुका था। अब मैं बेड से नीचे उतर गया और मैंने शालिनी भाभी को पकड़कर दीवार से चिपका दिया। अब मैंने मेरे गरमा गर्म होंठ शालिनी भाभी के रसीले होंठों पर रख दिए और ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए शालिनी भाभी के रसीले होंठों को चूसने लगा।तभी शालिनी भाभी भी मेरे होंठो पर टूट पड़ी और वो भी ज़ोरदार तरीके मेरे प्यासे होंठो को चूसने लगी। अब हम दोनो चुदाई वासना में बुरी तरह से डूब गए।

तभी मैंने शालिनी भाभी के होंठो को चूसते हुए एक हाथ पेटीकोट में घुसा दिया और तुरंत उनकी चिकनी चूत को पकड़ लिया। अब मैं शालिनी भाभी की चिकनी चूत को मसलते हुए शालिनी भाभी के रसीले होंठों को चूम रहा था।तभी भाभी मेरे हाथ को पकड़ कर दूर हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरे हाथ को दूर हटाना उनके बस की बात नहीं थी। मैं अब शालिनी भाभी की चूत को मसलते हुए भाभी के होंठो को काट रहा था। भाभी अब दर्द से कसमसाने लगी।मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर थोड़ी देर तक मैंने शालिनी भाभी को ऐसे ही रगड़ा।
अब मैंने तुरंत शालिनी भाभी के साडी के पल्लू को खींचकर नीचे गिरा दिया। अब मैं ब्लाउज के ऊपर से ही शालिनी भाभी के आमो को दबाने लगा।
मैं– ओह भाभी,,बहुत मस्त आम है आपके तो।
शालिनी भाभी– हां यार तेरे भैया ने इन्हे अच्छी तरह से पका दिया है।

मैं– अच्छा भाभी।
शालिनी भाभी– हां रोहित।
तभी मैंने शालिनी भाभी के आमो को कसकर दबा दिया। तो शालिनी भाभी चीख पड़ी।
शालिनी भाभी– आईईईई। धीरे धीरे दबा यार।
मैं– भाभी धीरे धीरे दबाने का तो सवाल ही नहीं है।
संगीता भाभी– बहुत ज्यादा ज्ञान पेल रही थी ये।साली रण्डी के आमो को कसकर दबा।
शालिनी भाभी– तू तो आराम आराम से दबा यार।
मैं– भाभी,आराम से दबाने का ज़माना तो गया। अब तो आमो का रस ही निकलेगा सीधा।
तभी मैंने शालिनी भाभी के आमो को ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू कर दिया।तभी शालिनी भाभी की गांड़ फटकर हाथ में आ गई। वो दर्द से झल्लाने लगी।

शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई ओह आह आह आईईईई।
मैं– ओह भाभी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आह आह ओह।
शालिनी भाभी– आईईईई बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है यार।प्लीज धीरे धीरे दबा ।
शालिनी भाभी मुझे धीरे धीरे उनके आमो को दबाने के लिए बोल रही थी लेकिन मै कहां रुकने वाला था। मैं तो ज़ोर ज़ोर से भाभी के आमो को कसकर दबा रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक शालिनी भाभी के आमो को दबाया।
अब मैंने शालिनी भाभी के पेटीकोट में फिर से हाथ डाल दिया और उनकी पैंटी को थोड़ा नीचे सरका कर उनकी चिकनी चूत को फिर से मसलने लगा।
मैं– भाभी,चूत बहुत गरम हो रही है।आप कहो तो हथौड़ा मार दू?
शालिनी भाभी– नहीं ,थोड़ी देर बाद मारना।

तभी मैंने भाभी की चूत में उंगलियां पेल दी और दे दना दन शालिनी भाभी की चूत को उंगलियों से पेलने लगा। मुझे शालिनी भाभी की चूत को उंगलियों से पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब शालिनी भाभी बहुत ज्यादा दर्द से तड़प रही थी।
शालिनी भाभी– आह आह आह ओह आईईईई आह आह।
मैं– ओह भाभी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है।आज तो आपकी चूत गई समझो।
शालिनी भाभी– आह आह ऊंह आह आह ओह ऊंह आईईईई। थोड़ा धीरे धीरे कर यार।
मैं– भाभी,धीरे धीरे करने में तो मज़ा ही नहीं आता है।
अर्पिता भाभी– हां रोहित तू तो ज़ोर ज़ोर से ही कर।
मैं– हां भाभी।
मैं ज़ोर ज़ोर से शालिनी भाभी की चूत को चोद रहा था।इधर शालिनी भाभी दर्द के मारे पानी मांग रही थी। मैं जल्दी जल्दी भाभी की चूत में अच्छी तरह से उंगलियां घुसा रहा था।
शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई ओह ओह रोहित।बस कर यार। अब रहने भी दे।
मैं– भाभी,,करने दो ना।आपका क्या जा रहा है।

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शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई ओह बहुत दर्द हो रहा है यार।प्लीज मत कर अब।
मैं– भाभी आज तो आपकी चूत की पूरी क्लास लगेगी।
शालिनी भाभी बुरी तरह दर्द से तड़प रही थी। मैं भाभी की चूत को लगातार सहला रहा था।मुझे शालिनी भाभी की चूत फाड़ने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।तभी मैंने अर्पिता भाभी को भी खींचकर दीवार से चिपका दिया। अब मैंने जल्दी से अर्पिता भाभी के पेटीकोट में हाथ डालकर उनकी चूत में उंगली डाल दी। अब मैं अर्पिता और शालिनी दोनो भाभियों की चूत में उंगली कर रहा था। मैं मेरे लिए अद्भुत पल था।।मुझे भाभियों की चूत को उंगलियों से पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह ओह ऊंह आह ओह।
शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई ओह ऊंह यार प्लीज छोड़ दे ना अब।
मैं– भाभी,नहीं छोडूंगा अभी तो।

अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह ओह आईईईई आईईईई ओह।
शालू भाभी– अब बहुत अच्छा लग रहा है नज़ारा।रोहित दोनो भाभियों को अच्छी तरह से रगड़ दे।
संगीता भाभी– हां रोहित।
मैं दे दना दन अर्पिता और शालिनी भाभी की चूत में उंगली डाल कर उनकी चूत को पिघला रहा था। दोनो भाभियों बहुत बुरी तरह से तड़प रही थी।फिर मैंने दोनों भाभियों को बहुत अच्छी तरह से बजाया।
अब मैंने अर्पिता भाभी से मेरा लन्ड चूसने के लिए कहा। अब अर्पिता भाभी नीचे बैठ गई और मेरे लन्ड को मुंह में डाल कर चूसने लगी।इधर मैंने शालिनी भाभी के ब्लाऊज ब्रा को खोल लिया और उनके रसीले आमो को नंगा कर दिया। अब शालिनी भाभी के नंगे आम मेरे सामने लटक रहे थे। अब मैंने शालिनी भाभी के आमो को कसकर हाथ में लिया और उन्हें अच्छी तरह से दबाने लगा।शालिनी भाभी फिर से दर्द से तड़प उठी।

शालिनी भाभी– ऊंह आह आह ओह ऊंह आह आह।
मैं– आह भाभी,,क्या सेक्सी आम है आपके आह आह।
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी के आमो को दबा रहा था।अर्पिता भाभी अच्छी तरह से मुंह में भर भरकर मेरे लन्ड को चूस रही थी।उनके लंड चूसने के तरीके से लग रहा था कि भाभी को लंड चूसने का लंबा चौड़ा अनुभव था। अर्पिता भाभी आइसक्रीम की तरह मेरे लन्ड को मुंह में ले रही थी।इधर मै शालिनी भाभी के आमो के साथ खेल रहा था। फिर थोड़ी देर तक मैंने शालिनी भाभी के आमो को अच्छी तरह से कस डाला।
अब मैंने शालिनी भाभी के आम को मुंह में भर लिया और उनके एक आम को दबाता हुआ दूसरे आम को चूसने लगा।मुझे शालिनी भाभी के आम चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा।शालिनी भाभी के आम बहुत ज्यादा गौरे चिकने थे। अब शालिनी भाभी मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझे अपने आमों का रस पिला रही थी। मैं बड़ी शिद्दत से भाभी के आमो का रस पी रहा था।
इधर अर्पिता भाभी भी बड़ी शिद्दत से मेरे लन्ड को चूस रही थी।वो बार बार मेरे लन्ड को मुंह में अंदर बाहर कर रही थी।
थोड़ी देर में ही मैंने शालिनी भाभी के एक आम को निचोड़ कर चूस डाला। अब मैंने उनके दूसरे आम को मुंह में भर लिया और उसे चूसने लगा।

शालू भाभी– यार संगीता भाभी,रोहित तो जमकर मज़े लेता है देखो तो सही।
संगीता भाभी– हां यार शालू।तभी तो इससे कॉलोनी की इतनी सारी औरतें चुदवाती है।
शालू भाभी– हां भाभी,आपने सही कहा।
अब तक मै शालिनी भाभी के दोनो आमों को अच्छी तरह से चूस चुका था।भाभी के दोनो आम मैंने चूसकर लाल कर डाले थे। अब मैंने अर्पिता भाभी को दूर हटा दिया और मै खुद दीवार के पास खड़ा हो गया। अब मैंने शालिनी भाभी को मेरे लन्ड के आगे खड़ी कर उनको बाहों में कस लिया।भाभी की गांड मेरे लन्ड के आगे थी। अब मैं पीछे से शालिनी भाभी के गांड में साड़ी के ऊपर से ही लंड डालने की कोशिश करने लगा और आगे से एक हाथ उनकी चूत में डाल कर चूत को खुजाने लगा। अब दूसरे हाथ से उनके आम को फिर से पकड़ लिया।

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अब शालिनी भाभी पर तीनों तरफ से हमले हो रहे थे। अब भाभी की फिर से दर्द से गांड़ फटने लगी।मुझे भाभी की चूत में उंगली करते हुए उनके आम को दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं– आह! भाभी क्या सेक्सी जिस्म है आपका।आह आह मज़ा आ गया।
शालिनी भाभी– आह आह आईईईई। तू तो तीनों तरफ से मेरे जिस्म में आग लगा रहा है।
मैं– आग लगाऊंगा तभी तो हथौड़ा मारने में मज़ा आयेगा भाभी।
शालिनी भाभी– आह आह थोड़ा धीरे धीरे कर यार।मेरी चूत में बहुत ज्यादा जलन हो रही है।
मैं– कोई बात नहीं भाभी,जलन हो थोड़ी देर ही होगी।
तभी मैंने उनके आम को छोड़ दिया और पूरा फोकस उनकी चूत को सहलाने में लगा दिया। अब मैं फिर से पूरी शिद्दत से भाभी की चूत में खलबली मचाने लगा।भाभी अब बुरी तरह से बलबलाने लगी।

शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई आईईईई ओह ओह आईईईई।
मैं– आह आह ओह भाभी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।
शालिनी भाभी– आईईईई आईईईई। बस कर यार आह आह अब मत कर ना।
मैं– ओह भाभी ,,आज तो आपकी चूत की चटनी बना दूंगा।आह आह।
शालिनी भाभी– ओह आईईईई आईईईई आईईईई बस करो यार रोहित। आह आह आह।
मैं– करने दो भाभी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आह आह आह ओह आह।
शालिनी भाभी भयंकर दर्द से तड़प रही थी। अब उनसे दर्द सहन नहीं हो पा रहा था। मैं बुरी तरह से भाभी की चूत को सहला रहा था।फिर बहुत देर तक शालिनी भाभी की चूत सहलाने के बाद मैंने शालिनी भाभी को छोड़ा।

अब मैंने शालिनी भाभी को छोड़ दिया और अर्पिता भाभी को लपक लिया।मैने अर्पिता भाभी को दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया और उनके मस्त रसीले नाजुक होंठो को फिर से चूसने लगा।इधर मेरा लन्ड अर्पिता भाभी की चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था।पूरा बेडरूम फिर से आउच पुच्छ पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ आउच पुच्छ पुच्छ आउच की आवाजों से गूंज उठा। फिर मैंने थोड़ी देर तक भाभी के रसीले होंठों को चूसा।
अब मैंने तुरंत अर्पिता भाभी के पेटीकोट में हाथ घुसा दिया और उनकी चूत को अच्छी तरह से सहलाने लगा। अब अर्पिता भाभी भी दर्द के मारे छटपटाने लगी।मुझे तो अर्पिता भाभी की चूत को सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह आह ओह ओह आह आह ओह रोहित।
अर्पिता भाभी दर्द से तड़पते हुए चेहरे को इधर उधर पटक रही थी।वो बार बार होंठो को दांतों में दबा रही थी।मै मजे से अर्पिता भाभी की चूत में खलबली मचा रहा था।

अर्पिता भाभी– ऊंह आईईईई आह आह आईईईई आईईईई।
मैं– आह आह अब आया ना मज़ा।आप मुझे दिनों से चूत नहीं दे रही थी। अब तो आपकी चूत की चटनी बना दूंगा।
अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह आह आईईईई बस कर यार।बहुत है।आईईईई आईईईई।
मैं– अभी कहां से बस करू।अभी तो आपको जमकर बजाना है।
संगीता भाभी– हां रोहित।इस रण्डी को आज चोद चोदकर लाल कर दे।
शालू भाभी– हां रोहित,,आज तो भाभी की चूत फाड़ ही दे।

अर्पिता भाभी– हां साली रंडियों सब की सब मेरी चूत फडवाने में लगी हुई हो।
मैं फकाफक अर्पिता भाभी की चूत में उंगलियां पेल रहा था।अर्पिता भाभी बहुत बुरी तरह से झल्ला रही थी।फिर मैंने बहुत देर तक अर्पिता भाभी की चूत को अच्छी तरह से सहलाया।
अब मैंने अर्पिता भाभी के गौरे चिकने बोबो को दबाना शुरू कर दिया।उनके गोल गोल टाइट बूबस को दबाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं– ओह भाभी आपके बोबे तो अभी तक भी बहुत ज्यादा टाइट है।आह आह ओह भाभी।
शालिनी भाभी– लगता है रोहन अर्पिता के बोबे नहीं चूसता है।
अर्पिता भाभी– चुप कर साली कुत्ती।

मैं झमाझम अर्पिता भाभी के बूब्स को दबा रहा था। अब धीरे धीरे भाभी इधर उधर हिलने लगी। अब उनकी गांड़ दर्द से कांपने लगी।
अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह ऊंह ऊंह आह आह ओह।
मैं– ओह ओह आह आह भाभी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।कसम से।
अर्पिता भाभी– आह आह थोड़ा धीरे धीरे दबा यार।
मैं– हां भाभी दबा रहा हूं।
मैंने भाभी से उनके बोबुओ को धीरे धीरे दबाने के लिए कह तो दिया लेकिन मै कहां रुकने वाला था। मैं तो ज़ोर ज़ोर से अर्पिता भाभी के बूब्स दबाता रहा।भाभी दर्द से तड़पती रही।फिर बहुत देर तक अर्पिता भाभी के बूब्स दबाने के बाद मैंने भाभी के बूब्स को मुंह में भर लिया और उन्हें चूसने लगा।

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आहा क्या मस्त टेस्ट था भाभी के बूब्स था।आह मज़ा आ गया था आज तो। अब मैं ज़ोर ज़ोर से अर्पिता भाभी के बूब्स को चूसने लगा।मुझे भाभी के बूब्स चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।भाभी चुपचाप खड़ी खड़ी मुझे बूब्स चुसवा रही थी। मैं आज अर्पिता भाभी के बूब्स का पूरा मज़ा ले रहा था।
अजब गजब नज़ारा था यारो जिस अर्पिता भाभी को चोदने के लिए मै इतने दिनों से तड़प रहा था।आज मै उसी भाभी के बूब्स बड़ी शिद्दत से चूस रहा था।अर्पिता भाभी भी बिना कोई नखरे दिखाए आराम से मुझे बूब्स चुसवा रही थी।
तभी मैंने भाभी के बूब्स चूसते हुए उनकी चूत में फिर से उंगली दे दी। अब भाभी का दर्द और ज्यादा बढ़ गया।अर्पिता भाभी दर्द से उछलने लगी।
अर्पिता भाभी– आईईईई आईईईई ऊंह आह आह आईईईई।

मुझे अर्पिता भाभी को और ज्यादा तड़पाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक अच्छी तरह से रगड़ा। अब मैं अर्पिता भाभी के पीछे खड़ा हो गया और उनकी मस्त सेक्सी गांड़ में लंड सटा दिया। अब मैंने एक हाथ भाभी की चूत में घुसा डाला और दूसरे हाथ से भाभी के बोबे को दबाने लगा।
मैं– आह ओह आह ओह भाभी बड़ा मज़ा आ रहा है।आह आह।
अर्पिता भाभी– ऊंह आह आह ओह ऊंह बहुत कमीना है तू।
मैं– हां वो तो मै हूं भाभी।तभी तो मुझे एक साथ चार चार भाभियों को बजाने का मौका मिल रहा है।
अर्पिता भाभी– हां आज तुझे मौका मिल ही गया।
मैं– आपकी चूत चोदना मेरी किस्मत में थी ही सही।
अर्पिता भाभी– हां शायद।

मैं लगातार भाभी की चूत में आग लगा रहा था और भाभी के बूब्स को अच्छी तरह से मसल रहा था।इस तरह से अर्पिता भाभी को बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।इधर मेरा लन्ड भाभी की गांड़ पर बहुत ज्यादा दबाव बना रहा था।तभी मै रुका और अब मैंने दूसरे हाथ को पीछे से उनकी गांड के छेद में डाल दिया। अब मैं आगे और पीछे दोनों तरफ से अर्पिता भाभी के सुराखो को ढीला करने लगा।
मेरी उंगली आसानी से भाभी की गांड़ में अन्दर बाहर हो रही थी । इसका मतलब अर्पिता भाभी को गांड़ मरवाने का बहुत ज्यादा अनुभव था।लगातार दोनो छेदो में एक साथ हमला होने की वजह से अर्पिता भाभी फिर से करहाने लगी।
अर्पिता भाभी– आह आह आईईईई आईईईई ऊंह आह आह ओह कुत्ते अब तो मत कर।
मैं– भैन की लौड़ी ऐसे कैसे छोड़ दू तुझे।आज तो साली तेरे जिस्म के कतरे कतरे को हिला दूंगा।
अर्पिता भाभी– आईईईई साले कुत्ते मेरी जान निकल रही है।
मैं– तो जान निकलने दे मां की लौड़ी।

अर्पिता भाभी– आईईईई आईईईई आईईईई मम्मी मर गई।आह आह बहुत दर्द हो रहा है भैन के लौड़े।
मैं– तो दर्द को तेरी गांड़ में घुसा लेे साली हरामजादी।
अर्पिता भाभी की दर्द के मारे बुरी तरह से गांड़ फट रही थी।वो बुरी तरह से झल्ला रही थी। मैं भाभी की गांड़ और चूत में बुरी तरह से उंगली कर रहा था।फिर मैंने अर्पिता भाभी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया।

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